रायपुर
![जिला निर्वाचन कार्यालयों में कार्यरत 86 कर्मचारियों की सेवाएं एक साल के लिए बढ़ी जिला निर्वाचन कार्यालयों में कार्यरत 86 कर्मचारियों की सेवाएं एक साल के लिए बढ़ी](https://dailychhattisgarh.com/uploads/chhattisgarh_article/1649419784611842327G_LOGO-001.jpg)
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 8 अपै्रल। राज्य शासन ने प्रदेश में चल रहे मतदाता सूची पुनरीक्षण कार्य को देखते हुए जिला निर्वाचन कार्यालयों में कार्यरत 86 कर्मचारियों की सेवा अवधि फरवरी 2023 तक के लिए बढ़ा दी गई। इस संबंध में विधि और विधायी विभाग (निर्वाचन) कार्य विभाग मंत्रालय ने सभी कलेक्टरों को पत्र जारी कर दिया है।
इसके लिए प्रदेश तृतीय वर्ग कर्मचारी संघ ने मुख्यमंत्री भूपेश बधेल, अपर मुख्य सचिव वित्त, एवं मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी के प्रति आभार व्यक्त किया है। साथ ही मांग की है कि विगत् 8-10 वर्षो से पदो की उपलब्धता होने व निरंतर कार्य करने वाले इन कर्मचारियों को रिक्त पदों के विरूद्व नियमितिकरण न किए जाने से भविष्य अब भी अंधकारमय बना हुआ है। पूरे प्रदेश में कार्यरत् इन 86 कर्मचारियों का नियमितिकरण कर समायोजन किए जाने की मांग मुख्यमंत्री से की गई है ताकि जनधोषणा के पत्र के वादे को पूरा किया जा सके।
प्रदेशाध्यक्ष विजय कुमार झा, जिला शाखा अध्यक्ष इदरीश खान ने बताया है कि प्रदेश के जिला निर्वाचन कार्यालयों में वर्षो से कार्यरत् कर्मचारियों को मतदाता फोटो परिचय का कार्य की तैयारी व कार्य हेतु अस्थाई व संविदा के रूप में विगत् 2004 के निर्वाचन से लेकर वर्ष 2019 के निर्वाचन कार्यो में प्रति वर्ष सेवा वृद्वि करते हुए काम लिया जाता रहा है। जिसके अंतर्गत् कार्यरत् सहायक ग्रेड-2, सहायक वर्ग-3 तथा भृत्य के गतवर्ष 37 अस्थाई पदों तथा 60 संविदा पदों कुल 97 कर्मचारियों के स्थान पर अब 32 अस्थाई, 54 संविदा पदों कुल 86 पदों की सेवाएं 01 मार्च 2022 से एक वर्ष के लिए अर्थात 28 फरवरी 2023 तक वृद्वि कर निरंतरता प्रदान करने विषयक आदेश प्रसारित किए गए हैे।
इस आदेश का संघ के प्रांतीय कार्यकारी अध्यक्ष अजय तिवारी, महामंत्री उमेश मुदलियार, संभागीय अध्यक्ष संजय शर्मा, रामचंद्र ताण्डी, सुरेन्द्र त्रिपाठी, विमल चंद्र कुण्डू, आलोक जाधव, अनियमित कर्मचारी संध के नेता बजरंग मिश्रा, रवि गढ़पाले, गोपाल प्रसाद साहू, सी.एल.दुबे, अतुल दुबे, होरी लाल छेद्इया, ए.जे.नायक, राज कुमार देशलहरे, संतोष चौबे आदि नेताओं ने 2018 के बाद निरंतर बढ़ते मंहगाई की तुलना में मानदेय पारिश्रमिक में वृद्वि न होने के कारण, मासिक मानदेय में वृद्वि करने की मांग की है।