राजनांदगांव

आईबी ग्रुप से डेढ़ करोड़ की धोखाधड़ी का आरोपी पकड़ाया
22-Feb-2022 12:08 PM
आईबी ग्रुप से डेढ़ करोड़ की धोखाधड़ी का आरोपी पकड़ाया

ट्रेवल्स डेस्क मैनेजर ने एक करोड़ 56 लाख डकारे

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजनांदगांव, 22 फरवरी।
पोल्ट्री समूह आईबी ग्रुप के एक कर्मचारी को डेढ़ करोड़ रुपए की धोखाधड़ी  किए जाने के मामले में पुलिस ने गिरफ्तार किया है। ट्रेवल्स डेस्क मैनेजर पद पर रहते आरोपी ने फर्जी तरीके से टिकट, होटल और अन्य यात्राओं के नाम पर कंपनी के साथ फर्जीवाड़ा किया है। पुलिस ने महाराष्ट्र के सचिन वानवे को कंपनी के साथ किए धोखाधड़ी के मामले में गिरफ्तार कर लिया है।

सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार गत् 19 फरवरी को प्रार्थी अभिषेक त्रिपाठी द्वारा रिपोर्ट दर्ज कराया गया कि एबीस एक्सपोर्ट इंडिया प्राईवेट लिमिटेड कार्पोरेट इंदामरा में कार्यरत सचिन वानवे पिता दीपक वानवे 31 साल निवासी ग्राम लाखनी जिला भंडारा महाराष्ट्र ने कंपनी द्वारा प्रदाय एचडीएफसी बैंक के क्रेडिट कार्ड एवं ई-मेल आईडी के माध्यम से कंपनी को नुकसान और स्वयं को लाभ पहुंचाने के उद्देश्य से फर्जी दस्तावेज तैयार कर और उसका उपयोग कर एयर टिकट बुकिंग, होटल बुकिंग आदि के नाम से रेजर पे गेटवे/पे-यूमनी गेटवे के माध्यम से अपने भारतीय स्टेट बैंक शाखा लाखनी जिला भंडारा के एकाउंट नंबर में 1,44,56,190 रुपए ऑनलाइन ट्रॉजिक्शन कर कंपनी को आर्थिक नुकसान पहुंचाया है। इस रिपोर्ट पर अपराध पंजीबद्ध कर पुलिस द्वारा विवेचना की गई।
 
एसपी संतोष सिंह और उच्चाधिकारियों के मार्गदर्शन में लालबाग थाना प्रभारी निरीक्षक शिवेन्द्र सिंह राजपूत द्वारा टीम गठित कर महाराष्ट्र की ओर फरार आरोपी की गिरफ्तारी हेतु रवाना किया गया। इस दौरान सूत्रों से मिली सूचना के आधार पर आरोपी सचिन को देवरी-भंडारा के बीच हिरासत में लिया गया। उसे थाना में लाकर कड़ाई से पूछताछ की गई, जिस पर उसने अपना गुनाह कबूल किया। उसके पास से फर्जी दस्तावेज, कम्प्यूटर और अन्य उपकरण को बरामद किया गया है। आरोपी को रिमांड पर जेल भेज दिया गया है।

इस कार्रवाई में लालबाग थाना प्रभारी शिवेन्द्र राजपूत, उप निरीक्षक संजय नाग, सउनि राजू मेश्राम, प्रधान आरक्षक देवसिंह मार्को, महेन्द्र बंसोड़, आरक्षक सुनील बैरागी, राजेश श्रीवास्तव, भोलाराम यादव की भूमिका रही।

आईबी ग्रुप ने दिया धन्यवाद
आईबी ग्रुप के कार्यपालक निदेशक अंजुम अल्वी ने इस मामले में जारी बयान में कहा कि आईबी गु्रप कंपनी के ईआरपी (एसएपी) के नए सिस्टम साफ्टवेयर इम्प्लीमेंटेशन शुरू होने में तीन-चार माह की देरी होने का कुछ कर्मचारियों द्वारा इसका फायदा उठाकर फर्जी आईडी व ट्रेवल्स कंपनी बनाकर इस फर्जीवाड़ा को चालाकी से अंजाम दिया गया। कंपनी के ऑडिट टीम द्वारा उसे पकड़ा गया और मामले को पुलिस को सौंपा गया। पुलिस प्रशासन की मदद एवं तत्परता के कारण दोषियों को हिरासत में लेकर कार्रवाई की गई है। इस मामले में और भी कर्मचारियों पर संदेह है, उन पर भी कार्रवाई हो सकती है। आईबी ग्रुप ने आरोपी की त्वरित गिरफ्तारी के लिए पुलिस प्रशासन की तारीफ कर धन्यवाद ज्ञापित किया है।

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