अंतरराष्ट्रीय
-ओमेर सलिमी
पाकिस्तान के ख़ैबर पख़्तूनख़्वा के पूर्व आदिवासी ज़िले लिंडी कोतल में लड़कियों के लिए अपनी तरह का पहला साइकिल कैंप आयोजित किया गया था. अब इस पर हंगामा हो गया है.
आयोजकों के मुताबिक़ इस कैंप में पंद्रह लड़कियों ने हिस्सा लिया था. इस कैंप का विरोध करने वालों ने इसे स्थानीय क़बीलाई परंपराओं के ख़िलाफ़ बताया है.
दरअसल शुक्रवार को पाकिस्तानी साइक्लिस्ट समर ख़न और सामाजिक कार्यकर्ता जेमिमा आफ़रीदी ने अमेरिकी संस्था ग्लोबल स्पोर्ट्स मेंटरिंग की मदद से लड़कियों के लिए लिंडी कोतल में साइकिल कैंप लगाया था जिसमें पंद्रह लड़कियों ने हिस्सा लिया था.
आयोजकों का कहना है कि जिन लड़कियों को कैंप में शामिल किया गया था उनके परिजनों से अनुमति ली गई थी और कई लड़कियों के अभिभावक कैंप में शामिल भी हुए थे.
साक्लिस्ट समर ख़ान ने सोशल मीडिया पर लिखा कि कई लड़कियों ने हिजाब पहनकर और स्थानीय लिबास पहनकर साइकिल चलाई लेकिन कुछ लोगों को यह 'बेशर्मी लगी.'
'रेप, क़त्ल, तेज़ाब के हमले और नाइंसाफ़ी के ख़िलाफ़ कोई विरोध क्यों नहीं किया जाता? हमें तबाह करने के लिए किसी अंतरराष्ट्रीय एजेंडे की ज़रूरत नहीं है. हमारी अज्ञानता ही काफी है.'
इस साइकिल कैंप के बाद रविवार को जमात-ए-इस्लामी ने लिंडी कोताल में विरोध प्रदर्शन किया जिसमें दर्जनों कार्यकर्ता शामिल हुए.
इस दौरान प्रदर्शनकारियों की तख़्तियों पर लिखा था, "अश्लीलता और नग्नता प्रतिबंधित है" और 'हमें पानी और बिजली दो, साइकिल नहीं.'
इस प्रदर्शन में शामिल होने वाले कार्यकर्ताओं और स्थानीय नेताओं का कहना था कि ये साइकिल कैंप इस्लाम की परंपराओं के ख़िलाफ़ है.
प्रदर्शनकारियों का कहना था कि महिलाओं के साइकिल कैंप के बहाने इलाक़े में बेहयाई (बेशर्मी) फैलाई जा रही है.
लिंडी कोताल में जमात-ए-इस्लामी के नेता मुराद हुसैन ने सोशल मीडिया पर बताया है कि ये प्रदर्शन अश्लीलता को रोकने और इमरान आफ़रीदी की रिहाई के लिए किया गया.
'कराची में समर्थन अभियान लेकिन लिंडी कोताल में लड़कियों का साइकिल चलाना बर्दाश्त नहीं'
जहां एक तरफ़ लोग लड़कियों के साइकिल चलाने का समर्थन कर रहे हैं वहीं जमात-ए-इस्लामी की आलोचना भी हो रही है.
इमरान नाम के एक यूज़र ने ट्विटर पर लिखा की जमात ए इस्लामी के कार्यकर्ता लिंडी कोताल और कराची में अलग-अलग मानदंडों के साथ सेवा में लगे हुए हैं.
वो लिखते हैं कि कराची में मेयर पद के उम्मीदवार लड़कियों के साथ खड़े हैं और लड़कियों को सशक्त करने का अभियान चला रहे हैं लेकिन जमात-ए-इस्लामी को लिंडी कोताल में लड़कियों का साइकिल चलाना भी बर्दाश्त नहीं हो रहा है.
फ़ातिमा नाम की एक यूज़र ने ट्विटर पर लिखा, "लिंडी कोताल में 10-15 लड़कियों ने साइकिल पर एक छोटा सा चक्कर, फिर जमात-ए-इस्लामी ने उनके ख़िलाफ़ जुलूस निकाला और बदसलूकी की. ताज्जुब की बात है कि इस पर भी इस्लाम ख़तरे में पड़ गया है."
जमात ए इस्लामी के विरोध के ख़िलाफ़ महिलाओं ने सोशल मीडिया पर आवाज़ उठाई है.
पत्रकार मारियान बाबर ने ट्विटर पर लिखा कि लड़कियों के साइकिल चलाने का विरोध क़बीलाई लोगों या चरमपंथियों ने नहीं बल्कि जमात-ए-इस्लामी ने किया है.
मारियाना लिखती हैं, जमात-ए-इस्लामी को कभी अराजकता या चरमपंथ का विरोध करते हुए नहीं देखा गया है.
वहीं समाजसेविका निघत दाद ने पूछा है, "जमात-ए-इस्लामी बताए कि महिलाओं के सार्वजनिक स्थानों के इस्तेमाल की आज़ादी से क्या समस्या है? देश में रोज़ाना जब बच्चियों और महिलाओं का बलात्कार होता है तब तो आप प्रदर्शन नहीं करते हैं? या आपको अश्लीलता तब ही दिखाई देती है जब महिलाएं अपनी जगह बनाने की कोशिश करती हैं."
एक और यूज़र जावेरिया वसीम ने लिखा, "अगर आपको सड़क पर साइकिल चलाती लड़कियां अश्लील लगती हैं तो समस्या आपमें हैं."
वहीं फहमीदा यूसुफी ने लिखा कि लड़कियों के साइकिल चलाने से अश्लीलता नहीं फैलती है, जमात ए इस्लामी को विरोध करने से पहले सोचना चाहिए था.
लड़कियों की साइकिल रैली का कुछ राजनीतिक हलको ने बचाव भी किया है.
नेशनल असेंबली की पूर्व सदस्य बुशरा गोहर ने कहा कि पश्तून महिलाएं पीछे नहीं रहेंगी.
उन्होंने शिविर में भाग लेने वाली लड़कियों को बधाई भी दी है. (bbc.com/hindi)
ऑस्टेलिया के सुदूरवर्ती इलाके में किए गए एक हमले में दो पुलिस अधिकारियों समेत छह लोगों की मौत हो गई है.
पुलिस ने कहा कि उन पर गोलीबारी तब की गई जब वे क्वींसलैंड के ब्रिस्बेन से 270 किमी. पश्चिम में स्थित वेम्बिला में एक लापता व्यक्ति की तलाश कर रहे थे. ये हमला संदिग्ध रूप से घात लगा कर किया गया.
लंबी घेराबंदी के बाद पुलिस ने तीन संदिग्धों को गोली मारी, लेकिन अधिकारियों का कहना है कि अब तक हमले के पीछे की मंशा साफ़ नहीं हो पाई है.
ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री एंथनी अल्बनीज़ ने इसे देश के लिए ‘दिल तोड़ने वाला दिन’ बताया है.
पुलिस ने बताया कि सोमवार की दोपहर चार पुलिस अधिकारी वेम्बिला की एक प्रॉपर्टी पर एक लापता व्यक्ति की तलाश करने गए. जब वे आगे बढ़ रहे थे तभी उन पर हमला किया गया. 26 साल के कांस्टेबल मैथ्यू अरनॉल्ड और 29 साल की रेचल मैक्रो की गोली लगने से मौत हो गई. तीसरे पुलिस अधिकारी को गोली का छर्रा लगा और चौथे अधिकारी ने किसी तरह भाग कर अपनी जान बचाई.
एक 58 वर्षीय व्यक्ति की भी इस हमले में मौत हो गई है, माना जा रहा है वह पड़ोस में ही रहता था. पुलिस ने अब तक हमलावरों की पहचान सर्वजनिक नहीं की है.
क्वींसलैंड पुलिस आयुक्त कैटरीना कैरोल ने इसे 'अकल्पनीय त्रासदी' बताया और कहा कि कई सालों में ये पहली घटना है जब इतनी बड़ी संख्या में लोगों की जान गई है.
बहामास ने दिवालिया हो चुकी क्रिप्टो करेंसी एफ़टीएक्स के संस्थापक सैम बैंकमैन-फ्रायड को गिरफ़्तार कर लिया है. देश के अटॉर्नी जनरल ने इस बात की जानकारी दी है.
बहामास ने कहा है कि उसे अमेरिका से सैम बैंकमैन के ख़िलाफ़ आपराधिक आरोपों की आधिकारिक सूचना मिली थी.
बीते महीने एफ़टीएक्स ने अमेरिका में ख़ुद को दिवालिया घोषित किया था और इसके कई ग्राहक अपने पैसे तक नहीं निकाल पाए थे. ये दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी क्रिप्टो करेंसी थी जो हर दिन 10 बिलियन क्रिप्टो क्वाइंस का व्यापार कर रही थी.
अमेरिका के मैनहटन स्थित अटॉर्नी कार्यालय ने ट्वीट किया है, “अमेरिका के अनुरोध पर बहामास के अधिकारियों ने सैमुअल बैंकमैन-फ्राइड को गिरफ़्तार कर लिया है.सदर्न डिस्ट्रिक ऑफ़ न्यूयॉर्क की ओर से दायर एक सीलबंद अभियोग के आधार पर अमेरिका ने बहामास से ये गुज़ारिश की थी.”
हाल ही में दिए गए कई इंटरव्यू में बैंकमैन ने माना था कि उनकी कंपनी से ग़लती हुई है, लेकिन उन्होंने ये मानने से इंकार कर दिया था कि किसी तरह की कोई ग़ैरकानूनी गतिविधि की गई है.
उन्होंने न्यूयॉर्क टाइम्स के डीलबुक समिट में कहा था, "मैंने कभी धोखाधड़ी करने की कोशिश नहीं की."
कैसे बर्बाद हुई एफ़टीएक्स
दरअसल, एफ़टीएक्स की आर्थिक स्थिति तब बिगड़नी शुरू हुई जब क्रिप्टो न्यूज़ वेबसाइट क्वाइनडेस्क ने सैम की ट्रेडिंग कंपनी अलमीडा रिसर्च और एफ़टीएक्स के आपस में जुड़े होने का ज़िक्र किया और यह बताया कि दोनों स्वतंत्र कंपनियां नहीं हैं बल्कि एक फ़ाउंडेशन का हिस्सा हैं.
इसके बाद एक और आरोप लगा कि अलमीडा ने एफ़टीएक्स के ग्राहकों का पैसा बतौर लोन इस्तेमाल किया है.
इस रिपोर्ट के आने के बाद क्रिप्टो बाज़ार में सनसनी फैल गई. कंपनी के बुरे दौर की शुरुआत हो चुकी थी और इन आरोपों के कुछ दिन बाद ही एफ़टीएक्स की मुख्य प्रतिद्वंद्वी बाइनेंस ने एफ़टीएक्स से जुड़े अपने सारे क्रिप्टो टोकन बेच दिए.
इसके बाद एफ़टीएक्स पर भूचाल आ गया. एक-एक कर ग्राहकों ने एफ़टीएक्स से अपना पैसा निकालना शुरू कर दिया. इसके बाद एफ़टीएक्स ने ख़ुद को दिवालिया घोषित कर दिया.(bbc.com/hindi)
टोरंटो, 12 दिसंबर। कनाडा के अल्बर्टा प्रांत में भारतीय मूल के एक 24 वर्षीय सिख युवक की गोली मारकर हत्या कर दी गई। कनाडा में इस महीने इस तरह की यह दूसरी घटना है।
एडमोंटन पुलिस की एक विज्ञप्ति में कहा गया है कि युवक की पहचान सनराज सिंह के रूप में हुई। तीन दिसंबर की रात एडमोंटन में गोली चलने की सूचना के बाद पुलिस घटनास्थल पर पहुंची थी। घायल अवस्था में सिंह एक वाहन में बैठे हुए थे। आपातकालीन चिकित्सा सेवा के पहुंचने तक उनकी मौत हो गई। प्रेस विज्ञप्ति में बताया गया कि अंत्यपरीक्षण रिपोर्ट के मुताबिक सिंह की हत्या की गई है।
पुलिस के मुताबिक घटना वाले इलाके से एक वाहन संदिग्ध स्थिति में जाता दिखा था और पहचान के लिए जांच अधिकारियों ने सीसीटीवी फुटेज को भी जारी किया। पुलिस ने तीन दिसंबर की रात इलाके में किसी भी तरह की संदिग्ध गतिविधियों के बारे में भी निवासियों से अवगत कराने को कहा है।
ओंटारियो प्रांत में तीन दिसंबर को 21 वर्षीय सिख महिला पवनप्रीत कौर को ‘लक्षित’ हमले में गोली मार दी गई थी। नवंबर में, महकप्रीत सेठी की ब्रिटिश कोलंबिया प्रांत में उच्च विद्यालय की पार्किंग में चाकू मारकर हत्या कर दी गई। (भाषा)
अफ़ग़ानिस्तान की राजधानी काबुल में एक गेस्ट हाउस के क़रीब गोलीबारी और धमाके की ख़बर है. यहां ज़्यादातर चीनी कारोबारी ठहरते हैं और ये चीन के लोगों के बीच काफी लोकप्रिय है.
मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक यहां धमाके और गोलियां चलने की आवाज़ सुनाई दी हैं.
समाचार एजेंसी एएफ़पी के मुताबिक एक चश्मदीद ने कहा, "धमाका बहुत तेज़ था और कई गोलियां चलने की आवाज़े आईं."
समाचार एजेंसी एएफ़पी ने सूत्रों के हवाले से बताया है कि हमलावर इमारत के अंदर दाखिल हो गए हैं.
हालांकि उनकी संख्या कितनी है, इसकी जानकारी अभी नहीं मिली है.
एएफ़पी के संवाददाताओं ने तालिबान के स्पेशल फ़ोर्स को मौके पर जाते देखा है.
ईरान में एक शख्स को सार्वजनिक रूप से फांसी की सजा दी गई है. उसे सुरक्षा बलों के दो सदस्यों को मारने का दोषी करार दिया गया था. सरकार विरोधी प्रदर्शनों में शामिल शख्स को फांसी देने की यह एक हफ्ते के भीतर दूसरी घटना है.
सोमवार को ईरानी समाचार एजेंसी मीजान ने खबर दी है, "माजिद रेजा राहनावर्द को सार्वजनिक रूप से (पवित्र शहर) माशाद में आज सुबह फांसी दी गई...उसे सुरक्षा बलों के दो सदस्यों की चाकू मार कर हत्या करने के बाद 'अल्लाह के खिलाफ जंग छेड़ने' के लिए मौत की सजा दी गई है."
ईरान की अर्द्धसरकारी समाचार एजेंसी फार्स ने खबर दी है कि राहनावर्द ने बासिज वॉलंटियर फोर्स के दो सदस्यों को मारा था और चार दूसरे लोगों को घायल किया था. बासिज फोर्स रेवॉल्यूशनरी गार्ड्स से जुड़ा हुआ है और विरोध प्रदर्शनों के खिलाफ सरकार की कार्रवाई में सबसे आगे है.
"आपराधिक कार्रवाई"
सामाजिक कार्यकर्ता सोशल मीडिया पर 23 साल के राहनावर्द की फांसी की आलोचना कर रहे हैं. उनका कहना है कि देश के मुल्लाओं ने विरोध दबाने के लिए "आपराधिक कार्रवाई" की है.
1500Tasvir ट्विटर हैंडल से एक विख्यात सामाजिक कार्यकर्ता ने ट्वीट किया है, "उन्होंने राहनावर्द के परिवार को सुबह सात बजे फोन किया और उन्हें बेहेस्ते रेजा कब्रगाह जाने को कहा. उन्होंने कहा, "हमने तुम्हारे बच्चे को मौत की सजा दी है और उसे दफना दिया है." हालांकि इस ट्वीट में दी गई जानकारी की स्वतंत्र रूप से पुष्टि नहीं हो सकी है.
इससे पहले गुरुवार को ईरान ने मोहसेन शेकरी को फांसी की सजा दी थी. शेकरी को एक सिक्योरिटी गार्ड को चाकू से घायल करने और तेहरान की एक सड़क को ब्लॉक करने का दोषी माना गया था. पिछले दिनों हुई हजारों गिरफ्तारियों में यह पहली मौत की सजा थी. पश्चिमी देश पहले से ही प्रदर्शनकारियों पर की जा रही ईरान की कार्रवाई की निंदा कर रहे हैं.
मानवाधिकार गुटों का कहना है कि शेकरी का उत्पीड़न किया गया और उसे जुर्म कबूलने के लिए मजबूर किया गया. सुन्नी मौलाना मौलवी अब्दोलहमीद का कहना है कि शेकरी को मौत की सजा में शरिया कानून का उल्लंघन हुआ है.
राहनावर्द का वीडियो
सरकारी मीडिया में एक वीडियो दिखाया जा रहा है जिसमें राहनावर्द बताये जा रहे एक शख्स को मोटरसाइकिल पर गिरते एक शख्स को चाकू मारते देखा जा सकता है. चाकू मारने वाला इसके बाद दूसरे शख्स को भी चाकू मारता है और फिर भाग जाता है.
ईरान की सरकारी मीडिया में दिखाये जा रहे एक और वीडियो में राहनावर्द को अदालत में यह कहते देखा जा सकता है कि सोशल मीडिया पर डाले गए वीडियो में प्रदर्शनकारियों को पीटते और मारते देखने के बाद वह बासिज फोर्सेज से नफरत करता है.
मानवाधिकार एजेंसी एमनेस्टी इंटरनेशनल का कहना है कि ईरानी अधिकारी कम से कम 21 लोगों के लिए मौत की सजा की मांग कर रहे हैं. एजेंसी ने प्रदर्शनकारियों पर चल रहे मुकदमों को "ढकोसला बताया है जो ईरान को हिलाने वाले विरोध प्रदर्शन में शामिल लोगों का दमन करने के लिए चलाये जा रहा हैं."
यूरोपीय संघ के सदस्य देशों के विदेश मंत्री सोमवार को ब्रसेल्स में अपनी बैठक में ईरान के खिलाफ और प्रतिबंध लगाने पर चर्चा कर रहे हैं. कुल मिलाकर 30 अन्य अधिकारियों और संस्थानों पर प्रतिबंध लगाए जाएंगे. उनकीस संपत्ति जब्त कर ली जाएगी और यात्राओं पर रोक लगा दी जाएगी. यूरोपीय संघ ईरान पर मानवाधिकारों के हनन और रूस को ड्रोन देने का आरोप लगा रहा है.
हिरासत में मौत
22 साल की महसा अमीनी की मोरेलिटी पुलिस की हिरासत में मौत के बाद पूरे ईरान में शुरू हुए विरोध प्रदर्शन का तीसरा महीने चल रहा है. विरोध प्रदर्शन ईरान के सभी तबके के नाराज लोगों के लिए सरकार विरोधी मुहिम बन गई है. सरकार 1979 की क्रांति के बाद संभवतया पहली बार अपने खिलाफ इतने बड़े विरोध का सामना कर रही है. विरोध प्रदर्शनों के बीच ही मोरैलिटी पुलिस को भंग करने की भी घोषणा की गई है.
मानवाधिकार संगठन एचआइएनए का कहना है कि रविवार तक 488 प्रदर्शनकारी मारे जा चुके हैं जिनमें 68 बच्चे हैं. सुरक्षा बलों के 62 सदस्यों की भी मौत हुई है जबकि 18,259 लोगों को गिरफ्तार किया गया है.
इस बीच संयुक्त राष्ट्र का कहना है कि विरोध प्रदर्शनों में 300 लोगों की मौत हुई है जबकि ईरान की सरकारी सुरक्षा एजेंसी ने सुरक्षा बलों समेत 200 लोगों के मौत की बात कही है.
एनआर/एमजे (रॉयटर्स)
संयुक्त राष्ट्र के मुताबिक यमन के गृह युद्ध में पिछले 8 सालों में 11 हजार से ज्यादा बच्चे या तो मारे गए या घायल हुए हैं. संस्था के मुताबिक बच्चों की मौत सीधे युद्ध के अलावा युद्ध के प्रभावों के चलते भी हुई है.
यमन में चल रहे युद्ध में पिछले 8 सालों में 11 हजार से ज्यादा बच्चे हताहत हुए हैं. यह जानकारी संयुक्त राष्ट्र की ओर से दी गई है. यह भी पाया गया कि कुल 3 करोड़ जनसंख्या वाले यमन में22 लाख बच्चे कुपोषित हैं. इनमें से एक चौथाई की उम्र पांच साल से भी कम है.
संयुक्त राष्ट्र की बच्चों के लिए काम करने वाली एजेंसी यूनिसेफ ने यह भी कहा है कियुद्ध के चलते हुई बच्चों की मौत के असल आंकड़े इससे कहीं ज्यादा हो सकते हैं. यहां बच्चे हैजा, चेचक और अन्य बीमारियों के प्रकोप से पीड़ित हैं. जबकि इनमें से कई बीमारियों का आसानी से वैक्सीन के जरिए इलाज किया जा सकता है.
कई हजार बच्चे गंदा पानी पीने से मरे
यमन में 2014 में लड़ाई छिड़ी थी. तब जल्द ही ईरान के समर्थन वाले हूथी विद्रोहियों ने यमन की राजधानी सना पर कब्जा कर लिया था. इसके बाद सऊदी अरब के समर्थन वाली सेना की मदद से बनाये एक गठबंधन सेना से उनका युद्ध चल रहा है.
जिन बच्चों की मौत हुई है, उनमें सारे युद्ध में नहीं मारे गए हैं. कई हजार बच्चों की मौत युद्ध के परोक्ष प्रभावों से हुई है. जिनमें गंदा पानी पीने से, महामारियों का प्रकोप होने से, भूख और अन्य प्रभावों के चलते भी बच्चों की जान गई है.
सिर्फ अक्टूबर से अब तक 62 बच्चों की मौत
एजेंसी के हालिया आंकड़ों के मुताबिक मार्च, 2015 से सितंबर, 2022 के बीच 3,774 बच्चों की मौत हुई है. युद्ध शुरू होने के बाद ही बच्चों और स्थानीयों लोगों पर आई मुसीबतों के देखते हुए यहां कई शांति प्रयास किए गए.
संयुक्त राष्ट्र की मध्यस्थता से दोनों पक्षों के बीच कराई गई अंतिम शांति संधि की सीमा 2 अक्टूबर को खत्म हुई. इसके बाद इसे आगे नहीं बढ़ाया जा सका. इसके बाद युद्ध फिर शुरू हो गया. और तब से अब तक 62 और बच्चों की जान इसमें गई है.
एडी/एनआर (एएफपी)
इंडोनेशिया, 12 दिसंबर । इंडोनेशिया की विदेश मंत्री रेत्नो मर्सुदी ने कहा है कि भारत समेत दूसरे देशों को म्यांमार पर एक अलग रुख़ अख़्तियार करने की जगह आसियान गुट की नीतियों का सम्मान और पालन करना चाहिए.
अंग्रेजी अख़बार द हिंदू में प्रकाशित ख़बर के मुताबिक़, इंडोनेशिया की विदेश मंत्री का ये बयान भारत की ओर से म्यांमार की सैन्य सरकार के साथ संपर्क बनाने वाले फ़ैसले के बाद आया है.
म्यांमार में सैन्य सरकार ने साल 2021 के फ़रवरी महीने में आंग सान सू ची के नेतृत्व वाली नेशनल यूनिटी गवर्नमेंट को सत्ता से बाहर कर दिया था.
मर्सुदी ने कहा है कि भारत सरकार का ये फ़ैसला आसियान देशों की ओर से लोकतंत्र की दिशा में किए जाने वाले प्रयासों को कमतर करता है.
उन्होंने कहा कि भारत समेत अन्य देशों को आसियान देशों के पाँच सूत्री सहमति का पालन करना चाहिए.
इसमें हिंसा को तत्काल प्रभाव से रोके जाने, सभी पक्षों के साथ संवाद स्थापित किए जाने, विशेष दूत की नियुक्ति किए जाने, आसियान देशों की ओर से मानवीय सहायता उपलब्ध कराए जाने और म्यांमार में सभी पक्षों के साथ मुलाक़ात के लिए विशेष दूत के दौरे की व्यवस्था किया जाना शामिल है.
मर्सुदी ने द हिंदू से बातचीत में कहा, "आसियान के सदस्य देशों को हमारा संदेश ये है कि आसियान के प्रयासों का समर्थन किया जाए क्योंकि अगर आप इससे अलग कुछ करेंगे तो उससे हमारा असर कम होगा और म्यांमार को इस राजनीतिक संकट से बाहर करने में मदद नहीं मिलेगी."
मर्सुदी ने ये भी बताया कि पिछली सितंबर में उनकी इस बारे में विदेश मंत्री एस जयशंकर से बात हुई थी.
यही नहीं, इस साल की शुरुआत में बिम्सटेक वर्चुअल समिट में म्यांमार के विदेश मंत्री को बुलाए जाने पर आसियान के सदस्य देशों और अमेरिका ने भारत और श्रीलंका से अपनी चिंताएं व्यक्त की थीं.
बिम्सटेक में सात दक्षिण एशियाई और दक्षिण पूर्वी एशियाई देश शामिल हैं.
बीते नवंबर में भारतीय विदेश सचिव विनय क्वात्रा ने म्यांमार की राजधानी नेपिडॉ का दौरा किया था.
लेकिन उन्होंने अपने इस दौरे में अपदस्थ राजनीतिक दलों से मुलाक़ात नहीं की जो एक बड़ा बदलाव है. इसके साथ ही उनके दौरे पर जारी किए गए बयान में आसियान देशों के पांच सूत्री सहमति का ज़िक्र नहीं था जबकि पुरानी प्रेस रिलीज़ में इसका ज़िक्रा हुआ करता था.
भारत सरकार के अधिकारी कहते रहे हैं कि भारत के लिए म्यांमार से संबंध बेहद अहम हैं क्योंकि दोनों के बीच ऐसी सीमा है जिसमें चरमपंथियों आते जाते रहते हैं, ऐसे में उसे दूसरे क्षेत्रीय प्रतिद्वंद्वियों जैसे चीन की तरह सैन्य शासकों के साथ समन्वय बनाए रखने की ज़रूरत है.
इंडोनेशिया की विदेश मंत्री ने कहा है कि दोनों देशों ने आधारभूत ढांचे से जुड़ी परियोजनाओं को पूरा करने की दिशा में एक क़दम बढ़ाया है.
उन्होंने कहा है कि भारत और इंडोनेशिया ने चार साल से लंबित सेबांग बंदरगाह परियोजना को पूरा करने की दिशा में एक बड़ी अड़चन को दूर करने में कामयाबी हासिल की है. ये जगह भारत के दक्षिणतम बिंदू इंदिरा पॉइंट से दो सौ किलोमीटर से भी कम दूरी पर स्थित है.
उन्होंने कहा कि पीएम मोदी और इंडोनेशियाई राष्ट्रपति जोको विडोडो की ओर से लॉन्च किए गए सेबांग बंदरगाह के लिए फीज़िबिलिटी स्टडीज़ पूरी कर ली गई है.
इस दिशा में दोनों देशों के संयुक्त टास्क फोर्स की मीटिंग आगामी 19 दिसंबर को होगी जिसमें भविष्य के क़दम तय किए जाएंगे.
मर्सुदी ने कहा, "ये सही है कि शुरुआती अध्ययनों को पूरा करने में लगने वाला चार साल का समय काफ़ी लंबा है. लेकिन इंडोनेशियाई लोग निराश नहीं होते. ऐसे में उम्मीद है कि निर्माण कार्य जल्द ही शुरू होगा.
उन्होंने कहा कि इंडोनेशियाई शहर मेदान में कुआला नामू हवाई अड्डे को बनाने के लिए पांच अरब डॉलर के इंडो-फ्रैंच ज्वॉइंट वेंचर (जीएमआर ग्रुप कंसोर्टियम प्रतिबंधित) और पांच सौ मिलियन डॉलर वाला सोलर पैनल एनर्जी प्रोजेक्ट भी रास्ते में है. (bbc.com/hindi)
नई दिल्ली, 12 दिसंबर । सऊदी अरब के विदेश मंत्री ने कहा है कि अगर ईरान को एक 'इस्तेमाल लायक न्यूक्लियर हथियार' मिल जाएगा है तो खाड़ी देश अपनी सुरक्षा तय करने के लिए सबकुछ दांव पर लगा देंगे.
प्रिंस फ़ैसल बिन फ़रहान अल सऊद से एक इंटरव्यू में ईरान को परमाणु हथियार हासिल होने से जुड़ा सवाल पूछा गया तो उन्होंने कहा, "अगर ईरान को इस्तेमाल लायक परमाणु हथियार मिल जाता है तो सबकुछ दांव पर लगा दिया जाएगा."
उन्होंने कहा, "इस इलाके में हम एक ख़तरनाक स्थिति में पहुंच गए हैं. आप उम्मीद कर सकते हैं कि इलाक़े के देश अपनी सुरक्षा बढ़ाने के लिए ज़रूर ध्यान देंगे."
पिछले साल दुनिया के ताकतवर देश ईरान के साथ एक न्यूक्लियर डील फिर से शुरू करने की कोशिश कर रहे थे. साल 2018 में अमेरिका के तत्कालीन राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ईरान के साथ हुई परमाणु संधि से बाहर निकलने का एलान किया था. इसके बाद अमेरिका ने ईरान पर कड़े प्रतिबंध लगा दिए थे.
हालांकि ईरान कहता रहता है कि वो न्यूक्लियर पावर का इस्तेमाल सिर्फ़ शांतिपूर्ण कामों के लिए करता है. (bbc.com/hindi)
इटली, 12 दिसंबर । इटली में रोम के एक कैफ़ै में हुई गोलीबारी में तीन महिलाओं की मौत हो गई. इनमें से एक इटली की नई प्रधानमंत्री जॉर्जिया मेलोनी की दोस्त हैं. गोलीबारी में चार लोग ज़ख्मी हुए हैं.
रोम के मेयर रोबर्तो गलटेयरी ने इस शूटिंग को ‘हिंसा की गंभीर घटना’ बताया है. उन्होंने बताया है कि वो सोमवार को होनी वाली आपात बैठक में शामिल होंगे.
इस मामले में 57 साल के एक संदिग्ध को हिरासत में लिया गया है.
इटली के 'ला रिपब्लिका' अख़बार की रिपोर्ट के मुताबिक़, लुसियाना सिओरबा रोम के फिदेने में स्थित इस कैफे में थीं.
उन्होंने अख़बार को बताया कि रविवार को बंदूकधारी बार में दाखिल हुआ. गोली चलाने के पहले उसने चिल्लाते हुए कहा, "मैं तुम सबको मार डालूंगा". थोड़ी ही देर में लोगों ने उसे काबू में कर लिया.
इटली की प्रधानमंत्री जॉर्जिया मेलोनी ने गोलीबारी में गई एक निकोलेटा गोलिसानो को अपनी दोस्त बताया है. मारी गई दो अन्य महिलाओं के नाम एलिज़ाबेटा सिलेंज़ी और सबीना स्परंडियो है.
इटली की पीएम ने क्या कहा?
फ़ेसबुक पोस्ट में मेलोनी ने अपनी दोस्त के बारे में लिखा, “निकोलेटा एक प्रोटेक्टिव माँ थीं, एक ईमानदार और समझदार दोस्त, एक मज़बूत महिला थीं."
उन्होंने आगे लिखा, "इस सबसे ऊपर वो एक बेहतरीन प्रोफ़ेशनल महिला थीं, वो मेरी दोस्त थीं. " (bbc.com/hindi)
सैन फ्रांसिस्को, 12 दिसंबर | अधिकारियों ने एक अमेरिकी व्यक्ति को यह जानने के बाद गिरफ्तार किया है कि उसने एक पीड़ित की कार का पीछा करने के लिए एप्पल एयरटैग लगाए थे। 10 दिसंबर की सुबह, 63 वर्षीय कार्ल स्टीवन शेवर को पीछा करने और जीपीएस के अनधिकृत उपयोग के आरोप में गिरफ्तार किया गया।
अदालत के रिकॉर्ड कहते हैं कि पीड़ित ने 5 दिसंबर को अपने स्पेयर टायर के ऊपर एक एयरटैग पाया, जब उनके फोन ने उन्हें इस तथ्य के बारे में सचेत किया कि उनकी यात्रा पर नजर रखी जा रही है, केलोलैंड मीडिया समूह की रिपोर्ट।
स्थानीय पुलिस ने तब एयरटैग को अपने कब्जे में ले लिया और इसे स्टेशन पर सबूत के तौर पर रख दिया।
अगले दिन, शेवर पीड़िता की तलाश में स्थानीय पुलिस स्टेशन गया, जिसे उसने अपनी पत्नी होने का दावा किया।
रिपोर्ट के अनुसार, शेवर ने पुलिस को बताया कि उसने पीड़िता की कार पर एयरटैग लगाया था क्योंकि उसे लगा था कि पीड़िता का अफेयर चल रहा है।
इसके अलावा, 7 दिसंबर को पीड़ित के वाहन पर एक दूसरे एयरटैग की खोज की गई, जब उन्हें एक बार फिर उनके फोन द्वारा सूचित किया गया कि उनकी गतिविधियों को ट्रैक किया जा रहा है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि अदालत के रिकॉर्ड में कहा गया है कि शेवर के पुलिस के इस दावे के बावजूद कि वह और पीड़िता शादीशुदा थे, दोनों के बीच कभी संबंध नहीं थे और पीड़िता ने शेवर को कॉल करने या मैसेज करने से रोक दिया था।
एप्पल एयरटैग एक छोटा आईफोन एक्सेसरी है जो एप्पल के फाइंड माई ऐप जैसे चाबियां, वॉलेट, पर्स, बैकपैक्स, सामान और अधिक के साथ सबसे ज्यादा मायने रखने वाली वस्तुओं को ट्रैक करने और खोजने में मदद करता है।
यह एक सुरक्षित ब्लूटूथ सिग्नल भेजता है जिसे फाइंड माई नेटवर्क में आस-पास के उपकरणों द्वारा पता लगाया जा सकता है। (आईएएनएस)
मजार-ए-शरीफ, 12 दिसंबर | प्रांतीय पुलिस प्रवक्ता मोहम्मद आसिफ वजीरी ने सोमवार को कहा कि अफगान पुलिस ने बल्ख प्रांत की राजधानी उत्तरी मजार-ए-शरीफ शहर में लोगों से 30 एके-47 राइफलें और गोला-बारूद बरामद किया है। वजीरी ने संवाददाताओं से कहा कि पुलिस ने पिछले कुछ हफ्तों में अलग-अलग अभियान चलाए हैं और घरों की तलाशी ली है और इसके परिणामस्वरूप 30 एके-47, रॉकेट प्रोपेल्ड ग्रेनेड (आरपीजी-7) और गोला-बारूद का जखीरा बरामद हुआ है।
समाचार एजेंसी शिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार, वजीरी ने यह भी कहा कि पुलिस सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए मजार-ए-शरीफ शहर के कुछ हिस्सों में सीसीटीवी कैमरे लगाएगी।
स्थानीय लोगों का कहना है कि गैर-जिम्मेदार हथियारबंद लोगों से हथियार इकट्ठा करने और सुरक्षा कैमरे लगाने से शहर में आपराधिक गतिविधियों पर लगाम लगाने में मदद मिलेगी।
कुछ महीने पहले मजार-ए-शरीफ शहर में कम से कम दो चिकित्साकर्मियों का अपहरण कर लिया गया था और पिछले सप्ताह शहर में एक बम विस्फोट में सात लोगों की मौत हो गई थी और आठ अन्य घायल हो गए थे। (आईएएनएस)
सैन फ्रांसिस्को, 12 दिसंबर | माइक्रो-ब्लॉगिंग प्लेटफॉर्म ट्विटर एक ट्वीट के लिए अक्षरों की सीमा 280 से बढ़ाकर 4,000 कर देगा। इसकी पुष्टि खुद ट्विटर के सीईओ एलन मस्क ने की है। यह सब तब शुरू हुआ जब एक यूजर ने मस्क से पूछा, "एलन, क्या यह सच है कि ट्विटर 280 से 4000 कैरेक्टर्स को बढ़ाने के लिए तैयार है?"
इस पर मस्क ने जवाब दिया, 'हां'।
मस्क के पोस्ट पर कई यूजर्स ने अपने विचार व्यक्त किए।
जहां एक यूजर ने कहा, "यह एक बड़ी गलती होगी। ट्विटर का मकसद फास्ट न्यूज देना है। अगर ऐसा होता है, तो बहुत सारी वास्तविक जानकारी खो जाती है।"
दूसरे ने कमेंट किया, "4000? यह एक निबंध है, ट्वीट नहीं।"
दूसरी ओर, ट्विटर ने रविवार को वैश्विक स्तर पर सभी उपयोगकर्ताओं के लिए 'कम्युनिटी नोट्स' रोल आउट करना शुरू कर दिया।
कंपनी के अनुसार, "कम्युनिटी नोट्स का उद्देश्य ट्विटर पर लोगों को सहयोगात्मक रूप से भ्रामक ट्वीट्स में संदर्भ जोड़ने के लिए सशक्त बनाकर एक बेहतर दुनिया बनाना है।"
"योगदानकर्ता किसी भी ट्वीट पर नोट्स छोड़ सकते हैं और यदि विभिन्न ²ष्टिकोणों से पर्याप्त योगदानकर्ता मददगार के रूप में नोट करते हैं, तो नोट सार्वजनिक रूप से एक ट्वीट पर दिखाया जाएगा।"
इस बीच, मस्क ने सोमवार को माइक्रो-ब्लॉगिंग प्लेटफॉर्म पर सभी बॉट्स को उन पर हमला करने के लिए कहा।
उन्होंने लिखा, "सभी बॉट और स्पैम से मैं कहता हूं, कृपया मुझ पर हमला करें!" (आईएएनएस)|
नई दिल्ली, 12 दिसंबर | ब्रिटेन की व्यापार मंत्री केमी बडेनोच ब्रिटेन और भारत के बीच मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) के छठे दौर की वार्ता के लिए सोमवार से दिल्ली में हैं। दोनों देशों के बीच संबंधों को मजबूत करने और एक महत्वाकांक्षी द्विपक्षीय व्यापार सौदे पर बातचीत के उद्देश्य से बडेनोच अपने समकक्ष भारतीय वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल से पहली बार व्यक्तिगत तौर से मुलाकात करेंगी।
वह पूरे सप्ताह होने वाली औपचारिक वार्ताओं के छठे दौर से पहले वरिष्ठ अधिकारियों की दोनों टीमों को संबोधित करेंगी।
जुलाई के बाद पहली औपचारिक दौर की यह वार्ता कीमतों में कटौती और वित्तीय और कानूनी जैसी यूके सेवाओं के लिए अवसरों को खोलने के लिए एक सौदे को लक्षित करेगी, जो ब्रिटिश व्यवसायों के लिए 2050 तक 250 मिलियन लोगों के मध्यम वर्ग के साथ-साथ दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने में मदद करेगी।
अपनी यात्रा के दौरान, व्यापार सचिव एक आधुनिक यूके-भारत व्यापार संबंध के लिए उनकी जरूरतों को बेहतर ढंग से समझने के लिए व्यापारिक नेताओं से भी मिलेंगी। इसमें फेयरट्रेड पेपर और पैकेजिंग उत्पादों का उत्पादन करने वाले संयंत्र के निर्माण के लिए भारत में 10 मिलियन पाउंड से अधिक का निवेश करने वाली यूके की कंपनी एनवोपीएपी के साथ बैठक में शामिल होगी।
अंतर्राष्ट्रीय व्यापार मंत्री केमी बडेनोच ने कहा, मैं यहां यूके-भारत व्यापार वार्ता के छह दौर की शुरूआत करने के लिए नई दिल्ली में हूं और इस समझौते पर प्रगति के लिए अपने समकक्ष मंत्री गोयल से व्यक्तिगत रूप से मिलूंगी।
दोनों देश अत्यधिक महत्वाकांक्षाओं और पारस्परिक रूप से लाभकारी सौदे की दिशा में मिलकर काम करने की इच्छा से एक साथ आए हैं। मैं उन अवसरों को लेकर उत्साहित हूं जो हम ब्रिटिश व्यवसाय के लिए बना सकते हैं।
भारत और यूके दुनिया की 5वीं और 6वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाएं हैं। हमारा एक लंबा साझा इतिहास है, और एक ऐसा सौदा करने के लिए अग्रणी स्थिति में हैं, जो रोजगार पैदा करेगा, विकास को प्रोत्साहित करेगा और हमारे 29 बिलियन पाउंड के व्यापारिक संबंधों को बढ़ावा देगा।
अगले दशक के मध्य तक भारतीय अर्थव्यवस्था में मजबूत वृद्धि से भारत में यूके के निर्यात में नौ बिलियन पाउंड से अधिक की वृद्धि होने की उम्मीद है, और यूके के व्यवसाय पहले से ही फलते-फूलते व्यापारिक संबंधों का लाभ उठा रहे हैं।
ब्रिटिश कॉफी और सैंडविच रिटेलर प्रेट, रिलायंस ब्रांड्स के साथ फ्रैंचाइजी साझेदारी के बाद 2023 की शुरूआत में भारत में अपनी पहली ब्रांच खोलेगी। कंपनी की देश भर में कुल मिलाकर 100 ब्रांच खोलने की योजना हैं।
प्रेट ए मंगर के सीईओ पैनो क्रिस्टोउ ने कहा, प्रेट के फ्रेश फूड और ऑर्गेनिक कॉफी को दुनिया भर के अधिक लोगों तक पहुंचाना हमारी परिवर्तन रणनीति का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, और मुझे भारत में प्रेट लॉन्च करने की खुशी है।
फ्रेश फूड और खाने के नए अनुभवों की मजबूत मांग को देखते हुए, हम भारत भर में प्रेट ब्रांड को विकसित करने का रोमांचक अवसर तलाशते रहते हैं, साथ ही इसके फूड-टू-गो मार्किट में कुछ अनूठा जोड़ते रहते हैं।
ब्रिटिश उद्योग परिसंघ के अंतर्राष्ट्रीय निदेशक एंडी बर्वेल ने कहा, ब्रिटेन-भारत एफटीए उद्योग के लिए सर्वोच्च प्राथमिकता बना हुआ है। हम इसके लिए मंत्री और प्रधान मंत्री की सराहना करते हैं। व्यापार विकास का एक महत्वपूर्ण चालक है और भारत एक मजबूत भागीदार और बाजार होगा क्योंकि ब्रिटेन का लक्ष्य मंदी से बचने, कुशल श्रम को आकर्षित करने और हरित परिवर्तन को पूरा करना है।
इस तरह के व्यवसायों में कमी, अधिक किफायती सीमा-पार व्यापार, और मुक्त व्यापार समझौते की बदौलत भारतीय कंपनियों और आपूर्तिकर्ताओं के साथ काम करने के अवसरों में वृद्धि से लाभ हो सकता है। (आईएएनएस)|
इन्वर ग्रोव हाइट्स (अमेरिका), 12 दिसंबर। अमेरिका के मिनेसोटा में जहर देकर मारे गए जानवरों को खाने से कम से कम 13 ‘बाल्ड’ बाज (सफेद सिर वाले बाज) बीमार पड़ गए और उनमें से तीन की मौत हो गयी। मिनेसोटा के एक ढलाव घर में अनुचित तरीके से इन मृत जानवरों को फेंका गया था।
‘मिनियापोलिस स्टार ट्रिब्यून’ की खबरों के अनुसार, इस महीने मिनियापोलिस के उपनगर इन्वर ग्रोव हाइट्स में पाइन बेंड लैंडफिल के समीप इन बाजों के पाए जाने के बाद संघीय वन्यजीव अधिकारी मामले की जांच कर रहे हैं।
इनमें से 10 बाज यूनिवर्सिटी ऑफ मिनेसोटा रैप्टर सेंटर में भर्ती हैं। सेंटर की कार्यकारी निदेशक विक्टोरिया हॉल ने बताया कि उन्हें उम्मीद है कि ये पक्षी जल्द ही स्वस्थ हो जाएंगे।
हॉल ने बताया कि ये बाज अचेत अवस्था में मिले थे और रैप्टर सेंटर के कर्मियों को यह मालूम नहीं था कि ये जीवित हैं। पशु चिकित्सकों को संदेह है कि जिन बाज की मौत हुई है उन्होंने ऐसे मृत जानवर को खाया था जिन्हें पेंटोबार्बिटल दवा देकर मारा गया था और जांचकर्ताओं ने पुष्टि की कि इन जानवरों को दो दिसंबर को भराव क्षेत्र में फेंका गया। (एपी)
पाकिस्तान और अफ़ग़ानिस्तान में सरहद पर तनाव बढ़ गया है. रविवार को चमन में अफ़ग़ान बॉर्डर फोर्स की गोलीबारी में कम से कम छह पाकिस्तानियों की मौत हुई है और 17 लोग ज़ख़्मी हुए हैं. पाकिस्तानी मीडिया में कहा जा रहा है कि मरने वालों की संख्या अब बढ़कर सात हो गई है.
पाकिस्तान की सेना ने कहा है कि अफ़ग़ान बॉर्डर फोर्स ने सरहद पर बेहजह आक्रामक रुख़ अख़्तियार किया और उसकी गोलीबारी में कम से कम छह आम पाकिस्तानियों की मौत हुई है. पाकिस्तानी सेना ने अपने बयान में कहा है कि उसकी ओर से भी गोलीबारी का जवाब दिया गया. पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने कहा है कि इस तरह के रुख़ से दोनों मुल्कों के बीच भाईचारे वाला संबंध नहीं रह सकता है.
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज़ शरीफ़ ने अफ़ग़ानिस्तान से लगी सीमा पर चमन इलाक़े में अफ़ग़ान बॉर्डर फोर्स की गोलीबारी में छह पाकिस्तानियों की मौत पर कड़ी प्रतिक्रिया दी है. शहबाज़ शरीफ़ ने ट्वीट कर कहा है, ''अफ़ग़ान बॉर्डर फ़ोर्स की बेवजह गोलीबारी के कारण चमन में कई पाकिस्तानी शहीद हुए हैं और एक दर्जन से ज़्यादा लोग ज़ख़्मी हुए हैं. यह दुर्भाग्यपूर्ण है और मैं इसकी कड़ी निंदा करता हूँ. अफ़ग़ानिस्तान की अंतरिम सरकार यह सुनिश्चित करे कि ऐसी घटना दोबारा ना हो.'' (bbc.com/hindi)
आज से 34 साल पहले पैन एम 103 फ्लाइट में हुए बम ब्लास्ट मामले में एक लीबियाई शख़्स को गिरफ़्तार किया गया है, स्कॉटलैंड के अधिकारकियों ने बताया है कि व्यक्ति इस वक़्त अमेरिकी पुलिस की हिरासत में है. आरोप है कि इसने ही हमले के लिए बम तैयार किए.
अमेरिका ने दो साल पहले ही अबू अगिला मसूद के ख़िलाफ़ आरोपों तय किए थे. अमेरिका ने कहा था कि उसने 21 दिसंबर, 1988 को हुए पैन एम बम धमाके में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी.
इस बम धमाके में बोइंग 747 में सवार सभी लोग और कुछ स्थानीय लोगों को मिलाकर 270 लोगों की मौत हो गई थी.
21 दिसंबर 1988 को पैन एम एयरलाइन की फैंकफर्ट एयरपोर्ट से डेट्रॉयट जाने वाली एयरलाइन के दो स्टॉपओवर लंदन और न्यूयॉर्क में थे.
जब फ्लाइट स्काटलैंड के लॉकरबी पहुंची तो इसमें बम धमाका हुआ. ये ब्रिटेन में हुआ सबसे ख़तरनाक़ आतंकवादी हमलों में से एक माना जाता है.
इस धमाके में फ्लाइट में सवार 259 पैसेंजर, क्रू और लॉकरबी के उस इलाक़े में रहने वाले 11 लोग मारे भी मारे गए.
पिछले महीने यह ख़बर सामने आई थी कि मसूद को लीबिया में एक मिलिशिया समूह ने किडनैप कर लिया था, जिससे अटकलें लगाई जा रही थीं कि ये समूह ट्रायल के लिए मसूद को अमेरिकी अधिकारियों को सौंपेगा.
अमेरिकी न्याय विभाग के प्रवक्ता ने रॉयटर्स को बताया है कि संदिग्ध को पहली दफ़ा वॉशिंगटन की फेडरल कोर्ट में पेश किया जाएगा. पांच साल पहले वह लीबिया की जेल में बम बनाने के मामले में सज़ा काट रहे थे.
साल 2001 में अब्देलबासित अल-मगरी को पैन एम 103 धमाके केस में स्कॉटलैंड की एक कोर्ट ने दोषी ठहराते हुए सज़ा सुनाई थी. इस बम धमाके में अब तक वह अकेले शख़्स हैं, जिन्हें सज़ा सुनाई गई.
मगरी के ताउम्र क़ैद की सज़ा सुनाई गई थी लेकिन साल 2009 में उन्हें कैंसर हो गया जिसके बाद स्कॉटलैंड सरकार ने उन्हें मानवीय और दया के आधार पर रिहा कर दिया. साल 2012 में लीबिया में उनकी मौत हो गई. (bbc.com/hindi)
सऊदी अरब में तेज़ बारिश के कारण सोमवार को स्कूलों को बंद करने की घोषणा की गई है. आने वाले दिनों में वहां तेज़ बारिश होने की संभावना है जिसके कारण बाढ़ जैसी स्थिति पैदा हो सकती है.
हालांकि अभी ही देश कई इलाक़ों में ऐसी स्थिति पैदा हो चुकी है.
सऊदी अरब के मौसम विज्ञान केंद्र ने रविवार शाम से शुरू होकर गुरुवार तक मक्का क्षेत्र में मध्यम से लेकर भारी बारिश की आशंका जताई है.
मक्का के कई क्षेत्रों को अलर्ट किया गया है जिसमें जेद्दा, रबीघ, तैफ़, जामुम, अल कामिल, खुलैस, अल लैथ, अल कुनफुधाह, अल अर्दियात, अधम और मायसन शामिल हैं.
जेद्दा में शिक्षा महानिदेशालय के प्रवक्ता हम्मूद अल-सोक़ारन ने घोषणा की कि सोमवार को जेद्दाह, रबिग और खुलैस में स्कूल बंद रहेंगे.
उन्होंने कहा कि यह फ़ैसला सभी सुरक्षा मानकों को ध्यान में रखते हुए मौसम विभाग से मिली रिपोर्ट के आधार पर लिया गया है. हालांकि, सभी छात्रों के लिए ऑन-लाइन क्लास चलाई जाएगी. साथ ही स्कूलों के प्रशासन से जुड़े महिला-पुरुष कर्मचारी भी ऑनलाइन काम करेंगे.
सोशल मीडिया पर सऊदी अरब में तेज़ बारिश और भारी जल-जमाव के वीडियो और तस्वीरें खूब शेयर किए जा रहे है.
ऐसा ही एक वीडियो जेद्दा से सामने आया है जहां कि सड़क पर भारी जल-जमाव नज़र आ रहा है. इसी तरह अल-बाहा इलाके से भी बाढ़ की तस्वीरें सामने आ रही है.
मक्का से एक वीडिया सामने आया है जहां लोग काबा में भारी बारिश के बावजूद भी जुटे हैं. (bbc.com/hindi)
गाजा सिटी, 12 दिसंबर। गाजा में हमास के अधिकारियों ने रविवार को रोमन काल के एक प्राचीन दफन स्थल में 60 से अधिक कब्रों की खोज की घोषणा की।
मिस्र द्वारा वित्त पोषित आवास परियोजना की तैयारी के दौरान पिछले जनवरी में इसका पता चला था जिसके बाद से कार्य दल उस जगह की खुदाई कर रहे हैं।
हमास द्वारा संचालित पुरावशेष और पर्यटन मंत्रालय की एक शोधकर्ता हियाम अल-बितर ने कहा कि कुल 63 कब्रों की पहचान की गई है और एक कब्र से दूसरी शताब्दी की हड्डियां और कलाकृतियां मिली हैं।
उन्होंने कहा कि मंत्रालय स्थल के बारे में और जानने के लिए फ्रांसीसी विशेषज्ञों की एक टीम के साथ काम कर रहा है। (एपी)
सऊदी अरब के ऊर्जा मंत्री प्रिंस अब्दुलअज़ीज़ बिन सलमान ने कहा है कि रूस के कच्चे तेल पर यूरोप के प्रतिबंध और तेल की अधिकतम क़ीमत तय करने का कोई साफ़ असर अभी दिखाई नहीं दिया है.
ऊर्जा मंत्री ने ये भी कहा है कि ये प्रतिबंध कैसे लागू किए जा रहे हैं ये भी अभी अस्पष्ट है.
जी-7 ने यूरोप के समंदर के रास्ते आने वाले कच्चे तेल की क़ीमत तय की थी और ये प्रतिबंध पांच दिसंबर को प्रभावी हुआ था.
पश्चिमी देश रूस के तेल के कारोबार पर चोट करके यूक्रेन में युद्ध संचालित करने की उसकी क्षमता को प्रभावित करना चाहते हैं.
रूस ने कहा है कि वो इन प्रतिबंधों का पालन नहीं करेगा भले ही उसे तेल का उत्पादन कम करना पड़े.
समाचार एजेंसी रॉयटर्स के मुताबिक सऊदी अरब की राजधानी रियाद में देश के साल 2023 के बजट की घोषणा के बाद एक फोरम को संबोधित करते हुए सऊदी ऊर्जा मंत्री ने ये बात कही है.
प्रिंस अब्दुलअज़ीज़ ने ये भी कहा कि रूस इन प्रतिबंधों पर क्या प्रतिक्रिया देता है ये भी देखना होगा ताकि वैश्विक बाज़ार कैसे चल रहा है उसे समझा जा सके.
उन्होंने कहा, “ये क़दम राजनीतिक उद्देश्यों के लिए उठाए गए हैं और अभी ये स्पष्ट नहीं है कि ये अपना मक़सद हासिल कर पाएंगे या नहीं.” (bbc.com/hindi)
ज़ांबिया की राजधानी लुसाका के पास सड़क किनारे 27 लोगों के शव मिले हैं.
माना जा रहा है कि मारे गए लोग इथियोपिया के प्रवासी थे. ये शव स्थानीय लोगों को रविवार सुबह 6 बजे के क़रीब मिले.
ज़ांबिया की पुलिस के मुताबिक मौके पर एक व्यक्ति की सांसें चल रहीं थीं जिसे अस्पताल पहुंचाया गया है.
पुलिस का कहना है कि सभी 28 लोग पुरुष हैं और उनकी उम्र 20 से 38 साल के बीच है.
माना जा रहा है कि अन्य लोगों ने यात्रा के दौरान दम तोड़ा.
पुलिस का कहना है कि शुरुआती जांच में पता चला है कि इन लोगों को अज्ञात लोग सड़क किनारे फेंक गए हैं.
ज़ांबिया उत्तरी अफ़्रीका (हॉर्न ऑफ़ अफ़्रीका) से दक्षिण अफ़्रीका की तरफ जाने वाले प्रवासियों के रास्ते में पड़ता है.
इसी साल अक्तूबर में पड़ोसी मलावी में पुलिस को एक क़ब्र से 25 शव मिले थे. ये भी इथियोपिया के प्रवासियों के थे.
पाकिस्तान की सेना का कहना है कि अफ़ग़ानिस्तान सीमा पर अफ़ग़ानिस्तानी सुरक्षा बलों के साथ हुई झड़प में पाकिस्तान के छह नागरिक मारे गए हैं और 17 घायल हुए हैं.
ये झड़प पाकिस्तान के बलूचिस्तान और अफ़ग़ानिस्तान के कंधार प्रांत की सीमा के करीब चमन चौकी पर हुई.
पाकिस्तान का कहना है कि अफ़ग़ानिस्तान की तरफ़ से बिना किसी उकसावे के हमला किया गया है और उसके सीमा सुरक्षा बलों ने पर्याप्त जवाब दिया है.
पाकिस्तान का कहना है कि पाकिस्तानी सीमा सुरक्षा बलों ने नागरिकों पर हमला नहीं किया है.
पाकिस्तान का ये भी कहना है कि उसने तालिबान प्रशासन से संपर्क किया है और ऐसा फिर से ना हो इसकी गारंटी मांगी है.
सीमा पर एक महीने पहले हुई इसी तरह की गोलीबारी में एक पाकिस्तानी गार्ड की मौत हो गई थी.
अफ़ग़ानिस्तान में पहले जब तालिबान शासन आया था तब पाकिस्तान उन चुनिंदा देशों में से एक था जिसने उसे मान्यता दी थी.
लेकिन तालिबान के मौजूदा प्रशासन के साथ पाकिस्तान के रिश्ते उतार-चढ़ाव भरे हैं.
पाकिस्तान में सेना पाकिस्तानी तालिबान लड़ाकों के ख़िलाफ़ भी लड़ रही है. (bbc.com/hindi)
-मोहम्मद काज़िम
पाकिस्तान, 11 दिसंबर । 54 बच्चों का परिवार होने की वजह से मशहूर होने वाले पाकिस्तान के नोशकी ज़िले के अब्दुल मजीद मैंगल का बीते बुधवार को निधन हो गया.
उनके बेटे शाह वली मैंगल ने बीबीसी को बताया कि उनके पिता का निधन दिल की बीमारी के कारण हुआ.
निधन के समय उनकी उम्र 75 वर्ष थी और अब तक वह ड्राइविंग कर रहे थे.
पेशे से ड्राइवर अब्दुल मजीद मैंगल अफ़ग़ानिस्तान से सटे बलूचिस्तान के नोशकी ज़िले के कली मैंगल गाँव के रहने वाले थे. नोशकी बलूचिस्तान की राजधानी क्वेटा से लगभग 130 किलोमीटर की दूरी पर पूर्व में स्थित है.
अब्दुल मजीद और उनके परिवार के बारे में पहली बार ख़बर 2017 में होने वाली जनगणना के मौक़े पर सार्वजनिक हुई थी.
अब्दुल मजीद ने पहली शादी 18 साल की उम्र में की थी. उन्होंने छह शादियां की थीं जिनमें से दो बीवियां उनकी ज़िंदगी में ही गुज़र गई थीं.
अब्दुल मजीद के 54 बच्चों में से 12 बच्चे भी उनकी ज़िंदगी में ही चल बसे थे जबकि 42 बच्चे अभी जीवित हैं जिनमें 22 बेटे और 20 बेटियां हैं.
साल 2017 की जनगणना से पहले क्वेटा शहर के नागरिक जान मोहम्मद ख़िलजी सबसे अधिक बच्चों के पिता होने के दावेदार थे जिनके यहां 2017 तक 36 बच्चे पैदा हुए थे.
अब्दुल मजीद के बेटे शाह वली ने बताया कि उनके 12 बहन भाइयों का पिता के जीवन में निधन हो गया था जबकि 42 बच्चों की शिक्षा और दूसरी ज़रूरतें पूरी करने के लिए उनके पिता आख़िर दम तक कोशिश करते रहे.
शाह वली ने बताया, "54 बच्चों की ज़रूरतों को पूरा करना कोई आसान काम नहीं होता, लेकिन हमारे वालिद अब्दुल मजीद मैंगल अपनी पूरी ज़िंदगी हमारी ज़रूरतें पूरी करने के लिए कोशिश करते रहे."
उनका कहना था कि उनके पिता उन्हें पढ़ाने और उनकी दूसरी ज़रूरतों को पूरा करने के लिए अलग-अलग काम करते रहे. वो कहते हैं, "उनकी एक ज़ंबाद (ईरानी कॉमर्शियल वाहन) गाड़ी थी. बुढ़ापे के बावजूद वह अपनी मौत से पांच दिन पहले तक परिवार के लिए रोज़ी-रोटी का इंतजाम करने के वास्ते गाड़ी चलाते रहे."
उन्होंने कहा कि बड़े परिवार के ख़र्च को पूरा करने की कोशिश में लगे अपने पिता ने कभी उन्होंने आराम करते नहीं देखा बल्कि "उनको हर समय मेहनत करते देखा."
उन्होंने कहा "हममें से कोई बीए है और कोई मैट्रिक लेकिन हमारे पास उचित रोज़गार नहीं जिसके कारण हम अपने पिता का ढंग से इलाज नहीं करवा सके."
शाह वली ने कहा कि उन्होंने सुना है कि देश के दूसरे हिस्सों में बड़े परिवारों को सरकारों की ओर से मदद दी जाती है लेकिन उनका परिवार यहां सबसे बड़ा होने के बावजूद किसी तरह की सरकारी मदद से वंचित है.
शाह वली ने कहा कि इस साल मानसून की विनाशकारी बाढ़ में उनका घर तबाह हो गया.
उन्होंने कहा, "हमारे पास घर बनाने की ताकत नहीं है और सरकार की ओर से अब तक घरों को फिर से बनाने के लिए कोई क़दम नहीं उठाया, जिसके कारण हमारे बड़े परिवार की दूसरे परिवारों के मुक़ाबले अधिक परेशानियां झेलनी पड़ रही हैं." (bbc.com/hindi)
बीजिंग, 11 दिसंबर कोविड-19 के मामलों में वृद्धि के मद्देनजर चीन अस्पतालों में व्यवस्था को दुरुस्त करने की कोशिश कर रहा है और इसने गहन चिकित्सा इकाइयों (आईसीयू) की संख्या बढ़ा दी है।
यह व्यवस्था वायरस रोधी पाबंदियों को वापस लेने के बाद की गई है, जिसने लोगों को उनके घर में बंद रहने के लिए मजबूर कर दिया था तथा आर्थिक विकास को भी धीमा कर दिया था और इसके विरोध में प्रदर्शन भी हुए थे।
सरकारी मीडिया के अनुसार, महामारी के मामलों में वृद्धि के चलते अस्पतालों में आईसीयू की संख्या बढ़ाने के निर्देश दिए गए हैं, ताकि उत्पन्न स्थिति से निपटा जा सके।
चीन में रविवार को महामारी के 10,815 नए मामले सामने आए जिनमें 8,477 मामले बिना लक्षण वाले हैं। (एपी)
चीन, 11 दिसंबर । चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग की सऊदी अरब की तीन दिन की यात्रा के दौरान दोनों देशों के बीच कई सामरिक समझौतों पर दस्तख़त हुए हैं, जिनमें चीन की बड़ी टैक कंपनी ख़्वावे भी शामिल है.
शी जिनपिंग और क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान की मुलाकात के दौरान दोनों नेताओं ने निवेश के 34 समझौतों का एलान किया. जिसमें हाइड्रोजन एनर्जी से हाउसिंग तक काफी कुछ शामिल है. चीन, सऊदी अरब का सबसे बड़ा ट्रेडिंग पार्टनर है.
पिछले साल दोनों देशों के बीच सतासी अरब डॉलर्स से ज़्यादा का व्यापार हुआ. शी जिनपिंग ने आज राजधानी रियाद में गल्फ़ और अन्य अरब नेताओं से भी मुलाकात की है.
इस घटनाक्रम से अमेरिका की फ़िक्र बढ़ गई है और अमेरिका समझना चाहता है कि मिडिल ईस्ट में चीन आख़िर करना क्या चाहता है.
अमेरिका का कहना है चीन के बढ़ते असर की वजह से इलाके में स्थिरता के लिए ख़तरा बढ़ रहा है. इस समझौतों के बारे में मिडिल ईस्ट एंड नॉर्थ अफ्रीका, यूरेशिया ग्रुप के प्रमुख अयहम कामेल का ये कहना है.