रायपुर
![सांई वाटिका डकैती लाइव : मालूम था घर का डॉग लंबे समय से बीमार, पहले पति को चादर से बांधा, फिर पत्नी से कहा, माल किधर है... सांई वाटिका डकैती लाइव : मालूम था घर का डॉग लंबे समय से बीमार, पहले पति को चादर से बांधा, फिर पत्नी से कहा, माल किधर है...](https://dailychhattisgarh.com/uploads/chhattisgarh_article/1649074054223333.jpg)
दिनेश की पत्नी के साथ कमरे का मुआयना करते पुलिस अधिकारी
रॉड-डंडे की बदौलत छह लोग लाखों के जेवर लूटे, शक प्री प्लान का
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 4 अप्रैल। देवपुरी मुख्य मार्ग से महज एक किलोमीटर से कम की दूरी में डकैती की घटना ने पुलिस के होश उड़ा दिए हैं। आधी रात घर पहुंचने वाले डकैतों के तरीका ने भी पुलिस वालों को चौंका दिया है। छह से सात लोग चेहरे में कपड़े बांधकर साहू निवास में घुसे थे। डकैत पहले से जान रहे थे कि घर में एक डॉग है जो लंबे समय से बीमार है। इसलिए बेखौफ अंदर आकर पहले पति को बिस्तर की चादर फाडक़र बांधा, इसके बाद पत्नी को साथ में ले जाकर कमरे की आलमारी से जेवर निकलवाए। मेडिकल कारोबारी दिनेश साहू घटना के बाद मीडिया से रूबरू हुए तब उन्होंने आपबीती सुनाई। घर में जो डॉग है वह बूढ़ा हो चुका है। 12 साल की आयु पूरी कर लेने के बाद शरीर साथ नहीं दे रहा। डकैतों ने इसका भरपूर फायदा उठाया।
दिनेश ने बताया, उनके घर का दरवाजा आमातौर पर खुला ही रहता है। पहले उनके यहां दो डॉग थे जिसमें एक महीने पहले ही एक की मौत हो गई। इसके बाद भी उन्हें किसी तरह के डर का आभास नहीं था। डॉग के जागते रहने के वक्त वे घर का दरवाजा अंदर से बंद किए बिना ही सो जाया करते थे। रविवार को भी ऐसा ही किया। दरवाजा बंद तो था लेकिन अंदर से सिटकिनी नहीं लगाया। डकैती धक्का देकर अंदर घुस आए। सीधे कमरे में आकर उन पर कब्जा जमा लिया। दिनेश ने यह भी बताया, नकाबपोश अपने साथ राड और डंडे लेकर पहुंचे थे। उन्होंने शोर नहीं मचाने चेतावनी दी। डकैतों ने कहा, उन्हें जो चाहिए वो चुपचाप दें दे, वरना ठीक नहीं होगा। इसके बाद दूसरे कमरे में दंपत्ति को लेकर आलमारी से जेवर लूटे। जेवर निकालने के दौरान सारे कपड़े और बैग खंगाला। रात करीब तीन बजे से चार बजे के बीच डकैत उनके घर पर थे। जेवर व कैश लूट लेने के बाद सभी मेन गेट से ही बाहर निकले, इसके बाद छह में से एक शख्स ने स्कूटर को भी चुरा लिया। स्कूटर में चाबी लगा हुआ था, एक बदमाश उसे अपने साथ ले गया।
तो डकैत लगे थे कॉलोनी की रेकी में
जिस तरह से वारदात का तरीका है यह प्री प्लांट लग रहा है। आशंका है कि डकैती की प्लानिंग के पहले कॉलोनी की अच्छी तरह से रेकी की गई थी। ऐसे घर को टारगेट फिक्स किया जहां से भागने चारों तरफ रास्ता खुला था। प्रार्थी दिनेश का मकान भी ठीक उसी पाइंट पर है जहां करीब के हिस्से में बाउंड्रीवाल कई जगहों से टूटे हुए हैं। दीवार फांदने के बाद सीधे मेन रोड मिलता है। चंद मिनट में गायब होने यह रास्ता काफी है।
10 बजे डिलीवरी बॉय की एंट्री
कॉलोनी में एंट्री गेट पर जहां गार्ड तैनात है वहां रखे रजिस्टर मे आखिरी एंट्री डिलीवरी बॉय की है। दस बजे के बाद तीन लोग पहुंचे हैं जो सभी के सभी पार्सल देने आए हैं। इसके बाद से कोई भी एंट्री नहीं है। दिनभर में पार्सल देने और लेने के बहाने भी रेकी की पूरी संभावना है। डकैत दिन से सक्रिय थे। रात होने के बाद में हमला किया।
पहली डकैती ऐसी जिसमें वाहन ले गए
राजधानी में घटित डकैती की घटनाओं में सांई वाटिका की घटना बिल्कुल अलग पैटर्न का है। बिना किसी हिंसा के डकैतों ने रकम और जेवर निकलवाने दबाव बनाया। जाते समय घर में रखे स्कूटर वाहन ले भागे। इसके पहले एक निजी नर्सिंग होम और फिर सेल टेक्स वकील समता कॉलोनी के घर हुई डकैती पेशेवर तरीके से की गई थी। बाहरी पेशेवर डकैतों ने वारदात को अंजाम दिया। सांई वाटिका के नए पटर्न ने चौंकाया।