रायपुर
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 7 अप्रैल। छत्तीसगढ़ नागरिक संघर्ष समिति द्वारा रायपुर में जगह-जगह बजाए जा रहे लाउडस्पीकर तथा वाहनों में स्पीकर रखकर डीजे बजाने और ध्वनि प्रदूषण के मामले में दायर अवमानना याचिका की सुनवाई मे दिनांक 1 अप्रैल को न्यायमूर्ति पी. सैम कोशी तथा न्यायमूर्ति पार्थ प्रतीम साहू की बेंच के समक्ष याचिकाकर्ता की तरफ से कोर्ट को बताया गया कि नागरिकों की सबसे बड़ी समस्या जगह-जगह तेजी से लाउडस्पीकर बजना तथा वाहनों पर स्पीकर रखकर बजाना है। परीक्षा के समय भी तेज हवा से ध्वनि प्रदूषण किया जाता है। इस पर अधिकारियों ने शपथ पत्र दिया कि वे पूर्व में नितिन सिंघवी विरुद्ध छत्तीसगढ़ राज्य नामक जनहित याचिका में कोर्ट द्वारा जारी किए गए आदेश का शब्द: पूरा पालन करेंगे। अतिरिक्त महाधिवक्ता ने भी कोर्ट को आश्वस्त किया कि ऐसे वाहनों को तत्काल जप्त किया जावेगा तथा अधिकारियों की जानकारी में किसी भी समय प्रकरण आने पर कोर्ट द्वारा दिए निर्देशों का पालन किया जायेगा।
टेलीफोन नंबर जारी करे, कोर्ट ने राज्य को पालिसी बनाने आदेशित किया
कोर्ट ने राज्य सरकार को ध्वनि प्रदूषण के संबंध में पालिसी बनाने के लिए आदेशित कर कहा कि ध्वनि प्रदूषण के संबंध में ऐसे नंबर जारी करें जिससे आमजन सीधे अधिकारियों से शिकायत कर सके। अतिरिक्त महाधिवक्ता ने कोर्ट को आश्वस्त किया कि इस पर वे लोकल प्रशाशन से उचित कदम उठाने को कहेंगे। याचिका का निराकरण करते हुए कोर्ट ने आदेशित किया कि आमजन में जागरूकता पैदा की जावे तथा कोर्ट द्वारा पूर्व में दिए गए आदेश का शब्द तरह पालन किया जावे।
क्या आदेशित कर रखा है पूर्व में कोर्ट ने
पूर्व में दायर जन हित याचिका में कोर्ट ने गाडियों पर साउंड बॉक्स रख कर डी जे बजने पर, रात 10 बजे जे बाद किसी स्थान, समारोह शादी में डी जे बजाने पर, स्कूल कॉलेज अस्पताल कोर्ट ऑफिस से 100 मीटर डिस्टेंस के भीतर लाउड स्पीकर बजने पर प्रतिबन्ध लगा रखा है तथा वाहनों व ध्वनि यंत्रो को जप्त करने के आदेश दे रखे है। प्रेशर हॉर्न तथा मल्टी टन हॉर्न लगा पाए जाने पर उसे निकल कर नष्ट किया जाना है। दिन के समय में भी निर्धारित मापदंडो से जयादा ध्वनि निकलने पर सुप्रीम कोर्ट ने प्रतिबन्ध लगा रखा है।