रायपुर

खैरागढ़ में कांग्रेेस-भाजपा के बीच खंदक की लड़ाई, सीएम अगले 6 दिन प्रचार में जुटेंगे
03-Apr-2022 5:37 PM
खैरागढ़ में कांग्रेेस-भाजपा के बीच खंदक की लड़ाई, सीएम अगले 6 दिन प्रचार में जुटेंगे

शिवराज, प्रहलाद पटेल, और उमा भारती भी प्रचार के लिए आएंगे 

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता

रायपुर, 3 अप्रैल। खैरागढ़ में कांग्रेस, और भाजपा के बीच खंदक की लड़ाई के आसार हैं। सीएम भूपेश बघेल सोमवार से अगले 6 दिन खैरागढ़ के अलग-अलग इलाकों में चुनावी सभा लेंगे, तो भाजपा की तरफ से मप्र के सीएम शिवराज सिंह चौहान, और पूर्व केंद्रीय मंत्री उमा भारती समेत कई बड़े नेता चुनाव प्रचार में जुटेंगे।

खैरागढ़ में चुनावी माहौल धीरे-धीरे गरमा रहा है। दोनों दलों के लिए यह चुनाव बेहद प्रतिष्ठापूर्ण है। यहां के चुनाव परिणाम का असर डेढ़ साल बाद होने वाले विधानसभा आम चुनाव में पड़ सकता है, यह मानकर दोनों ही दलों ने अपनी ताकत झोंक दी है। पिछले चुनाव में प्रदेश में अनुकूल माहौल होने के बावजूद कांग्रेस यहां तीसरे स्थान पर थी। जबकि भाजपा प्रत्याशी कोमल जंघेल मात्र 8 सौ वोट से ही हारे थे। दिवंगत देवव्रत सिंह ने चुनाव जीता था।

कांग्रेस को यहां संगठन का ढांचा कमजोर होने का अहसास है। नगरीय निकाय, और पंचायत चुनाव में भी पार्टी का प्रदर्शन अच्छा नहीं रहा है। यही वजह है कि चुनाव में पार्टी ने पूरी ताकत झोंक दी है। खुद सीएम भूपेश बघेल चुनाव प्रचार की मॉनिटरिंग कर रहे हैं। पार्टी ने कृषि मंत्री रविन्द्र चौबे, कवासी लखमा और अमरजीत भगत को चुनाव प्रचार की कमान सौंपी है। गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू तो चुनाव अभियान के प्रमुख हैं। सीएम श्री बघेल अगले 6 दिन खैरागढ़ के अलग-अलग क्षेत्रों में जाकर पार्टी प्रत्याशी के लिए वोट मांगेंगे। पहली बार कांग्रेस ने यहां चुनाव घोषणा पत्र जारी किया है। चुनाव जितने के बाद अगले दिन जिले के गठन की प्रक्रिया शुरू करने के साथ-साथ कई लोक लुभावन वादे किए गए हैं।

कांगे्रस के रणनीतिकारों का मानना है कि इससे पार्टी के पक्ष में माहौल बन रहा है। इससे परे भाजपा सरकार की विफलताओं को सामने रखकर बूथ मैनेजमेंट तैयार करने में जुटे हैं। भाजपा के पक्ष में एक प्रमुख बात यह है कि भाजपा प्रत्याशी कोमल जंघेल छुईखदान इलाके के रहने वाले हैं, जहां मतदाताओं की संख्या ज्यादा है। जबकि कांग्रेस प्रत्याशी यशोदा वर्मा खैरागढ़ इलाके की रहने वाली है। दूसरे क्षेत्रों में पहचान का संकट हैं। मगर इसकी कमी को सरकार के मंत्री, और विधायक पूरी कर रहे हैं।

आबकारी मंत्री कवासी लखमा जंगल के इलाकों में प्रचार में जुटे हैं। दूसरी तरफ, भाजपा ने जातीय समीकरण को देखते हुए उस वर्ग के राष्ट्रीय नेताओं को प्रचार के लिए बुलाया है। मसलन, लोधी समाज के मतदाताओं की संख्या को देखते हुए पूर्व केंद्रीय मंत्री उमा भारती, प्रहलाद पटेल को प्रचार के लिए बुलाया है। ये सभी नेता 4 तारीख के बाद यहां आएंगे। दोनों ही लोधी समाज से है। इसके अलावा मध्यप्रदेश के सीएम शिवराज सिंह चौहान भी जल्द प्रचार के लिए आएंगे। कुल मिलाकर आने वाले दिनों में यहां का चुनावी पारा गरम रहेगा।

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