राजनांदगांव

खुज्जी विस में कांग्रेस नेताओं का झगड़ा, संगठन खामोश
14-Feb-2022 12:43 PM
 खुज्जी विस में कांग्रेस नेताओं का झगड़ा,  संगठन खामोश

 विधायक छन्नी और तरूण के बीच चल रहा विवाद व्यक्तिगत लड़ाई में बदला
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता

राजनांदगांव, 14 फरवरी। राज्य में सत्तासीन कांग्रेस के लिए राजनांदगांव जिले के खुज्जी विधानसभा में विधायक और क्षेत्रीय नेताओं के बीच चल रही खटास परेशानी का सबब बन गई है। क्षेत्रीय विधायक छन्नी साहू और कांग्रेस नेता तरूण सिन्हा के बीच शुरू हुआ  विवाद अब व्यक्तिगत लड़ाई में बदल गया है। दोनों के बीच खुलकर जंग हो रही है। संगठन के लिए दोनों को सम्हालना मुश्किल हो रहा है। अवैध रेत उत्खनन से उपजे विवाद ने दोनों को एक-दूसरे का घोर विरोधी बना दिया है।

तरूण सिन्हा के शिकायत पर हुई कार्रवाई के चलते विधायक के पति को जेल जाना पड़ा। वहीं विधायक की शिकायत पर अब हो रही कार्रवाई से तरूण सिन्हा पर पुलिसिया कार्रवाई का खतरा मंडरा रहा है। दोनों के बीच चल रही द्वंद से कांग्रेस संगठन लडखड़़ा गया है। लंबे समय से सांगठनिक कार्यक्रम नहीं हुए हैं। कार्यकर्ताओं के लिए यह लड़ाई मुसीबत साबित हो रही है। निचले कार्यकर्ताओं का विधायक और तरूण सिन्हा से बेहतर ताल्लुकात है। इस विवाद के कारण कार्यकर्ता दोनों से मेल-मुलाकात करने से परहेज कर रहे हैं।

कांग्रेस नेताओं की यह लड़ाई विकास को भी प्रभावित कर रही है। प्रदेश हाईकमान की ओर से अब तक इस मामले में संज्ञान नहीं लिया गया है। जिला कांग्रेस अध्यक्ष पदम कोठारी का दावा है कि इस मामले का पटाक्षेप हो गया है। उनका कहना है कि विवाद वाली बात अब नहीं रह गई है।

मिली जानकारी के मुताबिक विधायक छन्नी साहू अपने पति पर हुई पुलिस कार्रवाई को लेकर बेहद खफा हैं। इसलिए वह दूसरे पक्ष पर कार्रवाई करने के लिए खुलकर सामने आ गई हैं। विधायक ने दूसरे पक्ष के विरुद्ध पहले एक बड़ी जन रैली भी निकाली थी। जिसमें शांतिपूर्वक बड़ी तादाद में लोगों ने हिस्सा लिया था। हालांकि उस दौरान उनके इस कदम को पति पर लगे आरोपों को खारिज करने से जोडक़र देखा गया।

पुलिस ने अपराध दर्ज होने के बाद देर से ही सही उनके पति पर लगे आरोपों के आधार पर जेल दाखिल कराया। पति के जमानत से बाहर आने के बाद विधायक ने मोर्चा खेालते दूसरे ग्रुप यानी तरूण सिन्हा एंड कंपनी के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए जोर लगाया है। पुलिस ने भी इस मामले में अपराध दर्ज कर लिया है। अवैध रेत खनन के मामले में पुलिस आरोपियों की खोजबीन कर रही है। इस लड़ाई ने कांग्रेस की सांगठनिक नींव को हिला दिया है।

विधायक छन्नी साहू हर हाल में दूसरे पक्ष पर कार्रवाई करने के लिए दबाव बनाए हुए हैं। कांग्रेस के क्षेत्रीय नेताओं में जारी द्वंद को देखकर भाजपा की बांछे खिल गई है। भाजपा नेताओं ने विधायक को घेरने में कोई कमी नहीं की है। कांग्रेस के लिए यह स्थिति बेहद ही खराब  मानी जा रही है।

छुरिया विवाद पर दिग्गज मौन

खुज्जी में उठे विवाद के पटाक्षेप को लेकर कांग्रेस के आला नेताओं ने चुप्पी साध ली है। जिले के दिग्गज नेता इस मामले में हस्तक्षेप करने के बजाय तमाशबीन बने हुए हैं। विधायक और तरूण सिन्हा के बीच खुलकर आरोप-प्रत्यारोप लगाए जा रहे हैं। स्वभाविक रूप से कांग्रेस की सेहत के लिए यह रवैया उचित नहीं ठहराया जा सकता। संगठन में जुड़े कार्यकर्ताओं के लिए यह लड़ाई उलझन पैदा करने जैसी है। मिली जानकारी के मुताबिक मौखिक रूप से प्रदेश नेतृत्व को भले ही जानकारी मिल गई है, लेकिन सांगठनिक तौर पर इस मामले को लेकर कोई जवाब नहीं मांगा गया है। यह लड़ाई आने वाले विधानसभा चुनाव के लिए कांग्रेस को काफी पीछे ढक़ेल सकती है। भाजपा इस तरह की लड़ाई को अपने लिए फायदेमंद मानकर सियासत कर रही है। फिलहाल संगठन के क्षेत्रीय और जिला से लेकर प्रदेश के नेताओं ने दोनों के विवाद को खत्म करने के लिए अब तक प्रत्यक्ष-अप्रत्यक्ष रूप से रूचि नहीं ली है।


तरूण सिन्हा संगठन में नहीं-सिसोदिया

छुरिया विवाद पर कांग्रेस के जिला संगठन प्रभारी  अरूण सिसोदिया का एक नया बयान सामने आया है। ‘छत्तीसगढ़’  से प्रतिक्रिया व्यक्त करते श्री सिसोदिया ने कहा कि तरूण सिन्हा कांग्रेस के किसी भी संगठन  में पदाधिकारी नहीं है। उन्होंने कहा कि गमछा गले में लेकर कोई भी चल सकता है। कांग्रेस नेता होने का दावे को गलत ठहराते हुए श्री सिसोदिया ने कहा कि प्रदेश नेतृत्व को पूरी जानकारी दे दी गई है। उन्होंने कहा कि कोई भी कांग्रेस का पदाधिकारी अपने ही विधायक या कार्यकर्ताओं के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करे, उस पर सभी को ऐतराज है। खासतौर पर संगठन ऐसे व्यक्ति पर कड़ी कार्रवाई करने का पक्षधर है। सिसोदिया के इस बयान में तरूण सिन्हा का कांग्रेस  नेता होने का दावा गलत साबित हो रहा है। सिसोदिया  के कड़े रूख से यह भी साफ हो गया कि अब संगठन इस मामले में बड़ी कार्रवाई कर सकता है।

उधर तरूण सिन्हा ने अपनी प्रतिक्रिया में कहा कि कौन कांग्रेसी है कौन नहीं यह संगठन तय करता है।  मुख्यमंत्री से भी वह जानकारी ले सकते हैं। उनका पूरा परिवार कांग्रेस से जुड़ा हुआ है। यह सर्वविदित है। उन्होंने संगठन प्रभारी सिसोदिया से सवाल पूछा कि छुरिया इलाके से उनका क्या वास्ता है। जबकि आज पर्यन्त एक बार भी दौरे में नहीं आए।

 

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