राजनांदगांव
नांदगांव शहर और ब्लॉकों में चौतरफा कोरोना के आ रहे रोज नए मामले
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजनांदगांव, 16 जनवरी। जिले में कोरोना संक्रमण का दर लगातार बढ़ रहा है। करीब 6 फीसदी दर के साथ संक्रमण ने चौतरफा लोगों को अपने जद में लिया है। राजनांदगांव शहर समेत ब्लॉकों में रोज नए कोरोनाग्रस्त मरीज आ रहे हैं। नए मामलों में उछाल आने से जिले में एक्टिव मरीजों की संख्या 1100 पहुंच गई है। कोरोना का प्रकोप कम होने का नाम नहीं ले रहा है। यही वजह है कि रोज 200 से अधिक नए मामले सामने आ रहे हैं।
पिछले तीन-चार दिनों में स्थिति और भी बिगड़ती दिख रही है। कोरोनाग्रस्त मरीजों के लिए राहत की बात यह है कि सभी अस्पताल के बजाय घर में ही स्वस्थ हो रहे हैं। तीसरी लहर में संक्रमण के दर में रोज बढ़ोत्तरी हो रही है। हालांकि इस लहर में मौत की संख्या ना के बराबर है। लगातार कोरोना गाईड लाइन का पालन करने के लिए प्रशासन और स्वास्थ्य अमला लोगों को नसीहत दे रहा है। यह भी सच है कि कोरोना मरीजों की घर में देखभाल होने से प्रशासन दबाव महसूस कर रहा है।
मिली जानकारी के मुताबिक स्वास्थ्य विभाग द्वारा शनिवार को कुल 3875 सैम्पल की जांच की गई। एंटीजन टेस्ट 3210 हुए। जिनमें 3.02 फीसदी अर्थात 97 लोग पॉजिटिव पाए गए। जिले में अब तक कुल 58963 कोरोना पॉजिटिव मिले हैं। जिनमें से 57291 स्वस्थ होकर डिस्चार्ज हो चुके हैं। जिले में अब तक 528 लोगों की कोरोना से मौत हो चुकी है। इस तरह वर्तमान में एक्टिव केस 1144 हैं। इनमें 814 होम आईसोलेशन में स्वास्थ्य लाभ ले रहे हैं। पेंड्री मेडिकल कॉलेज अस्पताल में 71 मरीज भर्ती हैं। जबकि 16 लोग भिलाई-रायपुर के अस्पताल में उपचार करा रहे हैं। इनमें शनिवार के पॉजिटिव 229 लोगों की भर्ती प्रक्रियाधीन है। एकलव्य हॉस्टल पेंड्री में 9, मानपुर कोविड सेंटर में 2, खैरागढ़ में 3 मरीज भर्ती हैं। जिले के बाकी कोविड सेंटर खाली हैं।
इधर जिले में टीकाकरण अभियान के तहत शनिवार को कुल 6680 लोगों को वैक्सीन लगाई गई। जिनमें से 1334 को पहला डोज, 4060 को दूसरा डोज और 1286 को प्रिकॉशन डोज लगाया गया। वहीं कोरोना की तीसरी लहर से मेडिकल स्टॉफ के डॉक्टर्स-नर्स भी अछूते नहीं है। अब तक मेडिकल कॉलेज हास्पिटल के करीब 50 स्टॉफ नर्स संक्रमित हो चुके हैं। शनिवार को कोरोना टेस्टिंग टीम के 11 स्टॉफ पॉजिटिव पाए गए। वे विभिन्न स्थानों पर टेस्टिंग कर रहे थे। उनके पॉजिटिव मिलने से उनसे जांच कराने वालों में संक्रमण का खतरा बढ़ गया है।