गरियाबंद
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
नवापारा-राजिम, 10 मई। अखिल विश्व गायत्री परिवार शांतिकुंज हरिद्वार के निर्देशन में गायत्री शक्तिपीठ राजिम में पांच कुंडीय गायत्री महायज्ञ के साथ पुंसवन संस्कार संपन्न हुआ।
कार्यक्रम की शुरुआत दीप प्रज्जवलित कर किया गया। टोली के रूप में पधारे संतोष साहू शिक्षक ओजस्व और लक्ष्मी साहू ने प्रज्ञा गीत युग संगीत की प्रस्तुति दी। यज्ञ के साथ बीस गर्भवती बहनों का पुंसवन संस्कार संपन्न हुआ। यज्ञ की महिमा का बखान करते हुए श्रीमती चंद्रलेखा गुप्ता ने कहा कि प्रभु श्रीराम जी का भी पुण्य आगमन यज्ञ भगवान की कृपा से हुई है।
प्राचीन काल से ही ऋषि मुनियों ने यज्ञ करते आ रहे ळें साथ ही संस्कार के बारे में बताया कि गर्भ के समय माताएं जैसा व्यवहार करती है, चिंतन करती है वैसे ही शिशु पर प्रभाव पड़ता है। वीर अभिमन्यु भक्त प्रह्लाद उदाहरण है। श्रीमती पुष्पा गोस्वामी ने कहा कि मेरी बेटी गीता भगवताचार्य है जब वो गर्भ में थी उस समय मैं प्रतिदिन भगवत गीता का पाठ करती थी उसी का प्रभाव है आज विभिन्न मंचों में कथा सुना रही है।
कार्यक्रम को सफल बनाने में ओमेश्वरी साहू पर्यवेक्षक, आंगनवाड़ी कार्यकर्ता सुनीता धीवर, कुसुम धरमगुड़ी, सीमा गुप्ता, सावित्री सोनकर, सुषमा शर्मा, इंद्राणी सोनी, रंजना चंद्राकर, पिंकी व्यास, ममता नवरंगे, अन्नपूर्णा जोशी एवं मां भगवती महिला मंडल के सीता साहू, दीपा साहू, महेश्वरी साहू, हेमलता साहू, सरिता यदु, पूर्णिमा साहू, लूकेश्वरी दीवान, सुनीता गुप्ता, साथ ही पूरन लाल साहू, राजेन्द्र पाड़े, पुरुषोत्तम दीवान, रिखी साहू, इंद्र कुमार दीवान आदि का विशेष योगदान रहा।
पवन गुप्ता वरिष्ठ परिजन एवं रामकुमार साहू ने श्रीफल भेट कर टोली को ससम्मान विदाई दी। आभार व्यक्त करते हुए संतोष कुमार साहू ने कहा कि आप सभी के पुण्य प्रयास से कार्यक्रम सफल हुआ है भविष्य में भी सहयोग की अपेक्षा रहेगी।