रायपुर
![अब नया रायपुर के कर्मचारियों से भी नहीं होगी ‘सीएएम’ की वसूली अब नया रायपुर के कर्मचारियों से भी नहीं होगी ‘सीएएम’ की वसूली](https://dailychhattisgarh.com/uploads/chhattisgarh_article/1649848540lll.jpg)
मंडल ने ली बैठक, अगले बिल से खत्म होगा सीएएम चार्ज
एनआरडीए अध्यक्ष आरपी मंडल से हुई चर्चा के फैसलों की जानकारी देते कर्मचारी नेता
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 13 अप्रैल। नवा रायपुर विकास प्राधिकरण के अध्यक्ष आरपी मंडल ने बुधवार को एक बैठक कर प्राधिकरण के चीफ इंजीनियर को निर्देशित किया कि अगले माह से नया रायपुर में रह रहे कर्मचारियों से कामन एरिया मेंटेनेंस चार्ज (सीएएम) की वसूली न की जाए। पिछले पांच माह से एनआरडीए द्वारा की जा रही इस वसूली को लेकर मंत्रालयीन कर्मचारियों में नाराजगी थी, वे लोग जल्द ही एनआरडीए भवन का घेराव करने की तैयारी भी कर रहे थे। इस खबर के बाद मंडल ने आज कर्मचारियों को चर्चा के लिए बुलाया था। आज हुई बैठक में मुख्य अभियंता अनिल श्रीवास्तव ईई निर्मल जैन, एआर गुप्ता, और कर्मचारियों की तरफ से महेन्द्र सिंह राजपूत, संतोष वर्मा, और सरपंच सुजीत गिदौड़े मौजूद थे। बैठक में मंडल ने इस वसूली पर सीई और ईई पर जमकर नाराज हुए। उनका कहना था कि बिना बीओडी की मंजूरी के यह वसूली कैसी की जा रही है। उन्होंने सीएएम चार्ज तत्काल खत्म करने, और अगले बिल में न जोडऩे के निर्देश दिए। कर्मचारियों ने सेक्टर-27, 29 के घरों में पानी की क्वॉलिटी, और सप्लाई को लेकर भी शिकायत की, इस पर श्री मंडल ने ईई के नेतृत्व में पांच लोगों की टीम बनाने कहा। जो पूरे कॉलोनी में शिविर लगाकर समस्याओं को सुनेगी, और दूर करेगी।
मिली जानकारी के अनुसार मंत्रालय और संचालानालय के करीब 2 हजार से अधिक कर्मचारी नए शहर के सेक्टर-17, 27 और 29 में रह रहे हैं। इन्हें वहां बसाने सरकार ने ही कई तरह की छूट का प्रावधान कर रखा है। इसी के तहत हाऊसिंग बोर्ड भी इन कर्मियों से कोई शुल्क नहीं लेता रहा। अब जब कॉलोनी एनआरडीए के अधीन हो गई है, तो अचानक दिसंबर 21 से सीएएम की वसूली शुरू कर दी है। इस वसूली में भी एनआरडीए अफसरों कर्मचारियों में भेदभाव कर रहा है।
सेक्टर 17 में निवासरत अफसरों से कोई वसूली नहीं हो रही है। जबकि तृतीय-चतुर्थ वर्ग कर्मचारियों से हर माह 12-12 सौ रूपए लिए जा रहे हैं। एनआरडीए यह शुल्क सडक़, ड्रेनेज, लिफ्ट एवं बिजली मेंटनेंस के नाम पर वसूल रहा है। आश्चर्यजनक तथ्य यह है कि इस वसूली को लेकर एनआरडी संचालक मंडल ने कोई अनुमति नहीं दी है।