राजनांदगांव
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ब्रेड-चॉकलेट और आर्थिक मदद देने जीवनभर की मरीजों और गरीबों की सेवा
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजनांदगांव, 21 फरवरी। राजनांदगांव के समाजसेवी किशनचंद मंगवानी अब इस दुनिया में नहीं है। जीवनपर्यन्त मंगवानी अलसुबह अस्पताल में दाखिल मरीजों की सेवा की। अस्पताल के अलावा बाहरी राहगीरों के लिए वह खानपान के सामान लेकर शहरभर का चक्कर लगाते रहे।
ताउम्र किशनंचद मंगवानी मौसमवार मरीजों की सुध ली। पौफटते ही वह एक लंबा थैला लेकर शहर के रास्तों से अस्पताल का रूख करते थे। थैली में दातौन, चॉकलेट, ब्रेड के अलावा सुबह के नाश्ते के सामान वह जरूरतमंदों को वितरित करते थे। अपने जीवनकाल में मंगवानी का यह रोज की दिनचर्या थी। वह रोजाना 2 बजकर 50 मिनट में सुबह उठकर तैयार होते थे और 3.45 बजे शहर का फेरा करते हुए अस्पताल पहुंचते थे। ठंड के मौसम में वह मरीजों को गर्म पानी भी मुहैया कराते थे। साथ ही उनके जीवन से जुड़ी आर्थिक समस्या को अपने स्तर तक दूर करने की भी कोशिश करते थे। यही कारण है कि वह मरीजों के साथ-साथ चिकित्सकीय वर्ग में भी अपनी पहचान बना चुके थे।
शहर में भी उनके समर्पण भाव की हमेशा कद्र हुई। आम और खास वर्ग सेवाभाव को देखकर उन्हें संस्कारधानी राजनांदगांव का मुख्य चेहरा मानता था। गुजरी रात को उन्होंने अंतिम सांस ली। पिछले कुछ दिनों से उनकी सेहत ठीक नहीं थी। सोमवार देर शाम को उनकी अंत्येष्ठि स्थानीय मुक्तिधाम में की जाएगी।
बॉडी बिल्डिंग को कॅरियर बनाने की राह दिखाने वाला सत्तू भैया पंचतत्व में विलीन
राजनांदगांव शहर के पुरूषोत्तम आजमानी उर्फ सत्तू भैया ने दुनिया को अलविदा कह दिया। रविवार को उनके निधन की खबर से पूरे शहर में शोक का माहौल है। सोमवार को स्थानीय मुक्तिधाम में उनकी अंत्येष्ठि की गई। सत्तू भैया का समाजसेवा के क्षेत्र में हमेशा योगदान रहा। उन्हें वेटलिफ्टिंग और बॉडी बिल्डिंग से युवाओं को परिचय कराने का श्रेय जाता है। उन्होंने शहर के युवाओं को बॉडी बिल्डिंग के जरिये कॅरियर बनाने की राह दिखाई। उनके सानिध्य में राजनांदगांव शहर ने राष्ट्रीय स्तर पर कई टूर्नामेंटों में बाजी मारी। बॉडी बिल्डिंग को लेकर वे काफी गंभीर रहे। अपने जीवनकाल में उन्होंने जयभवानी व्यायामशाला का गठन किया। उन्होंने युवाओं के बेहतर प्रशिक्षण के लिए अपने निजी खर्च पर लंबे समय तक एक ट्रेनर भी रखा। शरीर सौष्ठव और वेटलिफ्टिंग में कई युवाओं ने अपने जीवन को कॅरियर के तौर पर लिया। पुलिस और अन्य विभागों में उनसे सीखे युवा नौकरीपेशा में है। सत्तू भैया ने अपने सपनों को पूरा करने के लिए कुछ युवाओं को जवाबदारी भी दी। जिसमें जयभवानी व्यायाम शाला के सचिव शेख वसीम और बसंत मैगी जैसे नामचीन बॉडी बिल्डर शामिल हैं। सत्तू भैया का शिक्षा के क्षेत्र में भी योगदान रहा है। दिग्विजय कॉलेज में उन्होंने अपने पिता के नाम पर एक कोष भी बनाया था। उनसे मिली आर्थिक सहायता को गरीब वर्ग के विद्यार्थियों के फीस एवं पुस्तक की खरीदी में व्यय किया जाता था।