राजनांदगांव
![श्रवण बाधित का परिचय व प्रबंधन पर सीआरई कार्यक्रम आयोजित श्रवण बाधित का परिचय व प्रबंधन पर सीआरई कार्यक्रम आयोजित](https://dailychhattisgarh.com/uploads/chhattisgarh_article/1639831019jn__4.jpg)
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजनांदगांव, 18 दिसंबर। सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय भारत सरकार के अंतर्गत राष्ट्रीय बौद्धिक दिव्यांगता सशक्तिकरण संस्थान के अधीन संचालित समेकित क्षेत्रीय केन्द्र राजनांदगांव छत्तीसगढ़ द्वारा 15 एवं 16 दिसंबर 2021 को सीआरसी राजनांदगांव में कोविड-19 और भारतीय पुनर्वास परिषद, नई दिल्ली के नियमानुसार 2 दिवसीय ऑनलाइन कार्यक्रम श्रवण बाधित का परिचय एवं प्रबंधन विषय पर सीआरआई कार्यक्रम का ऑनलाइन आयोजन किया। जिसमें विभिन्न राज्यों से 36 रिहबिलिटेशन प्रोफेशनल शामिल हुए। एम्स अस्तपताल रायपुर, पं. जवाहर लाल नेहरू मेडिकल कॉलेज रायपुर छत्तीसगढ़, एनएसबीसी मेडिकल कॉलेज जबलपुर, विदिशा मेडिकल कॉलेज के विभिन्न रिहबिलिटेशन प्रोफेशनल द्वारा श्रवण बाधित का परिचय देते इस प्रकार के बच्चों का इलाज कैसे किया जा सकता है तथा श्रवण यंत्र के प्रकार एवं रखरखाव के बारे में जानकारी दी गई।
उन्होंने कहा कि श्रवण बाधित बच्चों का विकास सभी प्रोफेशनल आडीयोलॉजिस्ट, विशेष शिक्षक, सोशल वर्कर, सायकोलॉजिस्ट एवं पालकों की टीम बनाकर कार्य करने से होता है।
सीआरई कार्यक्रम का शुभारंभ निदेशक सीआरसी राजनांदगांव कुमार राजू द्वारा किया गया। सीआरई वेबीनार कार्यक्रम सुबह 10 से दोपहर 4.30 बजे तक विभिन्न विभागीय विशेषज्ञों स्मिता महोबिया, सुधीर कुमार, शशांक नेमा, शिल्पी रॉय, तुलसी साव, सच्चिदानंद सिन्हा द्वारा श्रवण बाधित दिव्यांग के संबंध में विस्तृत चर्चा की गई। यह कार्यक्रम प्रतिभागी के लिए अपने क्षेत्र में इस ज्ञान का उपयोग दिव्यांगजन के जीवन स्तर को बढाने में मददगार होगा। समेकित क्षेत्रीय केन्द्र राजनांदगांव द्वारा भारत सरकार के 2437 टोल फ्री मानसिक स्वास्थ्य पुनर्वास नंबर 1800-599-0019 के बारे में जानकारी दी गई। इस कोविड महामारी में तनाव से मुक्त होने हेतु उपाय एवं सुझाव दिए गए। सीआरआई कार्यक्रम के सभी सत्र बाद भारतीय पुनर्वास परिषद नई दिल्ली के नियमानुसार प्रतिभागियों का मूल्यांकन भी किया। इसके पश्चात सभी प्रतिभागियों को सर्टिफिकेट दिया गया। जिससे प्रतिभागियों का आत्मबल बढ़ेगा। अंत में धन्यवाद ज्ञापन के साथ कार्यक्रम का समापन कार्यक्रम समन्वयक गजेन्द्र कुमार साहू, प्रसादी महतो द्वारा किया गया।