रायपुर
![जनमन को जोड़ती है कला-मिश्रा जनमन को जोड़ती है कला-मिश्रा](https://dailychhattisgarh.com/uploads/chhattisgarh_article/1649848904363.jpg)
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 13 अप्रैल। राजधानी रायपुर के प्राचीन महामाया मंदिर में लोक मंच सुरता की शानदार प्रस्तुति दी गई। धर्म संस्कृति संग प्रकृति से जुड़े लोकगीतों नृत्यों के माध्यम से कलाकारों ने श्रद्धालुओं को मंत्रमुग्ध किया।सुरता मंच से संचालक श्री विजय मिश्रा च्अमितज् ने छत्तीसगढ़ी हाना, जनउला,परब की जानकारी दी।उन्होंने कहा कि जनमन को धर्म,संस्कृति संग प्रकृति से जोडऩे का सशक्त माध्यम लोक मंच है।श्री नरेन्द्र जलक्षत्रीय कृत सुरता संस्था के दक्ष कलाकार छत्तीसगढ़ की कला संस्कृति को समृद्ध बनाने का उत्कृष्ट प्रयास कर रहे हैं। कार्यक्रम में महामाया ट्रस्ट के प्रमुख श्री ब्यास नारायण तिवारी ने वरिष्ठ लोक-हिंदी रंगकर्मी श्री विजय मिश्रा,प्रगति पटवा, नरेंद्र जलक्षत्रीय,पुष्पलता साहू,शिवानी सोनानी को माता की चुनरी,स्मृति चिन्ह भेंट कर सम्मानित किया। उन्होंने लोक मंच सुरता की प्रस्तुति की सराहना कर इसे लोककला संरक्षण हेतु अंत्यंत उपयोगी निरुपित किया।
लोकमंच सुरता में गायक वादक नर्तक सर्वश्री रामकृष्ण पटेल,नारायण साहू,भरत बघेल,मेघनाथ, भूपेंद्र, गज्जू निषाद, ज्योति सुनिधि साहू, चिरंजीवी हलधर,नीता बोरकर,की उल्लेखनीय भूमिका रही।देर रात तक चले कार्यक्रम में दर्शकों ने करमा, जंवारा,जश,रीलो जैसे लोकरस का भरपूर आनंद लिया।