जान्जगीर-चाम्पा
सक्ती, 22 नवंबर। संसार के समस्त प्राणी अपने कर्म के कारण जन्म पाते हैं, परंतु भगवान का अवतार करुणा के कारण होते हैं। संपूर्ण कलाओं के साथ भगवान श्रीकृष्ण का अवतार इस धरती पर हुआ। श्रीकृष्ण की लीलाओं में मानव समाज के लिए बड़ी अद्भुत प्रेरणा है और वर्तमान भारत के लिए शोध जैसा भी है। उक्त उद्गार सलोनी में आयोजित संगीतमय श्रीमद् भागवत कथा के पांचवें दिन व्यासपीठ से भागवताचार्य पं. राजेंद्र महाराज ने कही। पूर्व मंत्री, सांसद एवं भाजपा जिला अध्यक्ष भी भागवत कथा सुनने उपस्थित थे।
आचार्य ने कहा कि बेटे और बेटियों के जन्म में कोई भी अंतर नहीं समझ कर एक समान शिक्षा संस्कार और सम्मान देने की आवश्यकता है, क्योंकि बेटे अगर भगवान के आशीर्वाद हैं तो बेटियां भगवान के दिव्य प्रसाद हैं। बेटियां है तभी तो कल है। जब तक धरती में गौ माता, गंगा मैया और गौरी अर्थात हमारी बेटियां सम्मानित और सुरक्षित हैं, तब तक ही भारत का भविष्य उज्जवल है। आचार्य ने गोवर्धन लीला का उद्देश्य बताते हुए कहा कि भगवान ने प्रकृति की पूजा अर्थात हरियाली की सुरक्षा और पर्यावरण के प्रति मनुष्य के कर्तव्य का ज्ञान कराया।
उन्होंने कहा कि संसार में वर्षा हरे भरे वृक्षों और वन पर्वतों के कारण ही होती है। मनुष्य को अपने जीवन में अच्छे कर्म करने चाहिए ।
सलोनी में श्रीमद् भागवत कथा सुनने के लिए बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुंच रहे हैं। कथा के पांचवें दिन जांजगीर सांसद गुहाराम अजगले, पूर्व कैबिनेट मंत्री मेघा राम साहू, भाजपा जिला अध्यक्ष कृष्णकांत चंद्रा, गोपी सिंह ठाकुर, किसान संघ के प्रीतम सिंह गवेल , पुष्पेंद्र कुमार , कुमार सिंह , संजय कुमार आदि अनेक श्रोता उपस्थित थे। भागवत कथा महोत्सव में प्रतिदिन कथामृत पान के साथ प्रेरक दृष्टांत एवं जीवंत झांकियों सहित संकीर्तन का लाभ श्रोताओं को प्राप्त हो रहा है।