अंतरराष्ट्रीय
ओटावा (कनाडा), 25 मार्च। अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन और कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रुडो ने अमेरिका और कनाडा के बीच करीबी एवं ‘‘अविभाज्य’’ संबंधों की महत्ता को रेखांकित करते हुए शुक्रवार को कहा कि दोनों राष्ट्रों के साझा मूल्य दुनिया के लिए कभी इतने ज्यादा अहम नहीं रहे, जितने वे अब हैं।
राष्ट्रपति के तौर पर कनाडा की पहली यात्रा पर आए बाइडन ने कहा कि यह अमेरिका का सौभाग्य है कि कनाडा उसका पड़ोसी है। उन्होंने कहा कि दोनों ही देश तेजी से बदलती वैश्विक अर्थव्यवस्था, जलवायु परिवर्तन, यूरोप में युद्ध और अन्य मामलों से जूझ रहे हैं।
प्रवासियों संबंधी मुद्दे पर बाइडन और ट्रुडो ने एक समझौते का ऐलान किया है जिसका लक्ष्य शरण लेने के लिए गैर आधिकारिक तरीके से अमेरिका की सीमा पार कर कनाडा आने वाले लोगों को रोकना है।
यह समझौता मौजूदा नियमों में कमियों को दूर करेगा और दोनों देश शरण मांगने वाले लोगों को अपनी-अपनी सीमाओं से ही वापस भेज सकेंगे। हालांकि कनाडा ने ऐलान किया है कि वह पश्चिमी गोलार्ध के 15,000 प्रवासियों को देश में प्रवेश करने का आधिकारिक मौका देगा।
नई नीति के अनुसार, अगर कोई गैर अमेरिकी या कनाडाई नागरिक बिना दस्तावेज़ों के सीमा पार करने के 14 दिन के अंदर पकड़ा जाता है तो उसे वापस भेजा जाएगा। यह नीति शनिवार मध्य रात्रि से लागू होगी।
संसद में अपने भाषणों से पहले दोनों नेता शीर्ष सहायकों के साथ निजी बातचीत के लिए बैठे। इस दौरान यूक्रेन और रक्षा खर्च के अलावा चीन की आक्रामकता और हैती में हिंसा एवं राजनीतिक अस्थिरता समेत विभिन्न मुद्दों पर बातचीत की गई।
ट्रुडो ने बीजिंग की बढ़ती आर्थिक शक्ति को रेखांकित किया और इससे निपटने के लिए अमेरिका और कनाडा के मिलकर काम करने की जरूरत पर बल दिया ।
बाइडन ने अपने भाषण में कहा, “ आज हमारी नियति आपस में जुड़ी हुई है और वे अविभाज्य हैं। यह भौगोलिक अनिवार्यता के कारण नहीं है, बल्कि इसलिए है, क्योंकि हमने इसे चुना है।”
उन्होंने कहा, "कनाडा और अमेरिका यह सुनिश्चित करने की जिम्मेदारी और प्रतिबद्धता साझा करते हैं कि नाटो (उत्तर अटलांटिक संधि संगठन) हर प्रकार के खतरे को रोक सके और हर प्रकार की आक्रामकता के खिलाफ बचाव कर सके।"
ट्रुडो ने यूक्रेन पर रूस के हमले को नाकाम करने में मदद देने के लिए अमेरिका के साथ "कंधे से कंधा मिलाकर" खड़े रहने का संकल्प लिया।
उन्होंने जलवायु परिवर्तन से निपटने और दोनों देशों की अर्थव्यवस्थाओं को बढ़ाने के लिए और अधिक निकटता से समन्वय करने की जरूरत पर भी बात रखी।
एपी नोमान सिम्मी सिम्मी 2503 1015 ओटावा (एपी)
संयुक्त राष्ट्र, 25 मार्च। संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुतारेस ने वैश्विक जल संसाधनों पर तीन दिवसीय सम्मेलन के आखिरी दिन शुक्रवार को कहा कि मानवता का अस्तित्व इस बात पर निर्भर करता है कि लोग जल का प्रबंधन कैसे करते हैं।
इस सम्मेलन में विकासशील देशों ने स्वच्छ पेयजल और बेहतर स्वच्छता का आह्वान किया।
गुतारेस ने कहा, ‘‘भविष्य के लिए मानवता की सभी उम्मीदें किसी न किसी रूप में जल के सतत प्रबंधन और संरक्षण के लिए एक नयी रूपरेखा तैयार करने पर निर्भर करती है।’’
उन्होंने कहा कि इसमें कृषि के लिए जल के तर्कसंगत उपयोग और जलवायु परिवर्तन के खिलाफ अधिक आक्रामक कार्रवाई करना शामिल है। उन्होंने कहा कि जल ‘‘वैश्विक राजनीतिक एजेंडे के केंद्र में होना चाहिए।’’
सम्मेलन की पूर्व संध्या पर जारी संयुक्त राष्ट्र विश्व जल विकास रिपोर्ट के अनुसार, दुनिया की 26 प्रतिशत आबादी (दो अरब लोग) के पास स्वच्छ पेयजल नहीं है और 46 प्रतिशत आबादी (3.6 अरब लोग) मूलभूत स्वच्छता के अभाव में जी रही हैं।
संयुक्त राष्ट्र के अध्ययन से यह भी पता चला है कि दुनिया की लगभग आधी आबादी 2030 तक गंभीर जल संकट का सामना करेगी।
सम्मेलन में जल संकट से जूझ रहे देशों खासतौर से विकासशील देशों ने संयुक्त राष्ट्र सदस्यों से अपनी जनता को स्वच्छ पेयजल और बेहतर स्वच्छता प्रणाली उपलब्ध कराने के लिए अंतरराष्ट्रीय मदद की आवश्यकता पर जोर दिया। (एपी)
एपी गोला अमित अमित 2503 0938 संयुक्तराष्ट्र
अमेरिका की उप राष्ट्रपति कमला हैरिस ने शुक्रवार को भारत के राजदूत नियुक्त किए गए एरिक गार्सेटी को उनके पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई.
अमेरिकी शहर लाॅस एंजेल्स के मेयर रहे गार्सेटी को अमेरिका के उच्च सदन सीनेट ने इसी महीने भारत का राजदूत बनाए जाने के प्रस्ताव की पुष्टि कर दी थी.
उन्हें दो साल पहले ही भारत में अमेरिका का राजदूत बनाने का एलान किया गया था. उनका नामांकन जुलाई 2021 से ही अमेरिकी कांग्रेस के समक्ष लंबित था.
लेकिन देरी होने की वजह 52 साल के गार्सेटी पर लगे आरोप थे. उन पर आरोप था कि उन्होंने अपने एक पूर्व सलाहकार के ख़िलाफ़ लगे यौन उत्पीड़न के आरोपों को गंभीरता से नहीं लिया और इस मामले को अच्छे ढंग से नहीं संभाला.
हालांकि राष्ट्रपति बाइडेन ने उन्हें इस साल जनवरी में इसी पद पर दोबारा नामित किया था.
शपथ ग्रहण समारोह के दौरान गार्सेटी की बेटी माया ने हिब्रू बाइबिल पकड़ी हुई थी, जिस पर हाथ रखकर उन्होंने अपने पद की शपथ ली.
इस समारोह में गार्सेटी के परिवार के क़रीबी सदस्यों ने भाग लिया. उनके पिता गिल गार्सेटी, मां सुके गार्सेटी, पत्नी एमी वेकलैंड और सास डी वेकलैंड इस मौक़े पर मौजूद थे.
इस मौक़े पर उन्होंने कहा कि मैं इस सेवा के लिए के लिए अब और इंतजार नहीं कर सकता.
इस दौरान उपराष्ट्रपति कमला हैरिस ने कहा कि गार्सेटी एक ज़िम्मेदार लोक सेवक हैं और वो भारत के लोगों के साथ अमेरिका की साझेदारी को मजबूत करने में अहम भूमिका निभाएंगे. (bbc.com/hindi)
फ़्रांस में पेंशन मिलने की उम्र बढ़ाने को लेकर हिंसक विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं.
इसी क्रम में प्रदर्शनकारियों ने गुरुवार को बोर्डो टाउन हॉल में आग लगी दी. इस आग में इमारत का दरवाज़ा बुरी तरह झुलस गया है. इस दौरान प्रदर्शनकारियों की पुलिस के साथ झड़प भी हुई.
हालांकि यह साफ़ नहीं है कि हॉल में आग किसने लगाई, लेकिन जल्द ही आग को बुझा लिया गया.
गृह मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक़ गुरुवार को फ़्रांस में क़रीब 10 लाख लोगों ने सड़क पर उतरकर विरोध प्रदर्शन में हिस्सा लिया, वहीं राजधानी पेरिस में क़रीब 1 लाख 19 हज़ार लोग प्रदर्शन में शामिल हुए.
पेरिस में विरोध प्रदर्शन कर रहे लोगों पर पुलिस ने आंसू गैस के गोले छोड़े और पूरे देश में 80 लोग गिरफ़्तार किए गए.
फ़्रांस में सेवानिवृत्ति की उम्र बढ़ाकर 64 करने को लेकर विधेयक लाया गया है जिसका विरोध हो रहा है.
क्या कह रहे हैं प्रदर्शनकारी?
एक प्रदर्शनकारी ने समाचार एजेंसी रॉयटर्स से कहा, ''मैं इस सुधार के विरोध में हूं. यहां पर लोकतंत्र का कोई मतलब नहीं रह गया है. हमारा कोई प्रतिनिधित्व नहीं है और हम इससे तंग आ चुके हैं.''
एक अन्य प्रदर्शनकारी ने समाचार एजेंसी एएफ़पी से कहा, ''इस विरोध प्रदर्शन के ज़रिए हम अपनी आवाज़ पहुंचाना चाहते हैं क्योंकि दूसरे किसी तरीक़े से ये सुधार वापस नहीं लिया जाएगा.''
विरोध प्रदर्शन के चलते रेल यातायात और तेल रिफ़ाइनरी का काम प्रभावित हुआ और कुछ लोगों को चोटें भी आईं.
समाचार एजेंसी रॉयटर्स के मुताबिक़, पेरिस में शांतिपूर्ण प्रदर्शनों में नक़ाब पहने प्रदर्शनकारियों और पुलिस के बीच झड़पें देखी गईं. प्रदर्शनकारियों ने दुकान की खिड़कियों, सड़क पर लगे फ़र्नीचर और एक मैकडॉनल्ड्स रेस्तरां को अपना निशाना बनाया.
पुलिस के साथ झड़प में एक पुलिसकर्मी बेहोश गया जिसे दूसरे पुलिसकर्मियों ने सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया.
समाचार एजेंसी एपी के मुताबिक़, पुलिस ने प्रदर्शनकारियों पर आंसू गैस का इस्तेमाल किया, वहीं प्रदर्शनकारियों ने पुलिस पर वहां मौजूद सामान फेंक कर हमला किया. एजेंसी के मुताबिक़ राजधानी पेरिस में 33 लोगों को गिरफ़्तार किया गया है.
कई शहरों में विरोध
विरोध प्रदर्शन के चलते रेल यातायात और तेल रिफ़ाइनरी का काम प्रभावित हुआ और कुछ लोगों को चोटें भी आईं.
चश्मदीदों के मुताबिक़ रूएन शहर में पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए फ़्लैश बॉल ग्रेनेड का इस्तेमाल किया जिसकी चपेट में आने की वजह ये एक लड़की के हाथ में गंभीर चोट आई.
चश्मदीदों ने बताया कि उन्होंने लड़की को सड़क पर पड़े हुए देखा और इस हमले में उन्हें अपना अंगूठा गंवाना पड़ा है.
इसके अलावा नैन्तेज़, रेन्नेस और लॉरिएंट शहरों में भी झड़पें हुई हैं.
नैन्तेज़ में एक प्रदर्शनकारी ने कहा कि 'फ़्रांस में सड़कें ही किसी चीज़ को सही या ग़लत ठहराती हैं. अगर राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों को यह सच दिखाई नहीं दे रहा है तो मुझे नहीं पता कि वो क्या कर रहे हैं.'
कब ख़त्म होंगे विरोध प्रदर्शन?
यूनियनों और प्रदर्शनों का साथ देने वाले राजनीतिक दल गुरुवार को हुए प्रदर्शनों को अपनी सफलता की तरह देख रहे हैं, लेकिन यह स्थिति किस तरफ़ जा रही है उसके बारे में किसी को कुछ नहीं पता.
सरकार को इन प्रदर्शनों से निश्चित तौर पर नुक़सान पहुंच रहा है. सरकार उम्मीद कर रही है कि सड़कों पर हो रही हिंसा के चलते लोग प्रदर्शनों से दूर रहेंगे.
वहीं विपक्ष का दावा है कि प्रदर्शन कमज़ोर नहीं पड़ेंगे, लेकिन यूनियनों को गुरुवार के दिन की तरह प्रदर्शन करने का वादा करने की बजाय ये तय करने की ज़रूरत होगी कि भविष्य में प्रदर्शनों की रणनीति क्या होगी?
जनवरी से अब तक नौ बार विरोध प्रदर्शन हो चुका है. वहीं देश की यूनियनों ने अगले मंगलवार को फिर से प्रदर्शन की घोषणा की है.
दूसरी तरफ़ ब्रिटेन के किंग चार्ल्स तृतीय 26 से 29 मार्च तक फ़्रांस की राजकीय यात्रा पर हैं और उनकी इस यात्रा में बोर्डो टाउन भी शामिल है.
6 मार्च को पेंशन सुधार के खिलाफ अपनी हड़ताल शुरू करने वाले पेरिस के कूड़ा बीनने वालों ने इसे अगले सोमवार तक के लिए जारी रखने की घोषणा की है.
फ़्रांसीसी राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने इस क़दम का बचाव करते हुए कहा कि सुधार एक ज़रूरत है.
फ़्रांस के प्रधानमंत्री एलिज़ाबेथ बोर्न ने कहा है कि भविष्य में सिस्टम में एक बड़ी कमी को रोकने के लिए परिवर्तन जरूरी है. (bbc.com)
चीन, 24 मार्च । चीन में अधिकारियों ने अमेरिकी फर्म मिंट्ज़ ग्रुप के बीजिंग दफ़्तर पर छापामारी की है.
मिंट्ज़ ग्रुप एक ड्यू डिलिजेंस फर्म है जिसकी विशेषज्ञता धोखाधड़ी के मामलों की पड़ताल करने में है.
कंपनी ने कहा है कि उसके पांच स्टाफ़ को हिरासत में लिया गया है और दफ़्तर में कामकाज बंद कर दिया गया है.
हिरासत में लिए गए लोग चीन के नागरिक हैं.
छापेमारी की ये कार्रवाई सोमवार को की गई और कहा जा रहा है कि कंपनी के कर्मचारी बीजिंग से बाहर चले गए हैं.
चीनी अधिकारियों की ये कार्रवाई वाशिंगटन और बीजिंग में बढ़ रहे तनाव के बीच हुई है.
संवाददाताओं का कहना है कि इस कार्रवाई से विदेशी कंपनियों में चिंता का माहौल बढ़ेगा. चीन में स्थानीय कंपनियों के साथ कारोबार करने की उनकी क्षमता भी इससे प्रभावित होगी.
मिंट्ज़ ग्रुप का कहना है कि वो किसी गलतफहमी को दूर करने के लिए चीनी अधिकारियों के साथ सहयोग करने को तैयार हैं. (bbc.com/hindi)
वाशिंगटन, 24 मार्च अमेरिका के न्याय विभाग ने बताया कि क्रूज़ पोत पर काम करने वाले भारतीय मूल के 34 वर्षीय एक व्यक्ति को बाल यौन उत्पीड़न की सामग्री वितरित करने के जुर्म में संघीय जिला अदालत ने 15 साल जेल की सज़ा सुनाई है।
विभाग ने बृहस्पतिवार को बताया कि गोवा के रहने वाले एंजेलो विक्टर फर्नांडीस ने 2022 में संदेश भेजने वाले एक ऐप से डेनियल स्कॉट क्रो को बच्चों से जुड़े 13 अश्लील वीडियो भेजे थे।
फर्नांडीस ने बच्चों का यौन उत्पीड़न करने को लेकर क्रो से बातचीत भी की थी।
संघीय अभियोजक ने आरोप लगाया कि इसके अलावा एक अज्ञात शख्स से बात करते हुए फर्नांडिस ने बच्चों के उत्पीड़न का जिक्र किया था।
क्रो ने एक नाबालिग को फुसलाने और बाल अश्लील फिल्म बनाने का गुनाह स्वीकार किया था।
मीडिया रिलीज़ में कहा गया है कि उसे 12 दिसंबर 2022 को 30 साल जेल की सज़ा सुनाई गई थी। (भाषा)
वाशिंगटन, 24 मार्च नासा अमेरिकी अंतरिक्ष यात्रियों को 2024 के अंत तक चंद्रमा की सतह पर वापस भेजने की योजना बना रहा है। यह आने वाले दशकों में अंतरिक्ष के अन्वेषण की व्यापक योजना की शुरूआत भर होगी क्योंकि अमेरिका और चीन दोनों की चंद्रमा पर स्थायी मानव उपस्थिति स्थापित करने की योजना है।
आपका पहला सवाल हो सकता है: अभी क्यों?
संक्षिप्त उत्तर चंद्रमा पर पानी की अपेक्षाकृत हाल की खोज है। लेकिन गहरा और शायद अधिक महत्वपूर्ण सवाल यह है कि प्रतिस्पर्धी अंतरिक्ष एजेंसियां पृथ्वी के उपग्रह पर सीमित संसाधनों को देखते हुए इस उपलब्धि को कैसे हासिल करेंगी।
द कन्वरसेशन वीकली की इस कड़ी में, हम दो लोगों से चंद्रमा पर स्थायी मानव उपस्थिति के रास्ते में विभिन्न देशों के सामने आने वाली चुनौतियों पर बात करते हैं। इन लोगों में एक ग्रह वैज्ञानिक है जो चंद्रमा के भूविज्ञान का अध्ययन करते हैं, और एक अंतरिक्ष कानून के जानकार वकील जो अंतरिक्ष नीति और भू-राजनीति का अध्ययन करते हैं।
जब अपोलो अंतरिक्ष यात्री 1960 के दशक के अंत और 1970 के दशक की शुरुआत में पहली बार चंद्रमा की चट्टानों को मिट्टी लाए थे, तो वैज्ञानिकों को नमूनों में पानी या किसी भी उपयोगी चीज का कोई संकेत नहीं मिलने से निराशा हुई। चाँद बंजर जगह लग रहा था।
कुछ दशकों में इस दिशा में तेजी से प्रगति हुई और दो संयोगी घटनाओं ने चंद्रमा के भविष्य को बदल दिया - निजी अंतरिक्ष क्षेत्र में अचानक उछाल और चंद्रमा की सतह पर गड्ढों में जमे हुए पानी की खोज। अचानक, चंद्रमा पर एक आधार स्थापित करना न केवल वांछनीय था, बल्कि संभव भी था।
‘‘यदि आप मनुष्यों के साथ अंतरिक्ष की खोज करना चाहते हैं, तो पानी सबसे महत्वपूर्ण वस्तुओं में से एक बन जाता है,’’ यूके में ओपन यूनिवर्सिटी में ग्रह विज्ञान और अन्वेषण के प्रोफेसर महेश आनंद बताते हैं, ‘‘हमें जीवित रहने के लिए पानी की आवश्यकता है, लेकिन पानी इसके अलग-अलग घटकों में विभाजित हो सकता है, जैसे ऑक्सीजन, जिसकी हमें सांस लेने के लिए आवश्यकता होती है। लेकिन चंद्रमा पर कई अन्य संसाधन हैं, और जैसा कि आनंद बताते हैं, ‘‘पानी वह जगह है जहां से कहानी शुरू होती है, लेकिन यह वहां खत्म नहीं होती है। आप जहां हैं, वहीं संसाधनों का उपयोग वास्तव में चंद्र अन्वेषण के क्षेत्र को खोल रहा है।
यूएस आर्टेमिस कार्यक्रम, जिसने 2022 में अपना पहला लॉन्च किया था, चंद्रमा की सतह के साथ-साथ इसके चारों ओर कक्षा में एक अंतरिक्ष स्टेशन बनाने की योजना की शुरुआत है।
इन चंद्र महत्वाकांक्षाओं में अमेरिका और उसके सहयोगी अकेले नहीं हैं - चीन की भी 2030 से पहले चंद्रमा पर स्थायी उपस्थिति स्थापित करने की योजना है। और दोनों समूह स्पष्ट रूप से इन लक्ष्यों को पूरा करने के लिए चंद्र संसाधनों का उपयोग करने की योजना बना रहे हैं।
यह सब कानूनी रूप से कैसे काम करता है यह एक खुला प्रश्न है जिस पर अभी संयुक्त राष्ट्र जैसे अंतरराष्ट्रीय मंचों पर बहस हो रही है, लेकिन किताबों पर कुछ समझौते पहले से ही हैं।
“अंतरिक्ष के बारे में बिना किसी नियम के वाइल्ड वेस्ट के रूप में सोचना मजेदार है। लेकिन ऐसा नहीं है। हमारे पास बाहरी अंतरिक्ष संधि है,’’
अमेरिका में मिसिसिपी विश्वविद्यालय में कानून के प्रोफेसर मिशेल हैनलोन बताते हैं कि इस संधि पर अधिकांश देशों ने हस्ताक्षर किए हैं और राष्ट्रों को अंतरिक्ष में कैसे कार्य करना चाहिए, इसके लिए रूपरेखा तैयार की है।
हैनलॉन कहते हैं, ‘‘बाहरी अंतरिक्ष संधि के मुख्य प्रावधान कहते हैं कि अंतरिक्ष हर किसी के लिए है।’’
‘‘कोई भी अंतरिक्ष में किसी भी क्षेत्र का दावा नहीं कर सकता है, यह सभी के द्वारा अन्वेषण और उपयोग के लिए स्वतंत्र है, और चंद्रमा और सभी खगोलीय पिंडों का उपयोग विशेष रूप से शांतिपूर्ण उद्देश्यों के लिए किया जाएगा।’’
अंतरिक्ष कानून के उच्च विचारधारा वाले आदर्श तेजी से मानवता की वास्तविकता के साथ टकराव की ओर बढ़ रहे हैं - और हमारे सभी भू-राजनीति और प्रतिस्पर्धी हितों को हमारे साथ ला रहे हैं। चंद्रमा के भविष्य को लेकर बड़े वैज्ञानिक, कानूनी और नैतिक सवालों पर राष्ट्र कैसे नेविगेट कर रहे हैं, यह जानने के लिए पूरा एपिसोड सुनें। (द कन्वरसेशन)
वाशिंगटन, 24 मार्च । उत्तर कोरिया ने दावा किया है कि उसने पानी के भीतर ड्रोन अटैक का परीक्षण किया है.
अमेरिका और दक्षिण कोरिया के ताज़ा सैन्य अभ्यास को रोकने के लिए उत्तर कोरिया की ये ताज़ा वॉर्निंग है.
उत्तर कोरिया के सरकारी मीडिया ने कहा है कि न्यूक्लियर वॉर हेड से लैस ड्रोन दुश्मन को तबाह कर देगा.
इस बारे में उत्तर कोरिया के नेता किम जोंग उन की एक तस्वीर भी जारी की गई जिसमें वो 'टॉरपीडो' जैसी किसी चीज़ के साथ दिखाई दे रहे हैं.
दक्षिण कोरिया और अमेरिका एक महत्वाकांक्षी युद्धाभ्यास कर रहे हैं.
कहा जा रहा है कि बीते सालों में इतने बड़े पैमाने पर दोनों देशों ने ऐसा युद्धाभ्यास नहीं किया था.
दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति यून सुक योल ने वादा किया है कि उत्तर कोरिया को उसकी लापरवाही भरी उकसावे की कार्रवाई की क़ीमत चुकानी होगी.
उन्होंने कहा था कि उत्तर कोरिया लगातार अपने परमाणु हथियारों की क्षमता को विकसित कर रहा है. (bbc.com/hindi)
कनाडा की जनसंख्या में हाल ही में 2.7% फीसदी की वृद्धि 1957 के बाद से सबसे बड़ी वृद्धि है. व्यापक रिक्तियों, श्रम की कमी और बढ़ती उम्र की स्थानीय आबादी के कारण, सरकार ने आप्रवासन कानूनों में ढील दी है.
कनाडा की सरकार ने कहा है कि आप्रवासन के कारण देश की आबादी में दस लाख से ऊपर की वृद्धि हुई है और ऐसा पहली बार हुआ है. सांख्यिकी कनाडा ने कहा है कि साल 2022 में देश की जनसंख्या में अनुमानित 10,50,110 की वृद्धि हुई है और अब देश की आबादी 39,566,248 के करीब पहुंच गई है.
कनाडा की जनसंख्या में हाल ही में 2.7 फीसदी की वृद्धि 1957 के बाद से सबसे बड़ी वृद्धि है. युद्ध की समाप्ति और युद्ध के बाद ज्यादा बच्चे पैदाहोने और बड़े पैमाने विदेशी रिफ्यूजी के आने के कारण उस वर्ष जनसंख्या में 3.3 फीसदी की वृद्धि हुई थी.
सांख्यिकी एजेंसी के अनुसार, "2022 में कनाडा की रिकॉर्ड जनसंख्या वृद्धि कुछ अलग थी क्योंकि उस वर्ष कुल वृद्धि का 95 प्रतिशत अकेले अंतरराष्ट्रीय प्रवासन के लिए जिम्मेदार था. और यह श्रम कानूनों में कनाडा की ढिलाई के कारण था."
एजेंसी के अनुसार, "रिक्तियों की उच्च संख्या और कर्मचारियों की कमी ऐसे समय में आई है जब स्थानीय आबादी तेजी से बूढ़ी हो रही है और बेरोजगारी दर रिकॉर्ड स्तर पर नीचे है."
2.7 फीसदी की जनसंख्या वृद्धि दर ने कनाडा को दुनिया के शीर्ष 20 देशों में शामिल कर दिया है. इससे पहले सबसे तेज जनसंख्या वृद्धि वाले लगभग सभी देश अफ्रीका में थे.
सांख्यिकी एजेंसी के अनुसार, "अगर आने वाले वर्षों में यह वृद्धि जारी रही, तो जनसंख्या वृद्धि की यह दर लगभग 26 वर्षों में कनाडा की जनसंख्या को दोगुना कर देगी."
एए/वीके (डीपीए, रॉयटर्स)
फ़्रांस में पेंशन मिलने की उम्र बढ़ाने के ख़िलाफ़ हो रहे विरोध प्रदर्शनों में बोर्दो टाउन हॉल में आग लगा दी गई.
फ़्रांस में गुरुवार को लाखों लोग विरोध प्रदर्शन के लिए सड़कों पर उतरे. गृह मंत्रालय के मुताबिक़ राजधानी पेरिस में क़रीब एक लाख 19 हज़ार लोग प्रदर्शन में शामिल हुए.
पेरिस में विरोध प्रदर्शन कर रहे लोगों पर पुलिस ने आंसू गैस के गोले छोड़े और पूरे देश में 80 लोग गिरफ़्तार किए गए.
फ़्रांस में सेवानिवृत्ति की उम्र बढ़ाकर 64 करने को लेकर विधेयक लाया गया है जिसका विरोध हो रहा है.
गुरुवार शाम को प्रदर्शनकारियों ने टाउन हॉल में आग लगी दी जिसमें इमारत का दरवाज़ा बुरी तरह झुलस गया. प्रदर्शनकारियों की इस दौरान पुलिस से झड़प भी हुई.
आग को तुरंत बुझा लिया गया, लेकिन फ़िलहाल ये स्पष्ट नहीं हुआ है कि आग किसने लगाई थी.
एक प्रदर्शनकारी ने समाचार एजेंसी रॉयटर्स से कहा, ''मैं इस सुधार के विरोध में हूं. यहां पर लोकतंत्र का कोई मतलब नहीं रह गया है. हमारा कोई प्रतिनिधित्व नहीं है और हम इससे तंग आ चुके हैं.''
एक अन्य प्रदर्शनकारी ने समाचार एजेंसी एएफ़पी से कहा, ''इस विरोध प्रदर्शन के ज़रिए हम अपनी आवाज़ पहुंचाना चाहते हैं क्योंकि दूसरे किसी तरीक़े से ये सुधार वापस नहीं लिया जाएगा.''
विरोध प्रदर्शन के चलते रेल यातायात और तेल रिफ़ाइनरी का काम प्रभावित हुआ और कुछ लोगों को चोटें भी आईं.
ब्रिटेन की संसद ने सुरक्षा चिंताओं के चलते चीन के सोशल मीडिया ऐप टिकटॉक पर प्रतिबंध लगा दिया है. अब संसद के वाई-फ़ाई नेटवर्क से इसका इस्तेमाल नहीं किया जा सकेगा.
एक प्रवक्ता ने बताया कि ब्रिटेन की सरकार ने सुरक्षा संबंधी समीक्षा करने के बाद फ़ैसला लिया है कि मंत्री अपने फ़ोन पर इस ऐप का इस्तेमाल नहीं कर सकेंगे.
उन्होंने बताया कि कई सांसद इस ऐप का इस्तेमाल करते हैं. इसके साथ ही स्टाफ़ को दिए गए उपकरणों से भी टिकटॉक को हटाया जाएगा.
टिकटॉक ने इन आरोपों से साफ़ इनकार किया है कि वो अपने यूज़र्स का डेटा चीन की सरकार को देता है.
अपने बयान में कंपनी ने ससंद के इस फ़ैसले को ग़लतफ़हमियों पर आधारित बताया है.
इस प्रतिबंध के बाद सभी सांसद और संसद आने वाले मेहमान संसद के वाई-फ़ाई नेटवर्क से अपने उपकरणों पर टिकटॉक का इस्तेमाल नहीं कर पाएंगे.
हालांकि, वो अपने मोबाइल डेटा से अपने फ़ोन पर टिकटॉक का इस्तेमाल कर सकेंगे. (bbc.com/hindi)
लाहौर, 23 मार्च | पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान ने दावा किया है कि पंजाब और इस्लामाबाद के पुलिस प्रमुखों ने अपने साथियों के साथ मिलकर उन्हें मारने की साजिश रची है। डॉन न्यूज ने पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) प्रमुख के हवाले से एक बयान में कहा, "पंजाब और इस्लामाबाद के आईजी ने दो अलग-अलग दस्तों का गठन किया है, जो पीटीआई कार्यकर्ताओं में शामिल होंगे और पुलिस पर गोलियां चलाएंगे.. एक सशस्त्र प्रतिशोध को भड़काने के लिए और अंतत: (घर के अंदर) पहुंचेंगे और एक या दो दिन में मेरी हत्या कर देंगे।"
उन्होंने आरोप लगाया, "आईजी और आकाओं ने मॉडल टाउन जैसी हत्या की योजना बनाई है।"
इस कथित योजना के आलोक में पीटीआई अध्यक्ष ने अपने समर्थकों को हिदायत भी जारी की है कि वे किसी भी कीमत पर पुलिस को भड़काएं नहीं।
खान ने कहा, "अगर पुलिस किसी वारंट या किसी अन्य मामले के लिए मुझसे संपर्क करना चाहती है, तो उन्हें मुझसे सीधे संपर्क करने दें।"
उन्होंने कहा, "भले ही मुझे गिरफ्तार कर लिया जाए और वे मुझे जेल ले जाने की कोशिश करें, मैं खुशी-खुशी जेल जाऊंगा।"
"मौजूदा सरकार और मुझे मारने की उसकी योजना विफल रही और अब वे चिड़चिड़े हो गए हैं और नए नए तरीके ढूंढ रहे हैं।"
पीटीआई प्रमुख ने समझाया और कहा कि सरकार को पता होना चाहिए कि आंदोलन नहीं रोका जाएगा। उन्होंने कहा, "आखिरी गेंद तक लड़ाई लड़ें क्योंकि सरकार डर का माहौल बनाना चाहती है ताकि कोई भी खड़ा होकर उनके गलत काम के बारे में सवाल न करे।" (आईएएनएस)
न्यूजीलैंड में युवाओं को ब्रेकअप के दर्द से उबरने में मदद करने के लिए "लव बेटर" नाम के अभियान की शुरुआत की गई है. सभी विकसित देशों के बीच न्यूजीलैंड में युवाओं द्वारा आत्महत्या की दर सबसे ऊंची दरों में से है.
"ब्रेकअप बहुत बुरे होते हैं...लेकिन आप अपनी मदद कर सकते हैं. इस अहसास को स्वीकार कीजिए." एक शांतिदायक आवाज में यह संदेश दिल टूटने के दर्द से गुजर रहे न्यूजीलैंड के युवाओं के लिए सोशल मीडिया पर चलाया जा रहा है.
इसके तहत ब्रेकअप होने पर क्या करें इसे लेकर सलाह और मदद उपलब्ध कराई जा रही है. "लव बेटर" अभियान को पॉडकास्टों में और इंस्टाग्राम जैसे युवाओं के बीच लोकप्रिय सोशल मीडिया मंचों तक पहुंचाया जाएगा.
ताकि ब्रेकअप के दर्द को कम किया जा सके
डाटा एनालिसिस कंपनी 'कान्तार' के मुताबिक न्यूजीलैंड में हर 10 में से छह 16 से 24 साल की उम्र के युवा ब्रेकअप से गुजर चुके हैं और इनमें ऐसे युवाओं की बड़ी संख्या है जिन्होंने इसकी वजह से या तो "नुकसानदेह असर का अनुभव" किया है या उन्होंने खुद कुछ नुकसानदेह किया है.
यूनिसेफ के मुताबिक देश में विकसित देशों के युवाओं द्वारा आत्महत्या की दर सबसे ऊंची दरों में से है. ये नया अभियान खुद को "ताजा ब्रेकअप से गुजरे लोगों का एक समुदाय" बता रहा है जो "ताजा ब्रेकअप से गुजरे लोगों के थोड़े से दर्द को बहुत बड़ा दर्द बना जाने से रोकने में मदद कर रहा है."
इसके वीडियो में ऐसे युवाओं को दर्शाया गया है जो खुद ब्रेकअप से गुजरे हैं. वो वीडियो में बताते हैं कि उन्होंने ब्रेकअप का कैसे सामना किया. एक बेचैन युवा कहता है, "मुझे ये करना पड़ेगा, सच में. यह बेतुका होता जा रहा है. मुझे रात को सोना है. मुझे उससे उबरना है."
दूसरे युवाओं का सहारा
यह कह कर वो युवा सोशल मीडिया पर अपनी पूर्व क्रश को ब्लॉक कर देता है. न्यूजीलैंड की सरकार में सामाजिक विकास की एसोसिएट मंत्री प्रियंका राधाकृष्णन ने बताया कि सरकार इस अभियान पर तीन सालों में 39 लाख रुपये खर्च करेगी.
राधाकृष्णन कहती हैं, "हमें मालूम है कि ब्रेकअप दर्द देते हैं. हम अपने युवाओं को सहारा देना चाहते हैं...और उन्हें बताना चाहते हैं कि बिना खुद का या दूसरों का नुकसान किए भी इससे निकलने का एक तरीका है."
उन्होंने यह भी बताया कि "लव बेटर" एक "प्राथमिक निवारण कार्यक्रम" है ताकि युवा "उन्हीं के जैसे अनुभवों से गुजर रहे उनके साथियों की मदद करने के लिए उनके साथ असली कहानियां" साझा कर पाएं.
सीके/एए (एएफपी)
सुमी खान
ढाका, 23 मार्च | बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना ने अपनी सरकार की आश्रयन-2 परियोजना के तहत बेघर लोगों को 39,365 घर सौंपे हैं। यह योजना भूमिहीन लोगों के लिए आवास सुनिश्चित करती है।
प्रधानमंत्री ने बुधवार को अपने आधिकारिक आवास, गणभवन से एक कार्यक्रम के माध्यम से परियोजना के चौथे चरण में घर सौंपे।
साथ ही उन्होंने सात जिलों और 159 उपजिलों को बेघर और भूमिहीन-मुक्त घोषित किया, ऐसे जिलों की कुल संख्या नौ और उपजिलों की संख्या 211 हो गई।
इससे पहले, प्रधानमंत्री ने पंचगढ़ और मगुरा को बेघर और भूमिहीन मुक्त जिला घोषित किया था।
इस बीच, परियोजना के तहत वितरित घरों की कुल संख्या वर्तमान में 2,15,827 है।
समावेशी विकास में 'शेख हसीना मॉडल' के रूप में डब की गई आश्रयन-2 परियोजना के बाद से, बिजली, पीने के पानी, स्कूलों, मस्जिदों और कब्रिस्तानों और खेती के लिए भूमि सहित सभी नागरिक सुविधाओं को सुनिश्चित करने के लिए परियोजना स्थलों को एक एकीकृत ²ष्टिकोण के साथ विकसित किया गया है।
परियोजना के तहत, 1997 से अब तक कुल 7,71,301 परिवारों का पुनर्वास किया जा चुका है।
पुनर्वासित लोगों की संख्या 38,56,505 है।
बंगबंधु शेख मुजीबुर रहमान ने पहली बार 1972 में बेघर लोगों के लिए पुनर्वास कार्यक्रम की शुरूआत की थी। (आईएएनएस)
स्टॉकहोम, 23 मार्च | स्वीडन के सांसदों ने देश के नाटो में शामिल होने के पक्ष में भारी मतदान किया है। समाचार एजेंसी सिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार, बुधवार को पक्ष में 269 और विरोध में 37 वोट पड़े।
तैंतालीस सांसद अनुपस्थित थे और देश की संसद (रिक्सडाग) में प्रतिनिधित्व करने वाले आठ दलों में से दो - वाम दल और ग्रीन पार्टी - ने प्रस्ताव के खिलाफ मतदान किया।
नाटो के 30 सदस्यों में स्वीडन और फिनलैंड को शामिल करने में हंगरी और तुर्की रोड़ा बने हुए हैं।
साथ ही बुधवार को, वामपंथी पार्टी और ग्रीन पार्टी द्वारा शांति और युद्ध दोनों स्थिति में स्वीडन में परमाणु हथियारों को गैरकानूनी घोषित करने के प्रस्ताव को हरा दिया गया।
स्वीडन और फिनलैंड ने 2022 में नाटो में शामिल होने के लिए आवेदन दिया था, लेकिन तुर्की ने इस आधार पर आपत्ति जताई कि दोनों देश कुर्दिस्तान वर्कर्स पार्टी (पीकेके) के सदस्यों को शरण देते हैं, जिन्हें तुर्की एक आतंकवादी समूह मानता है।
नाटो में कोई देश तभी शामिल हो सकता है जब इस गठबंधन के सभी सदस्य एकमत हों।
17 मार्च को, तुर्की के राष्ट्रपति रेसेप तैयप एर्दोगन ने फिनलैंड की नाटो सदस्यता बोली पर सहमति जताई लेकिन स्वीडन की बोली को टाल दिया। (आईएएनएस)
(योषिता सिंह)
संयुक्त राष्ट्र, 23 मार्च। संयुक्त राष्ट्र के महासचिव एंतोनियो गुतारेस ने आगाह किया कि आने वाले दशकों में ग्लोबल वार्मिंग के कारण हिमनद घटने से भारत के लिए बेहद महत्वपूर्ण सिंधु, गंगा और ब्रह्मपुत्र जैसी प्रमुख हिमालयी नदियों में जल प्रवाह कम हो सकता है।
‘इंटरनेशनल ईयर ऑफ ग्लेशियर प्रिजर्वेशन’ पर बुधवार को आयोजित एक कार्यक्रम में गुतारेस ने कहा, ‘‘हिमनद पृथ्वी पर जीवन के लिए आवश्यक हैं। दुनिया के 10 प्रतिशत हिस्से में हिमनद हैं। हिमनद दुनिया के लिए जल का एक बड़ा स्रोत भी हैं।’’
गुतारेस ने चिंता व्यक्त की कि मानव गतिविधियां ग्रह के तापमान को खतरनाक नए स्तरों तक ले जा रही है और ‘‘पिघलते हुए हिमनद बेहद खतरनाक हैं।’’
अंटार्कटिका में हर साल औसतन 150 अरब टन बर्फ घट रही है, जबकि ग्रीनलैंड की बर्फ और भी तेजी से पिघल रही है। वहां हर साल 270 अरब टन बर्फ पिघल रही है।
एशिया की 10 प्रमुख नदियां हिमालय क्षेत्र से निकलती हैं, जो इसके जलसम्भर में रहने वाले 1.3 अरब लोगों को जल की आपूर्ति करती हैं।
गुतारेस ने कहा, ‘‘ जैसे-जैसे आने वाले दशकों में हिमनद और बर्फ की चादरें घटेंगी, वैसे-वैसे सिंधु, गंगा और ब्रह्मपुत्र जैसी प्रमुख हिमालयी नदियों में इसका प्रभाव दिखेगा और उनका जल प्रवाह कम होता जाएगा।’’
उन्होंने कहा कि दुनिया पहले ही देख चुकी है कि कैसे हिमालय पर बर्फ के पिघलने से पाकिस्तान में बाढ़ की स्थिति बिगड़ गई है। वहीं समुद्र का बढ़ता स्तर और खारे पानी का प्रवेश इन विशाल ‘डेल्टा’ के बड़े हिस्से को नष्ट कर देगा।
यह कार्यक्रम संयुक्त राष्ट्र 2023 जल सम्मेलन के मौके पर आयोजित किया गया।
जल सम्मेलन में औपचारिक रूप से जल व स्वच्छता पर कार्रवाई के लिए संयुक्त राष्ट्र के एक दशक (2018-2028) में किए जाने वाले कार्यों की मध्यावधि समीक्षा की गई। यह सम्मेलन संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय में अभी जारी है।
ताजिकिस्तान और नीदरलैंड इसकी मेजबानी कर रहे हैं। बाइस से 24 मार्च तक जारी सम्मेलन में जो भी निकलकर आएगा, उसे सतत विकास पर संयुक्त राष्ट्र के उच्च-स्तरीय राजनीतिक मंच के 2023 सत्र में शामिल किया जाएगा। (भाषा)
युगांडा, 22 मार्च । युगांडा की संसद ने एक विधेयक पारित किया है जिसके क़ानून बन जाने पर गे या सेक्शुअल माइनॉरिटी के रूप में अपनी पहचान बताने वाले लोगों को अपराधी माना जाएगा.
अगर राष्ट्रपति इस पारित विधेयक पर हस्ताक्षर करने के बाद इसे क़ानून का रूप देते हैं तो दोषी पाए जाने वालों को सालों-साल जेल की सज़ा काटनी पड़ सकती है.
प्रस्तावित क़ानून में समलैंगिक रिश्तों में रहने वालों के दोस्त, परिवार और समुदाय के अन्य सदस्यों का ये फ़र्ज़ है कि वो इसकी शिकायत करें.
इस पूर्वी अफ़्रीकी देश में समलैंगिक गतिविधियां पहले से ही गै़र-क़ानूनी हैं.
लेकिन नया विधेयक लोगों को उनकी लैंगिक पहचान के आधार पर अपराधी बनाने की बात करता है.
ये बिल पहली बार इसी महीने की शुरुआत में पेश किया गया था और मंगलवार को इसे संसद में भारी मत से पारित किया गया.
अब बिल को युगांडा के राष्ट्रपति मुसेवेनी के पास भेजा जाएगा, जो इस पर वीटो का इस्तेमाल कर सकते हैं या फिर हस्ताक्षर कर के इसे क़ानून का रूप भी दे सकते हैं.
समलैंगिक रिश्ते 30 अफ़्रीकी देशों में प्रतिबंधित हैं. (bbc.com/hindi)
लंदन, 22 मार्च महान टेनिस खिलाड़ी मार्तिना नवरातिलोवा ने कहा है कि वह गले और स्तन के कैंसर से उबर चुकी हैं और मियामी ओपन के जरिये टीवी चैनल के लिये अपने काम पर लौट आई हैं ।
18 बार की ग्रैंड स्लैम एकल चैम्पियन ने कहा ,‘‘ वापसी करके अच्छा लग रहा है । यहां आकर रोमांचित हूं । काम करके खुश हूं ।’’
उन्होंने कहा कि कैंसर के उपचार के दौरान उनका स्वाद चला गया और 15 पाउंड वजन भी कम हो गया । वह आस्ट्रेलियाई ओपन और बीएनपी परीबस ओपन में टीवी पर नजर नहीं आई ।
उन्होंने एक इंटरव्यू में कहा ,‘‘ जहां तक मुझे डॉक्टरों ने बताया है कि अब मुझे कैंसर नहीं है । मैं चेकअप कराती रहूंगी । ’’
नवरातिलोवा को 2010 में स्तर के कैंसर का पता चला था । (एपी)
इस्लामाबाद, 22 मार्च पाकिस्तान के कुछ हिस्सों में मंगलवार को 6.8 तीव्रता का भूकंप आया, जिसमें नौ लोगों की मौत हो गई और 160 से अधिक लोग घायल हो गए। स्थानीय मीडिया ने यह जानकारी दी।
वहीं ‘द एसोसिएटेड प्रेस’ की खबर के अनुसार, अफगानिस्तान में भूकंप से दो लोगों की जान चली गई।
पाकिस्तान मौसम विज्ञान विभाग के अनुसार, भूकंप का केंद्र अफगानिस्तान के हिंदू कुश क्षेत्र में 180 किलोमीटर की गहराई में था। भारत में भूकंप के झटके राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली सहित, देश के उत्तरी हिस्सों में भी महसूस किए गए।
विभाग के मुताबिक, पाकिस्तान में भूकंप के झटके लाहौर, इस्लामाबाद, रावलपिंडी, क्वेटा, पेशावर, लक्की मरवत, गुजरांवाला, गुजरात, सियालकोट, कोट मोमिन, मढ़ रांझा, चकवाल, कोहाट और गिलगित-बल्तिस्तान इलाकों में महसूस किए गए।
टेलीविजन पर प्रसारित फुटेज में डर के कारण लोग सड़कों पर निकलते नजर आए।
पेशावर में प्रांतीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (पीडीएमए) ने ट्वीट किया कि खैबर-पख्तूनख्वा प्रांत में पांच पुरुष, दो महिलाओं और दो बच्चों सहित नौ लोगों की मौत हो गई।
समाचार पत्र ‘डॉन’ की खबर के अनुसार, इस्लामाबाद में एक पुरुष और एबटाबाद में 13 साल की लड़की की मौत भूकंप आने के बाद अचानक दिल का दौरा पड़ने से हो गई।
समाचार पत्र ‘द एक्सप्रेस ट्रिब्यून’ की खबर के अनुसार, भूकंप के कारण रावलपिंडी के बाजार में भगदड़ मचने की सूचना मिली है। स्वात में करीब 150 लोग घायल हुए हैं, जहां अस्पतालों में आपात स्थिति घोषित कर दी गई है।
भूकंप के झटके गिलगित-बल्तिस्तान (जीबी) के पहाड़ी क्षेत्र में भी महसूस किए गए, जिससे वहां भूस्खलन हुआ। हालांकि, तत्काल किसी तरह के जानमाल के नुकसान की खबर नहीं है।
बचाव अधिकारियों ने बताया कि भूस्खलन से यासीन घाइजर में एक पशु पालन केंद्र क्षतिग्रस्त हो गया, जिससे कुछ पशुओं की मौत हो गई।
सूत्रों ने बताया कि भूस्खलन के कारण जीबी के दियामेर जिले की सीमा के पास कोहिस्तान के हरबन क्षेत्र में काराकोरम राजमार्ग अवरुद्ध हो गया, जिससे कई लोग दोनों तरफ फंसे हुए हैं।
इस्लामाबाद के पड़ोसी शहर रावलपिंडी में कई इमारतों में दरारें दिखीं।
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शाहबाज शरीफ ने आपदा प्रबंधन अधिकारियों को किसी भी स्थिति से निपटने के लिए तैयार रहने को कहा है।
‘द एक्सप्रेस ट्रिब्यून’ की खबर के अनुसार, संघीय स्वास्थ्य मंत्री अब्दुल कादिर पटेल के निर्देश पर संघीय राजधानी के अस्पतालों में ‘आपात स्थिति’ घोषित की गई है।
अफगानिस्तान के लोक स्वास्थ्य मंत्रालय के प्रवक्ता शराफत जमां अमरखेल ने बताया कि सभी चिकित्सकीय केंद्रों के प्रमुखों को भूकंप संबंधी घटनाओं के हताहतों के उपचार के लिए कर्मचारियों को तैयार रखने का निर्देश दिया गया है।
अंतरराष्ट्रीय भूकंपीय केंद्र के मुताबिक, पाकिस्तान के अलावा भारत, अफगानिस्तान, तुर्कमेनिस्तान, कजाकिस्तान, ताजिकिस्तान, उज्बेकिस्तान, चीन और किर्गिस्तान में भी भूकंप के झटके महसूस किए गए।
पाकिस्तान में अक्सर भूकंप आते रहते हैं। इस साल जनवरी में इस्लामाबाद में 6.3 तीव्रता का भूकंप आया था। ज्ञात इतिहास का सबसे भीषण भूकंप देश में 2005 में आया था, जिसमें 74,000 से अधिक लोग मारे गए थे। (भाषा)
इस्लामाबाद/काबुल, 22 मार्च | पाकिस्तान और अफगानिस्तान में 6.5 तीव्रता के शक्तिशाली भूकंप के बाद कम से कम 12 लोग मारे गए, जिसने दोनों पड़ोसी देशों को दहला दिया, साथ ही उत्तर भारत में भी झटके महसूस किए गए। समाचार एजेंसी शिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार, यूएस जियोलॉजिकल सर्वे (यूएसजीएस) के अनुसार, 187.589 किमी की गहराई के साथ मंगलवार की रात के भूकंप का केंद्र शुरू में अफगानिस्तान के जुर्म शहर में 36.5227 डिग्री उत्तरी अक्षांश और 70.9787 डिग्री पूर्वी देशांतर पर निर्धारित किया गया था।
खैबर पख्तूनख्वा में आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने बुधवार को एक बयान में कहा कि पाकिस्तानी प्रांत में पांच पुरुष, दो महिलाएं और दो बच्चे मारे गए।
प्राधिकरण ने कहा कि कम से कम 21 महिलाएं, 19 पुरुष और सात बच्चे भी घायल हुए हैं और उन्हें इलाज के लिए विभिन्न अस्पतालों में भर्ती कराया गया है।
भूकंप के चलते आए भूस्खलन ने एबटाबाद शहर के साथ-साथ कोहिस्तान के हरबन क्षेत्र में काराकोरम राजमार्ग को भी अवरुद्ध कर दिया है।
रावलपिंडी, इस्लामाबाद, लाहौर, मनसेहरा, एबटाबाद, मुजफ्फराबाद, पेशावर, हरिपुर, मर्दन, चित्राल, चारसद्दा सहित प्रमुख पाकिस्तानी शहरों में भी भूकंप के झटके महसूस किए गए।
डॉन न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार, इस्लामाबाद के वीडियो में भूकंप के चलते दहशत में आए लोगों को दिखाया गया है, खासकर ऊंची इमारतों में रहने वाले लोग अपने घरों से बाहर निकलते हुए देखे गए।
शुरूआती रिपोर्ट्स के मुताबिक, रावलपिंडी के अल-जनात मॉल और इस्लामाबाद की इमारतों में दरारें दिखाई दीं।
भूकंप के बाद, आपातकालीन प्रतिक्रिया केंद्र स्थापित किए गए और उत्तर पश्चिम पाकिस्तान के अस्पतालों में आपातकाल घोषित कर दिया गया।
प्रधानमंत्री शाहबाज शरीफ ने राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण और अन्य संस्थानों को किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए तैयार रहने का आदेश दिया।
इस बीच, अफगानिस्तान के तखार प्रांत में दो लोगों की मौत हो गई और लगमन में तीसरी मौत हो गई।
सार्वजनिक स्वास्थ्य मंत्रालय के प्रवक्ता शराफत जमां अमर ने बुधवार को कहा कि कम से कम 44 लोग घायल भी हुए हैं। हताहतों की संख्या बढ़ सकती है। फिलहाल खोज और बचाव अभियान चल रहा है।
कार्यवाहक आंतरिक मंत्री सरजुद्दीन हक्कानी ने संबंधित निकायों को प्रभावित परिवारों को मानवीय सहायता प्रदान करने का निर्देश दिया है।
पूरे उत्तर भारत में, कश्मीर से लेकर दिल्ली-एनसीआर तक भी भूकंप के झटके महसूस किए गए और सोशल मीडिया पर लोगों ने पंखों और उपकरणों के हिलने की सूचना दी, जबकि कई लोग अपने घरों से बाहर भाग गए।
भारत में किसी के हताहत होने या घायल होने की कोई खबर नहीं है।(आईएएनएस)
वाशिंगटन, 22 मार्च । अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने आशंका जताई है कि साल 2016 में पोर्न स्टार स्टॉर्मी डेनिएल्स को एक लाख तीस हज़ार डॉलर का भुगतान करने के मामले में उन्हें गिरफ़्तार किया जा सकता है.
इस मामले में आगे क्या होगा, यह न्यू यॉर्क सिटी डिस्ट्रिक्ट अटॉर्नी एल्विन ब्राग पर निर्भर करेगा.
लेकिन अगर ट्रंप पर आपराधिक मामला दर्ज होता है, तो वह गिरफ़्तार होने वाले पहले पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति होंगे.
उन्होंने आरोपों का खंडन किया है. इस मामले में अब तक क्या-क्या मालूम है, आइए जानते हैं...
स्टॉर्मी डेनिएल्स कौन हैं?
स्टॉर्मी डेनिएल्स का असली नाम स्टेफ़नी क्लिफ़ोर्ड है जिनका जन्म लुइसियाना में 1979 में हुआ था.
उन्होंने पहले पॉर्न फ़िल्म इंटस्ट्री में अभिनेत्री के तौर पर काम करना शुरू किया था. साल 2004 के बाद से वह राइटर और डायरेक्टर के तौर पर भी काम करने लगीं.
स्टेज़ परफॉर्मर के लिए उनके नए नाम के पीछे भी एक दिलचस्प कहानी है.
उनके नाम में स्टॉर्मी शब्द मशहूर अमेरिकी बैंड मोत्ले क्रीयू के बेस गिटारिस्ट निक्की सिक्स की बेटी स्टॉर्म से लिया गया है जबकि डेनिएल्स, अमेरिकी व्हिस्की ब्रांड जैक डेनिएल्स से लिया गया है.
अमेरिका के दक्षिणी हिस्से से आने वाली क्लिफ़ोर्ड ने इस व्हिस्की का एक विज्ञापन देखा था जिसमें दावा किया था कि 'ये दक्षिणी अमेरिका में रहने वाले लोगों की पसंदीदा ड्रिंक है'.
हालांकि, द 40-ईयर ओल्ड वर्जिन और कॉनक्ड अप जैसी फ़िल्मों में कैमियो रोल और पॉप बैंड मैरून फाइव के म्यूज़िक वीडियो के गाने वेक अप कॉल ने उन्हें थोड़ी लोकप्रियता दिलाई.
साल 2010 में लुइसियाना से वे अमेरिकी सीनेट के लिए उम्मीदवारी की होड़ में थीं.
हालांकि, बाद में वह ये कहते हुए वे रेस से अलग हो गईं कि उन्हें गंभीरता से नहीं लिया जा रहा है.
ट्रंप पर क्या आरोप लगाया?
इस मामले की शुरुआत जुलाई, 2006 में होती है तब तक ट्रंप ने अमेरिकी राष्ट्रपति बनने की दिशा में गंभीर प्रयास शुरू नहीं किए थे.
डेनिएल्स के दावे के मुताबिक, ट्रंप से उनकी मुलाक़ात कैलिफ़ोर्निया और नेवादा के बीच स्थित तोहे झील में होने वाले चैरिटी गोल्फ टूर्नामेंट के दौरान हुई थी.
साल 2011 में 'इन टच वीकली' को दिए इंटरव्यू में उन्होंने कहा था कि ट्रंप ने उन्हें डिनर के लिए आमंत्रित किया और वह उनके होटल रूम में मिलने गईं.
ये इंटरव्यू साल 2011 में दिया गया था लेकिन इसे 2018 में जारी किया गया था.
इस इंटरव्यू में डेनिएल्स ने कहा, "वे पूरी तरह से सोफे पर पसरे हुए थे. टेलीविजन देख रहे थे या कुछ कर रहे थे. उन्होंने पायजामा पहन रखा था."
डेनिएल्स ने दावा किया कि उस रात होटल में दोनों के बीच यौन संबंध बने.
हालांकि, ट्रंप के वकील ने कहा है कि उनके क्लाइंट ने इससे पूरी तरह इनकार किया है.
अगर डेनिएल्स की बात में सच्चाई है तो ये घटना ट्रंप के सबसे छोटे बेटे बैरन के जन्म के चार महीने बाद हुई थी.
मार्च, 2018 में एक टीवी इंटरव्यू में डेनिएल्स ने दावा किया कि उन्हें इन संबंधों पर चुप्पी साधने की हिदायतनुमा धमकी दी गयी थी.
उन्होंने आरोप लगाया है कि '2011 में जब 'इन टच वीकली' को इंटरव्यू देने के लिए मैंने हां कह दिया था तो उसके कुछ ही दिनों बाद लास वेगास के कार पार्क में एक शख़्स मेरे पास आकर बोला कि 'ट्रंप को अकेला छोड़ दो.''
ये मामला अभी क्यों उठा है?
जनवरी 2018 में, अमेरिकी अख़बार वॉल स्ट्रीट जर्नल ने एक लेख प्रकाशित किया था. इसमें दावा किया गया है कि राष्ट्रपति ट्रंप के तत्कालीन वकील माइकल कोहेन ने अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव से एक महीने पहले अक्टूबर, 2016 में डेनियल्स को 1,30,000 डॉलर का भुगतान किया था.
इस चुनाव में ट्रंप को जीत मिली थी.
डेनियल्स ने कथित तौर पर अपने अफे़यर की कहानी को बेचने के लिए अमेरिकी अख़बार नेशनल इंक्वायरर से संपर्क किया था.
जर्नल के मुताबिक, यह पैसा क्लिफ़ोर्ड को उस समझौते के तहत दिया गया था जिसके मुताबिक उन्हें ट्रंप के साथ अपने अफ़ेयर की बात सार्वजनिक नहीं करनी थी.
क्या ये गै़र क़ानूनी था?
क़ानूनी तौर पर यह भुगतान अवैध नहीं था. लेकिन जब ट्रंप ने कोहेन को भुगतान किया तो उसे लीगल फ़ीस के रूप में दर्ज किया.
न्यूयार्क प्रशासन के वकीलों के मुताबिक, यह ट्रंप की ओर से अपने दस्तावेज़ों के साथ हेरफेर करने का मामला है जो कि न्यूयॉर्क में एक आपराधिक कृत्य है.
सरकारी वकील इस मामले में ट्रंप पर चुनाव से जुड़े नियमों के उल्लंघन का आरोप भी लगा सकते हैं.
क्योंकि ट्रंप की ओर से स्टेफ़नी डेनियल्स को किए गए भुगतान को छिपाने की कोशिश इसलिए की गयी थी ताकि वह मतदाताओं से अपने और स्टेफ़नी डेनियल्स के बीच रिश्ते को छिपा सकें.
क्या ट्रंप पर आरोप लगाए जाएंगे?
ट्रंप के ख़िलाफ़ आरोप पत्र दाख़िल करने का अधिकार न्यूयॉर्क शहर के डिस्ट्रिक्ट अटार्नी एल्विन ब्रैग के पास है.
ट्रंप के ख़िलाफ़ मामले को आगे बढ़ाने के लिए पर्याप्त सबूत हैं या नहीं, इसका पता लगाने के लिए उन्होंने एक बड़ी ज्यूरी का गठन किया है.
फ़िलहाल वे अकेले ऐसे शख़्स हैं जिन्हें मालूम है कि ट्रंप के ख़िलाफ़ अभियोग चलाया जा सकता है या नहीं.
ट्रंप के वकीलों ने पिछले हफ़्ते कहा था कि पूर्व राष्ट्रपति को ज्यूरी के सामने पेश होने का मौका दिया गया, इससे अनुमान लगाया जा रहा है कि जांच ख़त्म होने को है.
ट्रंप के वकीलों ने यह भी कहा है कि ना तो उनके पास और ना ही ट्रंप के पास अभियोग चलाए जाने की कोई अग्रिम सूचना है.
वकीलों के मुताबिक, ट्रंप की टिप्पणी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है.
माइकल कोहेन को साल 2018 में ट्रंप के चुनावी अभियान के दौरान 2016 में डेनिएल्स और एक अन्य महिला को पैसे का भुगतान करने एवं अन्य अपराधों के लिए दोषी ठहराए जाने के बाद जेल की सज़ा सुनाई गई थी.
20 मार्च को ट्रंप के क़ानूनी सलाहकार के साथ साथ माइकल कोहेन की गवाही दर्ज होने के कयास लगाए जा रहे थे.
इस जांच से जुड़े वकीलों से स्टॉर्मी डेनिएल्स भी मिली हैं.
ये मामला इतना अहम क्यों है?
पूर्व राष्ट्रपति के समर्थकों यहां तक कि धार्मिक तौर पर दक्षिणपंथी लोगों ने भी उनके पिछले बर्तावों और उनके ख़िलाफ़ महिलाओं की ओर से लगने वाले आरोपों को खारिज़ कर दिया है.
लेकिन स्टॉर्मी डेनिएल्स के मामले की सुनवाई अदालत में होगी.
ट्रंप ने 2024 में होने वाले अमेरिकी राष्ट्रपति के चुनाव के लिए फिर से मैदान में उतरने की इच्छा ज़ाहिर की है, इसे देखते हुए इस मामले का फ़ैसला बेहद अहम हो गया है.
बीबीसी के उत्तरी अमेरिका संवाददाता एंथनी जर्चर का कहना है कि अभियोग चलाया जाना या आपराधिक सज़ा भी ट्रंप को अगले राष्ट्रपति चुनाव के लिए उम्मीदवारी से रोक नहीं पाएगी.
वास्तव में, अमेरिकी क़ानून में ऐसा कोई प्रावधान नहीं है जो किसी अपराध के दोषी, सज़ायाफ़्ता को राष्ट्रपति चुनाव में उतरने या फिर राष्ट्रपति बनने से रोकता है.
कोई शख़्स जेल में रहते हुए भी अमेरिकी राष्ट्रपति का पद संभाल सकता है.
हालांकि, ट्रंप की गिरफ़्तारी निश्चित तौर पर राष्ट्रपति पद के लिए उनकी दावेदारी को मुश्किल बनाएगी. (bbc.com/hindi)
पाकिस्तान में मंगलवार रात आए भूकंप में ख़ैबर पख़्तूनख़्वा प्रांत में कम से कम 12 लोगों की मौत हो गई और 175 लोग घायल हो गए.
पाकिस्तान में अभी तक सिर्फ़ ख़ैबर पख्तूनख़्वा प्रांत में ही भूकंप से नुक़सान की ख़बरें मिली हैं.
मंगलवार रात पाकिस्तान में 6.8 तीव्रता का भूकंप आया था. इसका केंद्र अफ़ग़ानिस्तान का हिंदूकुश क्षेत्र बताया जा रहा है.
भूकंप के तेज़ झटके भारत की राजधानी दिल्ली सहित उत्तर भारत के कई हिस्सों में भी महसूस किए गए.
ख़ैबर पख्तूनख़्वा प्रांत के ज़िला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के मुताबिक़, अब तक सबसे ज्यादा सात मौतें स्वात ज़िले में हुई हैं, और 90 लोग घायल हुए हैं.
अधिकारियों के मुताबिक भूस्खलन के कारण स्वात कलाम मार्ग भी बंद हो गया है. इसके बाद लोअर दीर में चार लोगों की मौत हो गई और 27 घायल हो गए, जबकि मलकंद में एक व्यक्ति की मौत हो गई.
स्वात सैदु शरीफ़ अस्पताल में आपात स्थिति घोषित कर दी गई है, जबकि ज़िला पुलिस अधिकारी शफ़ीउल्लाह ने कहा है कि सभी कर्मचारियों को सतर्क कर दिया गया है और सभी घायलों को चिकित्सा सुविधाएं प्रदान की जा रही हैं.
ख़ैबर पख़्तूनख़्वा प्रांत के विभिन्न इलाकों से छतों के गिरने और इमारतों के क्षतिग्रस्त होने की भी ख़बरें हैं. (bbc.com/hindi)
(अदिति खन्ना)
लंदन, 21 मार्च। ब्रिटेन में प्रवासी भारतीयों के कई समूहों ने एकजुटता दिखाते हुए मंगलवार को यहां 'इंडिया हाउस' के बाहर 'हम भारतीय उच्चायोग के साथ हैं' नामक प्रदर्शन का आह्वान किया।
भारतीय उच्चायोग के परिसर में खालिस्तानी चरमपंथियों के हमले के मद्देनजर प्रवासी भारतीयों ने एकजुटता दिखाते हुए यह प्रदर्शन किया।
ब्रिटेन में भारतीय उच्चायुक्त विक्रम दोरईस्वामी ने सोमवार शाम को इंडिया हाउस में प्रवासी भारतीयों की एक बैठक की मेजबानी की और इस हमले के बाद भारतीय समुदाय के नेताओं की चिंताओं का समाधान करने का प्रयास किया।
गौरतलब है कि खालिस्तानी झंडे लहराते और खालिस्तान के समर्थन में नारे लगाते हुए प्रदर्शनकारियों के एक समूह ने लंदन में भारतीय उच्चायोग के ऊपर फहराए गए तिरंगे को रविवार शाम उतारने का प्रयास किया था। घटना के बाद हिंसक उपद्रव के संबंध में पुलिस ने एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया। इसके बाद भारतीय उच्चायोग की इमारत पर एक अतिरिक्त तिरंगा लगाया गया है।
भारतवंशियों के साथ इस बैठक के बाद भारतीय उच्चायोग ने ट्वीट किया, ‘‘ रविवार को उच्चायोग पर हमले के बाद उनकी एकजुटता की सराहना करता हूं। ’’
ब्रिटेन के फ्रेंड्स ऑफ इंडिया सोसाइटी इंटरनेशनल (एफआईएसआई) नामक संगठन ने मंगलवार की बैठक के बाद कहा कि प्रवासी भारतीय चरमपंथी ताकतों द्वारा भारतीय ध्वज के अपमान के ‘‘घृणित कृत्य’’ से गहरे सदमे में हैं।
एफआईएसआई ने कहा, ‘‘ भारतीय राजनयिक अधिकारियों को खतरे में डालने वाली ऐसी शर्मनाक घटनाओं को रोकने के लिए निवारक उपाय करने में ब्रिटेन की सरकार की विफलता को देखकर हम भी उतने ही स्तब्ध हैं। इस घटना में, भारतीय उच्चायोग के एक अधिकारी ने गुंडों का बहादुरी से मुकाबला किया और उनसे झंडा लेकर भारत का गौरव की रक्षा की। परिसर में उपयुक्त सुरक्षा की कमी के कारण भारतीय अधिकारी को यह कार्रवाई करनी पड़ी।’’
इस बीच, खालिस्तान-समर्थक प्रदर्शनकारियों के एक समूह ने रविवार को सैन फ्रांसिस्को में भारतीय वाणिज्य दूतावास पर हमला किया और इसे क्षति पहुंचाई। भारतीय-अमेरिकियों ने इस घटना की कड़ी निंदा करते हुए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ तत्काल कार्रवाई की मांग की। भारतीय वाणिज्य दूतावास पर हमले को लेकर ‘फाउंडेशन फॉर इंडिया एंड इंडियन डायस्पोरा स्टडीज’ (एफआईआईडीएस) ने कहा, ‘‘हम लंदन के साथ-साथ सैन फ्रांसिस्को में भी कानून-व्यवस्था की विफलता से चकित हैं, जहां कुछ कट्टरपंथी अलगाववादियों ने भारत के राजनयिक मिशन पर हमला किया।’’ (भाषा)
चीन, 21 मार्च । चीन के भ्रष्टाचार निरोधी संस्था ने चिप टाइकून चाओ विगुओ के ख़िलाफ़ भ्रष्टाचार के आरोप लगाए हैं. यह आरोप तब लगे हैं जब देश का सेमीकंडक्टर उद्योग पहले से संकट का सामना कर रहा है.
चाओ कंप्यूटर चिपमेकर सिंगुआ यूनिग्रुप के पूर्व चैयरमेन रहे हैं.
सरकार ने सेमीकंडक्टर उद्योग में अरबों डॉलर का निवेश किया था लेकिन इसके बावजूद इस प्रस्ताव में रुकावट आई थी या ये नाकाम हो गया था. इसके बाद बीते साल इस उद्योग से जुड़े कई अहम लोगों की भ्रष्टाचार की जांच शुरू हुई थी.
चाओ और सिंगुआ ग्रुप ने बीबीसी को अब तक कोई जवाब नहीं दिया है.
सेंट्रल कमिशन फ़ॉर डिसीप्लिन इंस्पेक्शन ने अपने बयान में आरोप लगाया है कि चाओ ने ‘सरकारी कंपनी का अपनी निजी जागीर के रूप में इस्तेमाल किया था.’
संस्था ने कहा है कि चाओ ने मुनाफ़े के धंधों को अपने रिश्तेदारों और दोस्तों को दे दिया और उन्होंने सामान और सेवाओं को उन कंपनियों से ख़रीदा जो उनसे संबंधित थीं और उन्हें बाज़ार से ऊंचे दामों में ख़रीदा गया. (bbc.com/hindi)
तपिश से भरी दुनिया घात लगातर इंसान का इंतजार कर रही है. यूएन की ताजा रिपोर्ट जलवायु हाहाकार की चेतावनियों से भरी पड़ी है.
सैकड़ों वैज्ञानिकों और कई संस्थाओं की मदद से तैयार जलवायु रिपोर्ट, आईपीसीसी ने पेश की है. यूएन के क्लाइमेट एडवाइजरी पैनल ने यह रिपोर्ट 20 मार्च को पेश की. रिपोर्ट के मुताबिक इस सदी के अंत की बजाए अगले 17 साल में ही वैश्विक तापमान में 1.5 डिग्री की वृद्धि हो सकती है. 36 पन्नों की रिपोर्ट को "समरी फॉर पॉलिसीमेकर्स" नाम दिया गया है. आईपीसीसी की इस छठी रिपोर्ट में कहा गया है कि बीते वर्षों में जो भी गर्मी देखी गई, वह आने वाले वर्षों के मुकाबले ठंडी महसूस होगी. यानी तपिश इतनी ज्यादा बढ़ जाएगी बीते वर्षों की गर्मियां उनके आगे ठंडी लगेंगी.
कुछ वैज्ञानिकों का अनुमान है कि मौजूदा हालात बने रहे तो सन 2100 तक पृथ्वी का औसत तापमान 1.8 डिग्री सेल्सियस बढ़ जाएगा. इसका असर आधी इंसानी आबादी पर पड़ेगा. रिसर्च के मुताबिक बहुत ज्यादा गर्मी और अत्यधिक नमी जानलेवा साबित होगी. रिपोर्ट में इस्तेमाल किये गए वर्ल्ड मैप में दिखाया गया है कि दक्षिणपूर्वी एशिया और ब्राजील और पश्चिमी अफ्रीका के कुछ इलाकों को भीषण गर्मी झेलनी पड़ेगी.
टाइम बम को नाकाम करें
संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेष ने धनी देशों से अपील करते हुए कहा है कि वे इस "क्लाइमेट टाइम बम को नाकाम" कर सकते हैं.धनी देश 2050 के बजाए अगर 2040 तक कार्बन न्यू्ट्रैलिटी का लक्ष्य हिसाल कर लें तो हालात संभाले जा सकते हैं. रिपोर्ट का जिक्र करते हुए गुटेरेष ने कहा कि "मानवता बहुत ही पतली बर्फ पर खड़ी है और ये बर्फ भी तेजी से पिघल रही है."
वीडियो संदेश में यूएन महासचिव ने कहा, "बीते 50 साल में तापमान वृद्धि की रफ्तार पिछले 2000 साल में सबसे ऊंची थी. कम से कम 20 लाख साल बाद कार्बन डाइ ऑक्साइड (सीओ2) का घनत्व इतने ऊंचे स्तर पर पहुंचा है. क्लाइमेट टाइम बम टिकटिक कर रहा है."
आईपीसीसी की रिपोर्ट में साफ चेतावनी दी गई है कि दुश्वार होती जलवायु, दुनिया की अर्थव्यवस्था पर भी भारी पड़ेगी. ये सामाजिक ताने बाने पर भी वार करेगी. स्विट्जरलैंड के पहाड़ी शहर इंटरलाकन में हफ्ते भर की लंबी बहस के बाद रिपोर्ट जारी की गई. रिपोर्ट जारी करने से पहले दो दिन तक जीवाश्म ईंधन को लेकर इस्तेमाल की गई भाषा पर बहस होती रही.
यूक्रेन युद्ध की वजह से पैदा हुए ऊर्जा संकट के कारण कई देशों में बिजली बनाने के लिए कोयले का इस्तेमाल फिर से बढ़ा है. इससे ग्रीनहाउस गैसों का उत्सर्जन फिर से बढ़ने की आशंका है.
ताकतवर देशों हाथ मिलाओ
यूएन महासचिव, इस साल सितंबर में होने वाले क्लाइमेट एक्शन समिट की अगुवाई करेंगे. गुटेरेष का कहना है कि सम्मेलन में दुनिया की 20 बड़ी अर्थव्यवस्थाओं की भूमिका पर बहस होगी. जी-20 देश, ग्रीनहाउस गैसों के 80 फीसदी उत्सर्जन के लिए जिम्मेदार हैं.
गुटेरेष ने कहा, "समय आ चुका है कि जी-20 के सभी सदस्य एक साझा कोशिश के लिए साथ आए, अपने संसाधन और अपनी वैज्ञानिक क्षमता के साथ पब्लिक और प्राइवेट सेक्टर की किफायती तकनीक को साथ मिलाएं, ताकि 2050 तक कार्बन न्यूट्रैलिटी को हकीकत बनाया जा सके."
दुनिया में इस वक्त ग्रीनहाउस गैसों का सबसे बड़ा उत्सर्जक चीन है. अमेरिका के मुकाबले ग्रीनहाउस गैसों का दोगुना उत्सर्जन करने वाले बीजिंग ने 2060 तक कार्बन न्यूट्रल होने का वादा किया है. दूसरे नंबर पर अमेरिका है, जिसने कार्बन न्यूट्रैलिटी के लिए 2050 का लक्ष्य रखा है. तीसरे नंबर पर खड़े भारत ने यह लक्ष्य 2070 तक हासिल करने का वादा किया है. ये तीनों देश ग्रीनहाउस गैसों के 42.6 फीसदी हिस्से के उत्सर्जन के लिए जिम्मेदार हैं.
ओएसजे/एनआर (एएफपी, डीपीए, रॉयटर्स)