रायगढ़
![अंतत: निगम के एमआईसी विवाद का निकला हल, एमआईसी होगी भंग अंतत: निगम के एमआईसी विवाद का निकला हल, एमआईसी होगी भंग](https://dailychhattisgarh.com/2020/chhattisgarh_article/16283381307.jpg)
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायगढ़. 7 अगस्त। नगर निगम रायगढ़ में एक पखवाड़े से चल रहे एमआईसी विवाद का अंतत: अंत हो गया। वैसे तो इस मामले को अब सुखद पटाक्षेप कहा जा सकता है। मगर इस पूरे मामले को लेकर पूरे जिले में कांग्रेस की पिछले 15 दिनों तक जमकर किरकिरी हुई है। शुक्रवार को बैठक में यह निर्णय लिया गया कि एमआईसी को भंग कर इसका पुनर्गठन किया जाएगा जिसमें दोनो विधायक, महापौर व सभापति की आपसी सहमति रहेगी।
रायगढ़ नगर निगम में महापौर जानकी काटजू के किचन केबिनेट एमआईसी का विवाद पिछले 15 दिनों तक सुर्खियों में है कांग्रेस के इस आपसी विवाद को जहां विपक्षी दल भाजपा ने विकास कार्यो में अवरोध पैदा करने का नाम दिया तो वहीं मीडिया में भी इस विवाद के कारण कांग्रेस की काफी मिट्टी पलीत हो चुकी है। यह विवाद पिछले दिनों उस समय सुर्खियां बना जब निगम महापौर श्रीमती काटजू ने सभापति गुट के माने जाने वाले कांग्रेस के तीन वरिष्ठ पार्षदों और वर्तमान में एमआईसी के सदस्य लक्ष्मी साहू, प्रभात साहू और रत्थु जायसवाल को एमआईसी से बाहर का रास्ता दिखा दिया। महापौर ने उनके स्थान पर अनुपमा शाखा यादव, संजय चौहान सहित तीन पार्षदों को अपने एमआईसी में जगह दे दी। यहां तक तो ठीक था लेकिन दूसरे ही दिन इस विवाद को लेकर कांग्रेस के वरिष्ठ पार्षद सलीम नियारिया सहित चार पार्षदों ने महापौर के निर्णय का विरोध करते हुए एमआईसी से न केवल इस्तीफा दे दिया बल्कि इसकी शिकायत प्रदेश स्तर पर करने की भी बात कही।
विवाद गहराने के बाद एमआईसी का यह विवाद स्थानीय विधायक प्रकाश नायक तक पहुंचा मगर वे भी कांग्रेसी पार्षदों के मुखर विरोध के कारण इस विवाद को नही सुलझा सके। इसी बीच विधानसभा का सत्र शुरू हो जाने के कारण यह मामला लटकता रहा और इसी बीच महापौर ने राजधानी रायपुर पहुंचकर प्रदेश के वरिष्ठ नेताओं से मुलाकात करके इस विवाद का कोई हल निकालने का प्रयास किया। मगर वे भी इसमें सफल नही हो सकीं और अंतत: प्रदेश के वरिष्ठ नेताओं ने स्थानीय नेताओं से चर्चा कर विवाद का हल निकालने की बात कही। विधानसभा सत्र पश्चात महापौर निवास में केबिनेट मंत्री उमेश पटेल, स्थानीय विधायक प्रकाश नायक, लैलूंगा विधायक चक्रधर सिदार, महापौर जानकी काटजू, सभापति जयंत ठेठवार सहित निगम के सभी 26 कांग्रेसी पार्षदों की बैठक शुरू हुई।
सूत्रों के मुताबिक करीब तीन घंटे तक चली इस मैराथन बैठक में एक साथ और अलग-अलग सभी से चर्चा उपरांत इस बात पर सहमति बनी कि दोनों विधायकों और महापौर, सभापति की उपस्थिति में एमआईसी का पूर्नगठन किया जाए। क्योंकि कई कांग्रेसी पार्षद एमआईसी के पुर्नगठन पर अडे हुए थे। गौरतलब रहे कि महापौर द्वारा मुख्यमंत्री से मुलाकात के बाद एमआईसी भांग किये जाने की बात शुरू हो गई थी लेकिन इस विवाद का पटाक्षेप बिना किसी वरिष्ठ नेतृत्व के संभव नहीं था। इसलिए इस मामले में कैबिनेट मंत्री उमेश पटेल को ही बैठक लेना पड़ा। उनके हस्तक्षेप के बाद अंतत: मामले का पटाक्षेप हो सका।
सूत्रों के अनुसार यह तय हुआ है कि एमआईसी का पुनर्गठन अब रायगढ़ विधायक प्रकाश नायक, लैलूंगा विधायक चक्रधर सिदार, महापौर जानकी काटजू और सभापति जयंत ठेठवार मिलकर करेंगे। संभवत: शनिवार को एमआईसी के पुर्नगठन पर चर्चा हो सकती है। मंत्री उमेश पटेल पूरे मामले में अभिभावक की भूमिका में रहेंगे। इसके अलावा प्रेस से बात करने के लिए वरिष्ठ पार्षद सलीम नियरिया को अधिकृत किया गया है। माना जा रहा है कि इस बैठक में महापौर, सभापति के बीच लंबे समय से चले आ रहे खींचतान पर भी काफी चर्चा हुई और दोनों के बीच सामंजस्य बिठाने का प्रयास किया गया।