राजनांदगांव
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राजनांदगांव, 13 फरवरी। दिग्विजय महाविद्यालय के हिंदी विभाग में गत् दिनों पूर्व छात्रों की ऑनलाइन वार्षिक बैठक प्राचार्य डॉ. केएल टांडेकर की अध्यक्षता में संपन्न हुई। बैठक में पूर्व विद्यार्थियों ने ऑनलाइन बातचीत कर संस्था में बिताए क्षणों का याद किया।
बैठक में विभागाध्यक्ष डॉ. शंकर मुनि राय ने कहा कि यह विभाग अपने पुराने विद्यार्थियों के अनुभव और सुझाव के आधार पर भविष्य की योजनाएं बनाना चाहता है। हम चाहते हैं कि हमारे विद्यार्थियों की रचनात्मकता बरकरार रहे। बैठक में डॉ. प्रवीण साहू, डॉ. लालचंद सिन्हा, डॉ. मनीषा सोनी, डॉ. वीरेंद्र साहू, डॉ. उमेश्वर श्रीवास्तव, डॉ. चंद शेखर साहू, प्रियंका देवांगन, एस. कुमार गौर, कैलाश कुमार, निगीता रामटेके और रामेश्वरी टंडन आदि शामिल हुए। कार्यक्रम में विभागीय प्राध्यापक डॉ. स्वाति दुबे, डॉ. गायत्री साहू, डॉ, भवानी प्रधान, कौशिक लाल सहित पूर्व विद्यार्थी और शोधार्थी शामिल हुए। कार्यक्रम के अंत में डॉ. नीलम तिवारी ने आभार व्यक्त किया।
दिग्विजय कॉलेज के हिंदी विभाग में गत् दिनों अंतर्विषयक व्याख्यान आयोजित किया गया। इसमें संस्कृत विभागाध्यक्ष डॉ. दिव्या देशपांडे ने विषय विशेषज्ञ के रूप में भाषा की परिवर्तनशीलता पर भाषा वैज्ञानिक रीति से व्याख्यान दिया। उन्होंने बताया कि भाषा की स्वाभाविक प्रकृति परिवर्तनशील है। यह समय के साथ अपना शाब्दिक अर्थ बदलती रहती है।
भाषा विज्ञान में इसे अर्थपरिवर्तन की दिशाएं कहा जाता है। प्राचार्य डॉ. केएल टांडेकर ने कहा कि अंतर्विभागीय व्याख्यान का उद्देश्य है विद्यार्थियों में अंतर्विषयक समझदारी विकसित करना।