रायपुर
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 28 मार्च । छत्तीसगढ़ प्रदेष तृतीय वर्ग कर्मचारी संघ ने बूढ़ातालाब धरना स्थल को बदलने का विरोध किया है। संघ ने जिला एवं पुलिस प्रशासन के प्रयासों को अनुचित बताते हुए इस संबंध में कोई भी निर्णय लेने के पूर्व राजनैतिक दलों, और कर्मचारी संगठनों, तथा प्रिंट व इलेक्ट्रानिक मिडिया के प्रतिनिधियों से भी चर्चा करने की बात कही है।
संघ के प्रदेश अध्यक्ष विजय कुमार झा, जिला शाखा अध्यक्ष इदरीश खान ने बताया है कि छत्तीसगढ़ राज्य बनने व राज्य की राजधानी रायपुर बनने के पूर्व से लगभग 25-30 सालों में धरना स्थल 3-4 बार बदला जा चुका है। जहां तक सराफा ऐशोसिएशन के यह आरोप की व्यवसाय प्रभावित होता है, इसलिए तर्क संगत प्रतीत नहीं होता है क्योंकि धरना स्थल पर कोई भी बड़े धरना प्रदर्शन होने पर अनेक ठेलों में फल बेग साडिय़ां जूते चप्पल के छोटे व्यापारियों के लिए यह आय का माध्यम भी होता है। धरना प्रदर्शन शहर के बाहर करने पर जंगल में मोर नाचा किसने देखा वाली कहावत् चरितार्थ होगी। बिना धरना प्रदर्शन के शासन प्रशासन पीडि़त, शोषित, परेशान नागरिकों की समस्याओं को नहीं सुनती है। आधे आंदोलन तो केवल अफसरषाही के कारण होता है। संघ के कार्यकारी प्रांताध्यक्ष अजय तिवारी, महामंत्री उमेश मुदलियार, संभागीय अध्यक्ष संजय शर्मा, विमल चंद्र कुण्डू रामचंद्र ताण्डी, सुरेन्द्र त्रिपाठी, रविराज पिल्ले, आलोक जाधव, प्रकाश ठाकुर, एम.पी.आंड़े, नरेश वाढ़ेर, संजय झड़बड़़े, स्वास्थ संयोजक संध के प्रांतीय अध्यक्ष टार्जन गुप्ता, संभागीय सचिव प्रवीण ढीढवंशी, दिनेश शर्मा आदि नेताओं ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से इस संबंध में हस्तक्षेप करने की मांग की है।
जिला दण्डाधिकारी द्वारा पूरे राजधानी जिले में धरना प्रदर्शन पर रोक लगा दी गई है। साथ ही कलेक्टर ने बूढ़ापारा धरना स्थल पर प्रदर्शन कर रहे विद्युत संविदा कर्मचारी संघ को धरना समाप्त करने नोटिस जारी किया था। इसके बाद भी धरना जारी है। इसे देखते हुए कोतवाली पुलिस के अमले ने आज धरना स्थल पहुंचकर कर्मचारियों को धरना समाप्त करने की चेतावनी दी। अन्यथा उनके विरूद्ध प्रतिबंधात्मक कार्रवाई की जाएगी। तस्वीर/‘छत्तीसगढ़’