राजनांदगांव

खैरागढ़ को जिला बनाने के संकेत से भाजपा में बेचैनी
17-Dec-2021 12:27 PM
खैरागढ़ को जिला बनाने के संकेत से भाजपा में बेचैनी

   भाजपा के दावे में चुनाव व्यक्तिगत छवि दिलाएगी जीत   

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजनांदगांव, 17 दिसंबर।
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के इशारे में खैरागढ़ को जिला बनाए जाने के संकेत मिलने के बाद भाजपा की बेचैनी बढ़ गई है। 18 दिसंबर को चुनाव प्रचार अंतिम पड़ाव से पूर्व मुख्यमंत्री ने खैरागढ़ में जनसभाएं और रैली कर कांग्रेस के पक्ष में माहौल बनाने के लिए पूरा जोर लगाया। निकाय चुनाव में कांग्रेस ने स्टॉर प्रचारक के तौर पर मुख्यमंत्री बघेल की सभाएं आयोजित की, जिससे कांग्रेस को जीत की राह में आने वाली अड़चने दूर होने की उम्मीद है। मुख्यमंत्री ने इशारे-इशारे में आम लोगों की भावनाओं के अनुरूप खैरागढ़ को जिला बनाए जाने पर सहमति दी है। खैरागढ़ में चुनाव प्रचार के दौरान  जिला निर्माण एक अहम मुद्दा रहा है। कांग्रेस के लिए मुख्यमंत्री का बयान सियासी फायदे के लिहाज से अहम माना जा रहा है।

इधर भाजपा का दावा है कि जिला निर्माण आम लोगों की भावनाओं से जुड़ी है, लेकिन निकाय चुनाव में व्यक्तिगत छवि ही पार्टी को जीत दिलाएगी। भाजपा स्थानीय प्रमुख नेताओं और पार्टी प्रत्याशियों के निजी साख के दम पर जीत मिलने के भरोसे में है। खैरागढ़ में मुख्यमंत्री बघेल के इशारे में जिला निर्माण के संकेत मिलने से भाजपा को ज्यादा प्रभाव पडऩे की उम्मीद नहीं है। भाजपा ने पूरे प्रचार में नगर की व्याप्त समस्याओं और मौजूदा कार्यकाल को आधार बनाकर आम लोगों से संपर्क किया है।

भाजपा यह मान रही है कि कांग्रेस की नाकामियां ही पार्टी के जीत का मार्ग प्रशस्त करेगी। इस बीच मुख्यमंत्री ने खैरागढ़ में विकास कार्य की रफ्तार को बढ़ाने और सुव्यवस्थित बसावट के लिए भी सरकार से भरपूर मदद करने का भरोसा दिया है। मुख्यमंत्री की मौजूदगी के बाद भाजपा स्वभाविक रूप से अपनी रणनीति पर बदलाव कर सकती है। कांग्रेस भी अब प्रचार के आखिरी दौर में मुख्यमंत्री के दिए बयानों को भुनाने की कोशिश में जुटी हुई है।

रमन पर साधा निशाना
मुख्यमंत्री बघेल ने अपने भाषण में पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह के कार्यकाल में उनके भांजे को जरूरत से ज्यादा उपकृत किए जाने पर सवाल खड़ा करते कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री ने अपने भांजे को फायदा पहुंचाने के लिए कोई कमी नहीं की। 15 साल खैरागढ़ में रमन को अपने भांजे के अलावा कोई और चेहरा नजर नहीं आया। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ भगवान राम का ननिहाल रहा है। माता कौशिल्या छत्तीसगढ़ की बेटी रही है, इसलिए राम को छत्तीसगढ़ का भांजा माना जाता है। छत्तीसगढ़ की परंपरा में भांजा के चरण स्पर्श किए जाते हैं, लेकिन रमन सिंह ने अपने भांजे में राम का रूप देखा और 15 साल केवल भांजे के विकास पर ध्यान दिया।

अन्य पोस्ट

Comments

chhattisgarh news

cg news

english newspaper in raipur

hindi newspaper in raipur
hindi news