राजनांदगांव
![ड्रेस कोड, छात्र-छात्राओं के विरोध के बाद बदला निर्णय ड्रेस कोड, छात्र-छात्राओं के विरोध के बाद बदला निर्णय](https://dailychhattisgarh.com/uploads/chhattisgarh_article/1642074282jn__12_(1).jpg)
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
अंबागढ़ चौकी, 13 जनवरी। शैक्षणिक सत्र आधा गुजर जाने के बाद शाासकीय लाल चक्रधर शाह महाविद्याालय में नियमित विद्यार्थियों के लिए ड्रेस कोड लागू किए जाने का विरोध शुरू हो गया है।, पर सबसे अधिक विरोध व हंगामा इस बात पर मा कि महाविद्यालय ने ड्रेस के कपड़े खरीदने नगर के एक फर्म को अधिकृत कर दिया है। महाविद्यालय के प्राचाय की ओर से छात्र-छात्राओं के लिए नगर के एक कपड़ा व्यवसायी को नामांकित किए जाने के बाद अब नगर के कपड़ा व्यवसायी भी महाविद्यालय प्रशासन के खिलाफ सडक़ पर आ गए हैं।
शासकीय लाल चक्रधर शाह महााविद्यालय के प्राचार्य डॉ. केआर मंडावी के पत्र द्वारा महाविद्यालय के नियमित छात्र-छात्राओं को सूचना जारी किया गया है कि कॉलेज में इसी सत्र से ड्रेस कोड़ लागू किया गया है। सभी विद्यार्थी को ड्रेस कोड का पालन करना अनिवार्य है। प्राचार्य ने नोटिस में बताया कि वे महाविद्यालय द्वारा चयनित किया गया ड्रेस का कपड़ा नगर के गुप्ता चौक स्थित मनीष ड्रेसेस में उपलब्ध है। प्राचार्य ने विद्यार्थियों को 26 जनवरी तक डे्रस बना लेने का निर्देश दिया। समय-सीमा में के बाद ड्रेस में नहीं आने वाले छात्र-छात्राओं को प्रवेश की अनुमति नहीं दी जाएगी।
इधर प्राचार्य की नोटिस के बाद नियमित छात्र-छात्राओं ने इसका विरोध शुरू कर दिया है। महाविद्यालय के नियमित छात्र विनोद, अजय, सुरेश, रमेश, कविता व संध्या ने कहा कि शिक्षा सत्र आधा गुजर जाने के बाद महाविद्यालय प्रशासन द्वारा तय किए गए ड्रेस कोड पर ही सवाल खड़ा किया है। उन्होंने कहा कि ड्रेस कोड शुरूआत से ही लागू किया जाना चाहिए था, अब तो परीक्षाओं का समय आ गया है और कोरोना की तीसरी लहर के मध्य स्कूल-कॉलेज बंदहोने लगे हैं। ऐसे वक्त में ड्रेस कोड लागू कर आर्थिक भार डाला जाना ठीक नहीं है। उन्होंने महाविद्यालय प्रशासन से इस निर्णय पर पुर्नविचार रने तथा आने वाले नवीन सत्र से ड्रेस कोड लागू करने की मांग की।
कपड़ा व्यवसायी भी विरोध में उतरे
महाविद्यालय के नियमित छात्र-छात्राओं को ड्रेस के लिए कपड़ा खरीदने महाविद्यालय प्रशासन द्वारा नगर के एक कपड़ा व्यवसायी मनीष ड्रेसेस की जानकारी दिए जाने के बाद स्थानीय कपड़ा व्यवसायी भी महाविद्यालय प्रशासन के खिलाफ सडक़ पर आ गए हैं। व्यवसायियों का कहना है कि नगर में कपड़ा के ढऱे सारी दुकानें हैं। महाविद्यालय प्रशासन द्वारा इसके लिए न ही मुनादी या अखबारों में कोई सूचना प्रकाशित की। सीध्ेा कॉलेज के विद्यार्थियों को ड्रेस के लिए कपड़ा खरीदने नगर के एक फर्म की जानकारी दे दी। यह अन्य व्यापारियो के साथ अन्याय है और महाविद्यालय प्रशासन का गलत निर्णय है।
अब नए सत्र से लागू होगा ड्रेस कोड
विद्यार्थियो के विरोध के बाद महाविद्यालय प्रशासन ने 5 जनवरी को जारी अपने आदेश को स्थागित कर दिया है। प्राचार्य डॉ मंडावी ने 12 जनवरी को एक नया आदेश जारी कर अपने पुराने आदेश को निरस्त करते हुए कॉलेज में नियमित विद्यार्थियों के लिए आगामी नए सत्र से ड्रेस कोड लागू करने की सूचना दी। प्राचार्य डॉ. केआर मंडावी ने कहा कि बढ़ते कोरोना संक्रमण एवं हालातों को देखते ड्रेस कोड नवीन सत्र से लागू किया जाएगा। ड्रेस के कपड़े खरीदने किसी फर्म को अधिकृत नहीं किया गया है। ड्रेस चयन करने के लिए कपड़ो का कतरन एक व्यापारी की दुकान से मंगाई गई थी। लिपिकीय त्रुटी से संबंधित फर्म का नाम जारी हो गया था। दोषाी के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है। प्राचार्य डॉ. मंडावी ने कहा कि छात्र-छात्राए किसी भी फर्म व किसी भी स्थान से ड्रेस के लिए कपड़े खरीद सकते हैं।