गरियाबंद
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजिम, 28 मार्च। एक ओर सरकार पर्यावरण संरक्षण के नाम पर करोड़ो रुपए खर्च कर रही है वहीं दूसरी ओर राजमार्ग चौड़ीकरण के दौरान हजारों की संख्या में पेड़ की कटाई की जा रही है। सडक़ चौड़ीकरण के नाम पर सरकार रोड किनारे हरे-भरे पेड़ों पर कुल्हाड़ी चलवा दी। अभनपुर से राजिम और राजिम के श्यामनगर से सुरसाबांधा, कोपरा और पांडुका तक 40 किमी की सडक़ चौड़ीकरण के लिए 3 हजार से अधिक हरे-भरे पेड़ों की कटाई कर दी। जानकारी के अनुसार काटे गए पेड़ों में 25 सौ से अधिक तो नीलगिरी के ऊंचे ऊंचे पेड़ हैं और शेष पेड़ अन्य प्रजाति के हैं।
केंद्रीय लोक निर्माण विभाग के उपयंत्री केएल कंवर ने बताया कि अभनपुर से पांडुका तक 40 किमी सडक़ को 10 मीटर चौड़ा करने के लिए 144 करोड़ रुपए स्वीकृत हुए हैं। सडक़ का काम 18 माह में पूरा करना है। जितने भी पेड़ काटे जाएंगे उसकी 10 गुना राशि केंद्रीय लोक निर्माण विभाग कलेक्टर रायपुर के पास जमा करेगा, जिससे वन विभाग नई जगह पर 10 गुना पौधे रोपेगा। वर्षों की मेहनत से राहगीरों को छांव देने वाले खड़े किए ये पेड़ चौड़ीकरण के नाम पर मिनटों में काट दिया गया। पेड़ों को काटने का काम 15 दिनों से जारी है। काटे गए पेड़ों में सर्वाधिक श्यामनगर से पांडुका तक नीलगिरी के ऊंचे-ऊंचे पेड़ शामिल हैं। इन पेड़ों को सडक़ के दोनों ओर वन विभाग ने 20 वर्ष पूर्व लाखों रुपए खर्च कर रोपा था जिससे राहगीरों को छांव के साथ आसपास के क्षेत्र का वाटर लेवल भी मेंटेन हो रहा था।
उल्लेखनीय है कि अभनपुर से राजिम और राजिम से पांडुका तक इस नेशनल हाईवे का केंद्रीय लोक निर्माण विभाग रायपुर 10 मीटर और चौड़ा कर रहा है। चौड़ीकरण में सडक़ के दोनों ओर तकरीबन 3 हजार पेड़ जद में आ रहे हैं। पिछले वर्ष मनरेगा के तहत लाखों रुपए इन पौधों को सुरक्षित रखने खर्च किए गए हैं। इतनी ही राशि इन पौधों की देखभाल के लिए खर्च की गई है। विकास और सडक़ को चौड़ा करने के नाम पर तो सैकड़ों पेड़ों की कटौती की जा रही है, लेकिन काटे गए पेड़ों के बदले नए पौधे कब लगाएं जायेंगे यह तो बाद की बात है।
राजिम से कोपरा तक 18 किलोमीटर के राम वनगमन मार्ग के पौधे भी इसकी जद में
वन विभाग के काष्ठागार गरियाबंद के वन परिक्षेत्र अधिकारी की देखरेख में इन सभी पेड़ों की कटाई की जा रही है। इन पेड़ों को काटकर लकड़ी वन डिपो ले जाने की जानकारी मिली है। वन परिक्षेत्र अधिकारी एसएस तिवारी ने बताया कि राजिम से कोपरा तक 18 किलोमीटर के क्षेत्र को भी राज्य शासन द्वारा राम वनगमन मार्ग घोषित किया गया है। इसके लिए इस 18 किमी के मार्ग पर पिछले डेढ़ वर्षों से सडक़ के दोनों और पौधे रोपे गए हैं जिस पर मनरेगा के तहत लाखों रुपए खर्च किए गए हैं। पेड़ काटने की जद में ये पौधे भी आ रहे हैं।