बलौदा बाजार

दो मासूमों की हत्या 4 नाबालिगों ने की थी
24-Mar-2022 3:38 PM
दो मासूमों की हत्या 4 नाबालिगों ने की थी

आम तोडऩे को लेकर हुआ विवाद कारण बना

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
कसडोल/बलौदाबाजार, 24 मार्च।
कसडोल के पास चकरबाय के दो मासूम बच्चों के हत्यारे गांव के ही 4 नाबालिग निकले। नाबालिगों में दो 14 साल, एक 12 साल एवं एक 11 साल के है। हत्या का कारण मृतकों से चारों नाबालिग के मध्य आम तोडऩों को लेकर विवाद होना बताया जा रहा है। इस दोहरे कत्ल की गुत्थी सुलझाने में पुलिस ने सफलता प्राप्त की है।
चारों अपचारी बालकों से पुलिस ने घटना में प्रयुक्त 2 नग लाठी जब्त कर ली है।

पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार ग्राम चकरबाय निवासी प्रार्थियों ने 22 मार्च को थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई कि शौर्य चेलक उर्फ गोयल चेलक पिता उमेंद्र चेलक (7) एवं लवेंद्र पिता जनक राम चेलक  (8) 20 मार्च को सुबह घर से कहीं चले गए हैं। उन्होंने पुलिस को बताया था कि दोनों को पूरे गांव एवं आसपास में ढूंढा पर वे नहीं मिले। रिपोर्ट पर थाना कसडोल पुलिस ने अपराध पंजीबद्ध कर विवेचना प्रारंभ कर दी।

चकरवाय से दो मासूम लवेंद्र चेलक और शौर्य चेलक बीते दो दिन पहले गायब हो गए थे, जिनकी तलाश पुलिस कर रही थी। जांच में जुटी पुलिस को अब बच्चों की लाश मिली थी। मामले की जानकारी मिलते ही पुलिस अधीक्षक दीपक झा घटना स्थल पर पहुंचे थे। अधीक्षक दीपक झा ने जांच के लिए जांच अधिकारियों को आवश्यक दिशा- निर्देश दिए थे।

पुलिस की पुछताछ में चारों नाबालिगों ने बताया कि मृतक बच्चों और आरोपी बच्चों के मध्य आम तोडऩे की बात पर वाद विवाद हुआ था, वहीं घटना वाले दिन दोनों मृतक बच्चे नदी में नहा कर वापस घर आ रहे थे, इसी बीच उनका सामना आरोपी बच्चों से हो गया। जिसके बाद आरोपी नाबालिगों ने पहले हुए वाद विवाद की बात को लेकर मृतक बच्चों के साथ मारपीट करना शुरू कर दिया। मारपीट से बचने के लिए दोनों मृतक बच्चे खेत की तरफ भागने लगे। आरोपी बालक भी मृतक बच्चों को पकडऩे के लिए इनके पीछे भागने लगे। गांव से कुछ दूर जाने के बाद इन चारों आरोपी बालकों ने दोनों मृतक बच्चों को घटनास्थल के पास घेरकर पकड़ा लिया, इसके बाद चारों नाबालिगों ने गुस्से में आकर पास में ही रखे लाठी से दोनों बच्चों को मारना शुरू कर दिया, जिससे घटनास्थल पर ही दोनों बच्चे शौर्य और लवेन्द्र की मृत्यु हो गई। आरोपी नाबालिगों से 2 नग लाठी बरामद किया गया है।

पुलिस इस प्रकार पहुंची आरोपियों तक
पुलिस की अलग-अलग टीमों ने गांव में ही कैम्प कर घटनास्थल और आसपास के क्षेत्रों का गहन मुआयना कर रही थी, तो पुलिस की दूसरी टीम मृत बच्चों के परिवार वालों, रिश्तेदारों, बच्चों के दोस्तों और अन्य व्यक्तियों से लगातार पूछताछ कर रही थी। इसी दौरान प्रकरण में पता चला कि दोनों मृतक बालकों को आखिरी बार दोपहर में गांव से निकलते देखा गया था। इसी समय गांव के ही अन्य बालकों के भी नदी में नहाने जाने की जानकारी मिली थी, जिसमें शामिल 2 आरोपी नाबालिगों का दोनों मृत बालकों से आम तोडऩे की बात पर से वाद-विवाद हुआ था। उक्त नाबालिगों से लगातार मनोवैज्ञानिक रूप से पूछताछ करने पर इन बालकों ने दोनों बच्चों की हत्या करने की बात कबूल ली और प्रकरण में शामिल अपने अन्य 2 नाबालिग आरोपी बालकों और घटना के संबंध में भी पूरी जानकारी दी।

इस अंधे दोहरे हत्याकांड को सुलझाने में रायपुर क्राइम ब्रांच की भूमिका रही है। इस मामले का खुलासा उल्लेखित थाना एवं चौकी प्रभारियों के नेतृत्व में प्रधान आरक्षक नवीन कुर्रे, जगदीश राठौर, धनंजय यादव, परमानंद रथ, संजय सोनी, आरक्षक मृत्युंजय महिलांगे, सुजीत तंबोली, रामलाल कैवर्त, राजेंद्र साहू, अमीर राय, सूरज पाटले, मनोज ब्रम्हे सहित रायपुर क्राइम का भी सराहनीय योगदान रहा है।

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