बलौदा बाजार

पालिका में 5.5 करोड़ के मुकाबले 3.97 करोड़ की हो सकी कर वसूली, खुद का फंड भी नहीं
17-May-2024 7:41 PM
पालिका में 5.5 करोड़ के मुकाबले 3.97 करोड़ की हो सकी कर वसूली, खुद का फंड भी नहीं

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता

बलौदाबाजार,17 मई। नगर पालिका की आय में बढ़ोतरी नहीं हो रही है। अपने स्तर पर आय  बढ़ाने के स्रोत वाले काम भी नहीं किया जा रहे हैं। यह तक कि वह संपत्ति व जलकर वसूली भी ठीक प्रकार से नहीं कर पा रही है। व्यावसायिक प्रतिष्ठानों से किराए भी नहीं मिल रहा है, बरसों से बन रही चौपाटी आज भी पूरी नहीं हो पाई है। दुकानों से हर माह मिलने वाले किराए से खजाने में राजस्व आता।

शहर में सदर बाजार सब्जी बाजार मुख्य बाजार मंडी रोड गोल बाजार सराफा बाजार सहित बड़े-बड़े बाजार हैं, मगर कहीं पर भी पार्किंग की व्यवस्था नहीं है। यह पार्किंग स्थल भी आय के स्रोत बन सकते हैं। मंडी रोड पर साल भर पहले बना विशाल व्यावसायिक परिसर आज भी बंद है। गुणवत्ता विहीन सामग्री के उपयोग की वजह से छज्जे गिर रहे हैं दीवारों दरक रही है भवन गिरने के डर से व्यापारी यहां दुकान खोलने को तैयार नहीं है। अगर यहां की भी दुकान खोलती तो किराए के रूप में हर महीने नगर पालिका को हजारों रुपए की आमदनी होती।

रामसागर तालाब को भी पर्यटन स्थल बनाने लाखों रुपए खर्च किए गए, यहां सौंदर्यीकरण कर दुकान बनवाई गई, मगर वे दुकानें भी आज तक नहीं खुली और शराबियों का अड्डा बन गई। यहां भी दुकान खोले तो किराए के रूप में राजस्व प्राप्त होता।

समय पर वेतन देने लायक पैसा नहीं

पालिसा के पास इतना भी फंड नहीं रहता कि वह कर्मचारियों को समय पर वेतन दे सके। नगर पालिका बलौदाबाजार को पिछला बकाया सहित विभिन्न करों के माध्यम से वर्ष 2023 24 में 5 करोड़ रुपए 22 लाख 91 हजार रुपए जुटाने थे, लेकिन 21 मार्च तक की स्थिति में पालिका महज तीन करोड़ 97 लख ही जुटा पाई है।

अपना खर्च भी नहीं निकाल पा रही  पालिका

माह वेतन के रूप में 25 से 30 लाख रुपए खर्च करती है। जिसमें सफाई कर्मियों से लेकर डीएमओ तक शामिल है। डीजल खर्च स्टेशनरी पुताई रंग आदि में हर महीने लगभग पांच से सात लाख रुपए खर्च होता है। यानी हर महीने 30 से 35 लाख रुपए खर्च होता है, वहीं वसूली के रूप में महज 30 से 32 लख रुपए ही आते हैं।

पुरानी दरों पर किराया,फिर भी वसूली नहीं

नगर पालिका को संपत्ति कर बाजार, समेकित कर जलकर व अन्य करों से आय होती है। वहीं पालिका को सबसे अधिक आय संपत्ति करके बाद दुकानों के किराए से होती थी। मगर पालिका की अधीन 730 दुकानों के किराए में 5 से 10 गुना तक बढ़ोतरी होने के बाद बढ़े महीने की किराए का जमकर व्यवसाईयों द्वारा विरोध किया गया और बरसाों से किराया देना बंद कर दिया गया था मगर आठ माह पहले नगर पालिका ने दुकानों की किराया वृद्धि वापस ले ली थी। संभावना थी कि किराया वृद्धि वापस लेने के बाद 100त्न वसूली हो जाएगी मगर दुकानों का बकाया किराया 67 लख रुपए में से सिर्फ 38 फीसदी यानी 25 लाख रुपए की ही वसूली हो पाई।

35 फीसदी जलकर ही वसूल पाई पालिका

31 मार्च 2024 तक की स्थिति में वसूली के आंकड़े देखे जाए तो नगर पालिका सबसे अधिक 75 फीसदी वसूली संपत्ति कर की कर पाई है, जबकि वसूली का सबसे कम प्रतिशत 35 जलकर है। संपत्ति कर के रूप में एक करोड़ 21 लख रुपए बकाया में से 90 लाख रुपए की वसूली हो पाई है, इसी तरह समेकित कर 29 लाख 26 हजार के ऐवज में केवल 18 लाख वसूली हुई है।

आय बढ़ाने का प्रयास किया जा रहा है-सीएमओ

इस मामले में सीएमओ खिरोद भोई ने कहा कि प्रतिष्ठानों के गेट पुरानी दरों रेट पुरानी दलों पर ही लिए जाने के फैसले के बाद भी दुकानों का किराया नहीं आ रहा है। चौपाटी में कुछ तकनीक समस्याएं हैं। मंडी रोड स्थित व्यावसायिक परिसर में गुणवत्ता विहीन निर्माण के चलते जांच चल रही है. आय बढ़ाने के प्रयास किया जा रहे हैं। नगर पालिका की दुकानों के अन्य किराएदारों को नोटिस दिया जा रहा है।

अन्य पोस्ट

Comments

chhattisgarh news

cg news

english newspaper in raipur

hindi newspaper in raipur
hindi news