रायपुर
![हैवानियत की सारी हदें पार, शरीर में पानी बताकर डाला पेट्रोल, फिर बीड़ी पीकर जला दिया, सूने जंगल के खार में दब गई मासूम हर्ष की चीखें हैवानियत की सारी हदें पार, शरीर में पानी बताकर डाला पेट्रोल, फिर बीड़ी पीकर जला दिया, सूने जंगल के खार में दब गई मासूम हर्ष की चीखें](https://dailychhattisgarh.com/uploads/chhattisgarh_article/16494201118.jpg)
इसी गली से हर्ष को अगवा कर ले गया था आरोपी
आरोपी ने पूरे परिवार को मौत के घाट उतारने बनाई थी योजना
हर्ष अपहरणकांड खुलासा
छत्तीसगढ़ संवाददाता
रायपुर, 8 अप्रैल। उरला के वार्ड नंबर 4 से गायब बालक हर्ष चेतन को आरोपी पड़ोसी ने उसी दिन मौत के घाट उतार दिया था जिस दिन घरवाले थाने में गुमशुदगी रिपोर्ट दर्ज कराने पहुंचे थे। सुबह दस बजे बच्चे को अपने साथ ले जाने के बाद 12 किलो मीटर दूर बेरला के घने जंगल के बीच खार में उसे पेट्रोल डालकर जला दिया। बच्चे को मौत के घाट उतारने आरोपी पंचराम ने हैवानियत की सारी हदें पार कर दी।
पुलिस को दिए अपने बयान में पंचराम ने यह कहा कि उसने पहले बच्चे को नहलाने की बात कहते हुए पेट्रोल डाला। अपने पास रखे गमछे को हर्ष के माथे पर बांधा इसके बाद ईंधन का इस्तेमाल किया। पेट्रोल डालने से हर्ष की आंखों में जलन होने लगा, तब मासूम वहीं रोने लगा। चाचा आंख जलता है कहा लेकिन आरोपी पंचराम को कोई फर्क नहीं पड़ा। उसने पेट्रोल डालने के बाद अपनी जेब से बीड्ी निकाली। बीड़ी का छल्ला निकाला इसके बाद इसी बीड़ी में दोबारा माचिस लगाकर उसे हर्ष के ऊपर फेंक दिया। पेट्रोल की वजह से हर्ष का बदन धू-धू कर जल उठा।
इस दिलदहला देने वाली घटना में मासूम की मौत की चीखें घने जंगलों के बीच के एक सूने खार में जमींदोज होकर रह गई। दिन में दोपहर बाद आरोपी वहां से भाग निकला। अगले रोज भिलाई-दुर्ग पहुंचने के बाद अपनी दोपहिया पंद्रह हजार रुपये में बेची। इसके बाद नागपुर के लिए निकल गया। पुलिस को दिए बयान से पता चला है पंचराम हर्ष के अलावा उसके भाई दिव्यांश को भी मौत के घाट उतारना चाहता था। अगर पांच अप्रैल को दिव्यांश भी साथ चला गया होता तो उसे भी हर्ष की तरह जलाकर मार देता।
सनकी मिजाज या शातिर अपराधी
जिस तरह से बच्चे को आरोपी पंचराम ने मौत के घाट उतारा उसे कोई सनकी कह रहा तो कोई शातिर अपराधी। घर से घुमाने के बहाने बच्चे को अगवा कर सूनसान जंगल ले जाकर उसे जला देने की घटना दूसरे तरफ भी इशारा करती है, हालांकि उरला पुलिस तमाम बिंदुओं पर छानबीन कर रही है। एक पहलू यह भी सामने आया है कि आरोपी पंचराम बालक हर्ष की मां के करीब आना चाहता था। इसलिए बच्चों को टारगेट कर लिया।
रात दो बजे ही खार निकली पुलिस
आरोपी पंचराम के नागपुर से पकड़े जाने के बाद हर्ष की लाश की तलाश में पुलिस रात दो बजे ही बेरला के लिए रवाना हो गई। चेतन परिवार के सदस्यों और पूर्व पार्षद को भी अपने साथ ले जाकर बच्चे का शव बरामद किया। मौके पर पहुंचे घर के सदस्यों ने बताया, लाश जलने के बाद सडक़ चुकी थी। मासूम को जिस जगह में आग लगाया, शव उससे तीन फीट की दूरी में छीटका मिला। आग लगने के बाद बच्चा इधर उधर दौड़ता रहा। चंद मिनटों में ही मासूम की सांसे थम गई। झाडिय़ों के बीच शव फंसा मिला।
मिल गई होती सूचना, बच जाता हर्ष
उरला पुलिस का दावा है कि हर्ष के गायब हो जाने के बाद घर वाले काफी देर से थाने तक पहुंची। इतने समय तक पंचराम घटना को अंजाम दे चुका था। पंचराम ने जो बयान दिए हैं उस हिसाब से सुबह 10 बजे बच्चे का अगवा करने के बाद लगभग पौन घंटे के भीतर उसने हर्ष को मार डाला। बेरला के जिस सूने खार तक पुलिस पहुंची उसकी दूरी उरला से 12 किलोमीटर की है।