राजनांदगांव

पत्नी को 5 लाख अनुदान देकर डोंगरगांव विधायक दलेश्वर घिरे
18-Feb-2022 11:54 AM
पत्नी को 5 लाख अनुदान देकर डोंगरगांव विधायक दलेश्वर घिरे

भाजपा ने कहा विधायक को अपनों की चिंता

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजनांदगांव, 18 फरवरी।
डोंगरगांव के कांग्रेस विधायक दलेश्वर साहू गरीबों की आर्थिक मदद की अनुदान राशि को लेकर विवादों में हैं। उन पर अपनी पत्नी जयश्री साहू को 5 लाख रुपए का अनुदान दिए जाने का मामला सामने आने के बाद भाजपा ने तंज कसा है।

भाजपा नेताओं ने विधायक दलेश्वर साहू के  इस कदम को लेकर कहा कि उन्हें ‘अपनों’ की खूब चिंता है। पत्नी को 5 लाख रुपए अनुदान राशि दिए जाने के खुलासा होने के बाद विधायक अपनी सफाई देते फिर रहे हैं। उनकी सफाई को खास महत्व नहीं दिया जा रहा है। भाजपा ने उन पर भाई-बंधु, रिश्तेदारों को आर्थिक रूप से उपकृत किए जाने पर सवाल उठाए हैं। दरअसल विधायक ने कांग्रेसी कार्यकर्ताओं और रसूखदार वर्ग को तथाकथित गरीब होने के नाम पर अनुदान राशि का बंदरबांट किया है।
मिली जानकारी के मुताबिक विधायक ने सृजन फाउंडेशन के नाम पर अपनी पत्नी जयश्री साहू को मुख्यमंत्री स्वेच्छानुदान से 5 लाख रुपए दिलाए हैं। इसके अलावा अनुदान की सूची में ऐसे लोगों का भी नाम है, जो सोसाइटियों में अध्यक्ष और जनपद सदस्य से लेकर कांग्रेस के बड़े पदों पर काबिज हैं। भाजपा ने  विधायक को घेरने के लिए सूची को जारी कर दिया है। सूची में जयश्री साहू का नाम होना एक तरह से भाजपा को विधायक को घेरने का मौका मिल गया है। संपन्न लोगों को मुख्यमंत्री स्वेच्छानुदान की राशि देने से जरूरतमंद लोगों में भी विधायक और सरकार के खिलाफ नाराजगी पनप रही है। वहीं उनकी पत्नी के नाम सामने आने के बाद लोग हैरानी में है और सवाल उठाया जा रहा है कि जयश्री साहू और विधायक खेती  से संपन्न हैं। विधायक दलेश्वर साहू का आलीवारा में एक बड़ा फार्म हाऊस भी है। ऐसे में उन्हें गरीबों को दिए जाने वाली राशि को पत्नी के नाम चेक जारी किए जाने से लोगों के सवालों का सामना करना पड़ रहा है। डोंगरगांव विधानसभा में अनुदान की राशि के लिए कई गरीब अब भी चक्कर लगा रहे हैं। मुख्यमंत्री स्वेच्छानुदान का दुरूपयोग करने के मामले में विधायक  दलेश्वर साहू इस मामले में आगे और घिरते नजर आ रहे हैं।

जरूरतमंदों का हक मार रहे दलेश्वर
मुख्यमंत्री स्वेच्छानुदान राशि में हेरफेर किए जाने पर जिला भाजपा अध्यक्ष मधुसूदन यादव और महामंत्री दिनेश गांधी ने संयुक्त प्रतिक्रिया में कहा कि विधायक दलेश्वर साहू ने गरीबों का हक छीनकर पत्नी और अन्य लोगों को निजी हितों को साधने के लिए लाभ पहुंचाया है। दोनों ने कहा कि दलेश्वर साहू ने अपने अधिकार का दोहन करते हुए परिजनों और संपन्न कांग्रेसी कार्यकर्ताओं को मदद देकर यह साबित कर दिया कि कांग्रेस गरीबों के साथ नहीं है। नेताद्वय ने कहा कि डोंगरगांव विधायक द्वारा मुख्यमंत्री स्वेच्छानुदान में जिस तरह से अपने लोगों को चिन्ह चिन्ह कर आर्थिक सहायता दिलवाई है, वह भ्रष्टाचार का एवं स्वेच्छाचारिता का एक बेहतरीन उदाहरण है।


पत्नी को किस आधार पर विधायक ने दी स्वेच्छानुदान राशि ? - मोनू
भाजयुमो जिलाध्यक्ष मोनू बहादुर सिंह ने डोंगरगांव विधायक दलेश्वर साहू द्वारा स्वीकृत की गई स्वेच्छानुदान राशि के हितग्राहियों में उनकी ही पत्नी का नाम शामिल होने और उन्हें पांच लाख की राशि दिए जाने पर कड़ी आपत्ति जताई है। उन्होंने कहा कि जिस तरह गरीबों के हक का पैसा एक पुरानी कहावत ‘अंधा बांटे रेवड़ी फिर अपने को दे’ की तर्ज पर कांग्रेस के जनप्रतिनिधियों द्वारा बांटा जा रहा है। उसका प्रतिरोध किया जाएगा। उन्होंने कहा कि खुलासे के साथ ही कांग्रेस की रीति-नीति का असल चेहरा सामने आ चुका है। बेरोजगारों को रोजगार और बेरोजगारी भत्ता जैसे वायदों को भूलने वाली कांग्रेस के जनप्रतिनिधि गरीबों के हक में डाल कर अपने ही परिवारों और परिचितों में अंधाधुन पैसे बांट रहे हैं। उन्होंने कहा कि विधायक दलेश्वर साहू द्वारा आबंटित स्वेच्छानुदान राशि की सूची में शामिल आधा दर्जन से अधिक नामों को लेकर कई तरह के सवाल उठते हैं। यह भी कि आखिर किस तरह विधायक दलेश्वर की पत्नी इस श्रेणी में शामिल हैं। यही नहीं इस सूची में शामिल कई और नाम हैं। जिनके पास कई एकड़ की खेती है और वे साधन संपन्न जीवन जी रहे हैं और कांग्रेस के पदाधिकारी भी हैं । बावजूद इन्हें गरीबों के हक का पैसा सिर्फ  इसलिए दे दिया गया क्यूंकि वे विधायक के करीबी हैं या परिचित है। मोनू ने कहा किए जनता सब देख रही है। कांग्रेस सरकार और इनके जनप्रतिनिधियों का यह भ्रष्ट आचरण का नतीजा उन्हें आगामी विधानसभा चुनाव में देखने मिलेगा।

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