अंतरराष्ट्रीय
पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री और पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ़ (पीटीआई) प्रमुख इमरान ख़ान ने आज एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में आरोप लगाया कि कुछ लोग अदालत परिसर में उनकी हत्या करना चाहते थे. हालांकि उन्होंने किसी का नाम नहीं लिया.
सोमवार को की गई प्रेस कॉन्फ्रेंस को नाम दिया गया था 'अदालत परिसर में बिछाया गया मौत का जाल'
इमरान ख़ान ने कहा, "शनिवार को घर से निकलते समय, मैंने अपनी पत्नी बुशरा बीबी को फ़ोन किया क्योंकि मुझे डर लग रहा था कि या तो मुझे गिरफ़्तार किया जाएगा या फिर मार दिया जाएगा."
उन्होंने आरोप लगाया जब वो अदालत पहुंचे, तो परिसर में सुरक्षाबलों के अलावा सलवार कमीज़ पहने कई लोग मौजूद थे.
उन्होंने आरोप लगाया कि पुलिस ने उनके वकील के साथ मारपीट की.
उन्होंने आरोप लगाया कि पंजाब के सीएम मोशीन नकवी उन्हें मारना चाहते थे.
उन्होंने कहा कि 30 अप्रैल से चुनाव होने वाले हैं लेकिन देश में चुनाव का माहौल नहीं बनने दिया जा रहा है.
उन्होंने कहा, "तहरीक-ए-इंसाफ़ चुनाव चाहता है, देश में हंगामा नहीं."
इससे पहले पाकिस्तान के नेशनल अकाउंटिब्लिटी ब्यूरो ने इमरान ख़ान की पत्नी बुशरा बीबी को तोशाखाना मामले में समन भेजा.
उनसे 15 सवालों से जवाब मांगे गए हैं. (bbc.com/hindi)
सारा फॉउलर और जेम्स लैंडले
लंदन, 20 मार्च । रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन यूक्रेन से युद्ध के दौरान तबाह हुए यूक्रेनी शहर मारियुपोल को देखने के लिए पहली बार शनिवार की रात शहर पहुंचे.
मारियुपोल फ़िलहाल, बीते मई महीने से रूसी सेना के नियंत्रण में है. रूसी सैनिकों के हमले में तबाह हो चुके शहर को देखने के लिए पुतिन रात में सड़क के रास्ते पहुंचे. वे उन कई जगहों पर भी गए जहां उनके सेना ने बमबारी की थी.
रूसी मीडिया के जारी किए गए वीडियो में पुतिन शहर के कंसर्ट हॉल की ओर अपने एक साथी से बात करते हुए आगे बढ़ रहे हैं.
रूसी प्रशासन की ओर से कहा गया है कि पुतिन शनिवार को मारियुपोल आए थे और उन्होंने तुरंत शहर को देखने की इच्छा जताई थी.
मारियुपोल के निर्वासित यूक्रेनी मेयर वादयम बॉयचेंको ने बीबीसी को बताया कि मारियुपोल में जो कुछ हुआ है, उससे पता चलता है कि पुतिन की शहर में निजी दिलचस्पी रही होगी.
उन्होंने कहा, "हमें यह समझना होगा कि मारियुपोल का पुतिन के लिए सांकेतिक महत्व रहा होगा क्योंकि उन्होंने इस शहर पर अपना आक्रोश ज़ाहिर किया है. जिस तरह से शहर तबाह किया गया है."
"वैसी स्थिति किसी दूसरे शहर की नहीं है. किसी दूसरे शहर को इतने लंबे समय तक कब्जे़ में नहीं रखा गया है. किसी दूसरे शहर पर इतनी बमबारी नहीं की गई."
बॉयचेंको के मुताबिक, 'उन्होंने जो किया है, उसे वे खुद से देखने आए थे.'
पुतिन की इस यात्रा के रूट के कुछ हिस्सों का पता बीबीसी ने लगाया है. ऐसा लगता है कि पुतिन शहर में कुप्रिना सेंट के रास्ते से मायरू एवेन्यू जाते दिखते हैं, इसके बाद वे मेटॉलर हिव एवेन्यू पहुंचते हैं, जहां शहर का फिल्हार्मोनिक कंसर्ट हॉल स्थित है, ये फुटेज रूसी प्रशासन ने जारी किए हैं.
पुतिन एक काली टोपी वाले आदमी की बगल में नज़र आते हैं. काली टोपी वाले शख़्स की पहचान रूसी मीडिया ने देश के उप प्रधानमंत्री मारात खुसनुलीन के तौर पर की है.
मायरू एवेन्यू से नीचे जाते वक्त उनकी बायीं ओर चिड़ियों की बनी मूर्तियां नज़र आती हैं, जिन्हें मारियुपोल फ्रीडम स्क्वायर भी कहा जाता है.
इसके दायीं ओर मारियुपोल का मैटरनिटी हॉस्पिटल नंबर 3 है जिस पर मार्च महीने में बमबारी की गई थी. हालांकि रूसी प्रशासन की ओर से जारी फुटेज में यह अस्पताल नज़र नहीं आता है.
थिएटर स्क्वायर पहुंचे पुतिन
जब मार्च महीने में इस अस्पताल पर बमबारी की गई थी तो उसके प्रति आक्रोश जताते हुए, खून से लथपथ चेहरे वाली एक गर्भवती महिला मारियाना विशेमिरस्काया की तस्वीरों को काफी शेयर किया गया था.
हमले में वह महिला बच गईं और अगले दिन उन्होंने बच्चे को जन्म दिया था. हालांकि एक अन्य गर्भवती महिला की हमले में मौत हो गई थी.
यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोदिमीर ज़ेलेंस्की ने इसे एक युद्ध अपराध कहा था, लेकिन लंदन स्थित रूसी दूतावास ने दावा किया था कि यह अस्पताल इस्तेमाल में नहीं था.
रूसी दूतावास के मुताबिक इसका उपयोग आज़ोव रेजिमेंट के सदस्य कर रहे थे, जिसकी शुरुआत स्वयंसेवी सैनिकों के तौर पर हुई थी लेकिन 2014 से ही इसे यूक्रेनी सेना में शामिल कर लिया गया था.
मायरू एवेन्यू के दौरान थिएटर स्क्वायर से ठीक पहले पुतिन का काफिल दायीं ओर मुड़ गया. थिएटर स्क्वायर पर भी रूसी सैनिकों ने घातक बमबारी की थी. यह माना जाता है कि इस हमले में कम से कम 300 से लेकर 600 मारे गए थे.
यूक्रेन के नागरिक इस इमारत का इस्तेमाल शरणार्थी कैंप के तौर पर कर रहे थे और थिएटर के ठीक सामने रूसी भाषा में चिल्ड्रन (बच्चे) लिखकर बड़ा चिन्ह अंकित किया गया था, ताकि हमला करते वक्त रूसी सैनिकों को यहां बच्चों की मौजूदगी के बारे में जानकारी मिल सके, लेकिन हमले में इमारत को निशाना बनाया गया और थिएटर स्क्वायर की इमारत नष्ट हो गई.
हालांकि रूस ने इस इमारत पर हमले से इनकार किया और इसके लिए अज़ोव बटालियन को दोषी ठहराया. दिसंबर के महीने में यूक्रेन के निवार्सित अधिकारियों ने कहा कि रूस अब थिएटर के खंडहरों को ध्वस्त कर रहा है.
बॉयचेंको ने कहा, "रूस समझ गया था कि लोगों की भीड़ कहां है और उसने जानबूझकर इन जगहों को नष्ट कर दिया, लोगों को मार डाला. उन्होंने व्यवस्थित रूप से इन हमलों को अंजाम दिया था."
बाहरी मारियुपोल में रूस निर्मित आवासीय परिसर का दौरा
फ़ुटेज में नज़र आता है कि पुतिन एक नए आवासीय परिसर में पैदल चल रहे हैं. इसे मारियुपोल का नेवस्की ज़िला कहा जाता है. फुटेज के मुताबिक खुशनुलिन उन्हें पुनर्निर्माण के कामों के बारे में जानकारी देते नज़र आते हैं.
रूसी मीडिया के मुताबिक पुतिन ने वहां के रहने वाले लोगों से भी बातचीत की. वे एक अपार्टमेंट में भी गए, जिसके बारे में उन्हें बताया कि ये तीन कमरे का अपार्टमेंट है.
नेवस्की एक नया ज़िला है जिसमें शहर के पश्चिम में क़रीब एक दर्जन अपार्टमेंट ब्लॉक बनाए गए हैं. इसका नाम उस नेवा नदी के नाम पर रखा गया है, जिसके किनारे राष्ट्रपति पुतिन का घरेलू शहर सेंट पीटर्सबर्ग स्थित है.
मारियुपोल के निर्वासित मेयर बॉयचेंको ने बताया कि रूस निर्मित कई इमारतें शहर के बाहरी इलाके में स्थित हैं. उन्होंने बताया, "वे ऐसा निर्माण इसलिए करा रहे हैं ताकि वे अपनी बातों को सच साबित कर सकें, लेकिन वे झूठ बोल रहे हैं. वे झूठ बोलते हैं कि वे शहर को आज़ाद कराने आए थे, लेकिन उन्होंने इसे नष्ट कर दिया. यह शहर अब मौजूद नहीं है और इसे फिर से बनाने में 20 साल लगेंगे."
वहीं मारियुपोल के निवासियों ने बीबीसी को बताया कि नई इमारतें बन रही हैं और रूसी सेना क्षतिग्रस्त इमारतों को हटा रही है. संयुक्त राष्ट्र के अनुमान के मुताबिक रूसी हमले में शहर की 90 प्रतिशत आवासीय इमारतें नष्ट हुई थीं. शहर बना सकते हैं, लेकिन लोगों को वापस नहीं ला सकते
नार्वे के पत्रकार मोर्टन रिसबर्ग ने दिसंबर में मारियुपोल का दौरा किया था. उन्होंने बताया कि बड़े पैमाने पर निर्माण का काम चल रहा था क्योंकि हर तरफ़ तबाही का आलम दिखता था.
उन्होंने बीबीसी को बताया, "वे सड़कों के नाम बदल रहे हैं और यूक्रेन के राष्ट्रीय रंग को रूसी रंगों से रंग रहे हैं और हर जगह रूसी झंडे लगा रहे हैं."
रिसबर्ग के मुताबिक शहर में अधिकांश नागरिकों की कोशिश किसी तरह जिंदा रहने की है.
मारियुपोल का फिल्हार्मोनिक कंसर्ट हॉल
फुटेज के एक अन्य हिस्से में रूसी राष्ट्रपति पुतिन मारियुपोल में एक कंसर्ट हॉल के अंदरूनी हिस्से से गुज़रते हुए दिखाई दे रहे हैं. रूस की सरकारी मीडिया ने कहा कि यह फिल्हार्मोनिक कंसर्ट हॉल है. बीबीसी ने सत्यापित किया है कि फुटेज कंसर्ट हॉल के आंतरिक हिस्से से मेल खाता है.
यह वही इमारत है जिसके बारे में संयुक्त राष्ट्र ने चेतावनी दी थी कि यहां यूक्रेनी सैनिकों का ट्रायल किया जा रहा है. यहां उन सैनिकों का ट्रायल किया जाना था जिन्होंने अज़ोव सागर स्थित सबसे बड़े बंदरगाह मारियुपोल को बचाने के लिए रूसी सैनिकों से संघर्ष किया था.
यह बंदरगाह यूक्रेन की अर्थव्यवस्था के लिए बेहद अहम माना जाता रहा है, लेकिन इन सैनिकों ने मई महीने में आत्मसमर्पण कर दिया और इसके बाद पूरे शहर पर रूस का नियंत्रण हो गया.
अगस्त में सोशल मीडिया पर पोस्ट की गई तस्वीरें और यूक्रेनी अधिकारियों की ओर से जारी तस्वीरों में कंसर्ट हॉल के मंच पर धातु के बने कैदखाने दिखाई दे रहे थे. संयुक्त राष्ट्र के अनुसार, युद्ध बंदी सैनिकों पर मुकदमा चलाना एक युद्ध अपराध है.
लेकिन यूक्रेन के सैनिकों का कोई ट्रायल नहीं हुआ. बाद में रूस और यूक्रेन के बीच सैनिकों की अदला बदली की गई थी. जिसमें यूक्रेन की ओर से क्रेमलिन समर्थक पूर्व सांसद विक्टर मेदवेदचुक सहित 55 सैनिकों को रिहा किया गया था. कंसर्ट हॉल के अंदर के इस ताज़ा फुटेज से पता चलता है कि इमारत के आंतरिक हिस्से को फिर से सजाया गया है और कैदखाने अब दिखाई नहीं दे रहे हैं.
युद्ध के दौरान इस कंसर्ट हॉल का इस्तेमाल भी थिएटर वाली इमारत की तरह ही शरणार्थियों के लिए किया जा रहा था. बॉयचेंको ने कहा, "सांस्कृतिक संस्थानों के तहखानों में लोग छिप जाते थे और रूसी आतंक के खत्म होने का इंतजार करते थे."
आक्रमण से पहले कंसर्ट हॉल का इस्तेमाल शास्त्रीय संगीत के उत्सवों के लिए किया जाता था. बॉयचेंकों के मुताबिक यहां होने वाले उत्सव, मारियुपोल के लोगों के लिए बड़े उत्सव थे और इसमें यूक्रेन के दूसरे हिस्सों से ही नहीं बल्कि विदेशों से भी कलाकार हिस्सा लेते थे.
उन्होंने बताया, "इस उत्सव में बहुत से लोग हिस्सा लेते थे, ये लोग मारियुपोल के मूड को महसूस करने के लिए आते थे."
फुटेज में इसके बाद वाले हिस्से में राष्ट्रपति पुतिन द्वितीय विश्व युद्ध के उन सोवियत सैनिकों की याद में बने स्मारक का दौरा करते हुए दिखाई दे रहे हैं जिन्होंने नाजी जर्मन सैनिकों के कब्ज़े से शहर को मुक्त कराया था. (bbc.com/hindi)
पाकिस्तान, 20 मार्च । पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज़ शरीफ ने कहा है कि इमरान ख़ान की पार्टी सेना प्रमुख आसिम मुनीर के ख़िलाफ़ अभियान चला रही है और इसकी निंदा की जानी चाहिए.
इमरान ख़ान की पार्टी तहरीक ए इंसाफ़ ने प्रधानमंत्री की ओर से लगाए गए आरोपों पर पलटवार किया और कहा कि इसका मक़सद जनता और सेना के बीच खाई को चौड़ा करना है.
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज़ शरीफ़ ने ट्विटर पर लिखा, “इमरान नियाज़ी के इशारे पर पीटीआई की ओर से सेना प्रमुख जनरल आसिम मुनीर को बदनाम करने के लिए चलाया जा रहे अभियान की कड़ी निंदा की जानी चाहिए.”
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री ने एक और ट्वीट में लिखा, “ये शख्स नियाज़ी सत्तापाने की हताशा में अभूतपूर्व तरीके से नीचे गिरता जा रहा है. ये देश का नुक़सान और हमारी सेना और उसके नेतृत्व को कमतर कर रहा है.”
पीटीआई ने क्या कहा?
इमरान ख़ान की पार्टी ने प्रधानमंत्री शरीफ़ के आरोपों पर पलटवार किया है.
पाकिस्तान तहरीक ए इंसाफ़ (पीटीआई) के नेता चौधरी फवाद हुसैन ने ‘प्राइम मिनिस्टर’ को ‘क्राइम मिनिस्टर’ संबोधित करते हुए ट्वीट किया है.
हुसैन ने ट्विटर पर लिखा, “क्राइम मिनिस्टर एक बार फिर बूट पॉलिश अभियान की अगुवाई करने की कोशिश कर रहे हैं. इस तरह के विचार के जरिए उनकी इकलौती ख्वाहिश जनता और सेना के बीच की खाई को चौड़ा करना है ताकि वो पीडीएम (सत्ताधारी गठबंधन) लूट जारी रख सके. ” (bbc.com/hindi)
मॉस्को में चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग को कूटनीति की तनी हुई रस्सी पर चलना है. दुनिया को शांति का संदेश देने के साथ ही उन्हें यूक्रेन युद्ध में आपराधिक आरोप झेल रहे रूसी राष्ट्रपति के साथ संबंधों को मजबूत भी करना है.
राष्ट्रपति के रूप में तीसरा कार्यकाल शुरू करने के बाद पहली विदेश यात्रा पर मॉस्को जा रहे शी जिनपिंग ने पिछले हफ्ते ही ईरान और सऊदी अरब के बीच समझौता कराने में सफलता पाई है. अब उन्हें दुनिया में अलग थलग पड़ रहे पुतिन के साथ "सीमा-रहित" दोस्ती को आगे ले जाना है.
डेंग शियाओपिंग के बाद चीन में सबसे ताकतवर नेता के रूप में उभरे शी जिनपिंग ने घरेलू मोर्चे पर आपनी बादशाहत दिखा दी है. विश्लेषकों का कहना है कि अब उन्हें पश्चिमी देशों की नाराजगी की चिंता करनी होगी. अमेरिका और यूरोपीय संघ चीन के सबसे बड़े कारोबारी सहयोगी हैं. ये दोनों यूक्रेन में रूसी जंग के सबसे बड़े आलोचक हैं जिसे रूस "विशेष सैन्य अभियान" कहता है.
पिछले महीनेचीन ने युद्ध खत्म करने के लिए एक प्रस्ताव दिया था. यूक्रेन और मॉस्को ने उसे लेकर ज्यादा उत्साह नहीं दिखाया हालांकि, यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंसकी ने यह जरूर कहा कि वह शी जिनपिंग के साथ बात करने को तैयार हैं. कुछ मीडिया रिपोर्टों में कहा गया है कि यह बातचीत शी जिनपिंग के रूस दौरे के बाद हो सकती है.
अमेरिका और उसके पश्चिमी सहयोगी चीन के कदमों को लेकर गहरी आशंकाओं में घिरे हैं. चीन ने रूस की निंदा नहीं की है और जब दूसरे देश रूस पर भारी प्रतिबंध लगा रहे हैं तो वह उसे आर्थिक जीवनरेखा चलाये रखने में मदद दे रहा है.
जर्मन मार्शल फंड के सीनियर फेलो एंड्रयू स्मॉल का कहना है, "इस जंग के साथ चीन के हिस्से में घोषित रूप से कूटनीतिक कवायद बढ़ती जा रही है." स्मॉल के मुताबिक चीन, "कुछ चीजों से दूरी बनाने के संकेत दे रहा है बना रहा है लेकिन बिना ऐसी किसी गतिविधि के जो इसमें मदद कर सके," मसलन रूस पर दबाव डालना.
"सीमा रहित" दोस्ती
चीन और रूस ने फरवरी 2022 में "सीमा-रहित" साझेदारी की घोषणा की थी. तब विंटर ओलिंपिक के मौके पर पुतिन बीजिंग आये थे. यह यूक्रेन पर हमला करने से कुछ ही दिन पहले की बात है. चीन ने शांत रहने की बात कही लेकिन इसने मोटे तौर पर रूस नाटो को लेकर अपनी स्थिति साफ कर दी कि नाटो रूस के पूर्वी हिस्से में विस्तार कर उसे चुनौती दे रहा है. यूक्रेन को उसके पश्चिमी सहयोगी टैंक और मिसाइलें दे कर युद्ध की आग को हवा दे रहे हैं.
चीन रूसी तेल का सबसे बड़ा खरीदार बन कर उसे राजस्व मुहैया करा रहा है. हाल के महीनों में दोनों के बीच आपसी कारोबार काफी ज्यादा बढ़ गया है. अमेरिकी और यूरोपीय नेताओं ने खुफिया सूत्रों के हवाले से यह भी कहा है कि चीन रूस को हथियार भेजने पर विचार कर रहा है. हालांकि चीन इससे इनकार करता है. ऑक्सफर्ड यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर सैमुअल रामानी रूसी मामलों के विशेषज्ञ हैं. उनका कहना है, "निश्चित रूप से चीन एक निष्पक्ष और न्यायिक कूटनीतिक हिस्सेदार दिखना चाहता है लेकिन वास्तविकता ऐसी बिल्कुल नहीं है."
शुक्रवार को शी जिनपिंग के दौरे का ऐलान होने के कुछ ही घंटों बाद अंतरराष्ट्रीय अपराध अदालत आईसीसी ने रूसी राष्ट्रपति के खिलाफ गिरफ्तारी का वॉरंट जारी कर दिया. पुतिन पर यूक्रेनी बच्चों को जबरन प्रत्यर्पित करने के लिए युद्ध अपराध का आरोप लगा है. रूस ने इस पर तुरंत कड़ी प्रतिक्रिया जताई. रूस का कहना है कि वह हजारों यूक्रेनी बच्चों को मानवीय अभियान के तहत रूस ले कर आया है ताकि युद्धक्षेत्र में अनाथ और अकेले रह गये बच्चों की रक्षा की जा सके. रूस और चीन आईसीसी के सदस्य नहीं है. चीन ने गिरफ्तारी के वॉरंट पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है.
सहयोग और शांति का सफर
शी जिनपिंग बीते लगभग चार सालों में पहली बार मॉस्को जा रहे हैं. यात्रा के कार्यक्रम का ज्यादा ब्यौरा नहीं दिया गया है. दोनों पक्षों ने कहा है कि यात्रा का मकसद आपसी रिश्तों को मजबूत करना और आर्थिक संबंधों को आगे बढ़ाना है. चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता वांग वेनबिन ने शुक्रवार को कहा कि यह दौरा दोस्ती, सहयोग और शांति का सफर है. वेनबिन ने यूक्रेन का जिक्र नहीं किया.
अब तक रूसी राष्ट्रपति के दफ्तर क्रेमलिन से जो जानकारी दी गई है उसके मुताबिक सोमवार को दोनों नेता अकेले में मुलाकात करेंगे और फिर साथ में भोजन भी होगा. इसके बाद कई मुद्दों पर चर्चा करने के बाद मंगलवार को संयुक्त बयान जारी किया जाएगा. बुधवार को शी जिनपिंग वापस लौट जाएंगे.
इससे पहले की मुलाकातों में शी जिनपिंग और व्लादिमीर पुतिन हल्के फुल्के पल भी रहे हैं. 2019 में मॉस्को के चिड़ियाघर में पांडा की तारीफ करते हुए शी जिनपिंग ने पुतिन को अपना "बेस्ट फ्रेंड" कहा था. 2018 में ईस्टर्न इकोनॉमिक फोरम के दौरान व्लादिवोस्तोक में शी जिनपिंग और पुतिन ने ब्लू एप्रन पहन कर खाना भी पकाया था.
अभी तक यह साफ नहीं है कि इस दौरे में भी ऐसी कुछ तस्वीरों के मौके आएंगे या नहीं क्योंकि यह दौरा युद्ध के दौर में हो रहा है. हालांकि पुतिन अपने कदमों से दुनिया को चौंकाने का कोई मौका नहीं छोड़ते. शुक्रवार को आईसीसी से गिरफ्तारी का वॉरंट जारी होने के बाद वो सप्ताहांत में अचानक ना सिर्फ क्रीमिया बल्कि मारियोपोल भी गये और खुद ड्राइव कर वहां के इलाकों को देखा.
कुछ राजनयिकों का मानना है कि और कुछ हो ना हो इतना तो तय है कि इन दो मजबूत नेताओं की इस दोस्ती में शी जिनपिंग फिलहाल ज्यादा मजबूत स्थिति में हैं. नाम जाहिर नहीं करने की शर्त पर एक यूरोपीय राजनयिक ने कहा, "बीते कुछ समय से यह साफ था कि रूस अब चीन का जूनियर पार्टनर है लेकिन यूक्रेन युद्ध ने इस प्रभुत्व को और ज्यादा गहरा कर दिया है."
एक और राजनयिक ने कहा, "रूस को शी जो भी मदद देंगे वह चीन की शर्तों पर होगा."
एनआर/वीके (रॉयटर्स)
इस्लामाबाद, 20 मार्च । पाकिस्तान के पूर्व पीएम इमरान ख़ान को पंजाब प्रांत की सरकार ने मीनार-ए-पाकिस्तान में रैली करने की इजाज़त दे दी है.
ये रैली 22 मार्च यानी बुधवार को होनी है. रैली को मंज़ूरी ऐसे समय मिली है जब इमरान ख़ान पर गिरफ़्तारी की तलवार लटक रही है.
इमरान ख़ान पर आरोप है कि प्रधानमंत्री रहते हुए उन्होंने तोशाख़ाना के मंहगे तोहफे अपने फ़ायदे के लिए बेचे थे. इमरान ख़ान इन आरोपों को 'ग़लत और राजनीति से प्रेरित' बताते हैं.
तहरीक-ए-इंसाफ़ चीफ़ इमरान ख़ान ने रविवार को एक प्रेस कॉन्फ़्रेंस में कहा था कि प्रशासन ने उनसे वादा किया था कि सोमवार को मीनार-ए-पाकिस्तान में रैली की अनुमति देंगे. लेकिन अब ये रैली बुधवार को होगी.
इमरान ख़ान ने ये भी कहा कि ये रैली ये जानने के लिए जनमत संग्रह साबित होगी कि देश के लोग किस तरफ़ खड़े हैं.
इससे पहले शनिवार को इमरान ख़ान के लाहौर के ज़मान पार्क स्थित घर पर पंजाब पुलिस के ऑपरेशन और राजधानी इस्लामाबाद में तोशाख़ाना केस में पेशी के दौरान पीटीआई (पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ़) के कार्यकर्ताओं और पुलिस में झड़प हुई.
इस्लामाबाद की सेशन्स कोर्ट ने शनिवार को पुलिस और इमरान ख़ान समर्थकों के बीच हुई झड़पों के बाद सुनवाई स्थगित कर दी. कोर्ट ने कहा, "इस स्थिति में सुनवाई नहीं हो सकती."
कोर्ट ने इमरान ख़ान के ख़िलाफ़ जारी गिरफ़्तारी वारंट रद्द कर दिया. इस मामले की अगली सुनवाई 30 मार्च को होगी और इमरान ख़ान को कोर्ट में हाज़िर होना होगा.
बीते सप्ताह ही लाहौर में हुई इमरान ख़ान की बड़ी चुनावी रैली के दौरान इस्लामाबाद पुलिस दो ग़ैर-ज़मानती वारंट लेकर लाहौर पहुंची थी. लाहौर में सरकार ने रैली पर पाबंदी लगाई थी इसके बावजूद इमरान ख़ान की पार्टी के हज़ारों कार्यकर्ताओं ने इसमें बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया.
इमरान ख़ान और उनके समर्थक चाहते हैं कि पाकिस्तान में तुरंत चुनाव करवाए जाएं. (bbc.com/hindi)
नेपाल के प्रधानमंत्री पुष्प कमल दाहाल प्रचंड ने रविवार को भरोसा जताया कि सोमवार को प्रतिनिधि सभा में होने जा रहे विश्वास मत में वह आसानी से जीत जाएंगे.
राष्ट्रपति चुनाव में प्रचंड द्वारा नेपाली कांग्रेस के नेता रामचंद्र पौडेल को समर्थन देने के बाद सात पार्टियों वाले गठबंधन में से दो राष्ट्रीय प्रजातंत्र पार्टी और सीपीएन-यूएमएल ने समर्थन वापस ले लिया. इसके बाद पीएम प्रचंड को संसद में विश्वास मत का सामना करना पड़ रहा है.
इससे पहले 10 जनवरी प्रचंड ने 275 सदस्यों वाली संसद में 268 वोट पाकर आसानी से बहुमत हासिल कर लिया था. उस समय नेपाल वर्कर्स एंड पीज़ेंट्स पार्टी और राष्ट्रीय जनमोर्चा के अलावा सभी पार्टियों ने सरकार के समर्थन में मतदान किया था.
समाचार एजेंसी पीटीआई के अनुसार, रविवार को संसद से बाहर आते समय पीएम प्रचंड ने मीडिया से कहा कि उन्हें सोमवार को होने वाली वोटिंग में बहुमत पाने की उम्मीद है.
मीडिया से बातचीत में प्रचंड ने कहा, "पिछली बार, मुझे संसद के 99 फ़ीसदी सदस्यों का साथ मिला था और मुझे उम्मीद है कि इस बार मुझे 100 फ़ीसदी वोट मिलेंगे."
नेपाल की गठबंधन सरकार में 10 पार्टियां शामिल हैं. इनमें सीपीएन माओवादी सेंटर, नेपाली कांग्रेस, सीपीएन (यूनिफ़ाइड सोशलिस्ट), जनता समाजवादी पार्टी-नेपाल, जनमत पार्टी, राष्ट्रीय जन मोर्चा, नागरिक उनमुक्ति पार्टी, जनता समाजवादी पार्टी-नेपाल, लोकतांत्रिक समाजवादी पार्टी-नेपाल, नेपाल समाजवादी पार्टी और आम जनता पार्टी शामिल हैं.
संसद में सबसे बड़ी पार्टी नेपाली कांग्रेस ने प्रचंड के नेतृत्व वाली सरकार के समर्थन में वोट डालने का फ़ैसला किया है. अभी तक नेपाली कांग्रेस, राष्ट्रीय स्वतंत्रता पार्टी और सीपीएन-यूनिफ़ाइड सोशलिस्ट ने प्रचंड के समर्थन में मतदान करने का एलान किया है. इन पार्टियों की संसद में कुल संख्या 151 होती है जो कि 275 सदस्यों वाले सदन में बहुमत पाने के 138 के आंकड़े से अधिक है. (bbc.com/hindi)
(अदिति खन्ना)
लंदन, 19 मार्च। ब्रिटिश सरकार ने घोषणा की है कि गंभीर मौसमी परिस्थितियों सहित प्राणघातक परिस्थितियों के लिए नयी सार्वजनिक चेतावनी प्रणाली का परीक्षण करने के लिए ब्रिटेन में अगले महीने से प्रत्येक मोबाइल फोन पर सायरन जैसी चेतावनी भेजी जाएगी।
इस प्रणाली का परीक्षण करने के लिए पूरे ब्रिटेन में रविवार, 23 अप्रैल की शाम को चेतावनी जारी की जाएगी, जिसके तहत प्रत्येक व्यक्ति को उनके मोबाइल फोन पर संदेश प्राप्त होगा।
सरकार ने बताया कि नयी आपात चेतावनी का उपयोग बिरले ही किया जाएगा और यह तभी भेजा जाएगा जब लोगों के जीवन को तत्काल कोई खतरा हो, ऐसे में संभव है कि लोगों को महीनों या वर्षों तक कोई चेतावनी प्राप्त ना हो।
हालांकि, अभी तक आतंकवादी खतरों की चेतावनी को इस प्रणाली में शामिल नहीं किया गया है लेकिन इसे भविष्य में प्राणघातक घटनाओं की सूची में शामिल किया जा सकता है।
कैबिनेट अधिकारी मंत्री ओलिवर डावडेन ने कहा, ‘‘हम नयी आपात चेतावनी प्रणाली के माध्यम से अपनी राष्ट्रीय क्षमता को बेहतर बना रहे हैं, ताकि बाढ़ से लेकर जंगल में आग लगने सहित तमाम खतरों से निपटा जा सके।’’ (भाषा)
(सज्जाद हुसैन)
इस्लामाबाद, 19 मार्च। पाकिस्तान की पुलिस ने पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान और उनकी पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के करीब एक दर्जन नेताओं पर तोड़फोड़, सुरक्षाकर्मियों पर हमला, पदच्युत प्रधानमंत्री के खिलाफ भ्रष्टाचार के मामले में सुनवाई के दौरान अदालत परिसर के बाहर हंगामा करने में शामिल होने के आरोप में आतंकवाद निरोधक कानून की विभिन्न धाराओं के तहत रविवार को प्राथमिकी दर्ज की।
खान तोशाखाना मामले की बहुप्रतिक्षित सुनवाई में पेश होने के लिए लाहौर से इस्लामाबाद आए थे और उस दौरान इस्लामाबाद न्यायिक परिसर के बाहर उनके समर्थकों और सुरक्षाकर्मियों के बीच झड़प हुई थी।
पीटीआई कार्यकर्ताओं और पुलिस के बीच शनिवार को हुई झड़प के दौरान 25 सुरक्षाकर्मी घायल हो गए थे जिसके बाद अवर जिला व सत्र न्यायाधीश जफर इकबाल ने सुनवाई 30 मार्च तक के लिए स्थगित कर दी।
जियो न्यूज ने खबर दी कि पीटीआई कार्यकर्ताओं और वांछित नेताओं के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है। समाचार चैनल ने बताया कि इस्लामाबाद पुलिस द्वारा दर्ज प्राथमिकी में 17 पीटीआई नेताओं को नामजद किया गया है।
प्राथमिकी में कहा गया है कि कार्यकर्ताओं ने पुलिस जांच चौकी और न्यायिक परिसर के मुख्य गेट को ध्वस्त कर दिया।
पुलिस के मुताबिक आगजनी, पत्थरबाजी और न्यायिक परिसर की इमारत को नुकसान पहुंचाने के आरोप में 18 लोगों को हिरासत में लिया गया है।
प्राथमिकी के मुताबिक, ‘‘झड़प के दौरान पुलिस के दो वाहन और सात मोटरसाइकिल को जला दिया गया और पुलिस थाना प्रभारी के आधिकारिक वाहन को क्षतिग्रस्त कर दिया गया।’’
खान (70) अदालत में पेश होने के लिए लाहौर से इस्लामाबाद आए थे। उनके साथ काफिले में उनके समर्थक भी थे।
पीटीआई नेता फवाद चौधरी ने रविवार को कहा कि पार्टी उन पुलिस अधिकारियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराएगी जो खान के आवास में ‘अवैध कार्रवाई’ और हिंसा में संलिप्त थे।
उन्होंने ट्वीट किया, ‘‘आज, पार्टी की विधि टीम की बैठक बुलाई गई है। पुलिस ने जिस तरह से लाहौर उच्च न्यायालय के आदेश की अवहेलना की और इमरान खान के आवास में दाखिल हुई, उसने मकान की सुचिता को बनाए रखने के सभी नियमों को तोड़ दिया। आवास से सामान की चोरी की गई और वे जूस के डिब्बे तक ले गए। निर्दोष लोगों को यातना दी गई।’’
पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) पार्टी के 70-वर्षीय प्रमुख इमरान खान को कथित रूप से अपनी संपत्ति से जुड़ी घोषणाओं में उपहारों का विवरण छिपाने को लेकर पाकिस्तान चुनाव आयोग की ओर से दायर शिकायत पर कार्यवाही में भाग लेने के लिए अवर जिला एवं सत्र न्यायाधीश (एडीएसजे) जफर इकबाल की अदालत में पेश होना था।
वर्ष 1974 में स्थापित तोशाखाना कैबिनेट डिवीजन के प्रशासनिक नियंत्रण के तहत एक विभाग है। तोशाखाना में पाकिस्तानी शासकों, सांसदों, नौकरशाहों और अधिकारियों को अन्य देशों की सरकारों, राज्यों के प्रमुखों और विदेशी गणमान्य व्यक्तियों से मिले कीमती उपहारों को संग्रहीत किया जाता है।
बिक्री का विवरण साझा नहीं करने के कारण पिछले साल अक्टूबर में पाकिस्तान के चुनाव आयोग ने इमरान खान को अयोग्य घोषित कर दिया था। (भाषा)
कैनबरा (ऑस्ट्रेलिया), 19 मार्च। दक्षिण-पूर्वी ऑस्ट्रेलिया में लाखों मछलियों की मौत हो गई। अधिकारियों और वैज्ञानिकों का कहना है कि बाढ़ और गर्म मौसम के कारण ये मौतें हुईं।
न्यू साउथ वेल्स राज्य में प्राथमिक उद्योग विभाग ने कहा कि मछलियों की मौत गर्म लहर के कारण हुई।
विभाग ने कहा कि मौतों की संभावना कम ऑक्सीजन के स्तर के कारण लगती है क्योंकि बाढ़ के कारण ऑक्सीजन कम हो जाती है और गर्म मौसम के कारण मछलियों को अधिक ऑक्सीजन की आवश्यकता होती है।
‘मेनिन्डी के आउटबैक’ शहर के निवासियों ने मरी हुई मछलियों से भयानक गंध की शिकायत की। (एपी)
इस्लामाबाद, 19 मार्च पाकिस्तान के गृहमंत्री राणा सनाउल्लाह ने कहा है कि इमरान खान की पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ पार्टी को ‘‘प्रतिबंधित’’ संगठन घोषित करने की प्रक्रिया शुरू करने के संबंध में सरकार की विशेषज्ञों से विचार-विमर्श करने की योजना है।
सनाउल्लाह का यह बयान ऐसे समय आया है जब पुलिस ने पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री खान के लाहौर स्थित आवास से हथियार और पेट्रोल बम जब्त करने का दावा किया है।
यहां एक जिला अदालत में पेशी के लिए शनिवार को लाहौर से इस्लामाबाद आए खान पर देश के सत्तारूढ़ गठबंधन ने निशाना साधा।
खान जब इस्लामाबाद में थे, तब पंजाब पुलिस के 10,000 सशस्त्र कर्मियों ने लाहौर में उनके जमान पार्क आवास पर बड़ा अभियान चलाया और उनके कई समर्थकों को गिरफ्तार किया तथा हथियार और पेट्रोल बम बरामद करने का दावा किया।
‘डॉन’ अखबार की खबर के मुताबिक, पाकिस्तान के गृहमंत्री सनाउल्लाह ने शनिवार को एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि सरकार यह आकलन करने के लिए अपने कानूनी दल के साथ विचार-विमर्श करेगी कि क्या पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ पार्टी को प्रतिबंधित समूह घोषित करने की कार्यवाही शुरू की जा सकती है।
सनाउल्लाह ने कहा, ‘‘जमान पार्क में आतंकवादी छिपे थे। इमरान खान के आवास से हथियार, पेट्रोल बम आदि बरामद किए गए हैं जो एक आतंकवादी संगठन घोषित करने के लिए पीटीआई के खिलाफ मामला दर्ज करने के वास्ते पर्याप्त सबूत है।’’
खान की पार्टी को प्रतिबंधित करने की प्रक्रिया शुरू करने की सरकार की योजना पर मंत्री ने कहा, ‘‘किसी भी पार्टी को प्रतिबंधित घोषित करना मुख्यत: एक न्यायिक प्रक्रिया है। हालांकि, हम इस मुद्दे पर अपने कानूनी दल से विचार विमर्श करेंगे।’’
वहीं, पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ अपनी भतीजी एवं पीएमएन-एल की वरिष्ठ उपाध्यक्ष मरियम नवाज के इस दावे से सहमत दिखायी दिए कि खान की पार्टी एक ‘‘आतंकवादी संगठन’’ है।
गौरतलब है कि खान को यहां की एक स्थानीय अदालत ने शनिवार को भ्रष्टाचार के एक मामले में अदालत परिसर के बाहर हाजिरी लगाने के बाद अभ्यारोपण के बिना ही वापस जाने की अनुमति दे दी।
मरियम ने तोशाखाना मामले में पेशी के बिना ही खान की हाजिरी लगाने के लिए अदालत पर तंज कसा और कहा, ‘‘मुझे हैरानी होती है कि वह अपने आप को नेता कहते हैं। नेता जेल जाने और जवाबदेही से नहीं घबराते। केवल चोर और आतंकवादी घबराते हैं। गिरफ्तारी से डर दिखाता है कि उनके (इमरान) खिलाफ मामले सही हैं।’’
कानून मंत्री आजम नजीर तरार ने पत्रकारों से कहा कि एक वकील के तौर पर अपने 30 साल के पेशेवर करियर में उन्होंने कभी नहीं देखा कि अदालत ने एक संदिग्ध की हाजिरी लगाने के लिए एक गाड़ी में ही उसके हस्ताक्षर लिए हो जैसा कि इमरान खान के मामले में हुआ।
तरार ने कहा, ‘‘अपनी न्यायिक व्यवस्था का मजाक न बनाएं।’’ (भाषा)
पाकिस्तान के गृह मंत्री राणा सनाउल्लाह ने लाहौर के ज़मान पार्क में पूर्व प्रधानमंत्री इमरान ख़ान के घर पर शुक्रवार को चलाए गए अभियान का बचाव किया है.
उन्होंने शुक्रवार रात को प्रेस वार्ता करते हुए कहा, ''आज सुबह लाहौर में पुलिस ने दूसरी क़ानूनी एजेंसियों की मदद से लाहौर जैसे शहर में क़रीब एक महीने से बने हुए एक नो-गो एरिया को हटा दिया है.''
उन्होंने बताया, ''तलाशी अभियान के दौरान इमरान ख़ान के घर के बाहर से अवैध हथियार, गुलेल, पेट्रोल बम बनाने के उपकरण बरामद किए गए हैं. इन सभी का इस्तेमाल क़ानून प्रवर्तन एजेंसियों के ख़िलाफ़ किया गया है.''
राणा सनाउल्लाह ने कहा कि ज़मान पार्क से जो मिला है उसके बाद कुछ और कहने की ज़रूरत नहीं है. सर्च वारंट पर इमरान ख़ान के घर के बाहरी हिस्से की तलाशी ली गई थी. वारंट होने के बावजूद भी पुलिस उस रिहायशी हिस्से में नहीं गई जहां उनकी पत्नी मौजूद थी.
उन्होंने बताया कि इमरान ख़ान के घर के अंदर की भी तलाशी ली जाएगी क्योंकि हमें संदेह है कि अवैध हथियारों का एक बड़ा जखीरा हो सकता है.
उन्होंने आरोप लगाया कि इमरान ख़ान के आसपास जो लोग जमा हैं उन्हें नहीं पता कि कौन हैं और वो कहां से आया है. वो खुद चरमपंथियों को अपने घर में रखते हैं.
राणा सनाउल्लाह ने इमरान ख़ान को असाधारण राहत मिलने का भी आरोप लगाया. उनका इशारा कोर्ट से मिलने वाली जमानत की राहत की तरफ था. उन्होंने कहा कि अगर उन्हें असाधारण राहत ना मिले तो वो कुछ दिनों में ठीक हो जाएंगे.
पीटीआई प्रमुख इमरान ख़ान के घर पर शुक्रवार को पुलिस कार्रवाई के दौरान जमकर हंगामा हुआ था. पुलिस दरवाज़ा तोड़कर अंदर पहुंच गई थी और इमरान ख़ान के समर्थक इसका विरोध कर रहे थे.
पुलिस ने उन पर घर के अंदर से गोलियां चलने का भी आरोप लगाया था. हालांकि, उस दौरान इमरान ख़ान घर में नहीं थे. वो कोर्ट में पेश होने के लिए घर से निकल चुके थे. (bbc.com/hindi)
संयुक्त राष्ट्र की मध्यस्थता में रूस और यूक्रेन के बीच हुए अहम अनाज समझौते को एक बार फिर रीन्यू कर दिया गया है. हालांकि इसे कितने वक्त के लिए रीन्यू किया गया है इसे लेकर भी कोई जानकारी नहीं है.
यूक्रेन का कहना है कि समझौता कम से कम 120 दिनों तक यानी चार महीनों के लिए लागू किया जाना चाहिए, वहीं रूस इसे 60 दिनों यानी दो महीनों के लिए लागू करना चाहता है.
रूस ने चेतावनी दी है कि अगर पश्चिमी देश अनाज समझौते की मियाद बढ़ाना चाहते हैं तो उन्हें रूस पर लगे प्रतिबंध हटाने होंगे.
शनिवार को तुर्की के राष्ट्रपति रिचेप तैयप अर्दोआन ने अनाज समझौता ख़त्म होने से घंटों पहले इसके आगे बढ़ाए जाने की ख़बर का ऐलान किया.
उन्होंने कहा, "वैश्विक खाद्य आपूर्ति के लिए ये समझौते बेहद अहम है. मुझे लगता है कि संयुक्त राष्ट्र तो इसके लिए कोशिश कर ही रहा था, रूस और यूक्रेन ने भी इस समझौते को आगे बढ़ाने के लिए कोशिशों में कोई कसर नहीं छोड़ी."
हालांकि अर्दोआन और संयुक्त राष्ट्र दोनों ने ही अब तक ये नहीं बताया है कि अनाज समझौते की नई मियाद क्या होगी.
बीते साल जुलाई में संयुक्त राष्ट्र की मध्यस्थता में तुर्की की मदद से रूस और यूक्रेन के बीच अनाज समझौता हुआ था. इसके तहत तहत यूक्रेन में फंसा हज़ारों मैट्रिक टन गेंहू, खाद और अन्य सामान को काले सागर के रास्ते निकाल कर दूसरे मुल्कों तक पहुंचाया जा रहा था.
कोविड महामारी से उबर रही अर्थव्यवस्था में अभी ग्लोबल सप्लाई चेन दुरुस्त हो भी नहीं पाए थे कि रूस ने यूक्रेन के ख़िलाफ़ 'विशेष सैन्य अभियान' छेड़ दिया. इसके बाद अनाज संकट को लेकर चिंता गहराने लगी क्योंकि दुनिया में अनाज का एक बड़ा हिस्सा यूक्रेन में उगाया जाता है.
युद्ध के कारण काले सागर से जहाज़ बाहर निकालना यूक्रेन के लिए मुश्किल हो गया था क्योंकि वहां रूस ने अपने युद्धपोत तैनात कर दिए थे. (bbc.com/hindi)
रूसी राष्ट्रपति के दफ़्तर का कहना है कि राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने यूक्रेनी शहर मारियुपोल का दौरा किया है. बीते साल मई में रूस ने इस शहर पर कब्ज़ा कर लिया था.
रूसी समाचार एजेंसी तास ने क्रेमलिन के हवाले से कहा है कि पुतिन हेलिकॉप्टर से डोनबास इलाक़े के इस शहर पहुंचे और उन्होंने वहां रह रहे लोगों से बात की.
क्रेमलिन ने कहा है कि पुतिन ने वहां नेव्स्की ज़िले का दौरा किया और एक परिवार के आमंत्रण पर उनसे मुलाक़ात करने उनके घर भी गए.
कहा जा रहा है कि बीते साल फरवरी में यूक्रेन के ख़िलाफ़ 'विशेष सैन्य अभियान' छेड़ने के बाद ये मारियुपोल का पुतिन का पहला दौरा है.
मारियुपोल पहुंचने से पहले पुतिन ने क्राइमिया का दौरा किया था, जिस पर कुछ साल पहले रूस ने कब्ज़ा कर लिया था. (bbc.com/hindi)
न्यूयॉर्क, 19 मार्च। अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने महिलाओं को भुगतान करने से जुड़े एक मामले में शनिवार को दावा किया कि जल्द ही उन्हें गिरफ्तार किया जा सकता है और उन्होंने अपने समर्थकों से प्रदर्शन करने का आह्वान किया।
आरोप है कि पूर्व राष्ट्रपति के इन महिलाओं से यौन संबंध थे और उन्होंने उन्हें धन देकर मामले को सार्वजनिक नहीं करने को कहा था।
बहरहाल, ट्रंप की वकील और प्रवक्ता ने कहा कि अभियोजकों की ओर से कोई संदेश नहीं मिला है लेकिन ट्रंप ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर एक पोस्ट में कहा कि उन्हें मंगलवार को गिरफ्तार किया जा सकता है।
उन्होंने बाद में एक पोस्ट में अपने समर्थकों से प्रदर्शन करने का आह्वान किया और राष्ट्रपति जो बाइडन के प्रशासन पर निशाना साधा।
उन्होंने कहा, ‘‘हम अब इसे और नहीं होने दे सकते। वे हमारे देश की हत्या कर रहे हैं और हम बैठकर बस देख रहे हैं। हमें अमेरिका को बचाना होगा। प्रदर्शन, प्रदर्शन, प्रदर्शन करिए।’’
ट्रंप ने इसी तरह की अपील पिछले राष्ट्रपति चुनाव परिणाम की घोषणा के बाद भी की थी जिससे छह जनवरी 2021 को अमेरिकी संसद भवन परिसर में हिंसा हुई थी।
ट्रंप की वकील सुजैन नेचेल्स ने कहा कि ट्रंप की पोस्ट ‘‘मीडिया में आयी खबरों पर आधारित’’ है और एक प्रवक्ता ने कहा कि अभी डिस्ट्रिक्ट अटॉर्नी आल्विन ब्रैग के कार्यालय से कोई ‘‘अधिसूचना नहीं मिली है।’’
डिस्ट्रिक्ट अटॉर्नी के कार्यालय ने इस पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया है।
ट्रंप के इस पोस्ट के बाद 2024 के राष्ट्रपति पद की दौड़ में शामिल उनके संभावित प्रतिद्वंद्वियों समेत शीर्ष रिपब्लिकन नेता उनके समर्थन में आए।
ट्रंप के संभावित प्रतिद्वंद्वी एवं पूर्व उपराष्ट्रपति माइक पेंस ने कहा, ‘‘अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति पर अभियोग चलाने का विचार लाखों अमेरिकियों के साथ ही मेरे लिए भी बहुत परेशान करने वाला है।’’
उनके समर्थन में आने वाले नेताओं में सदन के अध्यक्ष केविन मैक्कार्थी भी शामिल हैं।
प्रौद्योगिकी निवेशक विवेक रामास्वामी ने कहा कि वह ऐसे देश में रहना नहीं चाहते जहां ‘‘सत्ता में बैठी पार्टी अपने राजनीतिक विरोधियों को गिरफ्तार करने के लिए पुलिस बल का इस्तेमाल कर सके।’’ (एपी)
सियोल, 19 मार्च। जापान ने कहा है कि उत्तर कोरिया ने समुद्र में एक संदिग्ध मिसाइल दागी है।
जापान के तट रक्षक बल ने पुष्टि की कि उत्तर कोरिया ने मिसाइल प्रतीत होने वाली वस्तु रविवार सुबह दागी।
उसने कहा कि इस संबंध में विस्तृत जानकारी तत्काल उपलब्ध नहीं हो पाई है।
दक्षिण कोरिया की ‘योनहाप’ समाचार एजेंसी ने देश की सेना के हवाले से बताया कि कि उत्तर कोरिया ने उसके पूर्वी जलक्षेत्र की ओर एक बैलिस्टिक मिसाइल दागी।
यदि इस मिसाइल प्रक्षेपण की पुष्टि हो जाती है तो दक्षिण कोरिया और अमेरिका के बीच पिछले सप्ताह संयुक्त सैन्य अभ्यास शुरू होने के बाद से यह चौथी बार उत्तर कोरिया द्वारा हथियार प्रक्षेपित किए जाने की घटना होगी।
एपी सिम्मी गोला गोला 1903 0854 सियोल (एपी)
कराची, 19 मार्च। पाकिस्तान के बलूचिस्तान प्रांत में बाढ़ में एक गाड़ी के बहने से उसमें सवार एक परिवार के आठ लोगों की शनिवार को मौत हो गई।
पुलिस ने बताया कि हादसा प्रांत के आवारान जिले में तब हुआ जब चालक ने गाड़ी को पहाड़ी इलाके में पानी से भरी सड़क से निकालने की कोशिश की लेकिन उसे कामयाबी नहीं मिली और गाड़ी गहरे खड्ड में बह गई।
पुलिस अधिकारियों ने बताया कि मृतकों में दो बुजुर्ग और छह बच्चे शामिल हैं।
एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि मृतकों में तीन नाबालिग लड़कियां और तीन लड़के भी हैं।
दुर्घटना आवारान जिले के झाओ इलाके में हुई जहां शुक्रवार से ही भारी बारिश हो रही है। (भाषा)
पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा है कि उन्हें कथित तौर पर एक पूर्व पोर्न स्टार को चुप रहने के लिए पैसे देने के मामले में गिरफ़्तार किया जा सकता है.
उन्होंने अपने समर्थकों से गिरफ़्तारी से जुड़ी ऐसी किसी भी पहल का विरोध करने को कहा है. पूर्व राष्ट्रपति ने अपने सोशल प्लेटफॉर्म ट्रूथ पर कहा है कि अगर उनकी गिरफ़्तारी होती है तो समर्थक इसका जोरदार विरोध करें.
ट्रंप के एक वकील ने कहा कि उन्होंने मीडिया रिपोर्टों के आधार पर ये बयान दिया है. अगर ऐसा होता है तो वो पहले पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति होंगे जिनके ख़िलाफ़ किसी आपराधिक मामले में अभियोग चलेगा.
अगर वो गिरफ़्तार होते हैं तो इससे 2024 के राष्ट्रपति चुनाव में रिपब्लिकन पार्टी का प्रत्याशी बनने का उनका अभियान खटाई में पड़ सकता है. ट्रंप के ख़िलाफ़ इस मामले में पिछले पांच साल से जांच चल रही है.
आरोप है कि ट्रंप की ओर से पूर्व पोर्न स्टार स्टॉर्मी डेनियल को चुप रहने के लिए पैसे दिए गए. डेनियल के मुताबिक़ ये पैसे उन्हें 2016 में अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव के पहले दिए गए थे.
स्टॉर्मी डेनियल ने कहा था कि उन्हें 2016 के अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव से ट्रंप के पूर्व वकील माइकल कोहेन ने उनसे अपने संबंधों के बारे में न बताने के एवज में एक लाख तीस हज़ार डॉलर दिए थे.
लेकिन ट्रंप ने कहा था कि स्टॉर्मी डेनियल से उनका कोई यौन संबंध नहीं रहा है. उनका कहना है कि ये केस राजनीति से प्रेरित है. (bbc.com/hindi)
तोशाख़ाना मामले में पेशी के लिए आए पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री और तहरीक ए इंसाफ़ पाकिस्तान (पीटीआई) के प्रमुख इमरान ख़ान राजधानी इस्लामाबाद स्थित कोर्ट परिसर के गेट से ही वापस लौट गए.
इस्लामाबाद की सेशन्स कोर्ट ने पुलिस और इमरान ख़ान समर्थकों के बीच हुई झड़पों के बाद सुनवाई स्थगित कर दी. कोर्ट ने कहा, "इस स्थिति में सुनवाई नहीं हो सकती."
बीबीसी संवाददाता शुमाइला जाफरीके मुताबिक कोर्ट ने इमरान ख़ान के ख़िलाफ़ जारी गिरफ़्तारी वारंट रद्द कर दिया. इस मामले की अगली सुनवाई 30 मार्च को होगी और इमरान ख़ान को कोर्ट में हाज़िर होना होगा.
पुलिस ने इमरान ख़ान की पार्टी के कार्यकर्ताओं को उनके साथ अदालत परिसर में आने की इजाज़त नहीं दी. कोर्ट ने इमरान ख़ान को प्रवेश द्वार पर ही उपस्थिति दर्ज कराने की अनुमति दे दी. (bbc.com/hindi)
भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना ने शनिवार को 377 करोड़ रुपये से बनी एक डीजल पाइपलाइन का उद्घाटन किया.
इससे भारत से बांग्लादेश के उत्तरी इलाके में कम लागत में डीजल की सप्लाई हो सकेगी. इससे कार्बन फुटप्रिंट भी घटेगा.
मोदी ने इस पाइपलाइन का उद्घाटन करते हुए कहा कि इससे भारत और बांग्लादेश के रिश्तों का एक नया अध्याय शुरू होगा. इस वक्त भारत से बांग्लादेश को 512 किलोमीटर लंबे रेल रूट से डीजल पहुंचाया जाता है.
लेकिन 131.5 किलोमीटर की पाइपलाइन से असम के नुमालीगढ़ से हर साल दस लाख लीटर डीजल बांग्लादेश को सप्लाई किया जाएगा.
मोदी ने कहा कि इससे बांग्लादेश तक डीजल पहुंचाने की लागत कम होगी बल्कि इससे कार्बन फुटप्रिंट भी घटेगा.
इस पाइपलाइन परियोजना की शुरुआत 2018 में हुई थी. ये दोनों देशों के बीच पहली क्रॉस-बॉर्डर एनर्जी पाइपलाइन है.
इस पर कुल 377 करोड़ रुपये खर्च हुए हैं. बांग्लादेश के हिस्से में बनी पाइपलाइन के लिए भारत सरकार ने 285 करोड़ रुपये की सहायता दी है. (bbc.com/hindi)
इंटरनेशनल क्रिमिनल कोर्ट (आईसीसी) ने रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की गिरफ्तारी के लिए वारंट जारी किया है.
आईसीसी का मानना है कि राष्ट्रपति पुतिन पर यूक्रेन में युद्ध अपराधों के आरोप लगाने के लिए पर्याप्त सबूत हैं.
आईसीसी ने बयान में सबसे बड़ा आरोप लगाया है कि यूक्रेन के सैकड़ों बच्चों को अनाथालयों और बाल गृहों से रूस लाया गया है जिससे रूस में रह रहे परिवार उन्हें गोद ले सकें.
हालांकि जानकार मानते हैं कि ऐसे मामले को आगे बढ़ाने में व्यावहारिक और तार्किक समस्याएं बहुत अधिक हैं. गिरफ्तारी वारंट इस प्रक्रिया का पहला कदम है. (bbc.com/hindi)
न्यूयॉर्क, 18 मार्च। अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट में कहा कि उन्हें मंगलवार को गिरफ्तार किया जाएगा क्योंकि न्यूयॉर्क के अभियोजक कुछ महिलाओं को भुगतान किए गए धन से जुड़े मामले की जांच कर रहे हैं।
आरोप है कि पूर्व राष्ट्रपति ने इन महिलाओं को यौन संबंधों के बदले में धन देकर मामले को सार्वजनिक नहीं करने को कहा था।
ट्रंप ने शनिवार तड़के अपने सोशल नेटवर्क ट्रुथ पर एक पोस्ट में कहा कि मैनहट्टन जिला अटॉर्नी के कार्यालय से ‘‘अवैध रूप से लीक’’ जानकारी से संकेत मिलता है कि ‘‘अग्रणी रिपब्लिकन उम्मीदवार और अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति को अगले सप्ताह मंगलवार को गिरफ्तार किया जाएगा।’’
ट्रंप ने अपने समर्थकों से विरोध प्रदर्शन करने का आग्रह किया है। न्यूयॉर्क में कानून प्रवर्तन अधिकारी इस संभावना के मद्देनजर सुरक्षा इंतजाम कर रहे हैं कि ट्रंप पर अभियोग लगाया जा सकता है। मामले में पूर्व राष्ट्रपति पर अभियोग लगाने के लिए संभावित वोट समेत जूरी के निर्णय के लिए किसी भी समय सीमा की कोई सार्वजनिक घोषणा नहीं की गई है। (एपी)
हाल के दिनों में चीन ने कई अभूतपूर्व शिखर सम्मेलनों की मेजबानी की है और अमेरिका पर आरोप लगाया है कि वो उसके विकास को ‘रोकने’ की कोशिश कर रहा है. लेकिन विशेषज्ञों का कहना है कि चीन के प्रयासों का प्रभाव कमजोर पड़ सकता है.
डॉयचे वैले पर विलियम यांग की रिपोर्ट-
हाल ही में कूटनीतिक विवादों की एक श्रृंखला के बाद, चीन और अमेरिका के संबंध और भी जटिल होते जा रहे हैं. पिछले हफ्ते, वार्षिक विधायी बैठकों के दौरान, चीन के शीर्ष नेतृत्व ने अमेरिका पर चीन को व्यापक तरीके से रोकने और दमन करने का अभियान चलाने का आरोप लगाया, जिससे द्विपक्षीय संबंध बिगड़ते रहे.
चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने कहा, "अमेरिका के नेतृत्व में पश्चिमी देशों ने चीन को चारों से नियंत्रित करने, घेरने और दमन करने की कोशिश की है जो हमारे देश के विकास के लिए अभूतपूर्व गंभीर चुनौतियां लेकर आया है.”
चीन के विदेश मंत्री किन गांग ने भी दोनों देशों के बीच संभावित संघर्ष की चेतावनी दी. बतौर विदेश मंत्री अपनी पहली प्रेस कांफ्रेंस में किन ने कहा, "यदि संयुक्त राज्य अमेरिका बिना ब्रेक लगाए गलत रास्ते पर तेजी से बढ़ना जारी रखता है तो उसे पटरी से उतरने से कोई भी नहीं रोक सकता और इससे निश्चित तौर पर संघर्ष और टकराव होगा.”
अमेरिका के बकनेल विश्वविद्यालय में अंतरराष्ट्रीय संबंधों को प्रोफेसर झिकुन झू कहते हैं कि चीन और अमेरिका के बीच चल रहे तनाव ने चीन की कूटनीति की दिशा को सीधे तौर पर प्रभावित किया है. वो कहते हैं कि इन घटनाओं ने चीन को ऑस्ट्रेलिया और जर्मनी जैसे पश्चिमी लोकतांत्रिक देशों के साथ संबंधों को सुधारते हुए विकासशील दुनिया में पारंपरिक सहयोगियों के साथ संबंधों को मजबूत करने की कोशिश करने के लिए प्रेरित किया है.
शांतिदूत की भूमिका में चीन?
डीडब्ल्यू से बातचीत में वो कहते हैं, "शी ने ईरान, बेलारूस और तुर्कमेनिस्तान के नेताओं के साथ शिखर सम्मेलन किया, लेकिन उन्होंने बीजिंग में जर्मन चांसलर ओलाफ शोल्त्ज का भी स्वागत किया, जबकि फ्रांसीसी राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रॉन और ऑस्ट्रेलियाई प्रधान मंत्री एंथनी अल्बनीस के इस साल के अंत में चीन की यात्रा करने की संभावना है. ये सभी चीन का मुकाबला करने के लिए अमेरिका के नेतृत्व वाले प्रयास को पीछे धकेलने की कूटनीतिक रणनीति का हिस्सा हैं.”
विशेषकर, यूक्रेन में चल रहे युद्ध के आलोक में चीन को लगता है कि उसकी बाहरी सीमाएं अनिश्चितता और अप्रत्याशित वजहों से घिरी होंगी.
हेलसिंकी विश्वविद्यालय में एक विजिटिंग रिसर्चर सारी अरहो हैवरेन कहती हैं कि चुनौतीपूर्ण बाहरी वातावरण ने चीन को कई क्षेत्रों में अपनी विदेश नीति को फिर से तैयार करने के लिए मजबूर किया है.
वो कहती हैं, "अपनी विदेश नीति के पुनर्गठन के पीछे एक मुख्य कारण यह भी है कि चीन अंतरराष्ट्रीय नैरेटिव को नियंत्रित करने के लिए तेजी से आगे बढ़ने की कोशिश में लगा है. साथ ही, खुद को शांतिपूर्ण वैश्विक सुरक्षा मुहैया कराने वाला और संतुलन बनाकर चलने वाले देश के रूप में प्रस्तुत कर रहा है. जबकि अमेरिका को वह एक आक्रामक देश के रूप में चित्रित करता है जो संघर्ष रोकने की कोशिश करने के बजाय अन्य देशों को उकसाता है.”
चीन ने ईरान और सऊदी अरब के बीच संबंधों को बहाल करने के लिए पिछले हफ्ते सफलतापूर्वक एक समझौता कराया था. इस समझौते के बाद, चीन अब मध्य पूर्व में भी एक बड़ी भूमिका निभाने के लिए तैयार है जो संभावित रूप से तेल-समृद्ध क्षेत्र में अमेरिकी प्रभुत्व को चुनौती देता है.
यूक्रेन और वैश्विक सुरक्षा की पहल
लात्विया में रीगा स्ट्रैडिन्स यूनिवर्सिटी में चाइना स्टडीज सेंटर की प्रमुख उना सेरेनकोवा कहती हैं कि चीन ऐसे किसी भी देश के साथ अनिवार्य रूप से जुड़कर अपनी वैश्विक भूमिका और प्रभाव को बढ़ावा देना चाहता है जो अमेरिका के साथ नहीं आ सकते या फिर वो मौजूदा अंतरराष्ट्रीय सिस्टम के बारे में नकारात्मक विचार रखते हों.
वो कहती हैं, "चीन हर किसी से बात करने की कोशिश कर रहा है और उनका दृष्टिकोण वैचारिक से अधिक व्यावहारिक है. चीन इन प्रयासों से क्या प्राप्त कर सकता है वो ये कि अन्य देशों के प्रमुखों में यह संदेश जाए कि चीन एक महत्वपूर्ण देश है और यदि वह साथ में है तो वे भी उसके साथ रहकर वैश्विक सुरक्षा को प्रभावित कर सकते हैं.”
यूक्रेन के मामले में, चीनी विदेश मंत्री किन ने हाल ही में एक बार फिर दोहराया कि संघर्ष और प्रतिबंधों से वहां युद्ध समाप्त नहीं होगा. साथ ही उन्होंने सुझाव दिया कि शांति वार्ता की प्रक्रिया जल्द से जल्द होनी चाहिए.
उनकी यह टिप्पणी चीन द्वारा रूस-यूक्रेन युद्ध पर पर अपना पक्ष रखने के लिए जारी किए गए 12-सूत्रीय बयान के बाद आई. लेकिन खुद को शांति दूत के रूप में पेश करने की चीन की कोशिशें कुछ शीर्ष अमेरिकी अधिकारियों के मन में संदेह पैदा करती हैं.
इसके अलावा, चीन ने इस महीने की शुरुआत में वैश्विक सुरक्षा पहल (जीएसआई) संबंधी एक अवधारणा पत्र जारी किया. चीनी की सरकारी मीडिया का कहना है कि इस दस्तावेज ने वैश्विक शांति और सुरक्षा के संबंध में चीन की मूल अवधारणाओं और सिद्धांतों को स्पष्ट किया है.
नेशनल यूनिवर्सिटी ऑफ सिंगापुर में ली कुआन यू स्कूल ऑफ पब्लिक पॉलिसी के चीन मामलों के एक जानकार ड्र्यू थॉम्पसन ने यूक्रेन में युद्ध पर GSI और चीन के बयान को रणनीति दस्तावेजों के बजाय ‘उम्मीदों और वरीयताओं के बयान' के रूप में वर्णित किया है.
वो कहते हैं, "इसे इसलिए डिजाइन किया गया है ताकि चीनी स्टेकहोल्डर्स को चीन की सुरक्षा और राजनीतिक प्राथमिकताओं की बेहतर समझ हो सके. चीन के शासन के तरीके को लागू करने और संचालित करने के लिए इन व्यापक दस्तावेजों का उपयोग कैसे कर सकते हैं, यह तय करने का काम चीन के अधिकारियों पर छोड़ दिया गया है.”
बकनेल यूनिवर्सिटी के झू का कहना है कि हालांकि GSI कॉन्सेप्ट पेपर और यूक्रेन पर 12-सूत्रीय बयान में यूक्रेन और अन्य जगहों पर शांति को बढ़ावा देने संबंधी कई बातें एक जैसी हैं, लेकिन समस्या यह है कि GSI व्यावहारिक नहीं है.
डीडब्ल्यू से बातचीत में उन्होंने कहा, "यह सभी देशों की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता का सम्मान करने और सभी देशों की वैध चिंताओं को गंभीरता से लेने के लिए चीन की प्रतिबद्धताओं को दोहराता है. यह ऐसी योजना नहीं है जिस पर कोई कार्रवाई की जाए.”
रूस से घनिष्ठता बनी रहेगी
हेलसिंकी विश्वविद्यालय की हैवरन कहती हैं कि चीन और अमेरिका की बीच बढ़ती प्रतिस्पर्धा वाले मौजूदा भू-राजनीतिक संदर्भ में, चीन शायद रूस के साथ घनिष्ठ संबंध बनाए रखेगा. क्योंकि इस प्रतिद्वंद्विता में अमेरिका के नेतृत्व वाले पश्चिमी धड़े की तुलना में चीन, रूस को ‘बहुमूल्य मल्टीलेयर भागीदार' के रूप में देखता है.
डीडब्ल्यू से बातचीत में वो कहती हैं, "चीन एक प्रभावशाली सैन्य और परमाणु शक्ति के रूप में रूस की भूमिका को स्वीकार करता है और रूस की सुरक्षा चिंताओं को भी समझता है और अपने हितों के सुरक्षा क्षेत्रों के प्रति सहानुभूति रखता है. वैश्विक व्यवस्था को बदलने में उनके हित एक जैसे हैं. यूक्रेन पर रूस के आक्रमण के एक साल बाद, चीन और रूस के संबंध केवल घनिष्ठ हुए हैं.”
ताइपे में ताइवान-एशिया एक्सचेंज फाउंडेशन में पोस्टॉक्टोरल फेलो सना हाशमी कहती हैं कि भारत-प्रशांत क्षेत्र के देश आक्रामक और महत्वाकांक्षी चीन का जवाब दे सकते हैं और यह क्षेत्र ‘सामूहिक पहल के दौर' में प्रवेश कर गया है, जहां क्षेत्रीय सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए ज्यादा से ज्यादा देश मजबूत भागीदार बन रहे हैं.
वो कहती हैं, "सुरक्षा प्रदान करने के लिए अमेरिका को एकमात्र देश के रूप में नहीं देखा जाता है, और भारत जैसे देश तेजी से सुरक्षा के लिए मजबूत भागीदार बन रहे हैं. सुरक्षा उपाय करने और शांति और स्थिरता का वातावरण बनाना एक साझा जिम्मेदारी है.”
(dw.com)
लाहौर, 18 मार्च । लाहौर के ज़मान पार्क स्थित पाकिस्तान के पूर्व पीएम इमरान ख़ान के घर के बाहर पुलिस अभियान जारी है.
घर के बाहर बड़ी संख्या में पुलिसबल तैनात हैं और मौक़े पर बुलडोज़र भी लाया गया है.
बीबीसी संवाददाता तरहब असगर के मुताबिक़ पुलिस ने इमरान ख़ान के घर का दरवाज़ा तोड़ दिया है और अंदर घुस गई है.
जियो न्यूज़ से बात करते हुए पुलिस अधिकारी ने कहा है कि इमरान ख़ान के घर के अंदर घुसने के दौरान अंदर से फायरिंग हुई और पुलिस को निशाना बनाया गया.
पुलिस का कहना है कि घर के अंदर मौजूद कार्यकर्ताओं के पास हथियार हैं जिनका इस्तेमाल वे पुलिस पर कर रहे हैं.
वहीं, इमरान ख़ान ने कहा है कि इस्लामाबाद में मौजूद अदालत की तरफ़ जाते वक़्त उनके काफिले के साथ एक दुर्घटना हो गई है.
उन्होंने दावा किया कि उन्हें पता है कि उन्हें गिरफ्तार कर लिया जाएगा लेकिन इसके बाद भी वो अदालत में पेश होने के लिए जा रहे हैं.
इमरान ख़ान को आज तोशाख़ाना मामले में कोर्ट में पेश होना है.(bbc.com/hindi)
न्यूयॉर्क (अमेरिका), 18 मार्च न्यूयॉर्क की भारतीय मूल की जानी-मानी लेखिका अनु सहगल ने बच्चों को भारत के त्योहार और उसकी सांस्कृतिक विरासत से अवगत कराने के लिए होली पर आधारित एक नयी पुस्तक जारी की है।
‘द कल्चर ट्री’ की संस्थापक एवं अध्यक्ष अनु सहगल ने परिधि कपूर के साथ मिलकर हिंदू त्योहार ‘होली’ पर आधारित पुस्तक ‘कहानी रंगीली’ लिखी है।
सहगल ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ‘‘यह पुस्तक मेरे दो जुनून-भाषा और संस्कृति- को जोड़ती है। यह हिंदी भाषा में लिखी गई है और सबसे प्रिय हिंदू देवताओं में से एक कृष्ण और उनके दोस्तों की एक सुंदर कहानी पर आधारित है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘यह प्राचीन कहानी यह भी बताती है कि हम होली कैसे मना सकते हैं। इस पुस्तक के माध्यम से बच्चे और उनके परिवार दोस्ती और प्यार के महत्व को समझेंगे। इस पुस्तक के जरिये वे यह भी सीखेंगे कि दोस्ती की कोई सीमा नहीं होती है और इसे सहेजे रखने की आवश्यकता होती है।’’
‘कहानी रंगीली’ पुस्तक टी4टेल्स द्वारा प्रकाशित की गई है। (भाषा)
आइजोल, 18 मार्च बांग्लादेश के विद्रोही संगठन कुकी-चिन नेशनल आर्मी (केसीएनए) से जुड़े 29 वर्ष के एक आतंकवादी को असम राइफल्स ने मिजोरम के लॉन्गतलाई जिले में गिरफ्तार किया है। यह जानकारी अर्धसैनिक बल की ओर से जारी एक बयान से मिली।
बयान में कहा गया है कि आतंकवादी की पहचान फलियांसांग बावम के रूप में की गई है और वह कुछ समय से बुंगतलांग गांव स्थित एक घर में कथित तौर पर रह रहा था।
बयान में कहा गया है कि एक गुप्त सूचना के आधार पर असम राइफल्स के जवानों ने शुक्रवार को घर पर छापा मारा और आतंकवादी को पकड़कर राज्य पुलिस को सौंप दिया।
इससे पहले, 10 मार्च को असम राइफल्स ने उसी जिले के हुमुन्नम गांव में केसीएनए के एक और आतंकवादी को पकड़ा था।
केसीएनए के खिलाफ बांग्लादेशी सेना की कार्रवाई से बचकर, पड़ोसी देश के चटगांव हिल ट्रैक्ट्स (सीएचटी) से 500 से अधिक लोगों ने लॉन्गतलाई जिले में शरण ली है।
कुकी-चिन शरणार्थियों के पहले जत्थे ने पिछले साल फरवरी में पूर्वोत्तर राज्य में प्रवेश किया था। (भाषा)