राजनांदगांव

सोसाइटियों में रखे साढ़े नौ अरब के धान की सुरक्षा के लिए प्रशासन ने झोंकी ताकत
29-Dec-2021 1:13 PM
सोसाइटियों में रखे साढ़े नौ अरब के धान की सुरक्षा के लिए प्रशासन ने झोंकी ताकत

नांदगांव के सोसाइटियों में 48 लाख क्विंटल धान बेमौसम बारिश से खराब होने का बढ़ा खतरा
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजनांदगांव, 29 दिसंबर।
धान खरीदी के बीच मूसलाधार बारिश ने सोसाइटियों में रखे धान की सुरक्षा पर खतरा बढ़ गया है। मंगलवार देर शाम और बुधवार सुबह से शुरू हुई अनवरत बारिश से अरबों रुपए का धान की सुरक्षा को लेकर प्रशासन ने पूरी ताकत झोंक दी है।

कलेक्टर तारन प्रकाश सिन्हा ने मंगलवार शाम से ही मौसम के मिजाज को भांपते हुए सोसाइटियों में तैनात कर्मियों को धान की छलनियों को कैप कवर लगाने के निर्देश दिए हैं। हालांकि जिले में कई ऐसे सोसाइटी हैं, जहां धान पूरी तरह से भीग गए हैं। लगातार हो रही बारिश के कारण खरीदी भी प्रभावित हुई है। मौसम के करवट बदलने से सोसाइटियों में खरीदे गए धान की सुरक्षा को पूरी प्राथमिकता के साथ प्लास्टिक के कवर से ढंका गया है। बरसात होने के कारण निर्धारित तारीख के टोकन के आधार पर उपज बेचने पहुंचे किसानों को भी अपना धान बचाने के लिए जोर लगाना पड़ा। बारिश के कारण कई किसान वापस उपज को घर ले गए।

जिले में 148 उपार्जन केंद्रों में एक लाख 25 हजार किसानों ने अपना फसल बेच दिया है। किसानों को फसल बेचने के एवज में ऑनलाइन भुगतान भी किया जा रहा है। इस संबंध में कलेक्टर तारन प्रकाश सिन्हा ने ‘छत्तीसगढ़’  से कहा कि अचानक हुई बारिश से उपज को पूरी सुरक्षा देने के लिए मैदानी अमले को निर्देश दिया गया है। पूरी ताकत के साथ प्रशासनिक मशीनरी धान को कैप कवर से ढंका गया है। नुकसान का कहीं अंदेशा नहीं है। इस बीच जिले के दूसरे सोसाइटियों में तय समय पर कवर नहीं लगाए जाने से धान पानी में डूबे हुए हैं। खराब मौसम से धान की गुणवत्ता पर सीधा असर पडऩे का अंदेशा है।

मिली जानकारी के मुताबिक पिछले कुछ दिनों से परिवहन व्यवस्था भी प्रभावित हुई है। तय समय पर उठाव नहीं होने के कारण कुछ सोसाइटियों में जाम की स्थिति है। यही कारण है कि खराब मौसम के मार से किसानों से खरीदे गए उपज खराब हो सकते हैं। सिलसिलेवार हो रही बारिश से बचाने के लिए कलेक्टर जमीनी स्तर पर जोर लगा रहे हैं।

मिली जानकारी के मुताबिक कलेक्टर मिनट-टू-मिनट ऑनलाइन व्यवस्था की रिपोर्ट भी ले रहे हैं। उनकी कोशिश है कि  हर सूरत में धान को प्लास्टिक से ढंका जाए, ताकि सरकार को राजस्व का नुकसान नहीं उठाना पड़े। मिली जानकारी के मुताबिक जिले के सभी एसडीएम, सोसाइटी कर्मी, खाद्य विभाग, सहकारी बैंक तथा अन्य कर्मियों को भी धान की सुरक्षा को लेकर पुख्ता इंतजाम करने की मुहिम में लगाया गया है। बहरहाल कुछ सोसाइटियों में धान पानी में डूबे हुए हैं। हालांकि प्रशासन ने ज्यादातर सोसाइटियों के धान को सुरक्षित कर लिया है।

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