रायपुर

पुरानी पेंशन योजना के अध्ययन के लिए जयपुर गए अफसरों ने सरकार को सौंपी रिपोर्ट कहा-राजस्थान की योजना बहुत अच्छी
03-Apr-2022 5:38 PM
पुरानी पेंशन योजना के अध्ययन के लिए जयपुर गए अफसरों ने सरकार को सौंपी रिपोर्ट कहा-राजस्थान की योजना बहुत अच्छी

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता

रायपुर, 3 अपैल। नए साल का बजट जारी होते ही वित्त विभाग ने पुरानी पेंशन योजना (ओपीएस) लागू करने की कवायद तेज कर दी है। हालांकि इसमें अभी एक-दो माह का समय लग सकता है। इसे देखते हुए राज्य सरकार ने एनएसडीसीएल मुंबई को सीपीएफ का अंशदान देना रोक दिया है।

अधिकारी सूत्रों के अनुसार छत्तीसगढ़ में राजस्थान की तर्ज पर ओपीएस लागू हो सकती है। इसमें थोड़ा बहुत बदलाव होगा, तो कैबिनेट की मंजूरी लेनी पड़ेगी। राजस्थान की नीति के अध्ययन के लिए जयपुर गए छत्तीसगढ़ के अफसरों ने सरकार को अपनी रिपोर्ट सौंप दी है। अपर संचालक केएल रवि, उप सचिव विजय शुक्ला, संयुक्त संचालक किरण नागेश को जयपुर भेजा गया था। इन्होंने राजस्थान वित्त विभाग के अफसरों से हुई बातचीत के अनुसार अपनी प्रारंभिक रिपोर्ट दी है। राजस्थान ने ओपीएस के लिए काफी पहले से रोड मैप तैयार रखा था। उसे ही नीति के रूप में जल्द गहलोत कैबिनेट से मंजूरी लेकर लागू कर दिया जाएगा। इस नीति के अध्ययन के बाद छत्तीसगढ़ अपनी नीति और नियम बनाएगी। इसमें एक-दो माह का समय लग सकता है। ओपीएस लागू करने के फैसले के बाद राज्य सरकार ने एनएसडीएल को हर महीना दिए जाने वाले अंशदान को रोक दिया गया है।

छत्तीसगढ़ वित्त अफसरों का कहना है कि विभाग 2005 में ज्वाइन करने वाले कर्मचारियों का पैमाना मानकर आंकलन किया गया है। उनके मुताबिक इस योजना के लागू होने से सरकार पर कोई बड़ा आर्थिक बोझ पड़़ता नजर नहीं आ रहा है। इसके उलट 2005 में भर्ती अमले को पेंशन की देनदारी भी 30-35 साल बाद आएगी। 

बताया गया कि राज्य में इस समय 2 लाख 95 हजार 110 अधिकारी-कर्मचारी कार्यरत है। इनमें डेढ़ लाख शिक्षाकर्मी हैं। वित्त विभाग ने 2005 में भर्ती हुए कर्मचारियों को मानक मानकर किए गए आंकलन के अनुसार बताया है कि एनएसडीएल का शेयर बचेगा वहीं पेंशन की देनदारी भी फौरन न होकर 30 साल बाद वर्ष 2035 से होगी। तब तक पेंशन की यह राशि जीपीएफ में जमा होती रहेगी। एक तरह से पुरानी योजना सरकार के लिए आय का बड़ा साधन भी होगा। 

निगम मंडलों में भी लागू करने की मांग, सीएम को लिखी चिट्ठी

छत्तीसगढ़ निगम मंडल कर्मचारी महासंघ ने मुख्यमंत्री बघेल को पत्र लिखकर प्रदेश के निगम-मंडल-बोर्ड प्राधिकरण में पुरानी पेंशन योजना लागू करने की मांग की है। महासंघ के प्रांताध्यक्ष संजय सक्सेना, महासचिव राजकुमार अवस्थी, संयुक्त सचिव प्रदीप स्वामी, और प्रवक्ता डीएल चौधरी ने कहा है कि ऐसे कर्मचारी जिनकी संख्या कुल मिलाकर कुछ प्रतिशत ही होगी, जो राज्य के निगम मंडल के कर्मचारी हैं उनको भी शासकीय कर्मचारी की तरह पेंशन की घोषणा करें। ये कर्मचारी भी राज्य की विभिन्न योजनाओं के क्रियांवयन में 30 -35 साल तक महत्वपूर्ण योगदान देते हैं । उल्लेखनीय है ऐसा करने से शासन के उपर कोई ज्यादा भार भी नहीं आयेगा , क्योकि इन शासकीय कर्मचारियों के ईपीएफ में जो प्रतिमाह वेतन का 12 प्रतिशत शासन का योगदान जमा होता है वह योगदान अगर शासन अपनी पेंशन योजना इन पर लागू करता है , यह राशि जो करोड़ों में होगी  ईपीएफ के खाते से नगद शासन के खाते में आयेगी एवं शासन को जो प्रतिमाह इन कर्मचारियों को उनके वेतन एवं बेसिक का 12 प्रतिशत अंशदान के रूप में देना पड़ता है उस खर्च का भार भी शासन पर कम हो जाएगा ।

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