राजनांदगांव
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजनांदगांव, 22 जनवरी। समर्थन मूल्य पर 31 जनवरी तक निर्धारित धान खरीदी की मियाद को राज्य सरकार ने बढ़ा दिया है। बेमौसम बारिश के कारण कई किसान अपनी उपज बेचने में पिछड़ गए थे। लंबे समय से धान खरीदी की तारीख को आगे बढ़ाए जाने की मांग किसान और विपक्षी भाजपा करती रही है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने ट्वीट कर किसानों के हित में खरीदी की समय-सीमा को 7 फरवरी तक बढ़ा दिया है। यानी किसानों को एक सप्ताह का अतिरिक्त मौका उपज बेचने के लिए मिला है। इस बीच राजनांदगांव जिले में कुल पंजीकृत किसानों में से 18 फीसदी किसान धान नहीं बेच पाए थे।
सरकार की खरीदी की तारीख बढ़ाए जाने के निर्णय से 26 हजार किसानों को धान बेचने का अतिरिक्त समय मिल गया है। वैसे राजनांदगांव जिले में रिकार्डतोड़ धान की खरीदी हुई है। जिले में 2 लाख 12 हजार किसानों ने पंजीयन कराया था। जिसमें से एक लाख 86 हजार किसानों ने अपनी उपज सरकार को बेच दी। इस संबंध में जिला सहकारी बैंक के सीईओ सुनील वर्मा ने ‘छत्तीसगढ़’ से कहा कि 7 दिन का अतिरिक्त मोहलत सरकार से मिली है। किसानों के लिए यह एक अच्छा अवसर है। इस बीच राजनांदगांव जिले में 71 लाख क्विंटल धान की रिकार्ड तोड़ खरीदी हुई है। इसके एवज में सरकार ने किसानों को 1367 करोड़ रुपए का भुगतान किया है।
मुख्यमंत्री के फैसले में संवेदनशीलता की झलक-नवाज
धान खरीदी की तारीख को बढ़ाए जाने के निर्णय का स्वागत करते जिला सहकारी केंद्रीय बैंक अध्यक्ष नवाज खान ने कहा कि मुख्यमंत्री के फैसले में किसानों के प्रति संवेदनशीलता की झलक दिख रही है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री बघेल के कार्यकाल का यह घोतक उदाहरण है कि 15 वर्ष के रमन सरकार में किसानों की हितों को हमेशा नजर अंदाज किया गया। जिस दिन से मौसम खराब हुआ, उसी दिन से मुख्यमंत्री ने प्रदेश के किसानों को आश्वस्त किया था कि पंजीकृत किसानों का एक-एक दाना खरीदा जाएगा। जरूरत पडऩे पर खरीदी की तारीख को बढ़ाया जाएगा। श्री खान ने कहा कि भाजपा नेता किसानों के हमदर्द होने का सिर्फ दिखावा कर घडिय़ाली आंसू बहा रहे हैं।
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल किसानों के सच्चे हितैषी हैं। वह किसान प्रिय होने के साथ-साथ उनके हर तकलीफ में बराबर खड़े रहने वाले मुखिया हैं। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार में किसानों को आवाज उठाने पर जेल जाने के साथ बोगस अपराधिक मामलों में आरोपी बनाया गया। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ में कांग्रेस सरकार के सत्तारूढ़ होने के बाद से अब तक किसानों को सम्मान देने के अलावा उनकी समस्याओं के लिए सरकार ने तत्परता दिखाई, इसी का नतीजा है कि आज प्रदेश में किसान आंदोलन और आत्महत्या जैसे मामले खत्म हो गए। भाजपा नेताओं को यह बात रास नहीं आ रही है।