रायपुर

राज्यसभा के लिए चुनावी हलचल शुरू, आयोग ने विधानसभा से चुनाव अधिकारियों से नाम मांगे
25-Mar-2022 7:04 PM
राज्यसभा के लिए चुनावी हलचल शुरू, आयोग ने विधानसभा से चुनाव अधिकारियों से नाम मांगे

29 जून से पहले कराने होंगे चुनाव, दोनों सीटें कांग्रेस की झोली में जाएंगी

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता

रायपुर, 25 मार्च। छत्तीसगढ़ से रिक्त हो रही राज्यसभा की दो सीटों के लिए चुनाव की हलचल शुरू हो गई है। भारत निर्वाचन आयोग ने विधानसभा सचिवालय से यह चुनाव कराने निर्वाचन अधिकारी (आरओ), और सहायक निर्वाचन अधिकारी (एआरओ) के नाम मांगे हैं। ये चुनाव 29 जून से पहले कराए जाने हैं।

मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी छत्तीसगढ़ ने भी विधानसभा सचिवालय से संपर्क कर नाम मांगे हैं। सूत्रों के अनुसार आयोग के नियम अनुसार  विधानसभा के प्रमुख सचिव संविदा पर कार्यरत होने के कारण, सचिव दिनेश शर्मा आरओ होंगे। जबकि एआरओ किसी अवर सचिव को बनाया जा सकता है। इनके नाम सप्ताहभर के भीतर दिल्ली भेजने हैं। सूत्रों का कहना है कि निर्वाचन कार्यक्रम खैरागढ़ उपचुनाव के बाद जारी किया जा सकता है।

छत्तीसगढ़ की यह दोनों सीटें भाजपा के रामविचार नेताम, और कांग्रेस की छाया वर्मा का कार्यकाल खत्म होने से रिक्त हो रही हैं। राज्य विस में दलीय स्थिति को देखते हुए दोनों ही सीटें कांग्रेस की झोली में जाना तय है। राज्य सभा के एक सदस्य को चुनने, 35 विधायकों के वोट की जरूरत होती है। सदन में कांग्रेस के 70 विधायक हैं। जो दो सदस्यों के चुनाव के लिए पर्याप्त है। दूसरी ओर, भाजपा का चुनाव लडऩा औपचारिकता होगी। संकेत है कि केवल नाम मात्र के लिए भाजपा प्रत्याशी उतारेगी। इधर कांग्रेस में इस चुनाव के लिए दावेदारों की लंबी फेहरिस्त है। विस स्पीकर डॉ. चरणदास महंत ने भी राज्य सभा जाने की इच्छा जताई है, तो स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव का नाम भी लिया जा रहा है, लेकिन उन्होंने राज्यसभा जाने के बजाए घर बैठने की बात कह दी है। इनके अलावा सीएम बघेल के करीबी खनिज निगम के अध्यक्ष गिरीश देवांगन, और सीएम के सलाहकार विनोद वर्मा के नाम भी चर्चा में हैं। यह भी खबर है कि दावेदारों में से एक हाईकमान की पसंद से दिल्ली से भी प्रत्याशी भेजे जा सकते हैं, और एक सीट सीएम बघेल अपनी पसंद पर स्थानीय नेता को भेजना चाहते हैं। ये दोनों सीटें जीतने के बाद राज्यसभा में छत्तीसगढ़ से कांग्रेस के चार, और भाजपा से एक सरोज पाण्डेय प्रतिनिधित्व करेंगी। अभी कांग्रेस के केटीएस तुलसी, और फुलोदेवी नेताम सदस्य हैं।

राष्ट्रपति चुनाव पर भी असर

राज्यसभा के इन चुनावों में कांग्रेस की जीत का बड़ा असर इस साल जुलाई में होने वाले राष्ट्रपति चुनाव पर भी होगा। राष्ट्रपति, सांसदों, और विधानसभा सदस्यों के वोट मूल्य से चुने जाते हैं। छत्तीसगढ़ से लोकसभा में भले ही कांग्रेस के दो सदस्य हों, लेकिन राज्यसभा में चार सदस्यों के वोटों का मूल्य अधिक होगा। इसी तरह से 70 विधायकों के वोट मूल्य को जोड़ा जाए, तो छत्तीसगढ़ से राष्ट्रपति के प्रत्याशी को अधिक मत अंक मिलेंगे।

प्रियंका का भी नाम चर्चा में

 कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव सुश्री प्रियंका गांधी वाड्रा का नाम छत्तीसगढ़ से राज्यसभा सीट के लिए चर्चा में है। पार्टी के कुछ सूत्रों के मुताबिक  सीएम भूपेश बघेल भी प्रियंका के नाम की वकालत कर सकते हैं। यह कहा जा रहा है कि प्रियंका 2024 का लोकसभा चुनाव नहीं लडऩा चाहती हैं।  वो बड़े पैमाने पर प्रचार कर राज्यों में पार्टी की स्थिति को मजबूत बनाने पर ध्यान केंद्रित कर रही हैं। प्रियंका को सालभर पहले लोधी एस्टेट बंगले से बेदखल किए जाने पर दिल्ली में उनके पास कोई और सरकारी निवास नहीं है। ऐसे में राज्यसभा सदस्य बनने से सुविधाएं वापस मिल सकती है। यही वजह है कि उनका नाम प्रमुखता से लिया जा रहा है। मगर उनके नाम पर अंतिम फैसला गांधी परिवार ही लेगा।

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