रायपुर

चिटफंड कंपनी एनआईसीएल के छह आरोपी वापस ओडि़शा जेल दाखिल रायपुर में करोड़ों रुपये की ठगी, जांच के लिए बनेगी विशेष टीम
07-Apr-2022 7:02 PM
चिटफंड कंपनी एनआईसीएल के छह आरोपी वापस ओडि़शा जेल दाखिल रायपुर में करोड़ों रुपये की ठगी, जांच के लिए बनेगी विशेष टीम

तिल्दा को सेंटर बनाकर कंपनी ने नियुक्त किए थे एजेंट

छत्तीसगढ़ संवाददाता

रायपुर, 7 अप्रैल। चिटफंड कारोबार में पुलिस ने एनआईसीएल कंपनी के छह लोगों की गिरफ्तारी के बाद उन्हें वापस ओडिशा जेल दाखिल करा दिया है। ओडिशा से ट्रांजिट रिमांड लेकर आरोपियों की रायपुर से जुड़े मामले में गिरफ्तारी की प्रक्रिया पूरी की गई। जल्द इस मामले में कोर्ट के समक्ष चालान पेश किया जाएगा। तिल्दा में चिटफंड कारोबार के लिए सेंटर बनाकर कंपनी के डायरेक्टरों ने कई एजेंट नियुक्त किए थे। आरोपियों की गिरफ्तारी की प्रक्रिया पूरी कर लेने के बाद अब चिटफंड कारोबार का ब्योरा जुटाने पुलिस ने अलग से टीम बनाने के संकेत दिए हैं। एनआईसीएल कंपनी ने प्रदेश की राजधानी में ही बीस करोड़ रुपये से ज्यादा का चिटफंड कारोबार किया है। बताया जा रहा है सात से आठ सालों तक सक्रिय रहने के दौरान इस कंपनी ने कइयों से निवेश कराए। निवेश की रकम हड़प लेने के बाद राज्य के बाहर प्रापर्टी में निवेश किए। पुलिस अब छानबीन करके आरोपियों की चल-अचल संपत्ति का पता लगाएगी। जांच पूरी हो जाने के बाद में संपत्ति कुर्क करने की कार्रवाई शुरू होगी। इसके पहले तिल्दा में रहने वाले कुलेश्वर प्रसाद साहू के साथ कई लोगों ने थाना में इस कंपनी के खिलाफ में मामला दर्ज कराया था। कंपनी ने सेंटर कार्यालय खोलकर यहां से करोड़ों रुपये निवेश कराए। पीडि़तों को लुभावनी स्कीमें बताकर बैंक डीडी और फिर बांड के नाम पर रकम वसूल किए।

ये आरोपी फिर से ओडिशा जेल में

चिटफंड कंपनी के अभिषेक सिंह चौहान, हरिश शर्मा, प्रबल प्रताप सिंह, निरंजन सक्सेना, आशीष चौहान और फिर लखन सोनी के खिलाफ अपराध दर्ज है। इन आरोपियों को रायपुर पुलिस ने अपने मामले में गिरफ्तार करने के बाद वापस ओडिशा जेल भेज दिया है। बताया जा रहा है कंपनी से जुडक़र निवेश कराने वालों में और कई लोग भी शामिल हैं। पुलिस अब एजेंटों का पता लगाकर दूसरे आरोपियों के बारे में पतासाजी करेगी। भूमिका तय होने के बाद उन्हें भी गिरफ्तार किया जाएगा।

ओडिशा के मामले में चल रहा केस

आरोपियों के खिलाफ सीबीआई भुनेश्वर में केस दर्ज करने के बाद उन्हें पकड़ा गया है। ओडिशा में करोड़ों रुपये की ठगी का हिसाब सीबीआई को मिल चुका है। रायपुर पुलिस वहां किए गए अपराध के बारे में भी ब्योरा ले रही है। छत्तीसगढ़ में इस कंपनी ने कब से पैर पसारे और फिर किन-किन जिलों में जाकर नेटवर्क जमाया, इसके बारे में जांच होना बाकी है।  तिल्दा नेवरा थाना में धारा 420, 409, धन परिचालन स्कीम पाबंदी अधिनियम, निपेक्षकों के हिता का संरक्षण अधिनियम के तहत अलग-अलग धाराओं में अपराध पंजीबद्ध है।

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