रायपुर
![यूक्रेन से आए विद्यार्थियों का दर्द, पढ़ाई की निरंतरता बनाए रखने राज्य की केंद्र को चिट्ठी नहीं यूक्रेन से आए विद्यार्थियों का दर्द, पढ़ाई की निरंतरता बनाए रखने राज्य की केंद्र को चिट्ठी नहीं](https://dailychhattisgarh.com/uploads/chhattisgarh_article/1649683434611842327G_LOGO-001.jpg)
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 11 अप्रैल। यूक्रेन से आए मेडिकल विद्यार्थी इस बात से निराश है कि राज्य सरकार ने उनकी पढ़ाई की निरंतरता बनाए रखने के लिए केंद्र को एक चिट्ठी तक नहीं भेजी है। यूके्रन से आए विद्यार्थी चाहते हैं कि उन्हें यहां के मेडिकल कॉलेजों में स्थाई रूप से एडमिशन दिया जाए।
प्रदेश के 207 विद्यार्थी यूक्रेन के मेडिकल कॉलेज में पढ़ाई कर रहे हैं। मगर युद्ध के कारण उन्हें लौटना पड़ा। इन विद्यार्थियों और उनके पालकों ने सीएम भूपेश बघेल , और स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव से मुलाकात की थी। सिंहदेव ने उन्हें भरोसा दिलाया था कि उनकी पढ़ाई की निरंतरता बरकरार रखने के लिए केंद्र सरकार को पत्र लिखा जाएगा, और उनसे मार्गदर्शन लिया जाएगा। लेकिन अब तक केंद्र सरकार को पत्र नहीं भेजा गया है।
विद्यार्थियों का कहना है कि यूक्रेन से मेडिकल की पढ़ाई करने वालों को यहां बिना किसी शर्त के मेडिकल कॉलेजों में प्रवेश दिया जाए। क्योंकि यह सभी नीट क्वालीफाईड है। यह सभी अपने समय के स्कूलों में प्रतिभाशाली रहे हैं। नीट की परीक्षा में भी उच्चतम अंकों से उत्तीर्ण की थी। उनका दोष सिर्फ यही है कि ये सभी निम्न-मध्यम वर्गीय परिवार से ताल्लुक रखते हैं। करोड़ों रुपये की प्राइवेट फीस देने की क्षमता नहीं रखते हैं। शिक्षा का अधिकार हर एक भारतीय का मौलिक अधिकार है। इस अधिकार से केंद्र, और एमएमसी इन्हें वंचित नहीं कर सकती है। विद्यार्थी और उनके परिजनों की रविवार को बैठक हुई थी। इसमें आने वाले दिनों में सीएम, स्वास्थ्य मंत्री से फिर से चर्चा करने का निर्णय लिया गया है। प्रदेश में जितने भी एमपी, राज्यसभा सदस्य, और अन्य नेता है। उनसे मुलाकात कर केंद्र और राज्य पर उनकी समस्याओं को हल करने के लिए दबाव बनाने की गुजारिश की जाएगी।