गरियाबंद
तीन दिवसीय संगीतमय मानसगान सम्मेलन
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजिम, 11 अप्रैल। दक्षिण कोसल में राम कथा की व्याप्ति एवं प्रभाव से सोरिद खुर्द में त्री दिवसीय संगीतमय मानसगान सम्मेलन का आयोजन 10 से 12 अप्रैल तक आयोजित किया गया है। आयोजन के प्रथम दिवस जल कलश यात्रा के साथ शुरू हुई। प्रतियोगिता का आनंद लेने काफी अधिक संख्या में ग्रामीण तथा अन्य गांव के लोगों का तांता लग रहा और सभी रामनाम का जाप कर झूमते नजर आए। व्याख्याकारों ने अपने चिर परिचित अंदाज में एक से बढक़र एक सुप्रसिद्ध भजनों की प्रस्तुति देकर श्रोताओं को भावविभोर कर दिया। संगीतमय प्रस्तुति के दौरान पूरा वातावरण भक्तिमय हो उठा। श्रद्धालुओं ने पूरी तरह से डूबे हुए नजर आए।
आयोजन में प्रथम दिवस व्याख्याकारों ने बताया कि छत्तीसगढ़ के कण-कण में राम बसे हैं। यहां के लोगों की जीवन शैली पूरी तरह से राममय हैं। उनके जन्म से लेकर मृत्यु तक की यात्रा में भगवान श्री राम का प्रभाव है। छत्तीसगढ़ को दक्षिण कोसल के नाम से जाना जाता है। यह वह पुण्य भूमि है, जिसे भगवान श्रीराम का सान्निध्य मिला और अनेक पुण्य आत्माओं का भी जन्म हुआ है तथा अनेक ऋषि-मुनियों का आशीर्वाद प्राप्त है।
व्याख्याकारों ने कहा कि यहां की भूमि और यहां के लोगों में भगवान श्रीराम का इतना प्रभाव है कि उनकी सुबह राम नाम के अभिवादन से होती है और जब वे किसी से मिलते हैं तो वे एक दूसरे से राम-राम कहकर अभिवादन करते हैं। उनके नाम में भगवान राम का उल्लेख मिलता है।
संस्कृति और परंपरा को आगे बढ़ाने का काम कर रही ग्रामीण
मुख्य अतिथि जनपद सदस्य पुष्पा सिन्हा, सरपंच बिंदाबाई ने कहा कि ग्रामीणाों के सहयोग से संगीतमय मानस सम्मेलन का आयोजन महत्वपूर्ण है। रामायण लोगों के मन में बसा है। इसकी चौपाई, छंद स्वयं सिद्ध है।
आज होगी इन मंडलियों की प्रस्तुति
12 अप्रैल को सम्मेलन में हे शारदे बालिका मानस मंडली रणजीतपुर, चंचल मानस मंडली टोनाटार, गौरी महिला मानस मंडली रेंगाकठेरा, भुमिया महिला मंडली रायपुर, रारंग मानस मंडली खल्लारी, जय सिद्धेश्वर मानस मंडली बागबाहरा, मधुरिमा मानस मंडली बरोंडा बाजार की प्रस्तुती होगी।