कोण्डागांव

धर्मांतरण किए बुजुर्ग की मौत, गांव में दफन करने ग्रामीण और परिवार के बीच विवाद
28-Feb-2022 4:26 PM
धर्मांतरण किए बुजुर्ग की मौत, गांव में दफन करने ग्रामीण और परिवार के बीच विवाद

पुलिस प्रशासन की घंटों समझाइश के बाद केशकाल में  दफन

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता

केशकाल, 28 फरवरी। धर्मांतरण किए बुजुर्ग की मौत के बाद गांव में दफन करने ग्रामीण और परिवार के बीच विवाद की स्थिति बन गई। पुलिस प्रशासन की घंटों समझाइश के बाद परिवार केशकाल ले जाकर ईसाई समाज के श्मशान में दफनाने के लिए सहमत हुए और पुलिस व प्रशासन की मौजूदगी में केशकाल में अंतिम संस्कार किया गया।

केशकाल अनुविभाग के विश्रामपुरी थाना क्षेत्र अंतर्गत बड़बत्तर में धर्मांतरण कर ईसाई समुदाय में शामिल हुए एक बुजुर्ग की रविवार को मौत होने के बाद उन्हें दफनाने को लेकर मृतक के परिवार और ग्रामीणों के बीच विवाद की स्थिति बनी हुई थी। इसकी सूचना मिलते ही एएसपी (ऑप्स) शोभराज अग्रवाल, तहसीलदार सुशील कुमार भोई, केशकाल एसडीओपी भूपत सिंह धनेश्री, फरसगांव एसडीओपी मणिशंकर चंद्रा समेत विश्रामपुरी पुलिस व प्रशासन की टीम मौके पर पहुंच कर दोनों पक्षों को समझाने का प्रयास में लगी हुई थी। प्रशासन, पुलिस व ग्रामीणों के बीच सुबह 11 से शाम 5 बजे तक चली इस गहन चर्चा के बाद ईसाई समाज के लोग शव को केशकाल ले जाकर ईसाई समाज के श्मशान में दफनाने के लिए सहमत हो गए। इसके बाद पुलिस व प्रशासन की टीम शव को लेकर केशकाल रवाना हुई।

गांव के पटेल ने बताया कि हमारा गांव पांचवीं अनुसूचित क्षेत्र में आता है तथा यह आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र भी है। हमारे गांव के कुछ लोग आदिवासी धर्म को छोडक़र ईसाई धर्म में शामिल हो गए हैं और ये लोग हिन्दू संस्कृति के देवी देवताओं को न मानते हुए हमारे रीति रिवाजों का भी पालन नहीं करते हैं। इसलिए हम लोग नहीं चाहते कि ऐसे लोगों को हमारे गांव में स्थान दिया जाए। चूंकि इस गांव में धर्म परिवर्तन कर चुके 18 परिवारों को हमने गांव से बहिष्कृत कर दिया है, इसलिए इन्हें समाजिक बैठक, कार्यक्रम एवं त्योहारों में भी शामिल नहीं किया जाता। इसी कारण से हम सभी गांव वाले चाहते हैं कि इनका शव हमारी जमीन में दफन न हो। जहां भी उनके समाज का श्मशान घाट है, वहां ले जाकर वह शव दफना सकते हैं।

ज्ञात हो कि ग्राम पंचायत बड़बत्तर में वर्तमान में ईसाई समुदाय के कुल 18 परिवार हंै, वहीं कुल सदस्यों की संख्या लगभग 100 से अधिक है। रविवार को ईसाई समुदाय के बुजुर्ग सुखलाल शोरी (70 वर्ष) की मौत हो गयी थी। मामला गंभीर तब हुआ, जब परिवार के लोग कहने लगे कि हम अपने गांव में ही अपनी पट्टे की जमीन पर शव को दफन करेंगे। वहीं गांव वालों ने इस पर आपत्ति जाहिर करते हुए अपने गांव की जमीन पर शव को दफनाने का विरोध जताया।

इस बारे में जानकारी देते हुए केशकाल एसडीओपी भूपत सिंह धनेश्री ने बताया कि ग्रामीणों के द्वारा गांव की जमीन में शव दफनाने को लेकर विरोध किया जा रहा था, जिसके कारण थोड़ी तनाव की स्थिति निर्मित हुई थी। जिसके चलते दोनों पक्षों को काफी समझाने के बाद मामले का निष्कर्ष निकाला गया है, ईसाई समुदाय के लोग शव को गांव से बाहर भेजने के लिए सहमत हो गए हैं, फलस्वरूप शव को दफनाने के लिए केशकाल के शमशान घाट भेजा गया है।

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