छत्तीसगढ़
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
महासमुन्द, 13 फरवरी। जिले के दिव्यांगजनों ने एक गांव के तालाब को लीज पर लेकर मछली पालन का व्यवसाय शुरू किया और इस व्यवसाय से 70 हजार रुपए की आमदनी की।
ग्राम गड़बेड़ा की कुल आबादी तकरीबन 2100 है जिसमें से लगभग 10-12 दिव्यांगजनों का परिवार है। उन्हें राज्य शासन से प्राप्त दिव्यांग पेंशन राशि मिलती है उसी राशि और कुछ स्थानीय कामकाज से जैसे-तैसे परिवार का गुजर बसर हो रही है। समूह के अध्यक्ष दिव्यांग देवेन्द्र कोसरिया एवं सचिव पुष्कर मानिकपुरी ने एक समूह बनाकर उसका नाम प्रगति दिव्यांग स्वसहायता समूह रखा। समूह के सभी दिव्यांग समूह के सदस्यों ने पिथौरा के एक बैंक में संयुक्त बचत खाता खोला। जिसमें प्रत्येक माह निर्धारित रकम 50 रूपए प्रति सदस्य जमा किया जाने लगा। ग्राम पंचायत की बैठक में ग्राम में इस समूह के जीविकोपार्जन के लिए गांव का टप्पा तालाब 3 हजार रुपए लेकर वार्षिक लीज पर दिया। इस दिव्यांग समूह ने उक्त तालाब में 40 किलोग्राम मछली बीज 20 हजार रुपए का खरीदकर तालाब में डाला। वर्ष के अंत में उससे 70 हजार रुपए की आमदनी हुई।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
महासमुन्द, 13 फरवरी। महासमुन्द शहर में सडक़, नाली सहित अन्य प्रकार के कुल 35 मरम्मत कार्य अब तक शुरू नहीं हो पाए हैं। मरम्मत कार्य नहीं होने पर पालिकाध्यक्ष ने अधिकारियों पर नाराजगी जाहिर की है।
उन्होंने निर्माण कार्य जल्द शुरू करने के निर्देश अधिकारियों को दिए। शुक्रवार को नगर पालिका के लोक निर्माण विभाग, जल कार्य विभाग, स्वच्छता विभाग और राजस्व विभाग के कार्यों की समीक्षा बैठक का आयोजन पालिका परिसर में किया गया था। पालिका अध्यक्ष प्रकाश चंद्राकर की अध्यक्षता में आयोजित इस बैठक में लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों ने बताया कि शहर में 35 मरम्मत कार्य होने हैंए जो शुरू नहीं हो पाए हैं। अधिकारियों ने इसका कारण स्वीकृति नहीं होना बताया। इस पर पालिकाध्यक्ष ने नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि कोरोना काल में निर्माण कार्यों की गति अच्छी थी लेकिन अब इस दिशा में लेट लतीफी हो रही है जो बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
उन्होंने निर्माण कार्यों को तत्काल स्वीकृति के लिए शासन को भेजने के निर्देश दिए। समीक्षा बैठक के दौरान उपाध्यक्ष एवं सभापति कृष्णा चंद्राकर, लोक निर्माण सभापति रिंकू चंद्राकर, संदीप घोष, मनीष शर्मा, बड़े मुन्ना, माधवी सिक्का, सीएमओ एके हलधर, दिलीप कश्यप, ईश्वरी साहू, विजय श्रीवास्तव सहित कर्मचारी उपस्थित थे।
लोक निर्माण विभाग के समीक्षा के पश्चात पालिकाध्यक्ष ने जल कार्य विभाग के कार्यों की समीक्षा की। इस दौरान जल विभाग प्रमुख ने बताया कि 90 प्रतिशत पाइपलाइन विस्तारीकरण पूर्ण किया जा चुका है। हर हाल में महीने के अंत तक शेष 10 फीसदी कार्य पूर्ण कर लिया जाएगा। इस दौरान पालिका अध्यक्ष ने कहा कि गर्मी में पेयजल आपूर्ति के लिए पुख्ता इंतजाम करें। इंटेकवेल और फिल्टर प्लांट के मरम्मत के लिए विद्युत उपकरण तथा टूल्स की व्यवस्था करने के निर्देश दिए। पालिका अध्यक्ष ने कहा 20 टैंकरों की मरम्मत करें और व्यक्ति गत मांग भी शुल्क लेकर पूरी करेंं।
कहा- शासन की मंशा कृषि एवं वन आधारित उद्योगों को अधिकाधिक प्रोत्साहित करने की
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
महासमुन्द, 13 फरवरी। वाणिज्य एवं उद्योग तथा जिला प्रभारी मंत्री कवासी लखमा महासमुन्द स्थित शंकराचार्य सांस्कृतिक भवन में जिला स्तरीय उद्यम समागम कार्यशाला में शामिल हुए।
उन्होंने कार्यशाला को सम्बोधित करते हुए कहा कि उद्योग लगाने में छत्तीसगढ़ की नई उद्योग नीति के तहत् औद्योगिक निवेश प्रोत्साहन को बढ़ावा देने के लिए राज्य के सभी विकासखण्डों को औद्योगिक विकास एवं पिछड़ेपन की दृष्टि से चार श्रेणियों में वर्गीकृत किया है। इसके माध्यम से अनेक प्रकार के अनुदान एंव रियायतें औद्योगिक इकाईयों को दी जाती है।
उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार ने पहली बार उद्योग नीति में सेवा क्षेत्र को शामिल किया है। उन्होंने कहा कि शासन की मंशा कृषि आधारित एवं वन आधारित उद्योगों को अधिकाधिक प्रोत्साहित करने की है। ऐसे उद्योगों के स्थापना से जिले में रोजगार के अवसर बढ़ेंगे। साथ ही पर्यावरण हितैषी होने के कारण पर्यावरण को नुकसान नहीं पहुचेगा।
श्री लखमा ने कहा कि प्रदेश में उद्योगों में स्थानीय मजदूरों को रोजगार देने की प्राथमिकता होगी। उन्होंने कहा कि उद्योग नीति बनाने के लिए कई राज्यों की उद्योग नीति का लगभग एक साल मंथन करने के बाद पाया कि तेलंगाना की उद्योग नीति अच्छी है। काफी विचार विमर्श और उद्योगपति से गहन चर्चा और सहयोग से छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने देश की सबसे अच्छी छत्तीसगढ़ की उद्योग नीति लागू की।
उन्होंने कहा कि उद्योग लगाने में व्यक्ति की आधी उम्र बीत जाती है। लेकिन अब ऐसा नहीं सिर्फ उद्योग विभाग में आवेदन करने पर अब किसी कठिनाईयों का सामना नहीं करना पड़ेगा। मुख्यमंत्री के निर्देश पर देश के हर जिले में उ़द्यम समागम कार्यशाला का आयोजन किया जा रहा है। जिसमें आम नागरिक से लेकर वर्तमान और भविष्य के उद्योगपति आ रहे हैं, उन्हें मंच दिया जा रहा है। किस प्रकार छत्तीसगढ़ को आगे बढ़ाना है, युवाओं को रोजगार कैसे उपलब्ध कराना है, इन सभी मुद्दों पर विस्तार से बातचीत की जाती है। इस मौके पर बाद में मंत्री श्री लखमा ने 1335 हेक्टेयर क्षेत्रफल के सात लोगों को सामुदायिक वन संसाधन अधिकार मान्यता पत्र वितरण किया।
मंत्री ने कहा कि राज्य में सरकार की कई महत्वाकांक्षी योजनाएं संचालित की जा रही है। इसमें सबसे बड़ी योजना गोठान चला रहें हैं। जिसमें स्वसहायता समूह की महिलाओं को विभिन्न कामों का प्रशिक्षण देकर उनकी आर्थिक स्थिति मजबूत की जा रही है। उन्हें उन्हीं कामों का प्रशिक्षण दिया जा रहा है जिससे उनका माल छत्तीसगढ़ में बिके। ये महिलाएं वर्मी कम्पोस्ट से लेकर अगरबत्ती, वाशिंग पाउडर, पोल फेंसिंग और सब्जी का उत्पादन कर अच्छा लाभ कमा रही है।
कार्यशाला को संसदीय सचिव एवं विधायक विनोद चन्द्राकर अध्यक्ष छत्तीसगढ़ राज्य वन विकास निगम एवं विधायक बसना देवेन्द्र बहादुर सिंह, जिला पंचायत अध्यक्ष ऊषा पटेल आदि ने भी सम्बोधित किया। कार्यशाला में कलेक्टर डोमन सिंह, पुलिस अधीक्षक प्रफुल्ल कुमार ठाकुर, मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत डॉ. रवि मित्तल सहित जिले के उद्योगपति सहित जनप्रतिनिधि उपस्थित थे। संयुक्त संचालक उद्योग संजय सिन्हा ने उद्योग प्रगति की जानकारी दी। अतिथियों का स्वागत जिला उद्योग के महाप्रबंधक ए.के. सिंह ने किया।
श्री लखमा ने जिला स्तरीय उद्यम समागम कार्यशाला में शामिल होने से पहले दो दिव्यांग युवतियों कुमारी कुन्ती धीवर और टेमिन को मोटराईज ट्राईसाईकिल सौंपी। यह ट्राईसाईकिल बैटरी चलित है। दोनों युवतियों ने हॉर्न बजाकर खुशी जताई।
चार बिहान समूह की महिलाओं को लगभग चार लाख रुपए का चेक और एक महिला समूह को पोल फेंसिंग वर्क ऑर्डर सौंपा। इसके साथ ही खेल एवं युवा कल्याण विभाग की ओर से हॉकी संघ महासमुन्द को गोल कीपर सेट और एक दर्जन हॉकी स्टीक और बिहाझर बागबाहरा संस्था को तिरंदाजी का सेट वितरित किया। वहीं उद्यानिकी विभाग की तरफ से तीन किसानों को सब्जी की मिनी किट भी सौंपा।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
महासमुन्द, 13 फरवरी। महासमुन्द के दो कोविड केयर सेंटर पूरी तरह से बंद कर दिए गए हैं। वहीं 44 बिस्तर के कोविड केयर सेंटर में केवल 8 मरीज भर्ती हैं, जिनका इलाज जारी है। कोविड अस्पताल में एहतियातन 8 वेंटीलेटर की व्यवस्था की गई थी, जो खाली पड़ी हैं।
कोविड नियंत्रण दल के डॉ. छत्रपाल चंद्राकर की मानें तो नवम्बर-दिसम्बर में कोविड अस्पताल में 20 से अधिक मरीज भर्ती रहते थे लेकिन अब इनकी संख्या काफी घट गई है। पिछले दो महीने से यहां अधिकतम 10 मरीज ही आ रहे हैं। वर्तमान में जिन 8 मरीजों का इलाज चल रहा है, उनमें भी चार ऐसे हैं, जिन्हें ऑक्सीजन की आवश्यकता नहीं है। वहीं 4 मरीज ऐसे हैं, जिन्हें ऑक्सीजन वाले बेड की जरूरत है।
स्वास्थ्य विभाग की मानें तो अब जिले में कोरोना लगभग समाप्ति की ओर है। जिले में रोजाना काफी कम संख्या में मरीज सामने आ रहे हैं। वर्तमान में कोविड.19 के एक्टिव मरीजों की संख्या केवल 55 है। शनिवार प्रात: 10 बजे तक जिले में कुल 1 लाख 53 हजार 254 लोगों की जांच की जा चुकी है। इनमें से 9366 मरीज मिले और इन मरीजों में से 9171 ठीक हुए। इस वक्त जिले में 55 एक्टिव मरीज हैं और 147 मरीजों की मौत हो चुकी है।
कोरोना से बचने जिले में कोविड 19 टीकाकरण जारी है। जिले में अब तक 8 हजार 860 फ्रंटलाइन वॉरियर्स का टीकाकरण किया जा चुका है। इसमें से कुल 6885 हेल्थ वर्कर्स को वैक्सीन दी जा चुकी है। वहीं 1975 पुलिस, राजस्व, नगरीय निकाय और पंचायत विभाग के अधिकारी-कर्मचारियों को टीका लग चुका है। स्वास्थ्य विभाग के 8934 लोगों को टीका लगाया जाना है। वहीं 4950 फ्रंट लाइन वर्कर्स का चिह्नांकन दूसरे चरण के टीकाकरण के लिए किया गया है। जिले में कोरोना तीन महीने ही सबसे ज्यादा खतरनाक स्थिति पर था।
सितम्बर से लेकर नवम्बर तक सर्वाधिक कोरोना के मरीज मिले और इन्हीं तीन महीनों में मौतें भी अधिक हुई। तीन महीनों में कुल 5831 कोरोना पॉजिटिव मिले थे। इसी तरह इन तीन महीनों में 83 की मौत हुई थी। अकेले सितम्बर महीने में 2051 मरीज मिले थे और 35 मौतें हुई थी। अक्टूबर महीने में 2101 मरीज मिले और 24 मौतें हुई। इसी तरह नवम्बर महीने में 1679 मरीजों की पहचान हुई थी और 24 मौतें हुई थी। इस तरह जिले में कुल 9366 मरीज सामने आए हैं, इनमें से 9171 ठीक हो चुके हैं। अब तक 147 लोगों की मौत हो चुकी है। एक्टिव केस की संख्या 55 है, 47 का इलाज घर पर चल रहा है। 8 कोविड अस्पताल में हैं। जिले का रिकवरी रेट 97.92 फीसदी है।
'छत्तीसगढ़' संवाददाता
राजनांदगांव, 13 फरवरी। जिले के खैरागढ़ इलाके के बेंद्रीडीह गांव में एक पिता को बेटे के हाथों महज संपत्ति नहीं देने के चलते अपनी जान गंवानी पड़ी। पिता के जायदाद में से हिस्सा नहीं मिलने से गुस्साए एक सुपुत्र ने पिता की डंडे से ऐसे बेदम पिटाई की, जिससे पिता की मौत हो गई। मामला बेंद्रीडीह गांव के जागृत साहू के परिवार से जुड़ा हुआ है। 60 वर्षीय जागृत साहू का बेटा घनश्याम साहू अपने पिता के साथ रोजाना पुश्तैनी जायदाद में हिस्सा देने की बात पर रोज विवाद करता था। 8 फरवरी को इसी के चलते घर में फिर पिता-पुत्र के बीच विवाद हुआ। संपत्ति नहीं मिलने से भड़के बेटे ने डंडे से अपने पिता की खूब पिटाई कर दी। पिटाई के कारण पिता गंभीर हो गया। घायल हालत में उसे खैरागढ़ लाया गया, जहां से उसे रायपुर रिफर किया गया। वहां उपचार के दौरान उसने दम तोड़ दिया।
मिली जानकारी के मुताबिक 8 फरवरी की सुबह घनश्याम साहू का अपने पिता जागृत साहू से झगड़ा शुरू हुआ। गुस्साए बेटे ने घर के बाहर बैठे पिता पर डंडे से वार करना शुरू कर दिया। बेदम पिटाई के चलते पिता के हाथ-पैर और शरीर के दूसरे हिस्से में गंभीर चोंटे आई। पिटाई से बदहवास हुए पिता ने रायपुर में इलाज के बीच अंतिम सांस ली। इस मामले में खैरागढ़ पुलिस ने घटना के बाद फरार बेटे को तलाश करते हुए गिरफ्तार कर लिया और पुलिस ने उसे परिजनों की शिकायत पर हत्या का मामल दर्ज करते जेल भेज दिया है।
कई दिग्गजों के समर्थक हाशिये पर, नई टीम पर बढ़ा मनमुटाव
'छत्तीसगढ़' संवाददाता
राजनांदगांव, 13 फरवरी। राजनांदगांव शहर कांग्रेस कमेटी की नई टीम में गुटीय संतुलन नहीं होने से अंदरखाने पार्टी के नेताओं में मनमुटाव बढ़ गया है। शहर कांग्रेस की नई टीम में मौजूदा अध्यक्ष कुलबीर छाबड़ा की एकतरफा चली है। उन्होंने अपने करीबियों को पद से नवाजा है। पार्टी के भीतर इस बात को लेकर शिकवा-शिकायतें भी अब सुनाई दे रही है। बताया जा रहा है कि शहर अध्यक्ष छाबड़ा की टीम में महापौर हेमा देशमुख, जितेन्द्र मुदलियार, हफीज खान, पूर्व शहर अध्यक्ष दिनेश शर्मा समेत अन्य नेताओं के समर्थकों को सूची में जगह नहीं मिली।
बताया जा रहा है कि उपाध्यक्ष पद पर छाबड़ा की सिफारिश पर शशिकांत अवस्थी और याहया खान समेत दूसरे नवनियुक्त उपाध्यक्ष बने कार्यकर्ता को मौका दिया गया है। सियासी गुटबाजी के लिहाज से महामंत्री और संयुक्त महामंत्री जैसे पदों में भी गुटीय संतुलन नजर नहीं आया। बताया जा रहा है कि महापौर हेमा देशमुख ने भी महत्वपूर्ण पदों के लिए कुछ नाम सुझाए थे, लेकिन उनके द्वारा दिए गए नामों को खास तवज्जो नहीं मिली। इसी तरह जितेन्द्र मुदलियार शहर अध्यक्ष रहे हैं। उन्होंने भी अपने कुछ समर्थकों को सूची में स्थान देने के लिए सिफारिश की थी। उनसे संगठन कार्यकारिणी को लेकर किसी भी तरह का सुझाव नहीं लिया गया। बताया जा रहा है कि उपाध्यक्ष पद पर अनुभवी नेताओं को महत्व नहीं दिया गया। इस पद के लिए विकास त्रिपाठी की नियुक्ति को लेकर भी संगठन में सवाल उठाए जा रहे हैं। राज्य अल्पसंख्यक आयोग सदस्य हफीज खान ने प्रभारी मंत्री के जरिये राजीव कुरियाकोस, मनीष गौतम को संगठन में शामिल कराया है। बताया जा रहा है कि उनसे भी संगठन द्वारा राय नहीं ली गई।
बताया जा रहा है कि सक्रिय कार्यकर्ताओं को संयुक्त महामंत्री और सचिव पद पर मनोनीत किया गया है। पार्टी के भीतर पूरी नियुक्ति को लेकर सवाल उठने से यह साफ है कि आगे यह मामला राजनीतिक रूप से विवाद का कारण बनेगा। बताया जा रहा है कि प्रभारी मंत्री मो. अकबर ने भी कुछ नामों को सूची में शामिल करने का निर्देश दिया था। इसके चलते कुछ नेता सूची में जगह पाने में कामयाब हो गए। राजनांदगांव शहर कांग्रेस की स्थिति अंदरूनी घमासान के कारण सुर्खियों में है। कांग्रेस में प्रमुख नेताओं के बीच सलाम-दुआ तक नहीं है। यानी सियासी दांव-पेंच में कांग्रेस के नेता आपस में ही टकराव को बढ़ावा दे रहे हैं। शहर कांग्रेस की नई सूची में कई ऐसे नाम भी है जिनकी लंबे समय से सांगठनिक कार्यों में सक्रियता नहीं रही है। बताया जा रहा है कि संगठन में बढ़ते असंतोष को लेकर प्रदेश हाईकमान को भी कुछ नेताओं ने जानकारी भेजी है। ऐसे में कांग्रेस के भीतर खींचतान कम होने की संभावना नहीं दिख रही है।
अगली बैठक में तैयारी के साथ आने निर्देश
'छत्तीसगढ़' संवाददाता
राजनांदगांव, 13 फरवरी। जिले के प्रभारी मंत्री मोहम्मद अकबर आमतौर पर शांत और शालीन माने जाते हैं। शुक्रवार को डीएमएफ फंड की तिमाही बैठक में प्रभारी मंत्री अकबर के सख्त तेवर को देखकर प्रशासनिक अमले में उस वक्त खलबली मच गई, जब उन्होंने बैठक में शामिल तकरीबन 80 फीसदी अधिकारियों को आधी-अधूरी जानकारी देने के मामले में नोटिस जारी कर दिया। अगली बैठक से पहले मंत्री ने साफ तौर पर कहा कि बिना तैयारी जवाब देने पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी। बताया जा रहा है कि मार्च के आखिरी सप्ताह में कल जिन अफसरों को नोटिस जारी की गई है, उनसे ही फिर वह सवाल करेंगे।
बताया जा रहा है कि खनिज मद में विभिन्न कार्यों के लिए प्रभारी मंत्री ने पूर्व की बैठक में करोड़ों रुपए स्वीकृत किए थे। जिनमें अब तक ज्यादातर कार्य अधूरे हालत में हैं। वहीं कुछ कार्य अब तक शुरू नहीं किए गए हैं। बताया जा रहा है कि कलेक्टर टीके वर्मा से भी उन्होंने कुछ विषय पर सवाल किए। इसके बाद बैठक में शामिल एसडीएम से लेकर जनपद सीईओ और अन्य विभागीय प्रमुखों को जब उन्होंने कार्य के संबंध में जानकारी मांगा, तो ज्यादातर अफसरों ने अपने रिपोर्ट में 'कार्य पूर्णता की ओर' उल्लेख कर फाईल को प्रभारी मंत्री के सामने रख दिया। यहीं से मंत्री के तेवर सख्त हो गए। उन्होंने पेंडिंग कार्यों को देखकर अफसरों की क्लास लेना शुरू किया। डीएमएफ फंड के जमा-खर्च की जिम्मेदारी एसडीएम अपनी निगरानी में रखते हैं। 2017 से 2018 और 2018 से 2019 तक के लंबित कार्यों को देखकर प्रभारी मंत्री हैरान रह गए। वह इस बात से भी खफा थे कि राशि होने के बावजूद अधिकारियों ने निर्माण कार्य नहीं कराए।
मंत्री ने बैठक में सभी अफसरों की क्लास लेते हुए कहा कि बिना तैयारी जवाब देने के आदत से भी अफसरों को बाज आना होगा। बताया जा रहा है कि डीएमएफ फंड के तहत क्रेडा, जनपद पंचायत, लोक निर्माण विभाग, पीएचई तथा नगर निगम क्षेत्र से जुड़े कार्यों के लिए राशि जारी की गई थी। प्रभारी मंत्री ने अफसरों को ताकिद करते कहा कि अगली बैठक में वह अधिकारियों से लंबित कार्यों को लेकर ही बैठक की शुरूआत करेंगे। बताया जा रहा है कि ज्यादातर विभागों को मंत्री ने नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। डीएमएफ फंड के परियोजना समन्वयक एसडीएम मुकेश रावटे ने बताया कि एक अरब 37 करोड़ 90 लाख की राशि प्रशासकीय स्वीकृति प्राप्त हुई है। जिसमें अब तक 91 करोड़ 37 लाख रुपए खर्च हुए हैं। लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी, ग्रामीण स्वास्थ्य यांत्रिकी, क्रेडा, स्वास्थ्य विभाग तथा जनपदों में एक हजार 385 विकास कार्यों के लिए राशि जारी हुई है। बताया जा रहा है कि मंत्री के तेवर को देखकर अफसरों ने अगली बैठक में पूछे जाने वाले सवालों को लेकर तैयारी शुरू कर दी है।
अवैध प्लाटिंग और खनिज उत्खनन पर लगाम कसने मंत्री के निर्देश
प्रभारी मंत्री ने विभागीय समीक्षा में राजस्व प्रकरणों पर प्रशासन को अवैध प्लाटिंग और अवैध खनिज उत्खनन पर कड़ी कार्रवाई करने का निर्देश दिया है। बताया जा रहा है कि राजनांदगांव शहर समेत समूचे जिले में बिना नामांतरण और बिना टाउन प्लानिंग के अवैध प्लाटिंग किए जाने के मामले में मंत्री श्री अकबर ने नांदगांव एसडीएम मुकेश रावटे से भी सवाल किया। बताया जा रहा है कि इस मामले में एसडीएम संतोषजनक जवाब नहीं दे पाए। मंत्री अकबर ने राजस्व विभाग के कार्यों की समीक्षा करते विवादित नामांतरण प्रकरण की जानकारी ली। उन्होंने छुरिया एवं डोंगरगढ़ तहसील में विवादित एवं अविवादित नामांतरण के लंबित प्रकरणों को शीघ्रता से पूर्ण करने के निर्देश दिए। उन्होंने सीमांकन, भू-भाटक वसूली तथा लोक सेवा गारंटी के लंबित प्रकरणों की भी गहन समीक्षा की। अवैध प्लाटिंग पर रोक लगाने के लिए अधिकारियों को कड़े निर्देश दिए।
उन्होंने जिला पंचायत सीईओ अजीत वसंत को विभिन्न कार्यों के लिए प्रस्ताव प्रस्तुत करने के निर्देश दिए। उन्होंने सभी जिला पंचायत क्षेत्र में 30 लाख रुपए, सभी जनपद पंचायत क्षेत्र में मनरेगा के तहत 3 करोड़ रूपए के कार्य तथा सभी विधानसभा क्षेत्र में 50 लाख रुपए तक के मनरेगा के तहत कार्य के प्रस्ताव प्रस्तुत करने के निर्देश दिए। लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के कार्यपालन अभियंता ने बताया कि जल जीवन मिशन के तहत 3605 करोड़ 58 लाख रुपए की लागत से सतही जल स्त्रोतों के आधार पर एक से अधिक ग्रामों के 10 समूह जल प्रदाय के लिए जल आरक्षण किया जाएगा।
तोंगपाल, 12 फरवरी। तोंगपाल में कांग्रेस कार्यकर्ताओं द्वारा दिल्ली में आंदोलन के दौरान मृत अन्नदाताओं को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए किसानों के समर्थन में एक दिवसीय सम्मेलन एवं पत्रकार वार्ता का आयोजन किया। जिसमें ब्लॉक कांग्रेस अध्यक्ष लक्ष्मण कश्यप के नेतृत्व में पत्रकार वार्ता एवं सभा को संबोधित करते हुए ब्लॉक अध्यक्ष लक्ष्मण कश्यप ने केंद्र सरकार द्वारा लागू कृषि कानून को काला कानून कहते हुए केंद्र सरकार से इसे वापस लेने किसानों का समर्थन किया। यह एक दिवसीय सभा मुख्य प्रभारी कपिल सिंह ठाकुर के मार्गदर्शन में संपन्न हुई।
इस कार्यक्रम में जिला पंचायत सदस्य शशि ठाकुर, जनपद सदस्य मानक देवी, नेशनल कांग्रेस कमेटी के जिला अध्यक्ष उपेंद्र कुमार, समारू मंडावी, जयदीप सिंह भदोरिया, उपेंद्र कुमार, परेश पोटला, समर बहादुर सिंह, कमलेश, विजय सिंह, हिरमा कवासी, नकुल बघेल, समारो मंडावी, हरि कवासी एवं कांग्रेस के सदस्य उपस्थित थे।
जगदलपुर, 12 फरवरी। भारतीय जनता पार्टी जगदलपुर शहर अध्यक्ष सुरेश गुप्ता के नेतृत्व में कांग्रेस के घोषणा पत्र में नजूल पट्टा देने का वादा पूरा करवाने व भाजपा कार्यकर्ताओं पर दर्ज एफआईआर हटाने राज्यपाल अनुसुईया उइके को ज्ञापन सौंपा गया।
जिसमें यह कहा गया कि 6 जनवरी 2021 को आरटीओ दफ्तर का लोकार्पण की शिलालेख पट्टीका का जिसमें पूर्व मुख्यमंत्री उनकी कैबिनेट और बस्तर के आदिवासी नेताओं के नाम उल्लिखित हैं, आरटीओ अधिकारी के कक्ष के समक्ष लगी है, इस शिलालेख में उल्लेखित नेताओं के नामों के साथ छेड़छाड़ की गई है जिसका अवलोकन स्वयं आरटीओ अधिकारी एवं पूरा कर्मचारी पूरे दफ्तर काल में करते हैं इस शिलालेख पट्टीका का में नाम को सुधारने हेतु नगर मंडल भाजपा द्वारा ज्ञापन आरटीओ ऑफिस में दिया गया था। ज्ञापन देने के दौरान नारे लगे और भ्रष्टाचार के खिलाफ कार्यकर्ताओं ने आरटीओ अधिकारी के नाम पट्टिका पर कालिख लगाई, इस दौरान भाजपा के किसी भी नेता के द्वारा आरटीओ अधिकारी का ना ही नाम लिया गया ना उनकी जाति का किसी प्रकार संबोधन किया गया ना ही असंवैधानिक कार्य किए गए।
ज्ञापन के माध्यम से यह कहा गया कि आरटीओ अधिकारी के द्वारा अवैध वसूली और भ्रष्टाचार जैसे विषय पर अपनी नाकामी को छुपाने के लिए उन्होंने अपने जाति का सहारा लेकर अनुसूचित जाति थाने में भाजपा नेताओं और कार्यकर्ताओं के खिलाफ शिकायत दर्ज करवाई किसी प्रकार का जातिगत और असंसदीय शब्दों का प्रयोग नहीं किया गया। यह उल्लेख स्वयं आरटीओ अधिकारी ने रिपोर्ट में किया है।
राज्यपाल से आग्रह है कि ऐसे राजनीतिक जनहित के आंदोलन में भाजपा नेताओं एवं कार्यकर्ताओं के ऊपर दुर्भाग्यपूर्ण एवं राजनीतिक दबाव में एससी-एसटी एक्ट लगाई गई है। जिसे हटाए जाने हेतु पहल करने का भारतीय जनता पार्टी जगदलपुर शहर के पदाधिकारी करते हैं।
साथ ही ज्ञापन में कहा गया कि कांग्रेस पार्टी अपने चुनावी घोषणापत्र में वादा किया था कि हम नजूल कब्जा धारियों को निशुल्क पट्टा प्रदान करेंगे, पर नगर निगम जगदलपुर क्षेत्र में काबिल नजूल भूमि स्वामियों को शासन प्रशासन द्वारा जबरन हटाने की कार्रवाई की जा रही है साथ ही इन्हें उन्हीं जमीन पर काबिज रहने की एवज में जमीन को 150 फीसदी मूल्य अदा कर रजिस्ट्री कराने हेतु दबाव बनाया जा रहा है।
राज्यपाल से आग्रह व निवेदन है कि नजूल भूमि पर कब्जा धारियों ने अपनी क्षमता अनुसार अपना आशियाना बना रखा है। इन्हें हटाया जाना या इनके ऊपर दबाव बनाकर 150 फीसदी मूल्य में रजिस्ट्री करवाने के लिए प्रशासन द्वारा बाध्य करना गलत है। राज्यपाल से नगर मंडल भाजपा जगदलपुर आग्रह करता है कि नजूल भूमि में कब्जा धारियों को कांग्रेस के घोषणा पत्रानुसार निशुल्क पट्टा दिया जाए। कब्जा धारियों के ऊपर किसी भी प्रकार का प्रशासनिक दबाव विस्थापन एवं रजिस्ट्री का ना डाला जाए। राज्यपाल से निवेदन है कि इस विषय को संज्ञान लेते हुए कब्जा धारियों को पट्टा प्रदान करवाने हेतु निर्देशित करने का कष्ट करेंगे।
ज्ञापन देने वालों में जगदलपुर भाजपा शहर अध्यक्ष सुरेश गुप्ता, महामंत्री संग्राम सिंह राणा, उपाध्यक्ष राकेश तिवारी, कोषाध्यक्ष कमल पटवा, मंत्री शशिनाथ पाठक ,अभय दीक्षित, आशुतोष पाल ,प्रकाश झा,गणेश काले, संतोष त्रिपाठी, शैलेश श्रीवास्तव, दिगंबर राव, रोशन झा सहित कार्यकर्ता उपस्थित थे।
जगदलपुर, 12 फरवरी । आमचो बस्तर रेडियो के माध्यम से सामुदायिक शिक्षा की सुलगी चिंगारी को ज्वाला का रूप देने की अपील कलेक्टर रजत बंसल ने की। आज लाला जगदलपुरी जिला ग्रंथालय में पढ़ई तुंहर दुआर के तहत आयोजित क्विज प्रतियोगिता में शामिल शिक्षा विभाग के अधिकारियों से कलेक्टर ने कहा कि कोरोना के दौरान उत्पन्न विपरीत परिस्थितियों के बीच शिक्षा के लौ को जलाए रखने के लिए बस्तर जिले में शिक्षा विभाग ने कई नवाचार किए। उनमें आमचो बस्तर रेडियो भी शामिल है, जिसमें लाउड स्पीकर के माध्यम से शिक्षा पहुंचाने का कार्य सतत रूप से किया गया। उन्होंने इस अवसर पर ए-विजन केबल के माध्यम से कोरोना संक्रमण के दौरान शिक्षा की लौ को जलाए रखने वाले शिक्षकों को भी सम्मानित किया।
कलेक्टर ने कहा कि आमचो बस्तर रेडियो के माध्यम से शिक्षा देने की इस नई परिकल्पना में तब कई आयाम जुड़े, जब इनके माध्यम से पढ़ाई-लिखाई के साथ-साथ पोषण और स्वास्थ्य से जुड़ी जानकारियां भी दी जाने लगीं। उन्होंने कहा कि सरकार सामुदायिक शिक्षा के लिए कई वर्षों से जो प्रयास कर रही थी, उसे लाउड स्पीकर के माध्यम से सहजता से देकर बस्तर जिले ने एक नई मिसाल कायम की है। उन्होंने सामुदायिक शिक्षा की सुलगी इस चिंगारी को ज्वाला का रूप देते हुए इसे व्यापक स्तर पर फैलाने की अपील की।
कलेक्टर ने कहा कि शिक्षा के साथ-साथ लोगों में जागरुकता का जो वातावरण तैयार हुआ है, उसे निरंतर आगे बढ़ाना है और सामुदायिक शिक्षा की नींव को भव्य इमारत बनाना है। उन्होंने सामुदायिक शिक्षा की ग्राम स्तर से आगे मोहल्ला स्तर तक पहुंचाने की अपील की। उन्होंने शिक्षा के प्रसार के लिए स्वयंसेवकों के माध्यम से सामुदायिक भागीदारी सुनिश्चित करने को कहा। उन्होंने कहा कि बच्चों की औपचारिक शिक्षा में जाति प्रमाण पत्र किसी भी प्रकार की बाधा न बने, इसके लिए जाति प्रमाण पत्र बनाए जाने हेतु विशेष कार्यक्रम चलाया जा रहा है। उन्होंने इस कार्य को पूरी गंभीरता के साथ पूरा करने को कहा। इस कार्य में आने वाली बाधाओं से भी अवगत कराने को कहा, जिससे इसे तत्काल दूर किया जा सके।
इस अवसर पर जिला शिक्षा अधिकारी भारती प्रधान, राजीव गांधी शिक्षा मिशन के जिला मिशन समन्वयक अशोक पाण्डे, सहायक परियोजना समन्वयक गणेश तिवारी और समावेशी शिक्षा के प्रभारी राजेश त्यागी सहित खण्ड शिक्षा अधिकारी, खण्ड स्त्रोत समन्वयक, संकुल क्षेत्र समन्वयक एवं विभिन्न विद्यालयों के प्राचार्य उपस्थित थे।
जगदलपुर, 12 फरवरी। संभाग के सभी पंचायतों व गाँवों में मनरेगा के शत-प्रतिशत कार्य की स्वीकृति देकर संचालित करने के लिए कमिश्नर जी.आर. चुरेन्द्र ने संभाग के सभी कलेक्टर और मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत को अद्र्ध शासकीय पत्र के माध्यम से निर्देश दिए।
कमिश्नर चुरेंद्र ने पत्र में उल्लेख किया है कि गांव-गांव में स्वरोजगार हेतु निर्माण कार्य यथा नया तालाब, डबरी का निर्माण, पहुंच मार्ग निर्माण, पुराने तालाबों-डबरियों में गहरीकरण एवं विस्तारीकरण, तालाबों व डबरियों में पानी भरने कैचमेन्ट एरिया में कच्ची नाली का निर्माण आऊट लेट इन लेट के साथ करना, सिंचाई तालाबों का निर्माण, ग्रामीण क्षेत्रों में खेल मैदान का निर्माण, गांवों में सामूहिक बाड़ी विकास (गोठान गांवों के अतिरिक्त) धरसा पहुंच मार्ग निर्माण, आश्रम छात्रावास व विद्यालयों परिसर में समतलीकरण आदि कार्य लिया जा सकता है। इसके साथ उन्होंने जिले के अन्तर्गत संचालित मनरेगा के कार्य और प्रारंभ नहीं किए गए कार्यों की अभियान चलाकर आकलन करने के निर्देश दिए।
उन्होंने निर्देश दिए है कि सभी गांवों में 10 दिवस के अन्दर कार्य स्वीकृति व कार्य प्रारंभ करने की दृष्टि से सभी जनपद क्षेत्र अन्तर्गत सेक्टर मुख्यालयों में सर्व संबंधित कार्य विभागों, कार्य एजेंसियों के क्षेत्रीय अधिकारी-कर्मचारी की बैठक आयोजित करे। इस बैठक में सेक्टर मीटिंग में मनरेगा के कार्य प्रस्ताव प्राप्त करने विशेष ध्यान दिया जाए। सेक्टर मुख्यालयों में मनरेगा के कार्य का प्रस्ताव तैयार करने कार्य निर्धारित करने, नक्शा खसरा आदि प्रस्तुत करने की दृष्टि से राजस्व निरीक्षण, हल्का पटवारी, उपयंत्री तकनीकी सहायक, सरपंच, सचिव, रोजगार सहायक, ग्राम पटेल, प्राम कोटवार, कृषि विकास अधिकारी, ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी, फारेस्टर, वन रक्षक, जनपद सदस्यों आदि की संयुक्त बैठक करवाया जाए।
नक्सल प्रभावित क्षेत्रों के ग्राम पंचायत एवं गांव में जहां नक्सली समस्या के कारण सरपंच सचिव व अन्य कार्य एजेंसी कार्य करने के नाम पर पीछे हटते है. ऐसे पंचायतों व गांवों को चिन्हांकित कर उन गांवों में रोजगार मूलक कार्य तत्काल स्वीकृत व प्रारंभ करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि बहुत से पंचायतों में कार्य कराने का अनुकूल माहौल रहता है और गांव वाले काम करना चाहते हैं. ऐसे गांवों में विशेष पहल किया जाए। इस तरह से कार्य कराने के लिए अधिकारियों को ग्रामों को गोद लेने के लिए निर्देशित करने कहा है। जिसके आधार पर सभी अधिकारी अपने गोद ग्राम में रोजगार मूलक कार्य मनरेगा व अन्य योजनाओं के तहत कार्य करने जिम्मेदार होगे। जिलों में अभियान के तहत् मनरेगा अंतर्गत व अन्य योजनाओं में अभिशरण कर कार्य कराया जाए। साथ ही मनरेगा से गोठान गांव में गोठानों के विशेष सक्रिय करने के निर्देश दिए हैं।
10वीं एवं 12वीं के छात्रों की सोशल डिस्टेंसिंग के साथ लगेंगी अब कक्षाएं
कोण्डागांव, 12 फरवरी। कलेक्ट्रेट के सभाकक्ष में कलेक्टर पुष्पेन्द्र कुमार मीणा द्वारा 12 फरवरी को जिले के सभी विकासखण्ड के हाईस्कूल व हायर सेकेण्डरी के प्राचार्यों की गहन समीक्षा बैठक आहूत की गई थी। आगामी बोर्ड परीक्षाओं के मद्देनजर आयोजित इस बैठक में कलेक्टर ने गत सत्र 2019-20 के परीक्षा परिणामों के आधार पर इस वर्ष किए जा रहे परीक्षा की तैयारियों की जानकारी ली। साथ ही प्राचार्यों के साथ उनकी रणनीति पर भी गहन मंथन किया। बैठक में उन्होंने साफ कहा कि, छात्रों को बोर्ड परीक्षा के लिए पूर्ण रूप से तैयार करने की जिम्मेदारी प्राचार्यों को लेनी होगी और इस संबंध में उन्हें व्यक्तिगत रूप से मेहनत भी करना होगा। क्योंकि हर शालाओं की अपनी-अपनी समस्याएं जैसे शिक्षकों की कमी, छात्रों द्वारा नियमित रूप से स्कूल न आना या फिर रूचि न लेना इत्यादि होती है, परन्तु यह हर शिक्षक निर्भर करता है कि वे किस प्रकार छात्रों ‘मोटीवेट‘ करते हैं।
इसके साथ ही उन्होंने आगे कहा कि, मध्य फरवरी से ही 10वीं व 12वीं के छात्रों के लिए कक्षाएं सोशल डिस्टेंसिंग के साथ नियमित रूप से लगायी जाएगी और जिन स्कूलों में पाठ्यक्रम अभी पूरा नहीं हुआ है वहां पर विशेष फोकस किया जाएगा। इसके साथ ही उन्होंने पिछले सत्र में 100 प्रतिशत परीक्षा परिणाम देने वाले कक्षा 10वीं व 12वीं की शालाओं के प्राचार्यों की सराहना भी की। इनमें शासकीय उमावि कोण्डागांव बाजारपारा, बड़ेबेंदरी, बिंजोली, एरला, लूभा, होनावण्डी, गिरोला, हरवेल, पिपरा, सूरडोंगर, मोडेंगा, कुम्हारबडग़ांव, खड़पड़ी, चिलपुटी, मसोरा, उड़ीदगांव, क्षमतापुर के विद्यालय शामिल थे। जबकि तहसीलपारा कोण्डागांव, उमरगांव, मालगांव, विश्रामपुरी, कोरगांव, बांसकोट, धनोरा, छोटे बंजोड़ा, फरसगांव, बोरगांव, बिंझे, बड़ेराजपुर, कोनगुड़, मांझीआठगांव जैसे विद्यालयों के परीक्षा परिणाम न्यूनतम रहे। इसके लिए कलेक्टर ने नाखुशी भी जाहिर की।
बैठक में जानकारी दी गई कि, शैक्षणिक रूप से कमजोर विद्यार्थियों के उपचारात्मक शिक्षण की कार्ययोजना के तहत् जिन बच्चों को जिन-जिन विषयों में समस्या आ रही है, उन विषयों के विषयवस्तु को पुन: पढ़ाकर बच्चों से प्रश्न पूछकर उनके स्तर को परखा जा रहा हैं तथा सप्ताह में दो दिन 2 से 3 बजे तक कठिन विषयों को पुन: समझाकर व बच्चों की जांच परीक्षा के साथ उनकी सहायता करने के प्रयास किये जा रहे हैं। इसके अलावा कक्षा 10वीं एवं 12वीं के बोर्ड परीक्षा के बच्चों के लिए हायर सेकेण्डरी स्कूल खालेमुरवेण्ड में मॉडल प्रश्नबैंक तैयार किये जा रहे हैं तथा उन्हें महत्वपूर्ण प्रश्नों का अभ्यास कराया जा रहा है। इसी प्रकार अब तक शालाओं में कुल 45798 ऑनलाईन कक्षाएं ली गई हैं, जिनमें शामिल बच्चों की संख्या 7179 थी। इस बैठक में जिला मिशन समन्वयक महेन्द्र पाण्डे, जिला परियोजना अधिकारी वेणु गोपाल राव, सहायक जिला परियोजना अधिकारी कंवलसाय मरकाम सहित सभी प्राचार्य उपस्थित थे।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
कोण्डागांव, 12 फरवरी। कोण्डागांव जिला के अतिसंवेदनशील ग्रामीण अंचलों में नक्सल मोर्चे पर तैनात जवानों के आत्महत्या करने का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। उरन्दाबेड़ा कैंप से सुबह बडग़ाई और भोंगापाल के जंगलों में आईटीबीपी 29 बटालियन के जवान गश्त पर निकले हुए थे, इस दौरान एक जवान ने खुद को राइफल से गोली मारकर आत्महत्या कर ली। कोण्डागांव एसपी ने आत्महत्या का कारण पारिवारिक कलह का होना बताया।
जानकारी अनुसार, नक्सल मोर्चे पर तैनात आईटीबीपी 29 बटालियन के जवान मोनू सिंह ने खुद को गोली मारकर आत्महत्या कर ली हैं। जवान उत्तर प्रदेश के सहारनपुर का रहने वाला बताया जा रहा है।
नारायणपुर जिला के फरसगांव क्षेत्र में आईटीबीपी 29 बटालियन के ही जवान ने 11 फरवरी को फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली थी, जवान का नाम भूपेश सिंह था, भूपेश उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ का रहने वाला था, वो फरसगांव थाने के कैंप में पदस्थ था। भूपेश एक महीने पहले ही छुट्टी से वापस लौटा था, गुरुवार को ड्यूटी से वापस कैंप जाने के बाद जवान ने शौचालय में फांसी लगा ली, उसके शव को आनन-फानन में जिला अस्पताल नारायणपुर भेजा गया। वही ं12 फरवरी को एक और आईटीपीबी 29 बटालियन के जवान ने खुद को गोली मारकर आत्महत्या कर ली है। पुलिस जांच कर रही हैं।
अवसादग्रस्त जवान लगातार आत्महत्या जैसे कदम उठा रहे हैं, खासकर नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में तैनात जवानों को ज्यादा मानसिक तनाव में देखा जा रहा है। वर्ष 2019 में प्रदेश के 36 जवानों ने आत्महत्या की थी।
पुलिस विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक, साल 2007 से साल 2019 तक की स्थिति के मुताबिक सुरक्षा बल के 201 जवानों ने आत्महत्या की है, इसमें राज्य पुलिस और अर्धसैनिक बलों के जवान भी शामिल है।
नारायणपुर, 12 फरवरी। पूर्व मंत्री केदार कश्यप ने विज्ञप्ति जारी कर छत्तीसगढ़ सरकार को झूठे वादों की सरकार बताया और छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री के ऊपर समर्थन मूल्य पर धान ना खरीदने और किसानों को धोखा देने का आरोप लगाया। इसका पलटवार करते हुए छत्तीसगढ़ हस्तशिल्प विकास बोर्ड के अध्यक्ष एवं नारायणपुर विधायक चंदन कश्यप ने कहा कि पूर्व मंत्री पहले 15 साल के कुशासन को देख ले। उनके शासनकाल मे किसान, मजदूर, युवा एवं समाज के हर वर्ग त्रस्त था। किन्तु छत्तीसगढ़ में जैसे ही कांग्रेस की सरकार बनी, घोषणा पत्र के अनुसार शपथ ग्रहण के 3 घंटे के पश्चात छत्तीसगढ़ के किसानों का कर्जा माफ़ हुआ, जिसमें उनके बड़े भाई और बीजेपी के बड़े नेताओं के नाम शामिल हंै।
आज केंद्र सरकार किसानों के ऊपर जिस तरह से अत्याचार कर रही, किसानों के ऊपर लाठियां चला रहे, पानी बरसा रहे हंै, आंदोलनरत कितने किसान आज शहीद हुए, उसे पूरी दुनिया देख रही है और इधर भाजपा के स्थानीय नेता किसान हितैषी होने का ढोंग कर रहे हंै। तब चिंता नहीं हुयी, हमारी सरकार देश की पहली सरकार है, जो किसानों को 25 सौ रू धान का मूल्य दे रही है।
उन्होंने कहा कि केदार कश्यप को ये जानकारी नहीं है कि पिछले वर्ष हमने राजीव गांधी किसान न्याय योजना लाया और उनको उनकी फसल का उचित दाम दिलाया और अंतिम किस्त जो बचा है, उसे मुख्यमंत्री ने मार्च में डालने की बात कही है और हम मार्च में अंतिम किस्त भी डालेंगे। आपने भी भाजपा शासन मे बोनस देने की बात कही थी कितने किसानों को बोनस दिए आंकड़ा बताइए। भूपेश बघेल किसान के बेटे हैं, इसलिए किसानों का दर्द समझते हैं। वहीं दूसरी ओर मुद्दाविहीन भारतीय जनता पार्टी के नेता लोगों को झूठ बोलकर गुमराह कर रहे हंै। जनता को गुमराह करना भाजपा की रीति-नीति है। आज छतीसगढ़ की जनता देख रही है कि सच्चाई क्या है?
उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि इस वर्ष भी भाजपा के वरिष्ठ नेताओं ने धान बेचा और उनके खाते मे पैसा भी डल गए जिनमें पूर्व मुख्यमंत्री और उनके परिवार के लोग शामिल हैं। यही नहीं बस्तर के पूर्व सांसद दिनेश कश्यप ने भी 120 क्विंटल और उनकी माता के नाम से भी 134 क्विंटल धान बेचा। यदि केदार कश्यप आदिवासी और किसानों के साथ है तो तब कहां थे जब नगरनार स्टील प्लांट का निजीकरण हो रहा था, केंद्र सरकार छत्तीसगढ़ की चावल सेंट्रल पूल में नहीं ले रही थी, जितना बारदाना देना था उतना नहीं दिया। आज किसान आंदोलनरत है उनकी चिंता क्यों नहीं हो रही है। छत्तीसगढ़ की जनता को कांग्रेस पार्टी और मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के ऊपर भरोसा है। आप जनता को कितना भी गुमराह कर ले हम किया गया वादा भी पूरा करेंगे और आने वाले समय मे भी 25 सौ रुपये क्विंटल मे धान खरीदी करेंगे। पूर्व मंत्री भाजपा के केवल प्रदेश प्रवक्ता होने का फर्ज निभा रहे है फर्ज निभाना सही है किन्तु जनता को भ्रमित करना गलत।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
जगदलपुर, 12 फरवरी। राज्यपाल अनुसुईया उइके ने कहा कि बस्तर में प्रचुर मात्रा में उपलब्ध वनोपज का स्थानीय स्तर पर प्रसंस्करण कर यहां के लोग समृद्धि का नया अध्याय लिखेंगे। राज्यपाल सुश्री उइके ने यह बातें वन धन केन्द्र के रुप में धुरागांव में संचालित वनोपज प्रसंस्करण केंद्र की गतिविधियों का अवलोकन के दौरान कही।
उन्होंने वनधन केंद्र में तेलगीन माता स्व-सहायता समूह द्वारा टोरा तेल प्रसंस्करण कार्य एवं अमर ज्योति जय माँ सरस्वती समूह द्वारा इमली चटनी सॉस निर्माण कार्य का अवलोकन किया। इसके साथ ही यहां विभिन्न वन धन केन्द्रों में वनोपज प्रसंस्करण का कार्य कर रहे समूहों ने भी अपने उत्पादों का प्रदर्शन किया। बकावंड वनधन केंद्र में काजू प्रसंस्करण, आसना वनधन केंद्र में इमली कैंडी निर्माण, अगरबत्ती निर्माण व चिरौंजी प्रसंस्करण और कुरंदी वनधन केंद्र में वनौषधि प्रसंस्करण का कार्य कर रहे समूहों की महिलाओं से भेंट के दौरान राज्यपाल ने गतिविधियों की जानकारी लेते हुए शासन द्वारा इन उत्पादों की बिक्री के लिए वृहद तौर पर मार्केट उपलब्ध कराए जाने के संबंध में जानकारी दी।
इस अवसर पर राज्यपाल ने प्राथमिक वनोपज सहकारी समिति घोटिया के जय माँ लक्ष्मी स्व-सहायता समूह पुसगुड़ा गोडिय़ापाल को वर्ष 2020-21 में वनोपज संग्रहण के कमीशन की राशि के तौर पर 7 हजार 536 रूपए का चेक प्रदान किया।राज्यपाल ने बस्तर को वन संपदा से भरपूर बताते हुए यहां वनोपज संग्रहण के लिए किए जा रहे प्रयासों की सराहना करते हुए इस कार्य में संलग्न महिलाओं के समृद्धि की कामना की।
राज्यपाल सुश्री उइके को समूहों द्वारा बस्तर काजू, टोरा तेल और इमली चपाती, कैण्डी का उपहार दिया गया। राज्यपाल ने बस्तर के इन उत्पादों के उच्च गुणवत्ता की भूरी-भूरी प्रशंसा करते हुए कहा कि वे राजभवन में आने वाले अतिथियों से भी बस्तर के वनोपजों से तैयार अच्छी गुणवत्ता के इन उत्पादों के उपयोग के लिए प्रेरित करेंगी। इस अवसर पर कमिश्नर जी.आर चुरेंद्र, कलेक्टर रजत बंसल, वनमण्डलाधिकारी सुश्री स्टायलो मंडावी सहित वन विभाग के अन्य अधिकारी मौजूद थे।
कोण्डागांव, 12 फरवरी। एसआईएस सुरक्षा कंपनी के द्वारा 10 फरवरी को जनपद पंचायत फरसगांव में सुरक्षा जवान व सुरक्षा सुपरवाइजर को विशेष भर्ती रैली कैंप ली गई। इस भर्ती रैली में भाग लेने के लिए फरसगांव जनपद पंचायत क्षेत्र से लगभग 135 युवकों ने भाग लिया। सभी शिक्षित युवकों का शारीरिक माप, ऊंचाई, सीना, वजन व लिखित परीक्षा के पश्चात जनपद पंचायत फरसगांव से 48 युवकों का प्रशिक्षण के लिए चयन किया गया।
यह सभी चयनित उम्मीदवार एसआईएस प्रशिक्षण केंद्र जसपुर में 1 माह का प्रशिक्षण लेने के लिए 24 फरवरी को रिपोर्ट करेंगे। एक माह सफलतापूर्वक प्रशिक्षण पूर्ण कर लेने के पश्चात सभी सफल उम्मीदवारों को भारतीय पुरातत्व विभाग व औद्योगिक में सुरक्षा के क्षेत्र के लिए स्थाई नियुक्तियां प्रदान की जाएगी। आज चयनित सभी युवकों को जनपद पंचायत फरसगांव के सीईओ व नगर पंचायत अध्यक्ष गणेश दुर्गा व जनपद उपाध्यक्ष सुखी मरकाम, सांसद प्रतिनिधि हितेश साहू के द्वारा सभी सफल उम्मीदवारों को प्रशिक्षण के लिए नियुक्ति पत्र प्रदान की गई। इसकी जानकारी एसआईएस के भर्ती अधिकारी डीएन सिन्हा ने दी है।
कोण्डागांव, 12 फरवरी। पेंशनर्स भवन में बैठक आयोजित कर उपस्थित सभी सदस्यों ने सर्व सहमति से पेंशनर्स संघ जिला अध्यक्ष एसपी विश्वकर्मा को बनाया गया। साथ ही अन्य पदाधिकारियों का मनोनयन किया गया ताकि आगामी दिनों में पेंशनर्स संघ की गतिविधियां सुचारू रूप से संचालन के साथ ही संघ की समस्याओं का निराकरण भी किया जा सके। उपस्थित सभी सदस्यों ने एक मतेन सर्व सम्मति से निम्नानुसार पदाधिकारियों का मनोनयन किया। इसमें अध्यक्ष एसपी विश्वकर्मा, उपाध्यक्ष सीआर कोर्राम, सचिव एनके अधिकारी, सह सचिव नागोराव बाघमारे, कोषाध्यक्ष विश्वनाथ भट्टाचार्य को नियुक्त किया गया। साथ ही पदाधिकारियों ने बताया कि रिक्त पदाधिकारियों व सदस्यों द्वारा आगामी बैठक 27 फ रवरी को कार्यकारिणी समिति का गठन किया जाएगा।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
दंतेवाड़ा, 12 फरवरी। डेनेक्स, प्रोड्यूसर कम्पनी एवं उत्पादक समूह के संबंध में दो दिवसीय प्रशिक्षण का आयोजन जिला पंचायत दंतेवाड़ा के सभा कक्ष में किया गया, जिसमें दुर्ग जिले से बेसिक टीम के एक्सपर्ट भास्कर राव द्वारा प्रशिक्षण दिया गया। उनके द्वारा जिले के 100 से अधिक महिला किसानों, राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन की टीम एवं कृषि विभाग की टीम को उत्पादक समूह एवं उत्पादक कंपनी की बारीकियों एवं उसका सफल संचालन किये जाने के संबंध में विस्तृत जानकारियॉ दी गई। प्रशिक्षण के दौरान डेनेक्स सेफ फूड फार्मर प्रोड्यूसर कम्पनी लिमिटेड दन्तेवाड़ा के संचालन हेतु निदेशक मण्डल की कार्यशैली भूमिका तथा उत्तरदायित्व के सम्बध में जानकारी दी गई। मु. का. अधिकारी अश्विनी देवांगन के द्वारा उत्पादक समूह क्या है, उत्पादक कम्पनी क्या है के सम्बध में प्रकाश डालते हुए निदेशक मण्डल के सदस्यों से रूबरू हुए। उनके द्वारा उत्पादक कम्पनी में जुडऩे के लिए शेयर धारक एवं उनके द्वारा शेयर लेने के लिए आवश्यक जानकारी दी।
प्रशिक्षण के दौरान एक महिला किसान को 10 रूपये प्रति शेयर की दर से आजीवन सदस्यता के लिए 10 शेयर लेना अनिर्वाय है, तथा कोई भी महिला किसान 10 से अधिक शेयर भी ले सकती है, पर मतदान का अधिकार मात्र एक ही होगा। डेनेक्स के संचालन हेतु पॉच उपसमितिया बनाया जाना अनिवार्य है के सम्बध में प्रशिक्षक के द्वारा बताया गया।
साथ ही फिल्ड स्तर पर फार्म संबंधित जानकारियों हेतु क्षेत्र भ्रमण ग्राम पंचायत चितालूर में किया गया। छत्स्ड के तहत गठित समस्त स्व-सहायता समूह की महिलाओं के साथ बैठक कर उत्पादक समूह बनाये जाने की प्रक्रिया एवं उत्पादक समूह द्वारा संधारित की जाने वाली पुस्तकों की समझ विकसित करते हुये एक नया उत्पादक समूह का भी गठन किया गया।
जिसका नाम जीविका कडक़नाथ उत्पादक समूह रखा गया। जीविका कडक़नाथ उत्पादक समूह 30 महिला किसान शामिल हुये जो कडक़नाथ मुर्गी पालन करते है। जिसके अध्यक्ष गेदों कुंजाम एवं सचिव सानी बाई नाग को सर्व समिति से चुना गया। इस दौरान डेनेक्स कम्पनी के निर्देक मण्डल एवं चारों जनपंदों से आये स्व-सहायता समूह के महिला किसान एवं समुदायिक संवर्ग तथा राष्ट्रीय ग्रामीण आजिविका मिशन के अमले उपस्थित रहकर उत्पादक समूह बनाये जाने की प्रक्रिया से प्रायोगिक रूप से अवगत हुये। जिला प्रशासन के मार्गदर्शन में उक्त प्रशिक्षण संपन्न हुआ, जिसमें मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जिला पंचायत अश्वनी देवांगन, उपसंचालक कृषि आनन्द नेताम उपस्थित थे।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
जगदलपुर, 12 फरवरी। विगत दिनों जगदलपुर विधानसभा क्षेत्र के ग्राम पंचायत कलचा के 10 लोगों का निधन ओडिशा के आमगांव के निकट सडक़ दुघर्टना में हो गया था।
उनकी आत्मा की शांति के लिए कलचा में सामूहिक श्रद्धांजलि सभा एवं शांति भोज का आयोजन समाज एवं ग्रामीण जनों की सहमति के क्षेत्र के जनपद सदस्य जिशान कुरैशी द्वारा आयोजित किया गया। जिसमें मृत आत्माओं की शांति के लिए श्रद्धांजलि अर्पित करने विधायक जगदलपुर एवं संसदीय सचिव रेखचंद जैन, छत्तीसगढ़ राज्य अक्षय ऊर्जा विकास अभिकरण के अध्यक्ष मिथिलेश स्वर्णकार, शहर जिला कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष राजीव शर्मा, महापौर सफीरा साहू एवं कांग्रेस के अन्य पदाधिकारी पहुंचे जहां उन्होंने श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए मृत आत्माओं को पुष्प अर्पित की एवं शोक संतप्त परिजनों को ढांढस बंधाया एवं पगड़ी रस्म की परंपरा में शामिल हुए। वहीं शोक संतप्त परिजनों को ढांढस बंधाते हुए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के द्वारा घोषित सहायता राशि का चेक प्रदान किया।
जगदलपुर, 12 फरवरी। छत्तीसगढ़ प्रदेश शिक्षक फेडरेशन ने सभी शिक्षकों का आभार माना है, जिन्होंने नियाय पाती अभियान में हजारों की संख्या में मुख्यमंत्री, शिक्षामंत्री और प्रमुख सचिव शिक्षा को व्यक्तिगत पोस्टकार्ड लिखा था। फेडरेशन ने शिक्षा विभाग द्वारा शिक्षक संवर्ग को पदोन्नति देने संबंधी जारी हुए आदेश का श्रेय शिक्षकों की एकजुटता को दिया है।
उल्लेखनीय है कि शिक्षक संवर्ग को पदोन्नति एवं सहायक शिक्षक पद पर भर्ती हुए शिक्षकों को तृतीय समयमान वेतनमान के दो सूत्रीय मांग पर छत्तीसगढ़ प्रदेश शिक्षक फेडरेशन के आव्हान पर नियाय पाती अभियान के प्रथम चरण में 20 से 31 दिसंबर 20 तक प्रदेश के शिक्षकों ने हजारों की संख्या में पोस्टकार्ड मुख्यमंत्री, शिक्षामंत्री और प्रमुख सचिव शिक्षा को लिखा था। दूसरे चरण में 9 सितंबर 20 को राज्य के 28 जिलों में फेडरेशन के पदाधिकारियों ने कलेक्टर के माध्यम से ज्ञापन दिया था। प्रमुख सचिव डॉ आलोक शुक्ला के राज्यव्यापी दौरे के दौरान फेडरेशन के पदाधिकारियों ने पुन: स्मरण ज्ञापन दिया था। जिसके समाचार का प्रकाशन सभी प्रमुख अखबारों में हुआ था।
फेडरेशन के प्रांताध्यक्ष राजेश चटर्जी, जगदलपुर जिला अध्यक्ष आरडी तिवारी, सचिव सीएम पाण्डेय, संभाग महामंत्री रविन्द्र विश्वास एवं प्रवक्ता विदुशेखर झा ने नियाय पाती अभियान में भागीदार रहे शिक्षकों का आभार व्यक्त किया है। साथ ही फेडरेशन ने मुख्यमंत्री, शिक्षामंत्री एवं प्रमुख सचिव शिक्षा को पदोन्नति पर न्यायोचित निर्णय लेने पर धन्यवाद ज्ञापित किया है।
बस्तर के ज्वलंत मुद्दों पर ध्यानाकर्षण कर निराकरण की रखी मांग
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
जगदलपुर, 12 फरवरी। बस्तर अधिकार मुक्तिमोर्चा के मुख्य संयोजक नवनीत चांद के नेतृत्व में मुक्ति मोर्चा के संभागीय दल द्वारा बस्तर प्रवास पर आईं राज्यपाल अनुसुईया उइके से मुलाकात कर, बस्तर के ज्वलंत मुद्दों व विकास की मांग पर उनका ध्यान आकर्षन करते हुए निराकरण हेतु 13 सूत्रीय मांगों का ज्ञापन को सौंपा।
मुक्ति मोर्चा के मुख्य संयोजक नवनीत चांद, जिला संयोजक भरत कश्यप व शहर संयोजक शोभा गंगोत्री ने कहा कि बस्तर छत्तीसगढ़ राज्य की नवगठित 20वर्ष गुजर जाने के बाद भी बस्तर को वास्तविक विकास प्रशासनिक व आर्थिक फैसलों का अधिकार आज प्रर्यंत तक नहीं मिला है, जो कहीं ना कहीं बस्तर संभाग के 7 जिलों में निवासरतजनों के लिए मायूसी का कारण है। यदि राज्य सरकार यह कहती हैं कि बस्तर के विकास के फैसले बस्तर में ही होने चाहिए, तो बस्तर संभागीय मुख्यालय को उपराजधानी का दर्जा क्यों नहीं दिया जा रहा है? न्याय व न्यायालय के प्रति, बस्तर के निवासियों का आस्था बढ़ाने हेतु उच्च न्यायालय का उच्च न्यायालय की खण्डपीठ स्थापना मील का पत्थर साबित होगी।
वहीं बस्तर में औद्योगिक विकास के रास्ते रोजगार, स्वरोजगार से बस्तर की तस्वीर बदलने की सरकारी योजनाओं की हवा नगरनार स्टील प्लांट के विनिवेशीकरण से निजीकरण की तरफ बढ़ती केंद्र व राज्य की बस्तरहित विरोधी फैसले निकाल रही है। एक तरफ राज्य सरकार लौह उत्खनन लीज प्रक्रिया को सरल कर औद्योगिकरण को बढ़ावा देने की बात कह रही है, दूसरी तरफ बस्तर के संवैधानिक अधिकार व पेशाकानून का प्रावधानों का खुला उल्लंघन किया जा रहा है।
जिसका उदाहरण बैलाडीला की 4 खदानों को बिना बस्तर की हितों की शर्तों पर संवाद स्थापित कर सर्वोच्च न्यायालय के कॉमन कॉल जजमेंट के दिशा निर्देशों का उल्लंघन करते हुए। 1600 करोड़ के जुर्माने के बावजूद, एनएमडीसी के नाम 2035 लीज रिनिवल कर दिया गया है। वहीं नारायणपुर जिले के आमदई लौह खदान व बैलाडीला के 13 न0 लौह खदानों में ग्राम सभा के फर्जी पाए जाने की पुष्टि प्रशासन द्वारा कर दिए जाने के बावजूद भी बस्तर के भावनाओं के खिलाफ कम्पनियों को आवंटित किए गया है।
40 वर्ष पुरानी बोधघाट परियोजना को पुन: प्रारंभ करने की मंशा राज्य सरकार ने जताते हुए केंद्रीय कम्पनी वेपकास को सर्वे का काम दिया गया है। विडम्बना यह है कि वर्षों पूर्व केंद सरकार द्वारा गठित कमेटी द्वारा किए गए शोध में परियोजना के संचालन पर बस्तर को होने वाले बड़े नुकसान को देखकर कहीं गंभीर आपत्तियां दर्ज करवाते हुए परियोजना को बंद कर देने की सिफारिश की गई है, जो आज पर्यंत तक यथावत है। राज्य सरकार द्वारा बस्तर से बीना संवाद स्थापित किए तानाशाही रवैया अख्तियार कर, समस्याओं के निराकरण की पहल भरी योजनाओं को बस्तर के समक्ष रखे बिना सीधे परियोजना को प्रारंभ करने प्रबल इच्छा शक्ति दिखाना बस्तरवासियों के मन में संदेह व घबराहट पैदा करता है। इस परियोजना का प्रमुख उद्देश्य बस्तर में सिंचाई योजना को मजबूत करना है तो राज्य सरकार पड़ोसी राज्य तेलंगाना में स्थापित वॉटर लिफ्टिंग सिंचाई परियोजना नीति को बस्तर में लागू करें।
बस्तर में शिक्षा व स्वास्थ, यातायात, रोजगार स्वरोजगार के रास्ते प्रस्तत करने हेतु, संभागीय मुख्यालय में शिक्षा की गुणवत्ता बढ़ाने व देश प्रेम को बढ़ाने हेतु एक सैनिक स्कूल की स्थापना, स्वास्थ्य व्यवस्था को मजबूत करने हेतु बस्तर के स्थानीय ऊर्जावान काबिल छात्र को बढ़ावा देने हेतु बस्तर के सबसे पिछड़े इलाकों में से एक अबूझमाड़ में निवासरत अतिपिछड़ा आदिवासी समुदाय हेतु बस्तर में संचालित मेडिकल कॉलेज में 5 सीटें आरक्षित की जाए। हवाई यात्रा प्रारंभ होने के बाद की नव निर्मित पासवर्ड कार्यालय का शुभारंभ का इंतजार पूरे बस्तर को बेसब्री से है, आपके हस्तक्षेप से प्रारंभ किया जाये। बस्तर में शिक्षित व अशिक्षित बेरोजगारों को ध्यान में रखते हुए बस्तर के पृथक लोकसेवा आयोग का गठन किया जाये, ताकि शासकीय व अशासकीय सभी रोजगार स्वरोजगार भर्तिी योजनाओं में 100 फीसदी बस्तर के निवासियों को भागीदारी सुनिश्चित हो सके, बस्तर में रेलवे लाइन दल्लीराजरा रेलवे लाइन के कार्ययोजना प्रगति लाने हेतु, केंद्र सरकार के उपक्रम सेल व एनएमडीसी द्वारा संयुक्त रूप से बनाई गई कम्पनी बस्तर रेलवे प्रावेट लिमिटेड मुख्यालय बस्तर में स्थापित किया जाये। बस्तर को आर्थिक आजादी बस्तर को वास्तविक विकास हेतु आर्थिक आजादी से योजनाए बनाने की नितियों के तहत सर्वोच्च न्यायालय के दिए निर्देशा अनुसार ष्ठरूस्न डीएमएफ व ष्टस्क्र सीएसआर की राशि खर्च करने अधिकार है, उस पर राज्य सरकार के हस्तक्षेप को बंद किए जाने की आवश्यकता है व संवैधानिक प्रावधानों के तहत आपके संरक्षण में जनजातीय सलाहकार परिषद की बैठकों के माध्यम से बस्तर व सरगुजा के विकास रीति-नीति तय किये जाने हेतु, बैठक रायपुर राजधानी में ना होकर बस्तर व सरगुजा के संभागीय मुख्यालय में किया जाये इन सभी मुद्दों को लेकर राज्यपाल को 13 सूत्रीय ज्ञापन सौंप निराकरण की मांग रखी गई।
इस सौजन्य मुलाकात में बस्तर अधिकार मुक्तिमोर्चा के शहर महामंत्री सुनिता दास, कोषाध्यक्ष अंकिता गुरूदत्वा, उपाध्यक्ष शैलेंद्र वर्मा, लोहण्डीगुड़ा ब्लॉक संयोजक तुलसी सेठिया, नानगुर ब्लाक अध्यक्ष विकास मांझी, एकता रानी, मीना केशरवानी, सुरेंद्र तिवारी, गुडिय़ा,स्वेती सेठिया, संगीता दानी, धीरज जानी, गीता बघेल, शारदा कश्यप, तामेश्वरी साहू, मीना कौर, चंदा खुदराम सहित मुक्तिमोर्चा के पदाधिकारी उपस्थित थे।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
कोण्डागांव, 12 फरवरी। जीवन स्वयं सेवी संस्थान के तत्वावधान में 12 फरवरी को सडक़ परिवहन व राजमार्ग मंत्रालय के माध्यम से प्रायोजित रोड एडवोकेसी प्रोग्राम का समापन कार्यक्रम चौपाटी मैदान पर किया गया। जिसमें मुख्य अतिथि के रूप में जिला कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष झुमुक लाल दीवान, जिला कांग्रेस अध्यक्ष सुब्रत राय और गणमान्य नागरिक, स्कूल प्राचार्य मौजूद रहे।
शासकीय कन्या उच्चतर माध्यमिक विद्यालय व शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय तहसील पारा स्कूल में वर्तमान यातायात व्यवस्था व सुरक्षा विषय पर, निबंध, प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता, चित्रकला प्रतियोगिता आयोजित की गई थी। जिसमें प्रतिभागियों को पुरस्कार वितरण किया गया और कार्यक्रम समापन की गई।
इस समापन कार्यक्रम में यातायात प्रभारी अर्चना धुरंधर के माध्यम से कोण्डागांव के छात्र-छात्राओं को यातायात विषय के संबंध में विस्तृत जानकारी दी गई। जैसे मैंडेटरी साइन, कॉशनरी साइन, इनफॉर्मेटरी साइन, विभिन्न मार्ग जैसे राष्ट्रीय राजमार्ग, राजकीय राजमार्ग, अन्य जिला रोड, दुर्घटनाओं के कारण व उनसे बचाव के तरीके, ड्राइविंग लाइसेंस बनाने की प्रक्रिया के विषय में विस्तृत जानकारी दी गई तथा अपने आसपास होने वाली सडक़ दुर्घटनाओं के विषय में केस स्टडी के माध्यम से दुर्घटना होने के कारण और उससे बचाव के तरीकों के विषय में बता कर जागरूक किया गया। इस अवसर पर यातायात प्रभारी अर्चना धुरंधर, जीवन स्वयं संस्थान के अध्यक्ष उत्तम श्रीवास्तव, सानू राम जैन और काफी संख्या में लोग उपस्थित थे।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
कोण्डागांव, 12 फरवरी। कलेक्टर पुष्पेंद्र कुमार मीणा व जिला पंचायत अध्यक्ष देवचंद मातलाम कल अपने निरीक्षण दौरे में जिले के सुदूर सीमावर्ती ग्रामों मातेंगा, उमरादहा, घोड़ाझर, चेंदरूभाटा, कुपागोंदी व होनहेड मोटरसाइकिल से पहुंचे। जहां उन्होंने मातेंगा, उमरादहा, होनहेड में जनचौपाल ली। इस दौरान उन्होंने इन आदिवासी ग्रामीणों से खुलकर चर्चायें की।
चौपाल में बड़ी संख्या में जन समूह सम्मिलित हुए व अपनी समस्याओं को कलेक्टर के समक्ष रखा। जिसमें मुख्यत: ग्रामीणों द्वारा यातायात हेतु पक्की सडक़ों एवं पेयजल की समस्या से अवगत कराया। जिस पर कलेक्टर ने जल्द से जल्द बोर वाहन ग्राम में भेजकर पेयजल के लिए नलकूप खनन के आदेश दिए एवं सडक़ के निर्माण में तेजी लाने के लिए ग्रामीणों को सहयोग देने तथा निर्माणाधीन सडक़ों के अलावा अन्य सडक़ों के निर्माण के लिए स्थलों का निरीक्षण किया। इसके अतिरिक्त अन्य 5 स्थानों पर पुल सह डैम निर्माण करा कर ग्रामीणों के लिए सिंचाई समेत पेयजल के लिए पानी संग्रहण की व्यवस्था हेतु ग्रामीणों को निर्देशित किया।
इस अवसर पर ग्रामीणों द्वारा मातेंगा में देवगुड़ी, घोटूल, आंगनबाड़ी निर्माण व पीडीएस की दुकान के नजदीकी स्थल पर लगाने की मांग की गई। जिस पर उन्होंने जल्द से जल्द निर्माण के लिए निर्देशित किया। ज्ञात हो कि, अभी तक मातेंगा के ग्रामीणों को राशन के लिए होनहेड तक जाना पड़ता है जो ग्राम से 6 किलोमीटर की दूरी पर है इस पर कलेक्टर द्वारा अगले माह से ही नवीन राशन दुकान को निकटतम उमरादहा ग्राम में खाली पड़े भवन में खोलने के लिए निर्देश दिए। उमरादहा में पानी के लिए बोर, घोटूल, आंगनबाड़ी बनाने तथा सोलर लाइटों की व्यवस्था हेतु ग्रामीणों द्वारा मांग की गई जिसपर जल्द पूर्ण किए जाने हेतु कलेक्टर ने आश्वस्त किया। इस दौरान उन्होंने कुपागोंदी में सडक़ निर्माण में जुटी महिला श्रमिकों से बात की व उन्हें उचित मजदूरी प्राप्ति के संबंध में जानकारी ली एवं चेंदरूभाटा पहुंच कर वहां के 10 एकड़ में विस्तृत तालाब को विकसित कर अधिक से अधिक मत्स्य पालन करने के लिए ग्रामीणों को प्रेरित किया।
कलेक्टर ने पिया झिरिये का मीठा पानी
उमरादहा में कलेक्टर को ग्राम में स्थित सतत पानी वाले मीठे पानी के झिरियों के संबंध में ग्रामीणों ने बताया एवं ग्रामीणों द्वारा उन्हें ग्राम के आस पास के 5 झिरियों को भी दिखाया। जहां पर कलेक्टर ने खुद पानी को पीकर उसका परीक्षण किया।
होनहेड जलप्रपात के विकास के लिए ग्रामीणों से की चर्चा
इस दौरान कलेक्टर व जिला पंचायत अध्यक्ष होनहेड पहुंचे जहां जनचौपाल में ग्रामीणों ने स्कूल, सडक़, आंगनबाड़ी, पीडीएस दुकान के मरम्मत की मांग की। जिस पर कलेक्टर ने आंगनबाड़ी व पीडीएस दुकान के नवनिर्माण को निर्देशित किया साथ ही यहां के उप-स्वास्थ्य केंद्र में जाकर व्यवस्थाओं का अवलोकन किया। उप-स्वास्थ्य केंद्र की समस्याओं की जानकारी ली। होनहेड में उन्होंने जलप्रपात पर पहुंचे जहां जलप्रपात को जिले के ट्राइबल टूरिज्म सर्किट में जोड़ कर इसके विकास एवं यहां बुनियादी सुविधाओं के विकास के लिए ग्रामीणों से चर्चा की। जिसके लिए ग्रामीणों में बहुत उत्साह दिखा। ग्रामीणों ने जलप्रपात के विकास हेतु प्रशासन की हर मदद करने के लिए अपनी रुचि दिखाई।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
कोण्डागांव, 12 फरवरी। जिला पंचायत के सभाकक्ष में 12 फरवरी को बस्तर क्षेत्र आदिवासी विकास प्राधिकरण के तत्वावधान में विशाल आदिवासी समृद्ध संस्कृति के संरक्षण व उनके अभिलेखीकरण के संबंध में एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया था। इस कार्यशाला में डिप्टी कमिश्नर जगदलपुर भूआल सिंह सिदार, नोडल अधिकारी अखिलेश मिश्रा, सहायक आयुक्त आरएस भोई, प्राचार्य डॉ. किरण नुरूटी सहित आदिवासी संस्कृति के संरक्षक व ज्ञाता डॉ. जयमति कश्यप, डॉ. सीआर कोर्राम, रामसिंह नाग, ईश्वर लाल कोर्राम, फूलसिंह नेताम सहित अन्य समाज प्रमुख उपस्थित थे।
बस्तर क्षेत्र आदिवासी विकास प्राधिकरण के अध्यक्ष लखेश्वर बघेल की पहल पर आदिवासी समृद्ध संस्कृति को विलुप्तिकरण से बचाने के लिए बस्तर आयुक्त जीआर चुरैन्द्र के मार्गदर्शन पर उक्त कार्यशाला का आयोजन किया गया। इसमें वक्ताओं ने बस्तर संभाग में निवासरत् जनजातीय समाज के नामों, उनके सामाजिक ताने-बाने जैसे रीति-रिवाज, पहनावा, उनके शारीरिक सौंदर्य साधन, जन्म से जुड़ी प्रथाएं, घर-परिवार, रिश्ते-नाते की व्यवस्था, वैवाहिक रीतियों, मृत्यु नियम किर्याक्रम, उनके धार्मिक क्रियाकलाप, देवी-देवता मान्यताएं, पूजा-पद्धति, उनके शारीरिक बनावट व मूल निवास, भाषा, बोली, लिपि जैसे बिन्दुओं के अभिलेखीकरण के कार्य को प्रमुखता देते हुए अपने विचार व्यक्त किए।
बैठक में डिप्टी कमिश्नर ने कहा कि, बस्तर की पूरातन काल से चली आ रही व्यवस्था व उसकी समृद्ध संस्कृति को विलुप्ति से बचाने तथा उन्हें भावी पीढ़ी को अवगत कराने के लिए यह जरूरी हैं कि, इसका दस्तावेजीकरण किया जाए। इस दस्तावेज में बस्तर के इतिहास, राजनीतिक व्यवस्था, ग्राम व्यवस्था, उसके मौखिक साहित्य, गीत-गान के अलावा यहां की कौशल कला जैसे माटी, काष्ट, धातु, बुनकर शिल्प, बस्तर क्षेत्र के प्रमुख नृत्य, उसके प्रकार, महत्व, उत्सव, गीत परम्परा, बस्तर संभाग के मेला-जातरा, पुरातात्विक संपदा एवं उसके पर्यटन स्थलों का विस्तार से विवरण उल्लेखित होगा।
जगदलपुर, 12 फरवरी। कोरोना से बचाव के लिए संभाग कमिश्नर जी.आर. चुरेंद्र ने टीका लगाया। गुरुवार को दोपहर महारानी अस्पताल परिसर में स्थित नर्सिंग कॉलेज में बनाए गए टीकाकरण केन्द्र में पहुँचकर कोरोना से सुरक्षा के लिए टीका लगवाया। उन्होंने संभाग वासियों को स्वयं और परिवार की सुरक्षा के लिए टीका लगाने और कोरोना को हराने की अपील की।