रायपुर
![जंगलों में आगजनी की 36 सौ घटनाएं जंगलों में आगजनी की 36 सौ घटनाएं](https://dailychhattisgarh.com/uploads/chhattisgarh_article/1648902385611842327G_LOGO-001.jpg)
रायपुर, 2 अप्रैल। वन कर्मियों और उनके समर्थन में आए रेंजरों के हड़ताल पर जाने के कारण जंगल के भीतर की व्यवस्था गड़बड़ा गई है। संघ की 12 सूत्रीय मांगों को लेकर लगभग 10 हजार कर्मचारी पिछले 10-12 दिनों से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर हंै। इसके कारण वनक्षेत्र में मौजूद वन्यजीव और पेड़-पौधे खतरे में हैं। एकतरफ वनकर्मियों का हड़ताल जारी है तो दूसरी तरफ जंगल चारोतरफ आग की चपेट में है। अब तक आग की 3600 से अधिक घटनाएं हो चुकी हैं। बता दें कि छत्तीसगढ़ वन कर्मचारी संघ की ओर से लम्बे समय से अपनी मांगों को लेकर विभाग के अधिकारी और मंत्री सहित मुख्यमंत्री को ज्ञापन सौंपने के बाद निराकरण नहीं होने से नाराज हैं। इसे लेकर संघ के अध्यक्ष मृत्युंजय शर्मा और प्रचार सचिव पवन पिल्ले ने कहा कि हम सभी कर्मचारी जंगलों की सुरक्षा के लिए 24 घण्टे ड्यूटी करते हैं, लेकिन उसके अनुरूप हमे वेतन नहीं मिलता। हमारे वेतन ग्रेड पे में वृद्धि किया जाए इस तरह 12 सूत्रीय मांगे हैं, जिसके पूरा होने तक यह आंदोलन जारी रहेगा।
हड़ताल कर रहे कर्मचारियों ने बताया कि हमारी 12 सूत्रीय मांगों में प्रमुख रूप से दैनिक वेतन भोगी, कर्मचारियों का नियमितीकरण और ग्रेड पे परिवर्तन साथ ही 2003 से लेकर 2012 तक के जिन कर्मचारियों से रिकवरी की जा रही है, उनसे रिकवरी नहीं किया जाए। इसके अलावा महाराष्ट्र सरकार की तर्ज पर सभी कर्मचारियों को पौष्टिक आहार भत्ता दिया जाए। वन कर्मचारियों के हड़ताल पर जाने से जंगलों की सुरक्षा अब खतरे में नजर आ रही है क्योंकि सैकड़ों की संख्या में वन कर्मचारी हड़ताल पर चले गए हैं। इससे जंगलों की सुरक्षा की जिम्मेदारी अधिकारियों के ऊपर आ चुकी है।