राजनांदगांव
कई दिग्गजों के समर्थक हाशिये पर, नई टीम पर बढ़ा मनमुटाव
'छत्तीसगढ़' संवाददाता
राजनांदगांव, 13 फरवरी। राजनांदगांव शहर कांग्रेस कमेटी की नई टीम में गुटीय संतुलन नहीं होने से अंदरखाने पार्टी के नेताओं में मनमुटाव बढ़ गया है। शहर कांग्रेस की नई टीम में मौजूदा अध्यक्ष कुलबीर छाबड़ा की एकतरफा चली है। उन्होंने अपने करीबियों को पद से नवाजा है। पार्टी के भीतर इस बात को लेकर शिकवा-शिकायतें भी अब सुनाई दे रही है। बताया जा रहा है कि शहर अध्यक्ष छाबड़ा की टीम में महापौर हेमा देशमुख, जितेन्द्र मुदलियार, हफीज खान, पूर्व शहर अध्यक्ष दिनेश शर्मा समेत अन्य नेताओं के समर्थकों को सूची में जगह नहीं मिली।
बताया जा रहा है कि उपाध्यक्ष पद पर छाबड़ा की सिफारिश पर शशिकांत अवस्थी और याहया खान समेत दूसरे नवनियुक्त उपाध्यक्ष बने कार्यकर्ता को मौका दिया गया है। सियासी गुटबाजी के लिहाज से महामंत्री और संयुक्त महामंत्री जैसे पदों में भी गुटीय संतुलन नजर नहीं आया। बताया जा रहा है कि महापौर हेमा देशमुख ने भी महत्वपूर्ण पदों के लिए कुछ नाम सुझाए थे, लेकिन उनके द्वारा दिए गए नामों को खास तवज्जो नहीं मिली। इसी तरह जितेन्द्र मुदलियार शहर अध्यक्ष रहे हैं। उन्होंने भी अपने कुछ समर्थकों को सूची में स्थान देने के लिए सिफारिश की थी। उनसे संगठन कार्यकारिणी को लेकर किसी भी तरह का सुझाव नहीं लिया गया। बताया जा रहा है कि उपाध्यक्ष पद पर अनुभवी नेताओं को महत्व नहीं दिया गया। इस पद के लिए विकास त्रिपाठी की नियुक्ति को लेकर भी संगठन में सवाल उठाए जा रहे हैं। राज्य अल्पसंख्यक आयोग सदस्य हफीज खान ने प्रभारी मंत्री के जरिये राजीव कुरियाकोस, मनीष गौतम को संगठन में शामिल कराया है। बताया जा रहा है कि उनसे भी संगठन द्वारा राय नहीं ली गई।
बताया जा रहा है कि सक्रिय कार्यकर्ताओं को संयुक्त महामंत्री और सचिव पद पर मनोनीत किया गया है। पार्टी के भीतर पूरी नियुक्ति को लेकर सवाल उठने से यह साफ है कि आगे यह मामला राजनीतिक रूप से विवाद का कारण बनेगा। बताया जा रहा है कि प्रभारी मंत्री मो. अकबर ने भी कुछ नामों को सूची में शामिल करने का निर्देश दिया था। इसके चलते कुछ नेता सूची में जगह पाने में कामयाब हो गए। राजनांदगांव शहर कांग्रेस की स्थिति अंदरूनी घमासान के कारण सुर्खियों में है। कांग्रेस में प्रमुख नेताओं के बीच सलाम-दुआ तक नहीं है। यानी सियासी दांव-पेंच में कांग्रेस के नेता आपस में ही टकराव को बढ़ावा दे रहे हैं। शहर कांग्रेस की नई सूची में कई ऐसे नाम भी है जिनकी लंबे समय से सांगठनिक कार्यों में सक्रियता नहीं रही है। बताया जा रहा है कि संगठन में बढ़ते असंतोष को लेकर प्रदेश हाईकमान को भी कुछ नेताओं ने जानकारी भेजी है। ऐसे में कांग्रेस के भीतर खींचतान कम होने की संभावना नहीं दिख रही है।