सरगुजा
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
अम्बिकापुर,11 अप्रैल। उत्तरप्रदेश के प्रयागराज जिले में बीती दिनों दिव्यांगजन स्वाभिमान सम्मान पुनर्वास एवं सामूहिक विवाह समारोह का आयोजन उत्तरप्रदेश हाईकोर्ट के मुख्य जज नीरज तिवारी के मुख्यातिथ्य में संपन्न हुआ।
इस अवसर पर आयोजक समिति ने पूरे देश भर से दिव्यांगता के क्षेत्र में कार्य करने वाले व्यक्तियों को सम्मानित करने का निर्णय लिया था, जिसमें देश के 7 राज्यों से दिव्यांगता के क्षेत्र उत्कृष्ट कार्य करने व्यक्तियों का सम्मान मुख्य अतिथि के हाथों किया गया।
ज्ञात हो कि दिव्यांगता के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य करने वालों में आयोजकों ने छत्तीसगढ़ के सरगुजा जिले से अम्बिकापुर की रीता अग्रवाल का नाम सबसे ऊपर रखा था।
रीता अग्रवाल को दिव्यांग पुनर्वास नेत्र बाधित बच्चों के स्कूल संचालन एवं मानसिक दिव्यांग केंद्र के सफल संचालन एवं इनके आवास पुनर्वास के लिए निरंतर कार्य करने एवं प्रयास करने हेतु न्यायमूर्ति नीरज तिवारी के हाथों सम्मानित किया।
रीता अग्रवाल विगत कई वर्षों से जिले में कलावती पुनर्वास केंद्र ब्लाइंड स्कूल मानसिक दिव्यांग केंद्र का संचालन कर रही हैं। स्वयं रीता अग्रवाल जन्म से ही बाएं हाथ से दिव्यांग होने के साथ-साथ दिव्यांगों की सेवा में ही खुद को समर्पित किये हुए हैं। वे हर संभव प्रयास करती हैं कि दिव्यांगों को समाज की मुख्यधारा से जोड़ा जा सके और उन्हें शासन की योजनाओं का लाभ मिल सके।
रीता अग्रवाल की इन्हीं सोच और उनके द्वारा किये जा रहे निस्वार्थ कार्यों के लिए बीती 9 अप्रैल को इलाहाबाद में आयोजित दिव्यांगजन स्वाभिमान सम्मान पुनर्वास एवं सामूहिक विवाह समारोह में हाईकोर्ट के मुख्य जज के हाथों उनका सम्मान किया गया।