रायपुर
![पर्यटकों के रूकने के लिए बनाए गए 33 होटल-मोटल, पांच में कॉलेज-अन्य संस्थान चल रहे, 16 को लीज पर दे दिया गया पर्यटकों के रूकने के लिए बनाए गए 33 होटल-मोटल, पांच में कॉलेज-अन्य संस्थान चल रहे, 16 को लीज पर दे दिया गया](https://dailychhattisgarh.com/uploads/chhattisgarh_article/1648643350irkoni-mahasamund.jpg)
निगम द्वारा संचालित 12 रिसार्ट में से 6 घाटे पर
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 30 मार्च। प्रदेश में पर्यटन विभाग के 33 होटल, मोटल, और रिसार्ट हैं। इनमें से 5 होटल-मोटल में अब कॉलेज और अन्य संस्थान चल रहे हैं। करीब 16 मोटल और रिसार्ट को निजी निवेशकों को दीर्घकालीन लीज पर दे दिया गया है, और जो वर्तमान में पर्यटन निगम द्वारा संचालित 12 होटल, और रिसार्ट में से 6 घाटे पर चल रहे हैं।
राज्य बनने के बाद यहां पर्यटन स्थलों को विकसित करने की योजना तैयार की गई। पर्यटन स्थलों के आसपास पर्यटकों के ठहरने के लिए होटल, मोटल और रिसार्ट निर्माण की योजना बनाई गई। पर्यटन स्थल तो विकसित नहीं हुए थे, लेकिन रमन सरकार के पहले, और दूसरे कार्यकाल में प्रदेश में कुल 33 होटल, मोटल और रिसार्ट बन गए।
बताया गया कि महासमुंद, बस्तर, बलौदाबाजार, जीपीएम, बिलासपुर, कबीरधाम, सरगुजा, जशपुर, कोंडागांव, धमतरी, कांकेर, कोरिया, सरगुजा, कोरबा, जांजगीर-चांपा, रायगढ़, दुर्ग, रायपुर, गरियाबंद, दंतेवाड़ा में होटल, मोटल और रिसार्ट बनाए गए। खास बात यह है कि पर्यटकों की आवाजाही कम होने के कारण ज्यादातर होटल, मोटल, और रिसार्ट खाली पड़े रहे। इसके बाद विभाग में निजी निवेशकों को लीज पर देने की योजना बनाई।
बताया गया कि 16 मोटल, और रिसार्ट को लीज पर निजी निवेशकों को संचालन के लिए दिया गया है। इनमें मितान मोटल चिरगुड़ा, सरगुजा के चड़ीरमा, कोरबा के कोनकोना, जांजगीर-चांपा के कुलीपोटा, रायगढ़ के कोड़ातराई, कवर्धा, बिलासपुर के सरगांव, दुर्ग के खपरी, राजनांदगांव के तुमड़ीबोड, रायपुर के केन्द्री, धमतरी के भाटागांव, गरियाबंद के राजिम, कोंडागांव के कोण्डागांव, दंतेवाड़ा के हारम, बस्तर के तीरथगढ़, और रायपुर के माना तूता रिसार्ट को दीर्घकालीन लीज पर दिया जा रहा है।
आधा दर्जन रिसार्ट घाटे पर
पर्यटन बोर्ड 12 रिसार्ट को चला रहा है। इनमें से जीपीएम जिले के आमाडोब, कबीर चबूतरा घाटे पर चल रहे हैं। जशपुर के बाला छापर, कोंडागांव के धनकूल एथनिक रिसार्ट, और कांकेर के हिलमैना हाईवे रिसार्ट भी घाटे में चल रहे हैं। बाकी 6 रिसार्ट फायदे में हैं जिनसे एक साल में 1 करोड़ 70 लाख का फायदा हुआ है।
पांच मोटल का अन्य उपयोग
जगदलपुर के मितान मोटल में अब जिला प्रशासन बस्तर अकादमी ऑफ डांस आर्ट एण्ड लिटरेचर चला रहा है। इसी तरह बस्तर के नगर नार मोटल में एनएमडीसी को हस्तांतरित किया जा रहा है। यही नहीं, महासमुंद के कांपा मितान मोटल में अब कृषि कॉलेज चल रहा है। सिंगारभाठा के मितान मोटल को बीएसएफ को किराए पर दे दिया गया है। केशकाल के जोहार टूरिस्ट रिसार्ट को सीआरपीएफ के अधीन कर दिया गया है।