राजनांदगांव
![स्वर्ग की सीढ़ी है डीएनए-अली स्वर्ग की सीढ़ी है डीएनए-अली](https://dailychhattisgarh.com/uploads/chhattisgarh_article/1644401753G_LOGO-001.jpg)
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजनांदगांव, 9 फरवरी। शासकीय दिग्विजय महाविद्यालय राजनांदगांव में अतिथि व्याख्याता रसायन शास्त्र लिकेश्वर सिन्हा की मेजबानी में बसंत पंचमी पर शनिवार को अंतर्विभागीय व्याख्यान के अंतर्गत रसायन शास्त्र विभाग में ‘डीएनए की संरचना’ शीर्षक पर वर्चुअल व्याख्यान का आयोजन किया गया। इस दौरान प्राचार्य ने अपने विचार रखे।
अतिथि व्याख्याता डॉ. माजिद अली ने डीएनए की संरचना को सहज, सरल व व्यवहारिक रूप से समझाया व डीएनए के जैविक महत्व को रेखांकित किया। उन्होंने बताया कि डीएनए न्यूक्लियोटाइड से मिलकर बना होता है, जिसमें फॉरेंसिक अम्ल, पेंटोज सुगर व नाईट्रोजनी क्षार उपस्थित होता है, जो विशेष रासायनिक बंधों द्वारा बंधित होते हैं।
डॉ.माजिद ने डीएनए के वाटसन क्रिक मॉडल को विस्तार से समझाया। उन्होंने कहा कि डीएनए में उपस्थित जीन ही विशेष प्रोटीन के संश्लेषण के लिए जिम्मेदार होते हैं। डीएनए की लंबाई करीब 45 करोड़ किलोमीटर होती है तथा डीएनए में अच्छे जीन होने से अच्छे प्रोटीन बनते हैं। इससे मानव का स्वभाव भी अच्छा होता है। जिससे वह अच्छा कार्य करता है। डीएनए की संरचना सीढ़ीनुमा होती है, इसलिए उन्होंने वैज्ञानिक व आध्यात्मिक रूप से डीएनए को स्वर्ग की सीढ़ी कहा।
व्याख्यान में रसायन शास्त्र के विभागाध्यक्ष यूनुस रजा बेग, प्राध्यापक डॉ. प्रियंका सिंह, गोकुल निषाद, रीमा साहू, डॉ.डाकेश्वर वर्मा, विकास कांडे, डॉ. अश्वनी शर्मा, अतिथि व्याख्याता शरद तिवारी, भारती यारदा, विभा विश्वकर्मा उपस्थित रहे। एमएससी रसायन शास्त्र व जंतु विज्ञान के समस्त छात्र व्याख्यान से लाभान्वित हुए। कार्यक्रम का संचालन व्याख्याता लिकेश्वर सिन्हा ने किया।