रायपुर
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 31 मार्च। छत्तीसगढ़ मंत्रालयीन कर्मचारी संघ की कल हुई बैठक में 13 अप्रैल को तालाबंदी का फैसला किया गया। बैठक की अध्यक्षता संघ के अध्यक्ष महेन्द्र सिंह राजपूत ने की। बैठक में समस्त अधिकारी/कर्मचारियों का गुस्सा सरकार पर फूटा। सभी कर्मचारियों द्वारा छत्तीसगढ़ में महंगाई भत्ता में केन्द्र सरकार से अप्रत्याशित अंतर को छत्तीसगढ़ के कर्मचारियों के हितों पर कुठाराघात निरुपित किया। संघ के उपाध्यक्ष हीराचंद बघेल, संयुक्त सचिव मनोज साहू, कोषाध्यक्ष पवन साहू, सदस्य उमेश सिंह ने बताया कि केन्द्र सरकार द्वारा आज महंगाई भत्ता में 3 फीसदी की वृद्धि का निर्णय लिया गया है जिससे छत्तीसगढ़ में महंगाई भत्ता केवल आधा प्राप्त हो रहा है। संघ के अध्यक्ष राजपूत ने मुख्यमंत्री से आग्रह किया है कि तत्काल शासन केन्द्र के समान महंगाई भत्ता का आदेश जारी करे न्याय की अवधारणा को सिद्ध करे। उन्होंने बताया कि महंगाई भत्ता के साथ ही विगत 6 वर्षों से गृह भाड़ा भत्ते का पुनरीक्षण नहीं होने से कर्मचारी आक्रोशित हैं। इस सम्बन्ध में मंत्रालयीन कर्मचारी संघ की अगुआई में शासन को चरणबद्ध आंदोलन की सूचना महँगाई भत्ता संघर्ष मोर्चा के बैनर तले 18 से अधिक संगठनों द्वारा पहले ही दे दी गई है। आंदोलन के तीसरे चरण के रूप में शासन को जगाने हेतु मंत्रालय के अधिकारी/कर्मचारी 13 अप्रैल, 2022 को एक दिवसीय सामूहिक अवकाश पर रहेंगे जिससे मंत्रालय में तालाबंदी की स्थिति रहेगी।
इससे पूर्व इन दोनों मांगों के समर्थन में दो चरणों में क्रमश: 7 मार्च को मंत्रालय एवं जिला मुख्यालयों में प्रदर्शन एवं 11 मार्च को बुढ़ापारा धरना स्थल से विधानसभा घेराव की कोशिश की गई है। मंत्रालयीन कर्मचारी अधिकारी के साथ ही पूरे प्रदेश के कर्मचारी आशान्वित है कि शासन हड़ताल अथवा तालाबंदी की स्थिति को तत्परता से निर्णय लेकर दूर करेगी।