राजनांदगांव

क्रॉस वोटिंग का डर, कांग्रेस पार्षदों की घेराबंदी, भाजपा भरोसे पर
03-Jan-2022 1:20 PM
क्रॉस वोटिंग का डर, कांग्रेस पार्षदों की घेराबंदी, भाजपा भरोसे पर

   5 को खैरागढ़ पालिका अध्यक्ष का चुनाव   

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजनांदगांव, 3 जनवरी।
खैरागढ़ नगर पालिका के अध्यक्ष चुनाव को लेकर सियासी सरगर्मी बढ़ गई है। पांच जनवरी को पालिका के अध्यक्ष के साथ उपाध्यक्ष के चुनाव को लेकर कांग्रेस-भाजपा दमदारी के साथ  वोटिंग के जरिये आमने-सामने होंगे। खैरागढ़ पालिका में कांग्रेस और भाजपा के 10-10 पार्षद हैं। बराबरी के आंकड़े होने के कारण चुनाव दिलचस्प हो गया है। क्रॉस वोटिंग की आशंका को लेकर कांग्रेस ने अपने पार्षदों को घेराबंदी में रखा हुआ है। भाजपा को अपने पार्षदों पर निष्ठा के चलते क्रॉस वोटिंग का खतरा महसूस नहीं हो रहा है।

भाजपा का दावा है कि अध्यक्ष की कुर्सी पर पार्टी का ही कब्जा रहेगा। सत्तारूढ़ कांग्रेस से भाजपा को थोड़ा दबाव भी महसूस हो रहा है। ऐसे में भाजपा ने अपने पार्षदों को कड़ी निगरानी में रखा है। कांग्रेस के सामने अपनी साख को बनाए रखने की चुनौती भी खड़ी है। वर्तमान में पालिका अध्यक्ष की कुर्सी पर कांग्रेस का ही कब्जा है। ऐसे में कांग्रेस दोबारा कुर्सी पर कब्जा करने के इरादे से पूरी ताकत के साथ  भाजपा के खेमे में सेंधमारी करने की जुगत में है।

भाजपा पार्षदों को अंदरूनी स्तर पर कई तरह के कांग्रेस की ओर से प्रस्ताव मिलने की भी खबरे हैं। हालांकि इन प्रस्ताव को लेकर किसी भी पार्षद ने सार्वजनिक रूप से बयान नहीं दिया है। खैरागढ़ नगर पालिका का चुनाव बेहद ही रोमांचकारी रहा है। बीस पार्षद वाले निकाय में कांग्रेस और भाजपा के खाते में 10-10 पार्षद हैं। यानी यह तय है कि अध्यक्ष के चुनाव में क्रॉस वोटिंग होने के चलते ही दोनों में से किसी एक दल को कुर्सी मिलेगी। बराबरी की स्थिति में प्रशासन को सिक्का उछालकर नतीजे की घोषणा करनी पड़ सकती है। इस संबंध में कांग्रेस की चुनाव प्रभारी रही पूर्व विधायक प्रतिमा चंद्राकर ने ‘छत्तीसगढ़’ से कहा कि पार्टी के पार्षद निष्ठावान है। किसी भी तरह की क्रॉस वोटिंग की संभावना नहंी है। निश्चिततौर पर खैरागढ़ में कांग्रेस ही सत्तारूढ़ होगी। उन्होंने कहा कि पूरी तैयारी के साथ कांग्रेस मैदान में है। इस बीच, भाजपा के जिलाध्यक्ष मधुसूदन यादव ने ‘छत्तीसगढ़’ से कहा कि भाजपा में भीतरघात की संभावना नहीं है। निकाय में भाजपा ही काबिज होगी। चुनाव होने से अध्यक्ष चुने जाने तक भाजपा पार्षदों ने अपनी निष्ठा का बूखबी परिचय दिया है। यही निष्ठा पार्टी की जीत का आधार बनेगी।

सैर-सपाटे में दोनों दल के पार्षद
5 जनवरी को अध्यक्ष के चुनाव से पूर्व भाजपा और कांग्रेस के पार्षद लंबी यात्रा पर है। भाजपा के पार्षदों की जबलपुर के पर्यटन स्थलों में होने की खबर है। वहीं कांग्रेस भी अपने पार्षदों को लेकर अज्ञात दर्शनीय स्थल के दौरे पर हैं। दोनों दल के पार्षद 5  को अध्यक्ष चुनाव से कुछ घंटे पहले खैरागढ़ पहुंचेंगे। दोनों पार्टी पार्षदों के बिखरने को लेकर काफी अलर्ट हैं। यही कारण है कि 23 दिसंबर को चुनावी नतीजे आने के बाद से अब तक दोनों दल के पार्षद अज्ञातवास में है।

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