सरगुजा
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
लखनपुर, 4 अप्रैल। सरगुजा जिले के लखनपुर वन परिक्षेत्र के ग्राम लबजी के आश्रित ग्राम लोटाढोड़ी में हाथियों ने जमकर उत्पात मचाया है। चौदह जंगली हाथियों के दल ने दो दर्जन ग्रामीणों के घर को बुरी तरह क्षतिग्रस्त कर दिया है, जिससे ग्रामीण पेड़ के नीचे रहने को मजबूर हैं, वहीं पूरी रात रतजगा कर रहे हैं। ग्रामीण अपने छोटे एवं वृद्धजनों की सुरक्षा खुद कर रहे हंै, आरोप है कि प्रशासन से कोई भी मदद नहीं मिल रही है।
लखनपुर वन परिक्षेत्र के वनांचल लब्जी के आश्रित ग्राम लोटाढोड़ी में 17 मार्च को 8 हाथियों का दल रायगढ़ जिला के कापू जंगल होते हुए लखनपुर वन परिक्षेत्र के सीमा में पहुंचा और ग्राम लब्जी के लोटाढोढ़ी में सर्वप्रथम 8 हाथियों का दल पहुंचा और रात में स्वच्छंद विचरण करते हुए वहां निवासरत वनवासियों के घरों को तोडफ़ोड़ कर रखे खाद्य सामग्री धान, चावल, महुआ व अन्य सामग्री चट कर गए थे।
ग्रामीण पहले ही 8 हाथियों का दल से परेशान ग्रामीण थे और वहीं 1 सप्ताह के अंदर हाथियों के दल रायगढ़ कापु मैनपाट होते हुए लखनपुर सीमा में पहुंच गए और 14 जंगली हाथियों का दल एकत्रित होकर रात्रि में मैनपाट सीमा के बाहर खुली जंगल में रहते और रात्रि होते ही यह लखनपुर सीमा के लोटाढोड़ी गांव में पहुंचकर पूरी रात उत्पात मचाते हैं और घर में रखे चावल, धान, महुआ सहित तमाम खाद्यान्न पदार्थ को चट करते हुए बुरी तरह से घर को तोड़ दिया जाता है।
गांव के ही ननका राम कोरवा पिता लोधरों कोरवा ने बताया कि लगभग दो दर्जन ग्रामीणों के घर को 14 जंगली हाथियों के द्वारा तोड़ा गया है। टूटे हुए घर को पुन: कई बार आकर फिर हाथी दल के द्वारा तोड़ा जा रहा है।
लोटाढोड़ी में 12 ग्रामीणों क्रमश: जंत्री यादव पिता सीताराम यादव, प्रदीप केरकेट्टा पिता लन्दा केरकेटा, मोहना उराव पिता बखोरी उरांव, प्रकाशक का पिता जागेश्वर इक्का ,नान्हू कोरवा पिता पंडरुकोरवा, रूगसू कोरवा पिता सोमारू कोरवा , ननका राम कोरवा पिता लोधरो कोरवा, रूगसू कोरवा पिता सोमारू कोरवा, ईश्वर कोरवा पिता रामनाथ कोरवा, जगदीश कुरवा पिता नान्हू कोरवा , रूपन केरकेट्टा पिता रघुवीर केरकेट्टा, कोलाई कोरवा पिता सैनाथ कोरवा आदि के घर को 14 हाथियों के दल ने एक बार नहीं कई बार आकर तोड़ा जा रहा है और ग्रामीण पेड़ खलिहान सहित इधर-उधर अपने छोटे-छोटे बच्चों और वृद्ध परिजनों को सुरक्षित स्थानों में रखकर रतजगा कर रहे हैं।
जिस तरह लगातार हाथियों के द्वारा स्वच्छंद विचरण कर वनांचल वासियों के घरों को तोडक़र बेघर किया जा रहा है और वहीं वन विभाग के वनरक्षक वनपाल सहित तमाम कर्मचारी इन दिनों हड़ताल पर जाने से परेशानियां और भी बढ़ गई हैं। वनवासियों का जनजीवन अस्त व्यस्त हो चुका है। वन वासियों को अभी तक वन विभाग सहित प्रशासन से किसी भी तरह का सहयोग नहीं मिल पा रहा है।