सरगुजा

महंगाई भत्ता संघर्ष मोर्चा के बैनर तले आंदोलन का आगाज
11-Apr-2022 9:07 PM
महंगाई भत्ता संघर्ष मोर्चा के बैनर तले आंदोलन का आगाज

सैकड़ों कर्मियों ने स्वस्फूर्त आंदोलन में भाग लिया
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
अंबिकापुर,11 अप्रैल।
महंगाई भत्ता संघर्ष मोर्चा के बैनर तले आज जिले के हजारों कर्मचारियों ने सामूहिक अवकाश लेकर आंदोलन की शुरुआत कर दी है। प्रांतीय निकाय द्वारा घोषित कार्यक्रम के अनुसार एक 11, 12 एवं 13 अप्रैल को तीन दिवसीय सामूहिक आकस्मिक अवकाश लेकर धरना प्रदर्शन की रणनीति के तहत आज सरगुजा जिले में भी बड़ी संख्या में अधिक कर्मचारी कर्मचारी अवकाश का आवेदन भरकर आंदोलन में शामिल रहे।

लंबित 17 प्रतिशत महंगाई भत्ता तथा केंद्र के समान सातवें वेतनमान के अनुसार संशोधित गृह भाड़ा भत्ता प्रदान करने की मांग संघर्ष मोर्चा कर रहा है। कर्मचारी संगठन ने कहा कि अविभाजित मध्यप्रदेश के होते हुए आज तक किसी भी सरकार ने कर्मचारियों का महंगाई भत्ता नहीं रोका था। महंगाई भत्ता कर्मचारी का अधिकार है। यह बढ़ते हुए मंहगाई के अनुसार निर्धारित होता है। कर्मचारियों का महंगाई भत्ता का निर्धारण केंद्र की सरकार करती है और उसके अनुरूप राज्य सरकारें महंगाई भत्ता देती हैं, किंतु छत्तीसगढ़ प्रदेश में कांग्रेस पार्टी की सरकार विगत 28 माह से कर्मचारियों का महंगाई भत्ता रोक कर रखी हुई है। आज प्रदेश के लगभग 4 लाख कर्मचारियों को औसतन प्रतिमा 8000 रुपए का आर्थिक नुकसान उठाना पड़ रहा है, जिससे आज दिनांक तक सरकार को लगभग 5000 करोड़ की बचत हो चुकी है। कर्मचारियों के इन पैसों का सरकार दुरुपयोग कर रही है। कर्मचारियों को मिलने वाले महंगाई भत्ता को रोककर यह सरकार अपने विधायकों के अपने मंत्रियों के सरपंचों के विभिन्न निगम मंडल के अध्यक्ष सदस्यों के जनप्रतिनिधियों के मानदेय में वृद्धि कर रही है उनके स्वेच्छा अनुदान की राशि में वृद्धि कर रही है उनके वेतन भत्तों में 400 गुना तक वृद्धि कर रही है जिससे सरकार पर अनावश्यक वित्तीय बोझ बढ़ रहा है।

प्रदेश के लाखों अधिकारी कर्मचारी शासन की इस नीति से काफी आहत हैं और अब आर-पार की लड़ाई लडऩे के मूड में आ चुके हैं । इन तीन दिवसीय सामूहिक अवकाश और आंदोलन के बाद भी यदि यह सरकार महंगाई भत्ता नहीं देती है तो आगे अनिश्चितकालीन आंदोलन करके इस सरकार को सबक सिखाने की भी रणनीति बनाई जा रही है।

आज के धरना प्रदर्शन में अनुदान प्राप्त शिक्षक कर्मचारी संघ के कमल नयन त्रिपाठी, व्याख्याता संघ से डॉक्टर नीरज वर्मा , छत्तीसगढ़ प्रदेश स्वास्थ्य कर्मचारी संघ से , धनेश प्रताप सिंह मेघनाथ, अब्दुल जाकिर, महेंद्र सिंह , ऋषिकेश कुशवाहा, छत्तीसगढ़ कर्मचारी संघ के संभागीय अध्यक्ष साउद अंसारी, जिला अध्यक्ष सुश्री इशरत जहां, तरुण तरुण आदित्य दुबे, वाहन चालक संघ से ज्योति ली, छत्तीसगढ़ प्रदेश लिपिक वर्गीय शासकीय कर्मचारी संघ की ओर से आरएन सिंह आलोक कुशवाहा सहित विभिन्न कर्मचारी संगठनों के सैकड़ों अधिकारी कर्मचारी इस आंदोलन में शामिल रहे।

लिपिक वर्गीय शासकीय कर्मचारी संघ में दो फाड़
राजपुर। छत्तीसगढ़ लिपिक वर्गीय शासकीय कर्मचारी संघ में दो फाड़ दिख रहा है। संघ के कुछ सदस्य जहां अपने शासकीय कार्य पर उपस्थित है तो वहीं दूसरा धड़ा अपने कुछ मांगों को लेकर आज से आंदोलन पर है।
छत्तीसगढ़ लिपिक वर्गीय शासकीय कर्मचारी संघ के दूसरे संगठन द्वारा आज से अपनी मांगों को लेकर आंदोलन पर बैठ गए हैं जिसे लेकर छत्तीसगढ़ लिपिक वर्गीय शासकीय कर्मचारी संघ के जिला अध्यक्ष संतोष मिश्रा ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर कहा कि छत्तीसगढ़ लिपिक वर्गीय शासकीय कर्मचारी संघ पंजीयन क्रमांक 79/2001 द्वारा कोई आंदोलन नही की जा रही है। जिला बलरामपुर रामानुजगंज में प्रस्तावित आंदोलन जो कि 11 अप्रेल से की जा रही है उससे हमारे संघ का कोई लेना देना नही है हमारे संघ द्वारा ऐसी कोई भी आंदोलन प्रस्तावित नहीं है।

उन्होंने बताया कि संघ के सभी सदस्य 4 अप्रैल 22 को रायपुर में आयोजित मुख्यमंत्री छत्तीसगढ़ शासन के सम्मान समारोह में कर्मचारी अधिकारी फेडरेशन के संयुक्त बैनर तले उक्त मुख्यमंत्री छत्तीसगढ़ शासन के सम्मान समारोह में उपस्थित थे, जिसमें हमारी प्रमुख माँगे वेतन विसंगति, महंगाई भत्ता एवं अन्य मांगों पर माननीय मुख्यमंत्री के द्वारा बहुत जल्द घोषणा करने की बात संयुक्त मंच पर की गई, जिसके पालन में हमारे संघ के सभी सदस्य हड़ताल पर नहीं है वह अपने कार्य पर निरंतर कार्यरत हैं। लिपिक वर्ग शासकीय कर्मचारियों द्वारा 11 अप्रैल से आयोजित इस आंदोलन में छत्तीसगढ़ लिपिक वर्गीय कर्मचारी संघ पंजीयन क्रमांक 79/2001 का कोई भी सदस्य उपस्थित नहीं है।

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