रायगढ़
![प्यासे खेत, नहीं है पानी, कैसे मनाएं हरियाली प्यासे खेत, नहीं है पानी, कैसे मनाएं हरियाली](https://dailychhattisgarh.com/2020/chhattisgarh_article/16283379935.jpg)
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायगढ़. 7 अगस्त। रविवार 8 अगस्त को छत्तीसगढ़ किसानों का खास त्यौहार हरियाली मनाई जा रही है। सावन महीने के अमावस के दिन मनाई जाने वाली यह त्यौहार किसानों की खुशहाली का द्योतक है लेकिन इस बार मानसून दगा दे जाने के कारण किसानों के खेत प्यासे है।
पूर्वांचल क्षेत्र में धान रोपाई और बियासी कार्य पानी के कमी के कारण रुका हुआ है। आषाढ़ माह में पानी नहीं गिरा, वहीं सावन के लगते ही झड़ी तो लगी लेकिन बारिश बहुत कम होने के कारण खेत अभी भी सूखे हैं, धान की फसलें जस की तस है। किसानों के माथे अकाल की चिंता सताने लगी है।
रायगढ़ पूर्वान्चल के ग्राम महापल्ली साल्हेओना, बनोरा ,कोटमार खैरपाली के लिये बनी सपनाई डायवर्सन नहर भी पट गया है। हर वर्ष मरम्मत के नाम पर लाखों रुपए खर्च करने के बाद भी नहर जंगल की तरह लग रहा है। 800 हेक्टेयर से अधिक सिंचित कमांड एरिया वाला यह नहर किसानों के लिये सपना बनकर रह गया है। लगभग 50 करोड़ रुपए की लागत से सपनाई बैराज भी सिर्फ डेम बनकर रह गया है। इसके लिये न तो नहर बन पाई है और न ही अधिकारी इसके निर्माण के लिये आगे आ रहे हैं। किसानों के लिए यह बैराज और डायवर्सन सपना बन कर रह गया है। जल संसाधन विभाग रायगढ़ के कार्यपालन यंत्री और अनुविभागीय अधिकारी की सुस्ती के कारण ही किसानों के खेत प्यासे हंै। अगर सपनाई डायवर्सन की सफाई समय पर कर दी जाय तो किसानों के खरीफ फसल को बचाया जा सकता है। इस अंचल में जन प्रतिनिधियों की उदासीनता के कारण भी किसान खासे नाराज हैं।