रायपुर

स्कूलों की जांच के विरोध में आए संचालक
12-Apr-2022 4:54 PM
स्कूलों की जांच के विरोध में आए संचालक

जांच के बिन्दुओं पर लंबा-चौड़ा स्पष्टीकरण

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 12 अप्रैल।
जिला शिक्षा अधिकारी की टीमों द्वारा निजी स्कूलों की जांच को लेकर विरोध शुरू हो गया है। छ.ग प्राइवेट स्कूल मैनेजमेंट एसोसियेशन के पदाधिकारियों ने मंगलवार को डीईओ एएन बंजारा से मुलाकात कर अपनी आपत्ति दर्ज कराई । एसोसियेशन के अध्यक्ष राजीव गुप्ता और सचिव मोतीलाल जैन का कहना है कि वे जांच का विरोध नहीं कर रहे बल्कि उसके तौर तरीकों से सहमत नही है।

अध्यक्ष राजीव गुप्ता ने बताया कि जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय द्वारा जांच समिति गठित कर  जिले के निजी स्कूलों की औचक निरीक्षण / जांच कराई जा रही है। जांच के मुख्य बिंदु फीस वृद्धि ,आरटीई के बच्चों का भौतिक सत्यापन और निजी विद्यालयों से जुड़े कुछ अन्य मामले हैं लेकिन मीडिया और निजी स्कूल जो जानकारी साझा कर रहे हैं। प्रदेश के समस्त निजी विद्यालयों को अपनी फीस पोर्टल पर ऑनलाइन अपडेट करनी होती है। पिछले 2 वर्षो से पोर्टल अपडेट नहीं हो रहा जिससे निजी विद्यालय द्वारा अपनी फीस की जानकारी सार्वजनिक नहीं हो पा रही है । अलग - अलग विद्यालयों की सूचना है कि जांच कमेटी उन्हें धमका रही है, की विद्यालय बगैर मान्यता के संचालित हो रहे हैं जबकि मान्यता के लंबित आवेदन उन्हें दिखाया जा रहा है । कार्यालय में अनेकों बार आवेदन दिया गया जा चुका है। मान्यता के प्रकरण पिछले तीन - चार साल से लंबित हैं। बार बार निवेदन करने के बाद भी ना ही मान्यता का दी जा रही है ना कागजों में त्रुटि की कोई सूचना दी जा रही है।  मान्यता आवेदन विभाग में देरी होने के बाद सार्वजनिक रूप से ऐसा लिख कर देना स्कूल बगैर मान्यता संचालित है।

जिन विद्यालयों ने अपनी फीस 8 तारिख से ज्यादा बढ़ाई है या नियमों के अनुरूप प्रक्रिया का पालन नहीं किया है उस पर  कि कठोर कार्रवाई की जानी चाहिए लेकिन विद्यालय स्तरीय फीस समिति में शामिल कलेक्टर द्वारा नामांकित एक नोडल अधिकारी को भी विभाग द्वारा जानकारी में नियुक्त किया जाना चाहिए विभाग द्वारा नियुक्त अधिकारी की लापरवाही भी उजागर की जा सके  विद्यालय स्तरीय फीस कमेटी में कलेक्टर द्वारा नामांकित एक नोडल अधिकारी भी सदस्य होता है ऐसे सदस्यों की जवाबदेही भी तय की जानी चाहिए । जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय द्वारा मीडिया में सार्वजनिक की जा रही जानकारी पर एक बार सूक्ष्मता से स्वयं संज्ञान लेना चाहिए क्योंकि पिछले दिनों की जांच पूर्ण नहीं हुई और विद्यालयों को अभी जवाब देने का समय दिया गया है। जांच के साथ - साथ विघालय के कार्यों को संज्ञान में लिया जाए।

ताकि निजी विद्यालयों को होने वाली परेशानी को दूर किया जा सके। फीस पोर्टल को तत्काल प्रभाव से अपडेट करने हेतु निर्देशित किया जाए ताकि सभी निजी विद्यालयों की फीस सार्वजनिक रूप से सभी के लिए उपलब्ध हो और भ्रम ना फैले मान्यता के समस्त प्रकरणों पर तुरंत संज्ञान में लेकर उनके ऊपर कार्यवाही किया जाऐ।

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