अंतरराष्ट्रीय
क्लेमेडिया? एसटीआई? मुझे? नहीं ये असंभव है! लेकिन आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक केवल जर्मनी में ही हर साल 250,000 से 300,000 लोग इस बैक्टीरिया की चपेट में आते हैं.
डॉयचे वैले पर गुदरून हीसे की रिपोर्ट-
अगर समय पर उलाज हो तो स्वास्थ्य पर पड़ने वाले इसके नकारात्मक प्रभाव से बचा जा सकता है. हालांकि क्लेमेडिया के संक्रमण की आसानी से पहचान नहीं हो पाती है.
इसके प्रमुख लक्षण हैं, लिंग, योनी या मलद्वार से स्रावस, पेशाब करते समय दर्द या जलन और सेक्स के दौरान दर्द. महिलाओं में बार बार रक्तस्त्राव भी संक्रमण का एक संकेत है.
क्लेमेडिया से इनफर्टिलिटी
बीमारी का पता लगाना सबसे कठिन है. जर्मनी के सेंटर फॉर सेक्सुअल मेडिसिन एंड हेल्थ के नॉर्बर्ट ब्रोकमेयर बताते हैं, "80 फीसदी महिलाओं में इसके कोई लक्षण नजर नहीं आते."
अकसर डॉक्टर को फर्टिलिटी टेस्ट के दौरान अनायास ही क्लेमेडिया का पता चल जाता है. सबसे बुरा तब होता है जब इस संक्रमण का पता नहीं चलता और इसकी वजह से दोनों पार्टनरों में इनफर्टिलिटी विकसित हो जाती है.
ब्रोकमेयर ने कहा, "(गर्भधारण में मुश्किल होने की वजह से) क्लिनिक आने वाले सभी जोड़ों में से 60 फीसदी को एक बार क्लेमेडिया होता है. यह बीमारी इनफर्टिलिटी का एक प्रमुख कारण हो सकती है."
जर्मनी में यह आकलन किया गया है कि फिलहाल 1,00,000 महिलाएं ऐसी हैं जो क्लेमेडिया के कारण गर्भधारण नहीं कर पा रही हैं. महिलाओं में योनी के आसपास इसका संक्रमण होता है. यहां से बैक्टीरिया पेट में चला जाता है.
ब्रोकमेयर के मुताबिक, "योनी या सर्विक्स में बैक्टीरिया का पता नहीं चल पाता, लेकिन फेलोपियन ट्यूब इसकी वजह से बंद हो जाती है और ओवरी में सूजन हो जाता है. इस संक्रमण की वजह से ट्यूमर भी विकसित हो सकता है."
पुरुषों में क्लेमेडिया मूत्रमार्ग के रास्ते अंडकोष में प्रवेश करता है और वीर्यकोष को संक्रमित करता है. स्पर्म डक्ट कभी बंद हो सकता है और गंभीर सूजन इनफर्टिलिटी का कारण बन सकती है.
ब्रॉकमेयर ने कहा, "इस बात के भी कुछ सबूत हैं कि क्लेमेडियल पैथोजेन प्रोस्टेट कैंसर के विकास को बढ़ावा दे सकते हैं." हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि अभी इसमें बहुत कुछ ऐसा है जिसके बारे में पूरी तरह से रिसर्च नहीं हुई है.
क्लेमेडिया के संक्रमण का अगर इलाज ना हो तो यह एचआईवी के संक्रमण का जोखिम भी बढ़ा सकती है क्योंकी म्यूकस मेंब्रेन सूजन के कारण ज्यादा संवेदनशील और पारगम्य होते हैं.
सभी सेक्सुअल पार्टनरों की जांच
अगर किसी में क्लेमेडिया संक्रमण के लक्षण दिखते हैं तो यह बहुत जरूरी है कि डॉक्टर और सेक्सुअल पार्टनरसे बात की जाये. महिलाओं को गायनेकोलॉजिस्ट को संपर्क करना चाहिए जबकि पुरुषों को यूरोलॉजिस्ट या फिर डर्मेटोलॉजिस्ट से.
ब्रोकमेयर ने कहा, "इलाज में पार्टनर को हमेशा शामिल किया जाना चाहिये, नहीं तो संक्रमण बार बार हो सकता है." इलाज में सात दिन लगातार एंटीबायोटिक दवायें दी जाती हैं. ज्यादातर मामलों में यह सफल है. इसके बाद फिर संक्रमण का खतरा नहीं रहता है.
मरीज को चार छह हफ्ते के बाद एक बार फिर डॉक्टर से मिलना चाहिए ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि संक्रमण खत्म हो गया है और साथ ही यह जानने के लिए कि अतिरिक्त उपचार की जरूरत है या नहीं.
ब्रोकमेयर ने बताया, "इस तरह का परीक्षण पूरी तरह से ठीक होने के लिए बहुत जरूरी है. दुर्भाग्य से जर्मनी में यह दुर्लभ है. इंग्लैंड में मामला अलग है. वहां डॉक्टर उनके 90 फीसदी मरीजों में तथाकथित 'उपचार के लिए परीक्षण' कर रहे हैं और वहां इलाज की दर काफी ज्यादा है."
शर्मिंदा होने की जरूरत नहीं
क्लेमेडिया समेत कई एसटीआई के मामलों को रिपोर्ट करने की दर बहुत कम है. ज्यादा लोग डॉक्टर के पास जाना नहीं चाहते. आखिरकार इसमें उन्हें अपनी सेक्स आदतों से जुड़े निजी सवालों का जवाब देना पड़ता है.
ब्रोकमेयर ने बताया, "आपको मुंह या गले में संक्रमण हो सकता है. आप के जननांग संक्रमित हो सकते हैं, आपका मलद्वार संक्रमित हो सकता है. आप अपने जननांग से मलद्वार तक या फिर, मलद्वार से मुंह तक संक्रमित हो सकते हैं."
क्लेमेडिया लंबे समय तक चलने वाली बीमारी भी बन सकती है. ठीक वैसे ही जैसे किसी झाड़ी की आग जंगल की आग में भी बदल सकती है. (dw.com)
इस्लामाबाद, 24 दिसम्बर | आत्मघाती हमलावर जिसने इस्लामाबाद में एक 'सरप्राइज' जांच के दौरान विस्फोट किया, लंबे बालों के साथ 'एक अफगान की तरह लग रहा था' और एक कैब की पिछली सीट पर बैठा था। हमले के संबंध में दर्ज की गई प्राथमिकी के अनुसार यह जानकारी दी गई है। समा न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार, इस्लामाबाद में काउंटर टेररिज्म डिपार्टमेंट (सीडीटी) पुलिस स्टेशन में दर्ज प्राथमिकी ईगल स्क्वाड के कांस्टेबल मुहम्मद हनीफ के बयान पर आधारित थी, जिसे स्नैचिंग की बढ़ती घटनाओं को रोकने के लिए औचक स्नैप चेकिंग के लिए शुक्रवार को सड़क पर तैनात किया गया था।
हनीफ ने कहा कि दस्ते में पुलिस वैन में हेड कांस्टेबल आदिल हुसैन और हेड कांस्टेबल मुहम्मद यूसुफ और कांस्टेबल बिलाल अहमद और एएसआई रजा हसन और उनका ड्राइवर शामिल था।
पुलिस ने प्राथमिकी में आतंकवाद विरोधी धाराओं के साथ हत्या, हत्या के प्रयास और हत्या की सुविधा से संबंधित धाराओं को शामिल किया।
एफआईआर में कॉन्स्टेबल हनीफ ने कहा कि जब उन्होंने एक पीली कैब की मांग की तो उन्होंने भारी भीड़ वाली सर्विस रोड पर एक औचक चेक पोस्ट लगाया था।
संघीय राजधानी में पीली टैक्सी काफी आम हैं।
समा न्यूज के मुताबिक, हनीफ ने कहा कि उनके हाथ में राइफल थी और वह अन्य अधिकारियों को सुरक्षा प्रदान करने के लिए सड़क से थोड़ी दूरी पर तैनात थे।
उन्होंने कहा कि जब कैब ने संपर्क किया, तो हसन ने उसे रुकने का इशारा किया और कार के चालक और कार के पहचान दस्तावेजों के लिए पूछने के लिए वाहन से संपर्क किया।
जब वह दस्तावेजों की जांच कर रहा था, तो उसने पीछे की सीट पर एक लंबे बालों वाला यात्री देखा, जो एक अफगान नागरिक की तरह लग रहा था।
हसन ने हेड कांस्टेबल यूसुफ और कांस्टेबल अहमद को यात्री की तलाशी लेने के लिए बुलाया। समा न्यूज ने बताया कि जैसे ही दोनों अधिकारी यात्री की जांच करने के लिए आगे बढ़े, उसने विस्फोटकों में विस्फोट कर दिया।
हनीफ ने कहा कि धमाका इतना भीषण था कि इससे आसपास के घरों और खड़ी कारों को भी गंभीर नुकसान पहुंचा।
विस्फोट में हेड कांस्टेबल हसन भी गंभीर रूप से घायल हो गए, जबकि इसमें वाहन में सवार लोगों की मौत हो गई। (आईएएनएस)|
भारतीय-अमेरिकी वकील और राजनयिक रिचर्ड आर वर्मा को अमेरिकी राष्ट्रपति ने विदेश मंत्रालय में एक शीर्ष राजनयिक पद के लिए नामित किया है.
उनका नाम विदेश मंत्रालय में प्रबंधन और संसाधन के उप मंत्री के लिए किया गया है. राष्ट्रपति जो बाइडन ने शुक्रवार को इसकी घोषणा की.
अगर अमेरिकी सीनेट उनके नाम पर सहमति जताती है तो वो विदेश मंत्रालय में सबसे ऊंची रैंक वाले भारतीय अमेरिकी होंगे.
रिचर्ड वर्मा भारत में अमेरिका के राजदूत रहे हैं. फिलहाल वो मास्टरकार्ड में चीफ़ लीगल ऑफ़िसर और ग्लोबल पब्लिक पॉलिसी के प्रमुख के तौर पर काम कर रहे हैं.
पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा के शासन में विदेश मंत्रालय में क़ानूनी मामलों के लिए सहायक मंत्री का पद संभाल चुके हैं.
इससे पहले वो अमेरिकी सीनेटर हैरी रीड के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार थे.
रिचर्ड वर्मा ने एशिया ग्रुप के वाइस चैयरमेन, स्टेपटो एंड जॉनसन एलएलपी में साझेदार और सीनियर काउंसलर और एलब्राइट स्टोनब्रिज ग्रुप में सीनियर काउंसलर के तौर पर सेवाएं दी हैं.
शिरीष बी प्रधान
काठमांडू, 24 दिसंबर। भारतीय और वियतनामी मूल के कुख्यात फ्रांसीसी ‘सीरियल किलर’ चार्ल्स शोभराज को यहां की एक जेल से रिहा होने के कुछ घंटे बाद शुक्रवार को फ्रांस निर्वासित कर दिया गया।
उसने 1970 के दशक में एशिया भर में की गई कई हत्याओं के लिए अधिकांश सजा नेपाल की जेल में काटी।
उच्चतम न्यायालय के आदेश के दो दिन बाद शोभराज (78) को काठमांडू की केंद्रीय जेल से शुक्रवार सुबह रिहा कर किया गया। उसे पुलिस की कड़ी सुरक्षा के बीच आव्रजन विभाग ले जाया गया।
नेपाल के उच्चतम न्यायालय ने शोभराज को रिहा करने और वापस उसके गृह देश भेजने का दो दिन पहले आदेश दिया था। नेपाल के आव्रजन विभाग और फ्रांसीसी दूतावास ने मिलकर शोभराज के यात्रा दस्तावेज तैयार किए।
शोभराज के वकीलों ने कहा कि उसे आव्रजन उल्लंघनों और अपने यात्रा दस्तावेजों के लिए 70,000 रुपये का शुल्क और जुर्माना देना पड़ा। शोभराज ने अपने हवाई टिकट के लिए ऑनलाइन पैसे की व्यवस्था की।
हालांकि उसकी तथाकथित पत्नी निहिता बिस्वास आव्रजन कार्यालय में मौजूद थी, लेकिन उसे शोभराज से मिलने की अनुमति नहीं दी गई। ऐसा बताया जाता है कि शोभराज ने 2008 में जेल में बिस्वास से कथित तौर पर शादी की थी।
शोभराज के वकीलों में शामिल सुदेश सुबेदी ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा कि उसकी मां और बेटी उसके पेरिस पहुंचने का इंतजार कर रही है।
इस बीच, 1986 में गोवा से शोभराज को गिरफ्तार करने वाले मुंबई पुलिस के सेवानिवृत्त सहायक आयुक्त मधुकर जेंडे ने कहा कि हालांकि उनका मानना है कि शोभराज जैसे खूंखार अपराधियों को जीवन भर जेल से बाहर नहीं आना चाहिए, लेकिन आपराधिक न्याय प्रणाली का क्या सोचना है, उस पर विचार किया जाना महत्वपूर्ण है।
उसे 1976 में अपने एक साथी के साथ मिलकर नयी दिल्ली के एक होटल में इंजीनियरिंग के 30 से अधिक छात्रों को जहर देने की कोशिश करते समय गिरफ्तार किया गया था। बाद में पता चला कि उसने एक फ्रांसीसी पर्यटक की भी हत्या की है। उसे विभिन्न अपराधों के लिए तिहाड़ जेल में 12 साल कैद की सजा सुनाई गई, लेकिन 1986 में वह कड़ी सुरक्षा वाली जेल तोड़कर भाग गया और सुर्खियों में आया। उसे जल्द ही गोवा के ओ’कोकेरियो रेस्तरां से गिरफ्तार किया गया और फिर वह 1997 तक जेल में रहा।
गोवा के रेस्तरां से उसे गिरफ्तार करने वाले जेंडे ने ‘पीटीआई’ से एक साक्षात्कार में कहा कि शोभराज जैसे अपराधी समाज के लिए खतरनाक होते हैं और जेल से बाहर आने पर भी कई अपराधों को अंजाम दे सकते हैं।
जेंडे ने कहा कि शोभराज ने 40 से 42 महिलाओं की हत्या करने की बात स्वीकार की है और वह एक खूंखार अपराधी है, जो जेल से बाहर आने पर कुछ भी कर सकता है।
उन्होंने साथ ही कहा कि न्याय प्रणाली क्या सोचती है, वह अधिक महत्वपूर्ण है।
जेंडे ने कहा, ‘‘न्यायाधीश आम लोगों की तुलना में अधिक विद्वान हैं, यह उनका निर्णय है और उस पर टिप्पणी करना गलत है।’’
नेपाल के गृह मंत्रालय के संयुक्त सचिव और प्रवक्ता फनींद्र मणि पोखरेल ने कहा कि शोभराज अगले 10 वर्षों तक नेपाल में प्रवेश नहीं कर पाएगा।
‘द काठमांडू पोस्ट’ अखबार ने पोखरेल के हवाले से कहा, "गृह मंत्रालय ने चार्ल्स शोभराज को निर्वासित कर दिया है और अगले दस साल के लिए नेपाल में उसके प्रवेश करने पर रोक लगा दी गई है।"
शोभराज पहले कतर एअरवेज की उड़ान संख्या क्यूआर 647 से दोहा रवाना हुआ, जहां से वह पेरिस के लिए रवाना होगा।
इससे पहले, शोभराज के वकील गोपाल शिवकोटि चिंतन ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया कि शोभराज को फ्रांस निर्वासित करने के लिए त्रिभुवन अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे ले जाया गया।
यहां खबरों में दावा किया गया कि बाकी पूरी जिंदगी उसके नेपाल लौटने पर रोक रहेगी।
‘ऑनलाइन खबर नेपाल’ के एक समाचार में सरकारी अधिकारियों के हवाले से कहा गया कि अपने देश भेजे जाने के बाद शोभराज के यहां आने पर आजीवन पाबंदी रहेगी।
हालांकि, यहां मीडिया में जारी खबरों के अनुसार, शोभराज नेपाल में रहना चाहता था और उसने दस दिन तक इलाज के लिए गंगालाल अस्पताल में भर्ती कराने की गुहार लगाई थी। उसकी 2017 में दिल की सर्जरी हुई थी।
उच्चतम न्यायालय ने बुधवार को कारागार प्रबंधन प्राधिकार को कुख्यात हत्यारे को रिहा करने का और आव्रजन के माध्यम से 15 दिन के भीतर फ्रांस निर्वासित करने का निर्देश दिया था, जब तक वह किसी अन्य मामले में वांछित नहीं हो।
न्यायमूर्ति सपना प्रधान मल्ला और न्यायमूर्ति तिलक प्रसाद श्रेष्ठ की खंड पीठ ने सरकार को उसके फ्रांस निर्वासन का बंदोबस्त करने का निर्देश दिया था। अदालत ने कहा कि शोभराज को रिहा किया जाना चाहिए क्योंकि वह अपनी कारावास की 95 प्रतिशत सजा पूरी कर चुका है।
शोभराज को फ्रांस में निर्वासन बृहस्पतिवार को एक दिन के लिए टाल दिया गया था, क्योंकि आव्रजन अधिकारियों ने कुख्यात ‘सीरियल किलर’ के रहने का इंतजाम करने में अक्षमता जतायी है और उसका निर्वासन एक दिन के लिए स्थगित करने का अनुरोध किया था।
शोभराज का शिकार हुई कई महिलाएं अपनी हत्या के समय बिकनी पहने मिली थीं, इसलिए उसे ‘बिकनी किलर’ और कई बार जेल से भागने में सफल रहने के कारण ‘सांप’ (सर्पेंट) उपनाम दिया गया। वह 1975 में नेपाल में अमेरिकी महिला कॉनी जो ब्रोंजिक की हत्या के सिलसिले में 2003 से काठमांडू की जेल में उम्रकैद की सजा काट रहा था।
उसे 2014 में कनाडाई पर्यटक लॉरेंट कैरियर की हत्या का दोषी ठहराया गया और दूसरी उम्रकैद की सजा सुनाई गयी। नेपाल में उम्रकैद की सजा का मतलब 20 साल का कारावास है।
शोभराज ने एक याचिका दाखिल कर दावा किया था कि उसे जरूरत से अधिक समय तक जेल में रखा गया है। इसके बाद शीर्ष अदालत की खंडपीठ ने आदेश सुनाया।
जेल में 75 प्रतिशत सजा पूरी कर चुके और इस दौरान अच्छा चरित्र दर्शाने वाले कैदियों को रिहा करने का कानूनी प्रावधान है।
शोभराज ने अपनी याचिका के माध्यम से दावा किया था कि उसने नेपाल में वरिष्ठ नागरिकों को मिलने वाली छूट को देखते हुए जेल की सजा पूरी कर ली है।
उसने दावा किया कि वह अपनी 20 साल की सजा में से 19 साल जेल में रह चुका है और अच्छे व्यवहार के लिए उसकी रिहाई की सिफारिश की जा चुकी है।
शोभराज को अगस्त 2003 में काठमांडू के एक कैसिनो में देखा गया था और फिर उसे गिरफ्तार कर लिया गया था। उस पर मुकदमा चलाया गया और हत्या के मामले में उम्रकैद की सजा सुनाई गयी। (भाषा)
पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान ख़ान की पत्नी रेहाम ख़ान ने शादी कर ली है. ये उनकी तीसरी शादी है.
रेहाम ख़ान ने मॉडल मिर्ज़ा बिलाल से शादी की है जो उनसे 13 साल छोटे हैं. मिर्ज़ा बिलाल की भी ये तीसरी शादी है.
मिर्ज़ा बिलाल एक अभिनेता और मॉडल हैं. वह पाकिस्तानी टीवी चैनल्स पर राजनीतिक कॉमेडी शो में भी काम कर चुके हैं.
रेहाम और मिर्ज़ा ने अमेरिका के सीएटल में शादी रचाई और सोशल मीडिया पर इसकी तस्वीरें डालते हुए लोगों को जानकारी दी है.
रेहाम ने ट्वीट पर लिखा, ''ज़िंदगी प्यार और समझ का नाम है. लंबे समय के अकेले संघर्ष के बाद मैं ऐसे शख़्स से मिली जिसने मुझे अपनी बुद्धिमानी और ईमानदारी से प्रभावित किया. उस शख़्स पर मैं भरोसा कर सकती हूं. वो शख़्स मेरे मुश्किल समय में मेरे साथ रहा.''
उन्होंने बताया कि उनके बेटे ही इस शादी में वकील बने थे. मिर्ज़ा के माता-पिता भी शादी में मौजूद थे.
हालांकि, उनकी शादी पर मिली-जुली प्रतिक्रिया आ रही है. कुछ लोग उन्हें शुभकामनाएं दे रहे हैं तो कुछ तंज़ भी कस रहे हैं.
रेहाम ख़ान ने इमरान ख़ान से सात साल पहले तलाक़ लिया था. वो इमरान ख़ान की आलोचक भी रही हैं.
उन्होंने पहली शादी एजाज़ रहमान से की थी और रेहाम के तीन बच्चे भी हैं. (bbc.com/hindi)
फ्रांस की राजधानी पेरिस में एक बंदूकधारी ने खुलेआम फायरिंग की है जिससे दो लोगों की मौत हो गई है और कई लोग घायल हो गए हैं. गोलीबारी की ये घटना पेरिस के एक कुर्द सांस्कृतिक केंद्र के करीब हुई है.
ये जगह पेरिस के ग्याह द लेस्त रेलवे स्टेशन से ज़्यादा दूर नहीं है.
पुलिस ने घटना के फौरन बाद संदिग्ध हमलावर को हिरासत में ले लिया. संदिग्ध की उम्र 69 साल बताई जा रही है
प्रशासन ने लोगों से अपील की है कि वे घटनास्थल के इलाके में जाने से बचें.
एक महिला दुकानदार ने समाचार एजेंसी एएफ़पी को बताया, "यहां लोग घबराए हुए हैं. हमने खुद को घरों में बंद कर लिया है."
उन्होंने बताया कि सात या आठ बार गोली चलने की आवाज़ उन्होंने सुनी थी.
रिपोर्टों के अनुसार, पुलिस ने संदिग्ध व्यक्ति से हमले के लिए इस्तेमाल किए गए हथियार को बरामद कर लिया है. अभियोजन विभाग ने जानकारी दी है कि उन्होंने हत्या की जांच शुरू कर दी है.
हालांकि संदिग्ध व्यक्ति ने ऐसा क्यों किया, इसकी वजह पता नहीं चल पाई है. सांस्कृतिक केंद्र के पास के इस इलाके में कई रेस्तरां और दुकानें हैं. (bbc.com/hindi)
पाकिस्तान के पंजाब प्रांत की विधानसभा भंग नहीं किए जाने के आश्वासन के बाद लाहौर हाईकोर्ट ने परवेज़ इलाही को पंजाब के मुख्यमंत्री के पद पर बहाल करने का आदेश जारी कर दिया है.
इससे पहले पंजाब के गवर्नर ने परवेज़ इलाही को समय पर विश्वास मत हासिल नहीं कर पाने के कारण पंजाब कैबिनेट भंग करने का आदेश जारी किया था.
इस मामले में लाहौर हाई कोर्ट ने पंजाब के गवर्नर और अटॉर्नी जनरल समेत कई लोगों को नोटिस जारी किया है.
परवेज़ इलाही ने हाई कोर्ट में एक हलफ़नामा दाखिल कर कोर्ट को आश्वासन दिया था कि अगर उन्हें मुख्यमंत्री के पद पर बहाल किया जाता है तो वो विधानसभा भंग करने की सलाह नहीं देंगे.
कुछ दिनों पहले पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री रहे इमरान ख़ान ने ऐलान किया था कि 23 दिसंबर को पंजाब और ख़ैबर पख़्तूनख़्वा की विधानसभाओं को भंग कर दिया जाएगा.
(सज्जाद हुसैन)
इस्लामाबाद, 23 दिसंबर। पाकिस्तान की राजधानी इस्लामाबाद में शुक्रवार को एक आत्मघाती बम हमले में एक पुलिस अधिकारी तथा एक महिला समेत दो संदिग्ध आतंकवादियों की मौत हो गयी। उसके बाद प्रशासन ने यहां ‘रेड अलर्ट’ जारी किया है।
सुरक्षा अधिकारियों ने बताया कि पुलिस की औचक जांच के दौरान सेक्टर एक के 10/4 में यह हमला हुआ। जहां यह हमला हुआ वह रावलपिंडी से करीब 15 किलोमीटर दूर है। रावलपिंडी में देश का प्रभावी सैन्य प्रतिष्ठान है।
पुलिस उपमहानिरीक्षक जफर चट्ठा ने मीडिया को बताया, ‘‘ बम हमलावर गाड़ी चला रहा था और उसके साथ एक महिला भी थी। उसे पुलिस ने तलाशी के लिए रोका था। ’’
उन्होंने कहा, ‘‘ जब पुलिस ने गाड़ी रोकी तब दोनों बाहर आये । तलाशी लेने के दौरान लंबे बालों वाला यह व्यक्ति गाड़ी के अंदर गया और उसने विस्फोट कर खुद को उड़ा लिया।’’
पुलिस के अनुसार महिला आतंकवादी की भी मौके पर मौत हो गयी। टीवी फुटेज में विस्फोट के बाद एक कार जलती हुई नजर आ रही है और उसे पुलिस अधिकारियों ने घेर रखा है।
तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) ने इस हमले की जिम्मेदारी ली है।
टीटीपी प्रवक्ता मोहम्मद खालिद खुरासानी ने एक बयान में कहा कि उसके संगठन के आतंकवादियों ने वरिष्ठ नेता अब्दुल वली की हत्या का बदला लेने के लिए यह आत्मघाती हमला किया। अफगानिस्तान के पक्तिका प्रांत में अगस्त में बम हमले में वली मारा गया था।
गृहमंत्री राणा सनाउल्लाह ने कहा कि गाड़ी में ‘विस्फोटक भरा था’ और लक्ष्य इस्लामाबाद में महत्वपूर्ण ठिकानों को निशाना बनाना था।
इस धमाके के बाद इस्लामाबाद पुलिस ने पूरे शहर में सुरक्षा को देखते हुए ‘रेड अलर्ट’ का आदेश जारी कर दिया।
प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने इस घटना की निंदा की और सुरक्षा अधिकारियों से रिपोर्ट मांगी है।
उन्होंने एक बयान में कहा, ‘‘बेगुनाह लोगों का खून बहाने की आतंकवादियों की नापाक योजना कानून प्रवर्तन एजेंसियों द्वारा समय से की गयी कार्रवाई के कारण नाकाम हो गयी। ’’
पाकिस्तान सरकार के साथ पिछले महीने संघर्षविराम तोड़ने के बाद टीटीपी ने सुरक्षाबलों पर हमले बढ़ा दिए हैं।
आज के इस हमले से कुछ ही दिन पहले गिरफ्तार एक टीटीपी आतंकवादी ने पुलिसकर्मी से एके 47 छीन ली थी और गोलियां चलाना शुरू कर दिया था। फिर उसने आतंकवाद निरोधक विभाग के थाने से दो अन्य वांछित आतंकवादियों को मुक्त कराया और उनके साथ मिलकर थाने पर उसने नियंत्रण कर लिया। इन टीटीपी आतंकवादियों से थाने में पूछताछ की जा रही थी। (भाषा)
यूरोप का नया वेगा-सी रॉकेट फ्रेंच गुयाना के लॉन्च सेंटर से उड़ान भरने के थोड़ी ही देर बाद गायब हो गया. यह रॉकेट दो सेटेलाइटों को अंतरिक्ष में ले कर जा रहा था. इस घटना से यूरोपीय अंतरिक्ष कार्यक्रम को बड़ा धक्का लगा है.
मंगलवार रात हुई रॉकेट लॉन्च की इस नाकामी ने वेगा-सी रॉकेट के भविष्य पर प्रश्नचिन्ह लगा दिया है. नतीजतन अब यूरोप को पृथ्वी की कक्षा में सेटेलाइट भेजने की देरी की मुश्किल से जूझना होगा. एक तराफ आरियाने-6 रॉकेट में देर लग रही है, तो दूसरी तरफ युक्रेन युद्ध के बाद रूस के साथ अंतरिक्ष में सहयोग बंद हो गया है.
वेगा-सी का पहला कारोबारी लॉन्च
अगर यह उड़ान सफल होती, तो यह वेगा-सी रॉकेट का पहला कारोबारी लॉन्च होता. वेगा-सी की पहली सफल उड़ान इसी साल 13 जुलाई को हुई थी. मंगलवार की रात स्थानीय समय के मुताबिक करीब 10:47 मिनट पर उड़ान भरने के कुछ ही मिनटों बाद रॉकेट अपने तय मार्ग से भटक गया और उसके साथ संपर्क खत्म हो गया. आरियानेस्पेस के मुख्य कार्यकारी अधिकारी स्टेफाने इस्रायल का कहना है, "अभियान खत्म हो गया है. फ्रेंच गुयाना के कोरू स्पेस सेंटर से इस रॉकेट को लॉन्च किया गया था.
अब तक मिली जानकारी के मुताबिक रॉकेट के दूसरे चरण के लॉन्चर में कोई गड़बड़ी हुई, जिसके कारण वेगा-सी मिशन खत्म हो गया. रॉकेट को अटलांटिक सागर के ऊपर से छोड़ा गया था. इसने 100 किलोमीटर की ऊंचाई हासिल कर ली थी और तब यह कोउरू के उत्तर में 900 किलोमीटर दूर था. इसके बाद इससे संपर्क टूट गया और फ्लाइट सेफ्टी ऑफिसर ने इसे खत्म करने का आदेश दिया. कंपनी के मुताबिक रॉकेट का मलबा अटलांटिक सागर में गिरा है.
विशेषज्ञ इस नाकामी के मूल कारण का पता लगाने में जुटे हैं. कंपनी का कहना है कि रॉकेट मोटर के जेफीरो 40 ठोस ईंधन के साथ कुछ समस्या हुई है. गुरुवार सुबह से ही विशेषज्ञों की एक स्वतंत्र टीम ने इस घटना की छानबीन शुरू कर दी है.
यूरोपीय अंतरिक्ष कार्यक्रम को झटका
रॉकेट में एयरबस के दो अर्थ ऑबर्जवेशन सेटेलाइट थे, जिन्हें पृथ्वी की कक्षा में पहुंचाया जाना था. वेगा-सी रॉकेट के दर्जन भर लॉन्च की योजना बनाई गई थी. हालांकि अब यह पक्के तौर पर नहीं कहा जा सकता कि वेगा सी को फिर से लॉन्च की मंजूरी मिलेगी या नहीं. वेगा-सी रॉकेट कार्यक्रम यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी की निगरानी में चल रहा था और इस कार्यक्रम की मुख्य कांट्रैक्ट्रर इटली की आवियो है. आरियानेस्पेस लॉन्च का कारोबारी हिस्सा संभालता है.
वेगा-सी पहले के वेगा रॉकेट का नया संस्करण है. वेगा रॉकेट 2012 से ही हल्के उपग्रहों को अंतरिक्ष में ले जाते रहे हैं. नए रॉकेट को पुराने से किफायती माना जा रहा था क्योंकि यह ज्यादा वजन ले जाने में सक्षम है. यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी के अधिकारियों को उम्मीद है कि अगले साल आरियाने-6 रॉकेट के लॉन्च के बाद यूरोपीय अंतरिक्ष यात्रा ज्यादा सुगम होगी. हालांकि इसका लॉन्च कई बार टाला गया है. अब इसके अगले साल होने की उम्मीद जताई जा रही है. आरियानेस्पेस के प्रमुख स्टेफाने इस्रायल का कहना है कि आरियाने-5 या आरियाने-6 मिशन पर वेगा सी की नाकामी का कोई असर नहीं होगा.
एनआर/एसएम (एएफपी, डीपीए)
शंघाई में एक अस्पताल ने अपने कर्मचारियों को कोविड-19 से एक "दुखदायक लड़ाई" की तैयारी करने के लिए कहा है. साल के अंत तक 1.25 करोड़ लोगों के संक्रमित होने की संभावना है.
चीन में वायरस तेजी से फैल रहा है, हालांकि सरकारी आंकड़े अभी भी कुछ और ही कहानी कह रहे हैं. एक तरफ 21 दिसंबर को लगातार दूसरे दिन कोविड से कोई भी मौत दर्ज नहीं की गई, दूसरी तरफ मुर्दाघरों के कर्मियों का कहना है कि पिछले एक हफ्ते में मांग बढ़ गई है लिहाजा फीस भी बढ़ा दी गई है.
सरकार ने कोविड के लक्षण वाले 3,89,306 मामलों की पुष्टि की है. साथ ही कोविड मौतों की कसौटी को भी कस दिया गया है, जिसकी कई विशेषज्ञों ने आलोचना की है. कुछ विशेषज्ञों का कहना है कि सरकारी आंकड़ों पर अब भरोसा नहीं किया जा सकता है क्योंकि पूरे देश में प्रतिबंधों में ढील दिए जाने के बाद अब जांच भी कम की जा रही है.
शंघाई देजी अस्पताल ने बुधवार देर रात को अपने आधिकारिक वीचैट अकाउंट पर लिखा था कि इस समय शहर में अनुमानित 54.3 लाख पॉजिटिव मामले हैं और साल के अंत तक 1.25 करोड़ लोग संक्रमित हो सकते हैं. अस्पताल में करीब 400 कर्मी काम करते हैं.
डर का माहौल
अस्पताल ने वीचैट पर लिखा, "इस साल क्रिसमस का दिन, नए साल का दिन और लूनर नए साल का दिन असुरक्षित रहेंगे. इस दुखदायक लड़ाई में पूरा ग्रेटर शंघाई इलाका ढह जाएगा और हमारे अस्पताल के सभी कर्मी संक्रमित हो जाएंगे. फिर हम से हमारे परिवार संक्रमित हो जाएंगे. हमारे सभी मरीज भी संक्रमित हो जाएंगे. हमारे पास कोई विकल्प नहीं है और हम इससे भाग नहीं सकते."
लेकिन गुरूवार दोपहर को यह पोस्ट वीचैट पर उपलब्ध नहीं थी. अस्पताल के नंबर पर टेलीफोन उठाने वाले व्यक्ति ने कहा कि वो इस लेख पर तुरंत कोई टिप्पणी नहीं दे पाएंगे. गुरूवार को शहर के कई इलाके सुनसान थे.
कई लोगों ने खुद ही घर पर खुद को बंद कर लिया था. दुकानों के कर्मचारियों की तबियत खराब होने की वजह से वो भी बंद पड़ी थीं. विशेषज्ञों का कहना है कि चीन में अगले साल कोविड से 10 लाख से ज्यादा लोग मर सकते हैं. देश में बुज़ुर्गों में पूर्ण टीकाकरण की दर तुलनात्मक रूप से कम है.
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सरकारी आंकड़े दिखाते हैं कि देश में कुल टीकाकरण दर 90 प्रतिशत से ऊपर है लेकिन बूस्टर शॉट पा चुके वयस्कों की दर सिर्फ 57.9 प्रतिशत है. 80 साल से ज्यादा उम्र के लोगों के बीच तो यह दर 42.3 प्रतिशत है.
तैयारी की कमी
बीजिंग के एक अस्पताल में सरकारी टीवी चैनल सीसीटीवी आईसीयू में ऑक्सीजन मास्कों से सांस लेते बुजुर्ग मरीजों की कतारें दिखा रहा था. यह स्पष्ट नहीं बताया गया कि उनमें से कितनों को कोविड है.
अस्पताल के आपात विभाग के डिप्टी निदेशक हान शू ने सीसीटीवी को बताया कि वहां रोज 400 मरीज लाए जा रहे हैं, जो सामान्य से चार गुना ज्यादा है. हान ने कहा, "ये मरीज सभी बुजुर्ग हैं जिन्हें दूसरी बीमारियां भी हैं, बुखार है और सांस से जुड़े संक्रमण हैं और ये बहुत गंभीर हाल में हैं."
चीन ने जो नीतिगत यू-टर्नलिया उससे पहले से नाजुक स्वास्थ्य व्यवस्था तैयारी की कमी की वजह से बुरे हाल में पड़ गई. अस्पताल में बिस्तरों और खून की और दवा की दुकानों में दवाओं की मारामारी
हो गई. सरकार तेजी से विशेष क्लीनिक बनाने की कोशिश में भी जुट गई.
समृद्ध तटीय इलाकों से दूर छोटे शहर विशेष रूप से नाजुक स्थिति में हैं. उत्तरपूर्वी प्रांत शांसी में 7,00,000 की आबादी वाले शहर तोंगचुआन ने पिछले पांच सालों में सेवानिवृत्त हुए सभी स्वास्थ्यकर्मियों को कोविड के खिलाफ इस लड़ाई में साथ देने के लिए बुला लिया.
सरकारी मीडिया के मुताबिक स्थानीय सरकारें दवाओं की कमी को दूर करने की कोशिश कर रही थीं जबकि दवा कंपनियां आपूर्ति बढ़ाने के लिए अथक परिश्रम कर रही हैं. सरकारी अखबार ग्लोबल टाइम्स में छपी एक रिपोर्ट के मुताबिक पूरे देश में शहरों में सरकारी एजेंसियां अस्पतालों और दवा की दुकानों पर इबूप्रोफेन की लाखों टैबलेट बांट रही हैं.
सीके/एए (रॉयटर्स)
इसराइल, 23 दिसंबर । इसराइल के निवर्तमान प्रधानमंत्री यायिर लैपिड ने कहा है कि बिन्यामिन नेतन्याहू के नेतृत्व में बनने जा रही नई दक्षिणपंथी सरकार सेना, पुलिस जैसी संस्थाओं और अर्थव्यवस्था के लिए ख़तरा है.
यायिर लैपिड ने बिन्यामिन नेतन्याहू के नेतृत्व में बन रहे गठबंधन को इसराइल के 'इतिहास की सबसे कट्टरपंथी सरकार' करार दिया है.
इससे पहले इसराइल के प्रधानमंत्री बनने जा रहे बिन्यामिन नेतन्याहू ने कहा था कि उन्हें उम्मीद है कि वो अगले हफ़्ते पद की शपथ ले लेंगे.
इसराइल में नई सरकार के गठन का रास्ता साफ़ हो गया है और इसके साथ ही बिन्यामिन नेतन्याहू रिकॉर्ड छठी बार सत्ता में वापसी करने जा रहे हैं.
उनकी गठबंधन सरकार को कट्टरपंथी यहूदी पार्टियों और धुर राष्ट्रवादी पार्टियों का समर्थन हासिल है.
माना जा रहा है कि ये इसराइल के इतिहास में अब तक की सबसे अधिक दक्षिणपंथी सरकार बनने जा रही है.
गठबंधन की योजना यहूदी बस्तियों के विस्तार और सुरक्षा बलों और न्यायपालिका पर नियंत्रण मजबूत करने की है.
'द जेविश पार्टी' के नेता इतामार बेन ग्वीर को नई सरकार में राष्ट्रीय सुरक्षा मंत्री बनाया जाएगा.
अतीत में वे नस्लवाद के अपराध के लिए कसूरवार ठहराए जा चुके हैं.
गठबंधन की सहयोगी पार्टियों ने क़ानूनी सुधारों का भी प्रस्ताव रखा है जिससे नेतन्याहू के ख़िलाफ़ चल रहे रिश्वतखोरी और धोखाधड़ी के मुक़दमे को ख़त्म किया जा सकेगा. (bbc.com/hindi)
यूक्रेन, 23 दिसंबर । किसी भी जंग को जीतने के लिए हथियारों के साथ-साथ ज़रूरी होता है हौसला.
यूक्रेन को लगता है कि उसके पास हौसले की कोई कमी नहीं है, लेकिन हथियारों की कमी हौसलों की धार को कुंद कर देती है जिसकी भरपाई कर रहा है अमेरिका.
अमेरिका ने यूक्रेन को एक ख़ास एयर डिफेंस सिस्टम देने का वादा किया है.
वहीं रूसी राष्ट्रपति पुतिन अपने जनरलों से यूक्रेन और पश्चिम पर फ़तह की मांग कर रहे हैं.
कवर स्टोरी में रूस-यूक्रेन में ज़ोर-आज़माइश की चर्चा. (bbc.com/hindi)
(एम जुल्करनैन)
लाहौर (पाकिस्तान), 23 दिसंबर। पाकिस्तान का पंजाब प्रांत विश्वासमत हासिल करने के आदेश का पालन नहीं करने पर गवर्नर बालीगुर रहमान द्वारा चौधरी परवेज इलाही को तत्काल प्रभाव से मुख्यमंत्री पद से हटा देने के कारण संवैधानिक संकट में फंस गया है।
पीएमएलएन से ताल्लुक रखने वाले गवर्नर ने पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के इमरान खान को पंजाब विधानसभा को भंग करने से रोकने के लिए यह कार्रवाई की।
पूर्व प्रधानमंत्री खान ने अपनी पार्टी के शासन वाले प्रांतों पंजाब और खैबर पख्तूनख्वा की विधानसभाओं को भंग करने की घोषणा की थी ताकि पाकिस्तान मुस्लिम लीग (एन) (पीएमएलएन) के नेतृत्व वाले संघीय गठबंधन को मध्यावधि चुनाव कराने के लिए मजबूर किया जा सके।
शुक्रवार सुबह गवर्नर ने मुख्यमंत्री इलाही और उनके मंत्रिमंडल को बर्खास्त करने की अधिसूचना जारी की।
गवर्नर ने कहा, ‘‘चूंकि मुख्यमंत्री चौधरी परवेज इलाही ने तय दिन और समय (पिछले बुधवार) पर विश्वास मत कराने से परहेज किया है, इसलिए वह पद पर तत्काल प्रभाव से बने नहीं रह सकते हैं। हालांकि वह पंजाब के मुख्यमंत्री के रूप में तब तक काम करना जारी रख सकते हैं जब तक कि उनका उत्तराधिकारी नियुक्त नहीं हो जाता।’’
पीटीआई के सहयोगी पाकिस्तान मुस्लिम लीग कायद (पीएमएलक्यू) से ताल्लुक रखने वाले इलाही ने कहा कि वह गवर्नर के ‘अवैध आदेश’ के खिलाफ अदालत का रुख करेंगे।
पीटीआई के वरिष्ठ नेता और पूर्व सूचना मंत्री फवाद चौधरी ने कहा है कि गवर्नर को उनके ‘‘कदाचार’’ की कीमत चुकानी होगी। फवाद चौधरी ने ट्वीट किया, ‘‘मुख्यमंत्री और उनके मंत्रिमंडल को गैर-अधिसूचित करने वाले गवर्नर के आदेश का कोई कानूनी मूल्य नहीं है। मुख्यमंत्री परवेज इलाही और उनका मंत्रिमंडल काम करना जारी रखेगा और गवर्नर को पद से हटाने के संदर्भ में राष्ट्रपति को पत्र भेजा जा रहा है।’’
पीएमएलएन और उसके सहयोगी दलों ने खान को दो विधानसभाओं को भंग करने से रोकने के लिए सभी विकल्पों का उपयोग करने का संकल्प लिया था। उनका कहना है कि देश अपनी खराब अर्थव्यवस्था के कारण समय से पहले चुनाव नहीं करा सकता है। (भाषा)
नेपाल के प्रत्यर्पण विभाग के अधिकारियों ने गुरुवार को कहा है कि वो सिरियल किलर चार्ल्स शोभराज को रखने की व्यवस्था नहीं कर पाए हैं जिसके बाद अब उन्हें एक और दिन जेल में बिताना पड़ेगा.
भारत और वियतनामी माता-पिता के बेटे चार्ल्स शोभराज फ़िलहाल नेपाल की एक जेल में हैं जहां से उन्हें कोर्ट के आदेश के बाद डिपोर्ट किया जाना था.
नेपाल सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस सपना प्रधान मल्ला और जस्टिस तिलक श्रेष्ठ की साझा बेंच ने बुधवार को चार्ल्स शोभराज को जेल से छोड़ने का आदेश दिया था.
कोर्ट ने छोड़े जाने के 15 दिनों के अंदर उनके प्रत्यर्पण के आदेश दिए हैं.
शोभराज के वकील गोपाल शिवकोटी चिंतन ने कहा है, "उन्हें जेल से छोड़ने की सभी औपचारिकताएं पूरी कर ली गई हैं और उन्हें प्रत्यर्पण विभाग को सौंप दिया गया है. लेकिन विभाग ने कहा उन्हें शोभराज को रखने की व्यवस्था करने के लिए अभी थोड़ा वक्त चाहिए इसलिए उन्हें एक और दिन जेल में ही रखने की गुज़ारिश की है."
'द सर्पेंट' और 'बिकनी किलर' जैसे उपनामों से प्रसिद्ध रहे चार्ल्स शोभराज साल 2003 से काठमांडू की एक जेल में बंद हैं. 1975 में नेपाल में दो अमेरिकी सैलानियों के हत्या के दोष में उन्हें उम्रक़ैद की सज़ा सुनाई गई थी.
2014 में उन्हें कनाडाई बैकपैकर की हत्या के लिए दूसरी बार नेपाल की एक कोर्ट ने उम्रक़ैद की सज़ा सुनाई. नेपाल में उम्रक़ैद की सीमा 20 साल होती है.
भेष बदलने में माहिर चार्ल्स शोभराज पर्यटकों और युवा महिलाओं को निशाना बनाते थे. चार्ल्स शोभराज पर भारत, थाईलैंड, नेपाल, तुर्की और ईरान में हत्या के 20 से ज़्यादा आरोप लगे. उन्हें सीरियल किलर कहा जाने लगा लेकिन अगस्त 2004 के पहले उन्हें ऐसे किसी मामले में दोषी नहीं ठहराया गया.
तालिबान ने अफ़ग़ानिस्तान की राजधानी काबुल में विरोध प्रदर्शन करने के आरोप में पांच महिलाओं को गिरफ़्तार किया है. वो महिलाओं के यूनिवर्सिटी में दाखिल होने पर लगे बैन का विरोध कर रही थीं.
इसके अलावा तीन पत्रकारों को गिरफ़्तार किया गया है. तख़र प्रांत के भी विरोध प्रदर्शन होने की ख़बरें हैं.
मंगलवार को एलान के बाद बैन तत्काल प्रभाव से सरकारी और प्राइवेट यूनिवर्सिटी पर लागू कर दिया गया है. बुधवार को सुरक्षाकर्मियों ने महिलाओं को रोकने की कोशिश की.
इससे पहले लड़कियों के सेकेंडरी स्कूलों में जाने पर रोक लगाई गई थी.
शिक्षा मंत्रालय ने कहा है कि जानकारों ने यूनिवर्सिटी के पाठ्यक्रम और माहौल का मूल्यांकन किया है और "जब एक माकूल माहौल" तैयार नहीं हो जाता, लड़कियों के यूनिवर्सिटी जाने पर रोक लगी रहेगी. (bbc.com/hindi)
नयी दिल्ली, 22 दिसंबर। वरिष्ठ राजनयिक सुहेल एजाज खान को बृहस्पतिवार को सऊदी अरब में भारत का नया राजदूत नियुक्त किया गया है। दोनों देशों के बीच बढ़ते रणनीतिक संबंधों के मद्देनजर इस नियुक्ति को महत्वपूर्ण माना जा रहा है।
भारतीय विदेश सेवा के 1997 बैच के अधिकारी खान फिलहाल लेबनान में भारत के राजदूत हैं।
विदेश मंत्रालय ने एक संक्षिप्त बयान में कहा, ‘‘उनके जल्दी ही पदभार संभालने की संभावना है।’’
खान सितंबर 2017 से जून 2019 के बीच रियाद स्थित भारतीय दूतावास में उप-प्रमुख के रूप में काम कर चुके हैं। (भाषा)
वॉशिंगटन, 22 दिसंबर । अमेरिका ने बुधवार को कहा है कि रूस की ओर से लगातार हो रहे हवाई हमलों से बचाव के लिए वो यूक्रेन को अपना आधुनिक पेट्रियट एयर डिफेंस सिस्टम मुहैया कराएगा.
यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर ज़ेलेंस्की की वॉशिंगटन यात्रा में अमेरिका ने 1.85 बिलियन डॉलर की मदद का वादा किया है और पेट्रियट एयर डिफेंस सिस्टम इसी सुरक्षा पैकेज का हिस्सा है.
फरवरी में रूस के हमले की शुरुआत के बाद से राष्ट्रपति ज़ेलेंस्की की ये पहली विदेश यात्रा है. कीएव के लिए ये एक बड़ी उपलब्धि है. वो अमेरिका पर लंबे समय से इसके लिए दबाव बना रहा था.
अमेरिका के एलान को यूक्रेन के प्रति उसके समर्थन के मजबूत संकेत के रूप में देखा जा रहा है.
अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकेन ने कहा, "आज की मदद में पहली बार पेट्रियट एयर डिफेंस सिस्टम को शामिल किया गया है. ये क्रूज़ मिसाइलों, कम दूरी तक मार करने वाली बैलस्टिक मिसाइलों और लड़ाकू विमानों को मार गिराने में सक्षम है. यूक्रेन को अब तक दिए गए एयर डिफेंस सिस्टम से ये उच्च क्षमता का है."
समाचार एजेंसी एएफ़पी के मुताबिक़, इस सुरक्षा पैकेज में एक पेट्रियट बैटरी शामिल है. ये एक कमांड सेंटर, आने वाले ख़तरों को भांपने के लिए रडार स्टेशन और मिसाइल लॉन्चर्स से लैस होगा. इसमें भारी मात्रा में गोलाबारूद, रॉकेट, मोर्टार सिस्टम और ग्रेनेड लॉन्चर्स शामिल है.
यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर ज़ेलेंस्की ने पेट्रियट सिस्टम देने के अमेरिकी एलान की प्रशंसा करते हुए कहा कि इससे हमारा एयर डिफेंस सिस्टम मजबूत होगा. (bbc.com/hindi)
कोलंबो, 22 दिसंबर श्रीलंका की नौसेना ने देश के समुद्री क्षेत्र में अवैध रूप से मछली पकड़ने के आरोप में 12 भारतीय मछुआरों को गिरफ्तार किया।
श्रीलंका की नौसेना ने एक बयान में कहा कि इन मछुआरों को बुधवार को उत्तरी जाफना जिले में वेट्टीलाइकेरनी के तट पर गिरफ्तार किया गया।
बयान में कहा गया है कि उन्हें वर्तमान में कांकेसंथुराई मत्स्य बंदरगाह पर हिरासत में रखा गया है।
बयान के अनुसार, ‘‘श्रीलंका की नौसेना ने देश के समुद्री क्षेत्र में नौका से अवैध रूप से मछली पकड़ने के चलन को रोकने के लिए गश्त और अभियान बढ़ा दिया है।
श्रीलंका की नौसेना ने 264 भारतीय मछुआरों को गिरफ्तार किया है और इस साल मछली पकड़ने की 36 नौकाएं भी जब्त की हैं।
भारत और श्रीलंका के बीच कई उच्च स्तरीय वार्ताओं के बावजूद भारतीय मछुआरों द्वारा श्रीलंका के समुद्री क्षेत्र में मछली पकड़ना एक समस्या बना हुआ है।
पूर्व में श्रीलंका की नौसेना के कर्मियों ने पाक जलडमरूमध्य में भारतीय मछुआरों पर गोलीबारी भी की थी और श्रीलंका के समुद्री क्षेत्र में प्रवेश की अवैध घटनाओं के आरोप में उनकी मछली पकड़ने की नौकाएं भी जब्त कर ली थीं।
पाक जलडमरूमध्य एक संकरी पट्टी है जो तमिलनाडु को श्रीलंका से अलग करती है और यह दोनों देशों के लिए मछली पकड़ने के लिहाज से एक बेहतर स्थान है। (भाषा)
ऐसा लग रहा है कि मंगल ग्रह की जमीन पर चार साल से चहलकदमी कर रहा नासा का इनसाइट बंद हो गया है. इसकी बैट्री चार्ज नहीं हो पा रही है और इसके बंद होने की शायद यही वजह है.
मार्स लैंडर इनसाइट की बैट्री पिछले कई महीनों से ठीक से चार्ज नहीं हो पा रही थी. इनसाइट में लगे सोलर पैनलों पर धूल की मोटी परत जम गई है. कैलिफोर्निया के जेट प्रोपल्शन लैबोरेट्री से इसे नियंत्रित कर रहे वैज्ञानिकों को अंदाजा हो गया था कि अब इसका अंत नजदीक है. धूल की वजह से इनसाइट के मरने की आशंका पहले ही जताई जा चुकी थी.
नासा ने खबर दी है कि रविवार को इनसाइट ने अचानक पृथ्वी से भेजे जा रहे संदेशों का जवाब देना बंद कर दिया. सोमवार देर रात नासा ने कहा, "यह मान लिया गया है कि संभवतः इनसाइट अपने अभियान के अंत पर पहुंच गया है." नासा ने बताया कि इनसाइट से आखिरी संदेश बीते गुरुवार को आया था, "यह पता नहीं चल सका है कि उसकी ऊर्जा में बदलाव क्यों हुआ है." टीम इनसाइट से संपर्क करने की कोशिश जारी रखेगी हो सकता है कि कोई और कारण रहा हो और बाद में स्थितियां बदल जाएं.
इनसाइट का अभियान
इनसाइट मंगल ग्रह पर 2018 में उतरा था और यह पहला अंतरिक्षयान था जिसने मंगलग्रह पर भूकंप को रिकॉर्ड किया. इसने फ्रांस में बने सिस्मोमीटर की मदद से मंगल ग्रह के 1,300 से ज्यादा भूकंपों का पता लगाया. इनमें से कई तो मंगलग्रह से धूमकेतुओं के टकराने की वजह से हुए थे. इनमें सबसे हाल का भूकंप इस साल की शुरुआत में इनसाइट ने पता लगाया था. नासा के मुताबिक इसकी वजह से मंगल ग्रह की जमीन कम से कम छह घंटे तक कांपती रही थी. सिस्मोमीटर की गणनाओं से मंगल ग्रह की अंदरूनी सतह के बारे में जानकारी मिली.
पिछले हफ्ते ही वैज्ञानिकों ने इनसाइट की एक और उपलब्धि के बारे में बताया. इनसाइट ने पहली बार ना सिर्फ मंगल ग्रह पर धूल उड़ाती बवंडरों की तस्वीरें ली बल्कि उस वक्त वहां की आवाजों को भी रिकॉर्ड किया. यह महज संयोग की बात थी कि 2021 में जब धूल का बवंडर उठा तो वहां इनसाइट भी था और उसका माइक्रोफोन ऑन था.
हालांकि इनसाइट के एक दूसरे प्रमुख उपकरण ने केवल समस्याएं ही पैदा कीं. इसमें एक खुदाई करने वाला जर्मन उपकरण भी लगाया गया था. इसके जरिये वैज्ञानिक मंगलग्रह के अंदरूनी सतह का तापमान जानना चाहते थे. इसे मंगल ग्रह की जमीन पर 16 फीट तक अंदर ले जाने की योजना थी लेकिन कभी भी यह 2-3 फीट से ज्यादा अंदर नहीं गया. नासा ने दो साल पहले ही इसे बेकार घोषित कर दिया था.
इनसाइट की आखिरी सेल्फी
इनसाइट ने हाल ही में अपनी आखिरी सेल्फी भेजी थी जिसे नासा ने सोमवार को ट्विटर पर शेयर किया. इस तस्वीर के साथ इनसाइट की तरफ से टीम ने लिखा, "मेरी ऊर्जा सचमुच बहुत कम हो गई है, तो शायद यह आखिरी तस्वीर है जो मैं भेज पा रहा हूं, हालांकि मेरी चिंता मत करनाः यहां मेरा वक्त बहुत उपयोगी और शांत रहा है. अगर मैं अपने मिशन टीम से बात करता रह सका तो मैं करूंगा लेकिन मैं बहुत जल्द यहां काम बंद करूंगा. मेरा साथ देने के लिए शुक्रिया."
नासा के पास मंगल ग्रह पर अब भी दो सक्रिय रोवर मौजूद हैं. इनमें एक है क्यूरियोसिटी जो 2012 से ही वहां है और दूसरा परसीवरेंस जो पिछले साल मंगल ग्रह पर पहुंचा.
परसिवरेंस में तो एक छोटा सा हेलीकॉप्टर भी मौजूद है जिसने हाल ही में अपनी 37वीं उड़ान पूरी की और अब तक उसने मंगल ग्रह के हिसाब से एक घंटे से ज्यादा की उड़ान भर ली है.
एनआर/सीके (एपी)
चीन और कुछ और देशों में कोविड के बढ़ते मामलों को देखते हुए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने राज्यों को सतर्क रहने के लिए कहा है. जापान, अमेरिका, ब्राजील और दक्षिण कोरिया में भी मामलों के बढ़ने की खबरें आ रही हैं.
डॉयचे वैले पर चारु कार्तिकेय की रिपोर्ट
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने राज्यों से कहा है कि जापान, अमेरिका, दक्षिण कोरिया, ब्राजील और चीन में कोविड के नए मामलों में उछाल आया है. मंत्रालय ने राज्यों को विशेष रूप से पॉजिटिव मामलों में जीनोम सीक्वेंसिंग पर ध्यान देने के लिए कहा है ताकि वायरस की किस्मों को लेकर ताजा जानकारी उपलब्ध रहे.
केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण के मुताबिक ऐसा करने से नई किस्मों को समय रहते पहचाना जा सकेगा और अगर वो देश में फैल रही हों तो उसकी रोकथाम के लिए सही कदम उठाए जा सकेंगे.
भारत में जीनोम सीक्वेंसिंग के लिए इंडियन एसआरएस-सीओवी-2 जीनोमिक कंसोर्टियम या इंसाकोग नाम के नेटवर्क की स्थापना की गई थी. इस नेटवर्क के तहत पूरे देश भर में करीब 50 प्रयोगशालाओं को डाला गया है जहां अलग अलग राज्य अपने अपने सैंपल भेजते हैं.
इस समय चूंकि पहले के मुकाबले संक्रमण के काफी कम मामले सामने आ रहे हैं, इसलिए सिर्फ चुनिंदा सैंपलों की जीनोम सीक्वेंसिंग की जा रही थी. लेकिन स्वास्थ्य मंत्रालय ने अब राज्यों से रोज लगभग हर पॉजिटिव सैंपल को इन प्रयोगशालाओं में भेजने के लिए कहा है.
भारत में स्थिति सामान्य
भारत में अभी नए मामलों को लेकर स्थिति चिंताजनक नहीं हुई है. मंगलवार 20 दिसंबर को देश में संक्रमण के कुल 112 नए मामले और संक्रमण से मौत के तीन मामले सामने आए थे. लेकिन चीन में ताजा हालात को लेकर दुनिया भर में चिंता बनी हुई है.
कुछ हफ्तों पहले चीन के कई इलाकों में सरकार की जीरो-कोविड नीति के खिलाफ विरोध प्रदर्शनों के बाद सरकार ने नीति में ढील दे दी थी, लेकिन अब ऐसी खबरें आ रही हैं कि इस ढील के बाद वहां महामारी के प्रकोप का नया दौर शुरू हो गया है.
चीन की सरकार द्वारा प्रकाशित किए जाने वाले अखबार ग्लोबल टाइम्स में छपे एक लेख के मुताबिक आने वाले हफ्तों में संक्रमण के मामले तेजी से बढ़ सकते हैं.
पेकिंग विश्वविद्यालय के फर्स्ट अस्पताल में श्वास विशेषज्ञ वांग गुआंगफा ने अखबार को बताया, "हमें जल्दी कदम उठाने चाहिए और बुखार क्लिनिक, आपात सेवाओं और गंभीर इलाज के संसाधनों को तैयार कर लेना चाहिए."
नए कदमों की जरूरत?
वांग का अनुमान है कि कोविड की ताजा लहर जनवरी के बाद के हफ्तों में शीर्ष पर पहुंचेगी और फिर फरवरी के अंत तक या मार्च की शुरुआत तक स्थिति सामान्य हो सकती है. रॉयटर्स के मुताबिक अमेरिका, जापान और ब्राजील जैसे देशों में भी नए मामलों में उछालदेखने को मिला है.
भारत में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने ताजा स्थिति पर वरिष्ठ अधिकारियों के साथ एक बैठक बुलाई है, जिसमें आने वाली स्थिति के लिए नए कदमों पर चर्चा हो सकती है. इस समय अंतरराष्ट्रीय यात्रियों को लेकर कोई नए कदम नहीं उठाए गए हैं.
बल्कि पिछले महीने ही नेगेटिव आरटी-पीसीआर सर्टिफिकेट या पूर्ण टीकाकरण सर्टिफिकेट दिखाने की अनिवार्यता को भी खत्म कर दिया गया था. देखना होगा कि बैठक में इन कदमों में कोई बदलाव किया जाता है या नहीं.
(रॉयटर्स से जानकारी के साथ)
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में म्यांमार में हिंसा तुरंत ख़त्म करने के लिए लाए गए मसौदा प्रस्ताव से भारत, चीन और रूस ने दूरी बनाई है.
इस प्रस्ताव में म्यांमार की सैन्य सरकार से राजनीतिक बंदियों को छोड़ने की मांग की गई है जिसमें स्टेट काउंसलर आंग सान सू ची का नाम भी शामिल है. म्यांमार के ख़िलाफ़ इस तरह का ये पहला मसौदा प्रस्ताव है.
इस महीने भारत 15 सदस्य देशों वाली संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (पांच स्थायी और 10 अस्थायी सदस्य) की अध्यक्षता कर रहा है. बुधवार को सुरक्षा परिषद में ये मसौदा प्रस्ताव लाया गया था.
इसके पक्ष में 12 सदस्य देशों ने मतदान किया और एक भी देश इसके ख़िलाफ़ नहीं रहा. हालांकि, भारत, चीन और रूस ने इस प्रस्ताव से दूरी बनाए रखी. उन्होंने वोटिंग में हिस्सा नहीं लिया.
पिछले 74 सालों में सुरक्षा परिषद में म्यांमार पर पहला प्रस्ताव है. इससे पहले 1948 में एक प्रस्ताव लाया गया था. तब देश को ब्रिटेन से आज़ादी मिली थी और इसे बर्मा के नाम से जाना जाता था.
इस मसौदा प्रस्ताव पर भारत के पक्ष को लेकर संयुक्त राष्ट्र में देश की स्थायी प्रतिनिधि रुचिरा कंबोज ने कहा, ''भारत का मानना है कि म्यांमार की जटिल स्थिति में "शांत और धैर्यपूर्ण कूटनीति" के दृष्ठिकोण की ज़रूरत है.''
उन्होंने कहा कि लंबे समय से चले आ रहे इस मसले को किसी और तरह से नहीं सुलझाया जा सकता. ये मसला देश में शांति, स्थिरता, प्रगति और लोकतांत्रिक शासन के लिए बाधा बना है.
हालांकि, कंबोज ने ज़ोर देकर कहा कि भारत सभी पक्षों से दुश्मनी को तत्काल ख़त्म करने और लोकतंत्र की बहाली के लिए तुरंत एक समावेशी राजनीतिक संवाद शुरू करने की अपील करता है. (bbc.com/hindi)
वाशिंगटन, 22 दिसंबर। अमेरिका की यात्रा पर आए यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की ने बुधवार को कहा कि रूस के साथ युद्ध खत्म करने के लिए ‘‘कोई समझौता नहीं’’ किया जाएगा।
उन्होंने रूस के आक्रमण का सामना करने में लगातार समर्थन के लिए अमेरिकी नेताओं व जनता का शुक्रिया अदा भी किया।
अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन और कांग्रेस ने यूक्रेन को और अरबों डॉलर की मदद की घोषणा की और शांति की तलाश में यूक्रेन की मदद करने का संकल्प किया।
यात्रा से कुछ समय पहले अमेरिका ने यूक्रेन को 1.85 अरब डॉलर की सैन्य सहायता देने की घोषणा की। इस सैन्य सहायता के तहत पैट्रियॉट मिसाइल की बैटरी भेजने की भी घोषणा की गई है।
बाइडन ने व्हाइट हाउस के ओवल कार्यालय में जेलेंस्की का स्वागत करते हुए कहा कि अमेरिका और यूक्रेन रक्षा के क्षेत्र में एकजुटता दिखाना जारी रखेंगे, क्योंकि रूस ने ‘‘एक राष्ट्र के रूप में यूक्रेन के अस्तित्व के अधिकार पर क्रूर हमला’’ किया है।
रूस के इस साल फरवरी अंत में यूक्रेन पर हमला करने के बाद जेलेंस्की पहली बार देश से बाहर आए हैं।
जेलेंस्की ने कहा कि वह पहले यात्रा पर आना चाहते थे, लेकिन इस समय उनकी यह यात्रा दिखाती है, ‘‘आपकी मदद से स्थिति अब नियंत्रण में है।’’
जेलेंस्की ने पत्रकारों से कहा कि उनके लिए एक राष्ट्रपति के तौर पर न्यायपूर्ण शांति आवश्यक है, जिसके लिए कोई समझौता नहीं किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि एक बार यूक्रेन की संप्रभुता, स्वतंत्रता व क्षेत्रीय अखंडता बहाल होने के साथ-साथ ‘‘रूसी आक्रमण द्वारा किए गए नुकसानों की भरपाई’’ के बाद ही युद्ध समाप्त होगा।
यूक्रेन के राष्ट्रपति ने रूस के क्रूर आक्रमण के खिलाफ अपने देश की रक्षा के लिए अमेरिका तथा उसके साझेदारों के समर्थन को कायम रखने के मकसद से बुधवार को कांग्रेस को संबोधित किया।
उन्होंने यूक्रेन का साथ देने के लिए ‘‘हर एक अमेरिकी’’ का शुक्रिया भी अदा किया।
जेलेंस्की ने अगले साल संघर्ष में एक बड़ा ‘‘मोड़’’ आने की भविष्यवाणी की और कहा कि यूक्रेन के साहस व अमेरिका के संकल्प से हमें भविष्य में स्वतत्रंता की गारंटी मिलनी ही चाहिए, खासकर उन लोगों की स्वतंत्रता जो अपने मूल्यों के लिए आवाज उठा रहे हैं।
इस बीच, रूस के राष्ट्रपति कार्यालय क्रेमलिन ने बुधवार को चेतावनी दी गई कि यूक्रेन को अमेरिकी हथियारों की आपूर्ति बढ़ने से इस विनाशकारी युद्ध में और वृद्धि होगी। वहीं, रूस के रक्षा मंत्री ने देश की सेना में कम से कम 500,000 लोगों को भर्ती कर सेना के विस्तार का आह्वान किया।
अपने शीर्ष सैन्य अधिकारियों के साथ एक बैठक के दौरान रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने कहा कि ‘‘हमारे सशस्त्र बलों को विकसित करने और हमारे सैनिकों की क्षमताएं बढ़ाने’’ के लिए संघर्ष में हुई हर चीज से सबक सीखा जाएगा।
उन्होंने कहा कि परमाणु बलों के विकास पर विशेष जोर दिया जाएगा, जिसे उन्होंने ‘‘रूस की संप्रभुता की प्रमुख गारंटी’’ करार दिया।
रूस के रक्षा मंत्री सर्गेई शोइगु ने कहा कि रूसी सेना में अनुबंध पर 6,95,000 सैनिक और शामिल होंगे, जिनमें से 5,21,000 को 2023 के अंत तक भर्ती किया जाना चाहिए।
यूक्रेन में लड़ाई शुरू होने से पहले रूसी सेना में करीब 4,00,000 सैनिक अनुबंध पर थे। (एपी)
जिनेवा, 21 दिसंबर। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के महानिदेशक टेड्रोस अदनोम गेब्रेयेसस ने कहा कि संगठन चीन में कोरोना वायरस संक्रमण के बढ़ते मामलों की खबरों को लेकर ‘‘बेहद चिंतित’’ है, क्योंकि देश ने अपनी ‘शून्य कोविड’ नीति को मोटे तौर पर छोड़ दिया है, जिसके परिणामस्वरूप बड़ी संख्या में लोग संक्रमित हो रहे हैं।
टेड्रोस ने बुधवार को यहां एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि संयुक्त राष्ट्र की एजेंसी को चीन में कोविड-19 की गंभीरता, विशेषकर अस्पतालों और गहन देखभाल इकाइयों में भर्ती मरीजों को लेकर और अधिक जानकारी की आवश्यकता है, ताकि ‘‘जमीन पर स्थिति का व्यापक जोखिम आकलन’’ किया जा सके।
उन्होंने कहा, ‘‘चीन में गंभीर बीमारी के बढ़ते मामलों की खबरों के बीच बदल रही स्थिति को लेकर डब्ल्यूएचओ बहुत चिंतित है।’’ (एपी)
विश्व स्वास्थ्य संगठन का कहना है कि चीन में कोविड-19 की नई लहर के बीच अस्पताल मरीज़ों से भर रहे हैं.
डब्ल्यूएचओ के इमरजेंसी चीफ़ डॉक्टर माइकल रायन ने कहा कि भले ही अधिकारी मरीज़ों की संख्या कम बता रहे हैं, लेकिन इंटेंसिव केयर यूनिट्स (आईसीयू) भरी हुई हैं.
चीन के आंकड़े बताते हैं कि बुधवार को कोविड से किसी की मौत नहीं हुई, लेकिन महामारी के असल प्रभाव को लेकर संदेह है.
चीन में कोरोना महामारी बढ़ने के साथ ही हाल के दिनों में राजधानी बीजिंग और अन्य शहरों में अस्पताल में मरीज़ों की संख्या बढ़ गई है.
साल 2020 से चीन ने तथाकथित ज़ीरो कोविड नीति के तहत तमाम स्वास्थ्य प्रतिबंध लगाए हैं.
लेकिन, इस नीति के अर्थव्यवस्था पर दुष्प्रभाव को देखते हुए सरकार ने दो हफ़्ते पहले कुछ नियमों में ढील भी दी है.
तब से कोरोना के मरीज़ों की संख्या में इज़ाफ़ा हुआ है. साथ ही बुज़ुर्गों में मौत के मामले बढ़ने का डर भी पैदा हो गया है.
इस स्थिति के बावजूद चीन के आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक़, कोरोना से मंगलवार को पांच और सोमवार को दो लोगों की मौत हुई है.
डॉक्टर रायन ने चीन से कोरोना महामारी की मौजूदा स्थिति की जानकारी देने के लिए कहा है.
उन्होंने कहा, ''चीन में आईसीयू में बहुत कम संख्या बताई जा रही है, लेकिन असल में आईसीयू भर रहे हैं.''
''हम हफ़्तों से ये कह रहे हैं कि इस बेहद संक्रामक वायरस को सिर्फ़ सार्वजनिक स्वास्थ्य और सामाजिक नियमों से पूरी तरह से रोकना बहुत मुश्किल है.''
डॉक्टर रायन ने जेनेवा में कहा, ''वैक्सीनेशन इससे बाहर निकलने का रास्ता हो सकता है.'' (bbc.com/hindi)
अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर ज़ेलेंस्की से कहा कि रूस के साथ जब तक भी युद्ध चले, अमेरिका यूक्रेन के साथ खड़ा रहेगा.
राष्ट्रपति ज़ेलेंस्की के अमेरिका दौरे पर राष्ट्रपति बाइडन ने कहा, ''आप कभी अकेले नहीं होंगे.''
वोलोदिमीर ज़ेलेंस्की इस साल फ़रवरी में रूसी हमले के बाद पहली बार किसी विदेशी दौरे पर गए हैं.
अमेरिकी दौरे पर ज़ेलेंस्की ने जो बाइडन से मुलाक़ात की और फिर दोनों ने एक साझा प्रेस वार्ता को संबोधित किया.
जो बाइडन ने पुष्टि की है कि अमेरिका मदद के तौर पर यूक्रेन को दो अरब डॉलर से ज़्यादा का नया पैकेज दे रहा है.
साथ ही अमेरिका ने 45 अरब डॉलर के एक और पैकेज का वादा किया है.
बुधवार को प्रेस वार्ता के दौरान बाइडन ने मीडिया से कहा कि उन्हें यूक्रेन के सहयोग को लेकर कोई चिंता नहीं है.
जबकि यूक्रेन के कुछ सहयोगी देश युद्ध से हो रही परेशानियों, दुनिया भर में खाने के सामान और ईंधन की कमी को लेकर चिंता ज़ाहिर कर रहे हैं.
ज़ेलेंस्की ने कांग्रेस में क्या कहा
अपने दौरे पर राष्ट्रपति ज़ेलेंस्की ने अमेरिकी कांग्रेस को भी संबोधित किया.
उन्होंने कांग्रेस में कहा कि उनका देश अब भी परेशानियों के आगे डटा हुआ है. उन्होंने अगले साल इस टकराव में बड़ा बदलाव होने का संकेत भी दिया.
उन्होंने जहां यूक्रेन के कभी आत्मसमर्पण ना करने की बात कही. वहीं और हथियारों की ज़रूरत पर भी ज़ोर दिया.
ज़ेलेंस्की ने कहा, ''हां, हमारे पास हथियार हैं, आपका शुक्रिया. लेकिन, क्या वो काफ़ी हैं? सच कहूं तो नहीं. रूसी सेना को पूरी तरह बाहर निकालने के लिए और अधिक हथियारों की ज़रूरत है.''
उन्होंने अपने भाषण के अंत में संसद को यूक्रेन के शहर बहमूट से लाया गया युद्ध का एक झंडा दिया जिसमें सैनिकों के हस्ताक्षर थे. (bbc.com/hindi)