रायपुर

वन कर्मियों की हड़ताल खिंची, तो बढ़ेगी दिक्कतें, पीसीसीएफ ने डीजीपी से मांगी मदद
23-Mar-2022 4:51 PM
वन कर्मियों की हड़ताल खिंची, तो बढ़ेगी दिक्कतें, पीसीसीएफ ने डीजीपी से मांगी मदद

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 23 मार्च।
प्रदेश के 10 हजार वन कर्मियों की हड़ताल को तीन दिन हो गए हैं। इसके साथ ही जंगल के भीतर व्यवस्थाओं में दिक्कतें शुरू हो गई हैं। जंगल में आग, लकड़ी चोरी, और जानवरों के लिए पेयजल और भोजन की व्यवस्था नहीं हो पा रही है। यह हड़ताल  अभी सप्ताहभर खींचती है, तो दिक्कतें और बढ़ेंगी। इसे देखते हुए पीसीसीएफ, और वन बल प्रमुख राकेश चतुर्वेदी ने सभी सीसीएफ और डीएफओ को पत्र लिखकर वन चौकीदारों को वनों की सुरक्षा के लिए तैनात करने कहा है। इसके अलावा चतुर्वेदी ने डीजीपी अशोक जुनेजा, और सभी एसपी को भी पत्र लिखा है। इसमें उन्होंने पुलिस बल से जंगल की सुरक्षा के लिए मदद मांगी है। इन जवानों को वन चौकियों में तैनात कर लकड़ी की तस्करी, और जानवरों के शिकार पर नजर रखने कहा गया है। इधर हड़ताली कर्मचारियों का कहना है कि उनकी 12 में से दो मांगों की पूर्णता में दिक्कत हो सकती है। इनमें ग्रेड-पे में सुधार, और दैवेभो के नियमितीकरण की मांगे शामिल है। शेष मांगी पीसीसीएफ और वन विभाग पूरी कर सकते हैं।

जंगल में आग लगी तो ....
वन क्षेत्रों में आग लगने से सुरक्षा के लिए वन विभाग सतत प्रयासरत है। इस तारतम्य में गरियाबंद वनमंडल अंतर्गत जंगल में आग लगने की सूचना प्रदान करने विभागीय अधिकारियों की सूची जारी कर दी गई है। साथ ही वहां वन मंडल गरियाबंद में कंट्रोल रूम भी स्थापित किया गया है। जिसका नंबर 79870-64635 है।  इसी तरह वन मंडलाधिकारी गरियाबंद-75870-11200, उप वनमंडलाधिकारी राजिम-97530-34333, उप वनमंडलाधिकारी गरियाबंद-90099-17777 तथा उप वनमंडलाधिकारी देवभागे-77248-40444 में भी जंगल में आग लगने की सूचना दी जा सकती है।  गौरतलब है कि गरियाबंद जिला वनाच्छादित होने के साथ-साथ वन्य प्राणी बाहुल्य जिला है। जिले में साल, बीजा, सागौन एवं अन्य ईमारती प्रजाति के वृक्ष तथा औषधि पौधे बहुतायत में पाये जाते हैं। वन क्षेत्रों में आग लगने से ईमारती अन्य औषधि पौधे जल जाते हैं।

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