राजनांदगांव

देवव्रत के कमल विलास पैलेस में एसडीएम के आदेश से लगा ताला
02-Jan-2022 1:04 PM
देवव्रत के कमल विलास पैलेस में एसडीएम के आदेश से लगा ताला

सीएम से मिले पदमा और बच्चों को सुरक्षा का आश्वासन

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजनांदगांव, 2 जनवरी।
खैरागढ़ के दिवंगत विधायक स्व. देवव्रत सिंह के पुस्तैनी कमल विलास पैलेस को भी प्रशासन ने ताला लगा दिया है। खैरागढ़ एसडीएम लवकेश धु्रव के कोर्ट ने महल में तालाबंदी कर स्व. सिंह के संपत्ति को लेकर चल रहे विवाद के पटाक्षेप होने तक पूर्व पत्नी पदमादेवी सिंह, सुपुत्र आर्यव्रत सिंह और सुपुत्री शताक्षी सिंह तथा मौजूदा पत्नी विभा सिंह के रहने पर रोक लगा दी है।

मिली जानकारी के मुताबिक शांति भंग होने की आशंका के मद्देनजर प्रशासन ने एहतियातन यह कदम उठाया है। प्रशासन के इस निर्णय का स्व. सिंह के परिजनों ने विरोध भी किया है, लेकिन प्रशासन अपने फैसले पर अडिग है।

इधर पूर्व पत्नी पदमादेवी सिंह और आर्यव्रत तथा शताक्षी सिंह ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से मुलाकात कर संपत्ति बंटवारे को लेकर उपजे विवाद के संबंध में चर्चा की। सीएम ने बच्चों को पूरी सुरक्षा देने का भरोसा देते किसी भी तरह का अन्याय नहीं होने का आश्वासन दिया है। उन्होंने देवव्रत के परिजनों को प्रशासनिक स्तर पर सुरक्षा मुहैया कराने का भी वादा किया है। इस बीच कमल विलास पैलेस को सील करने के बाद देवव्रत का पूरा कुनबा एक तरह से बेघर होने की स्थिति में आ गया है। हालांकि परिजनों ने राजधानी रायपुर में अस्थाई ठिकाना बनाया है। देवव्रत का राजधानी में भी एक काम्प्लेक्स में मकान है। वहीं देवव्रत के सगे-संबंधी भी राजधानी में सालों से निवासरत हैं। देवव्रत के संतानों के सामने अब पैतृक महल को छोडकऱ दूसरों के यहां ठहरने की मजबूरी आन खड़ी है।

मिली जानकारी के मुताबिक मौजूदा पत्नी विभा सिंह भी संपत्ति में हिस्सेदारी को लेकर सडक़ पर लड़ाई लड़ रही है। दोनों पक्षों में आरोप-प्रत्यारोप होने से जायदाद बंटवारा सुर्खियों में है। खैरागढ़ स्थित कमल विलास पैलेस देवव्रत का पुस्तैनी महल है। इसी महल से देवव्रत और उनके पूर्वजों ने सियासत की बागड़ोर सम्हाली। काफी समय तक देवव्रत महल में ही रहकर राजनीति करते रहे। बाद में उन्होंने पारिवारिक मनमुटाव के कारण छुईखदान के उदयपुर में अपना पैलेस बना लिया। गुजरे दिनों उदयपुर पैलेस को लेकर दोनों पक्षों में काफी विवाद हुआ। यहां पर भी दोनों पक्षों ने प्रशासन की मौजूदगी में तालाबंदी की है। अब खैरागढ़ के राजमहल को भी दोनों पक्षों की वजह से प्रशासन ने ताला लगा दिया है। शनिवार देर शाम को हुई कार्रवाई का देवव्रत की बहन आकांक्षा सिंह सोनी, स्मृति सिंह भार्गव जैसे अन्य रिश्तेदारों ने काफी विरोध किया है। एसडीएम ने दोनों पक्षों के अड़े रहने के कारण महल  को ताला लगाने का निर्णय लिया है। मुख्यमंत्री से मिलकर एक तरह से देवव्रत के परिजनों ने अपने साथ हो रहे अन्याय को लेकर मदद की गुहार लगाई है।

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