रायपुर
![मदनवाड़ा जांच रिपोर्ट के खिलाफ मुकेश गुप्ता की याचिका मदनवाड़ा जांच रिपोर्ट के खिलाफ मुकेश गुप्ता की याचिका](https://dailychhattisgarh.com/uploads/chhattisgarh_article/1648385682ukesh-gupta.gif)
सीएस को भी अभ्यावेदन भेज चुके हैं...
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर/बिलासपुर, 27 मार्च। मदनवाड़ा न्यायिक जांच आयोग की रिपोर्ट के खिलाफ निलंबित एडीजी मुकेश गुप्ता ने हाईकोर्ट में याचिका लगाई है। उन्होंने रिपोर्ट को खारिज करने का आग्रह किया है। मुकेश गुप्ता ने इससे पहले मुख्य सचिव को भी अभ्यावेदन भेजा था।
मुकेश गुप्ता ने अपनी याचिका में यह भी कहा है कि उनका पक्ष नहीं सुना गया है। साथ ही आयोग की रिपोर्ट पर भी सवाल खड़े किए हैं। याचिका पर सुनवाई अगले हफ्ते हो सकती है।
मुकेश गुप्ता ने विधानसभा में मदनवाड़ा न्यायिक जांच आयोग की रिपोर्ट पेश होने से पहले सीएस अमिताभ जैन को अभ्यावेदन भेजा था। अभ्यावेदन में घटना का जिक्र किया गया है, और कहा कि इस मुठभेड़ में पुलिस की भूमिका की सराहना की गई है। उन्हें भी इस मुठभेड़ के लिए विशिष्ट सेवा पदक से नवाजा गया है। मुकेश गुप्ता ने लिखा कि सरकार ने 12 साल बाद न्यायिक जांच आयोग का गठन किया है। उन्हें पता चला है कि आयोग द्वारा 1 फरवरी 2022 को समाचार पत्रों में एक रिपोर्ट प्रस्तुत की गई है।
आयोग ने मुकेश गुप्ता की भूमिका पर उठाए हैं सवाल: न्यायिक जांच आयोग ने निलंबित आईपीएस मुकेश गुप्ता की भूमिका पर गंभीर सवाल उठाए हैं। मदनवाड़ा घटना के दौरान तत्कालीन आईजी गुप्ता ने एसपी वीके चौबे को बगैर किसी सुरक्षा कवच के आगे बढऩे का आदेश दिया और खुद बुलेट प्रूफ वाहन में बैठे रहे।
यायिक जांच आयोग की रिपोर्ट में कहा गया है कि यह बहुत दुखद स्थिति है। आईजी जोन की उपस्थिति में नक्सलियों ने एक शहादत पाए एसपी और दूसरे पुलिसकर्मियों के शवों से बुलेटपू्रफ जैकेट, जूते, हथियार और दूसरी चीजें निकाल ली या फिर लूट लिए। आयोग ने माना कि अगर कमांडर या आईजी जोन ने बुद्धिमता या साहस का परिचय दिया होता तो नतीजा बिल्कुल अलग रहता। सरकार आयोग की रिपोर्ट का परीक्षण कर रही है।
मुकेश गुप्ता ने लिखा है कि-
यदि रिपोर्ट में मेरे आचरण या किसी ऐसे बयान के बारे में कोई टिप्पणी है, जो कि मेरी प्रतिष्ठा के लिए हानिकारक है, तो उस पर कार्रवाई नहीं करनी चाहिए, और इसे खारिज कर देना चाहिए। उन्होंने जांच आयोग के अध्यक्ष पर सवाल खड़े किए, और कहा कि उनका स्वभाव मेरे खिलाफ शत्रुतापूर्ण रहा है। उन्होंने आग्रह किया था कि आयोग के निष्कर्षों पर कोई कार्रवाई न करे।